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लॉक डाउन में एक बोतल शराब और चखना के लिए सगी बहन को दोस्त से चुदवाया

हेल्लो दोस्तों, मैं सागर आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मैं आपको जो घटना सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे ग्रेजुएशन की घटना है। ये बात आज से १० साल पहले ही है। मेरी संगत मोहल्ले के कुछ आवारा लड़कों से हो गयी थी। मुझे शराब पीने का बुरा चस्का लग गया था। दोस्तों, धीरे धीरे मैं अपनी सारी पॉकेट मनी शराब पर खर्च करने लगा। मेरे एक दोस्त कबीर ने मुझे शराब पीना सिखाया था। धीरे धीरे मेरी रोज पीने की आदत हो गयी थी। मुझे महीने के ३ हजार पॉकेट मनी मिलती थी जो मैं शराब में खर्च कर देता था। और कुछ दिनों बाद तो ऐसा हो गया की बिना पिए मेरा काम भी नही चलता था। मेरा जिगरी दोस्त कबीर बड़े बाप की औलाद था। उसके पापा के पास ५० ट्रक थे जो यू पी से मध्य प्रदेश, राजस्थान और दूसरे जिलों से सीमेंट, मौरम और सरिया लाते थे। इसलिए कबीर के पापा को अंधी कमाई होती थी।

वो अपने पापा के जेब से रोज हजार रूपए चुरा लेता था और शाम को हम दोनों महंगी मॉडल शॉप में बैठकर इंग्लिश शराब पीते थे। हम दोनों व्हिस्की, रम, वाइन, बिअर, सब कुछ पीते थे। धीरे धीरे ऐसा हो गया की मुझे सुबह चाय की जगह शराब पीने की आदत हो गयी। कबीर अक्सर मेरे घर आता था। मेरी २४ साल की जवान और बेहद खूबसूरत बहन इशिता उसे चाय लाकर देती थी। इशिता घर में हमेशा जींस टॉप और शॉर्ट्स पहनकर रहती थी। इशिता के दूध ३४” के थे, और बहुत भरे हुए चुचचे थे उसके। इशिता बहुत गोरी और छरहरे बदन वाली मस्त लड़की थी। मेरा दोस्त कबीर मेरी जवान बहन को तिरछी नजरो से ताड़ता रहता था। मुझे ये बात पता थी की वो इशिता को पसंद करता है और उसे कसकर चोदना चाहता है। एक दिन मेरा शराब पीने का बड़ा मन था। तलब मुझे लगी हुई थी और मेरे पास पैसे भी नही थे। अपनी सारी पॉकेट मनी मैं पहले ही खर्च कर चुका था। अब एक ही चारा था की कबीर मुझे पैसे दे।

“भाई कबीर…..शराब की बड़ी तलब लगी है.. पीया जाए???” मैंने उससे पूछा

“यार सागर….दारु की तलब तो मुझे भी लगी है पर मेरे पास पैसे नही है!” कबीर बोला

“यार अपने बाप की जेब से छप्पन कर दो!!” मैंने कहा

“भाई सागर …मेरे बाप को शक हो गया है की मैं उसकी जेब से पैसे निकाल लेता हूँ। इसलिए अब वो पैंट या शर्ट की जेब में पैसे नही रखते है और तिजोरी में रखते है और ताला मार देते है!!” कबीर बोला

“ओह्ह धत्त!!!” मैंने कहा। दोस्तों मुझे शराब की तलब बहुत जादा लगी हुई थी। मुझे हर हालत में बोतल चाहिए थी। मुझे बड़ा खराब महसूस हो रहा था। मैंने अपना पर्स निकाला और ४ बार अच्छे से चेक किया की कहीं कुछ पैसे निकल आये पर मेरी किमस्त ही फूटी थी। एक भी पैसा नही निकला। मैं शराब पीने के लिए पागल हो रहा था। लग रहा था की अगर मुझे दारु नही मिली तो मैं मर जाऊँगा।

“भाई कबीर…..कैसे भी करके मुझे शराब पिला दे यार, वरना मैं मर जाऊंगा…प्लीस यार। मैं तेरे हाथ जोड़ता हूँ!!” मैंने अपने दोस्त कबीर से कहा। वो मेरी मजबूरी को समझ गया था। वो मुस्कुराने लगा।

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“सागर!! मैं तेरे लिए पैसो का इंतजाम कर सकता हूँ….पर एक शर्त है!!” कबीर मुस्कुराकर बोला

“बोल यार…..मैं एक बोतल शराब के लिए तेरी हर शर्त मानने को तैयार हूँ!!” मैंने कहा

“भाई सागर……मुझे तेरी जवान और खूबसूरत बहन इशिता बहुत अच्छी लगती है। अगर तू मुझे उसकी रसीली चूत दिलवादे तो मैं तेरे लिए पैसो का इंतजाम कर सकता हूँ” कबीर बोला

“बहनचोद…..तेरा दिमाग तो खराब है। जा अपनी माँ को जाकर चोद ले। ऐसी गंदी बात करता है। तुझे शर्म नही आती है!!” मैंने उसे डांटते हुए कहा

“ओए गांडू….जब तू हर शाम मेरे साथ बैठकर मेरी मुफ्त की दारु पीता था तब तुझे शर्म नही आई???” कबीर बोला

“बेटा……इस दुनिया में मुफ्त में कुछ भी नही मिलता है। हर चीज की एक कीमत होती है!!” कबीर बोला

मेरा मुंह लटक गया। क्यूंकि उसकी बात सच थी। मैंने आजतक उसके लिए कुछ नही किया है। बस उसकी फ्री की शराब ही मैंने पी है। जैसे जैसे वक़्त गुजरता जा रहा था। मुझे लग रहा था की अगर मुझे शराब नही पिली तो मैं मर जाऊँगा। मुझे ऐसा ही लग रहा था।

“ठीक है कबीर….चल मेरे घर चल। मैं तुझे अपनी जवान बहन की चूत दिलवाता हूँ!!” मैंने कहा

कबीर को लेकर मैंने अपने घर आ गया। मेरी माँ पड़ोस में अपनी किसी सहेली के घर गयी हुई थी। मेरी जवान गजब की खूबसूरत बहन घर पर अकेली थी और घर पर कोई नही था। मैंने इशिता को चाय बनाने को कह दिया। कुछ देर में वो सबके लिए चाय बनाकर ले आई। फिर मैंने उससे एक ग्लास पानी कबीर के लिए लाने को कह दिया। और जल्दी से इशिता के चाय के कप में मैंने कुछ बेहोशी वाली गोलियां मिलाकर चम्मच से चला दी। हम तीनो सोफे पर बैठकर चाय पीने लगे और मेरी खूबसूरत बहन चाय पीते पीते बेहोश हो गयी। इशिता ने एक हल्का हरे रंग का टॉप और जींस पहन रखी थी। मैंने उसे गोद में उठा लिया और अपने बेडरूम में ले आया और बिस्तर पर लिटा दिया।

“ले कबीर!!….मेरी बहन को जी भरकर तू चोद ले, पर मुझे शराब के लिए पैसे दे देना!!” मैं किसी शराबी की तरह कहा

मैं अपनी खूबसूरत बहन को चुदते हुए देखता चाहता था। इसलिए मैं वही कुर्सी पर बैठ गया। मेरा दोस्त कबीर आज तो बहुत खुश हो गया था। कितने दिनों से वो मेरी खूबसूरत बहन को चोदना चाहता था। आज कबीर का सपना पूरा होने वाला था। उसने अपनी टी शर्ट उतार दी। फिर अपनी जींस की लेदर बेल्ट को वो खोलने लगा। फिर उसने अपनी जींस को निकाल दिया, फिर उसने अपना अंडरविअर भी निकाल दिया। मैं उसकी बेताबी साफ साफ देख पा रहा था। आज मेरा दोस्त कबीर मेरी बहन को रगड़कर चोदना चाहता था। वो इशिता पर लेट गया और उसके रसीले होठ चूसने लगा। इशिता बहुत खूबसूरत और जवान माल थी। कितने ही लड़के उससे दोस्ती करना चाहते थे और उसको चोदना पेलना चाहते थे पर आज ये हसीन मौक़ा सिर्फ और सिर्फ कबीर को मिला था।

इशिता पूरी तरह से बोहोश नही हुआ थी। वो आधी बेहोश थी। कबीर ने उसे दोनों हाथो से पकड़कर बाहों में भर लिया था और उसके रसीले होठ चूस रहा था। इशिता के होठ बहुत ताजे और गुलाबी थे। कबीर बार बार उसके होठ चूस रहा था और मजा ले रहा था। वो मेरी बहन के ताजे गुलाबी होठो से अपना ८” का लौड़ा भी चुसवाना चाहता था। इशिता नशे में आ गयी थी। उसे कुछ पता नही चल रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है। वो नही जान पा रही थी की मेरा दोस्त उसके रसीले होठ चूस रहा था और आज उसे रगड़कर चोदने वाला था। कबीर बड़ी देर तक इशिता के होठ चूसता रहा, फिर उसने उसके टॉप और जींस को निकाल दिया। इशिता ने नीले रंग की ब्रा और पेंटी पहन रखी थी। गोरे चिकने जिस्म पर नीली रंग की ब्रा और पैंटी बहुत फब रही थी। फिर कबीर ने वो भी निकाल दी और मेरे ही घर में मेरी बहन मेरे दोस्त के सामने नंगी हो गयी। अब कबीर और इशिता दोनों नंगे हो चुके थे। कबीर की आँखों में मैं काम की अग्नि को जलते और भड़कते हुए देख रहा था। वो इशिता पर लेट गया और उसके दूध को हाथ में लेकर दबाने लगा। मेरी बहन इशिता के मम्मे बेहद नर्म, मुलायम, बड़े बड़े और भरे हुए थे। कबीर का चेहरा बता रहा था की आज उसके हाथ कोई अलादीन का खजाना लग गया है। मेरी जवान बहन को देखकर कबीर का लौड़ा खड़ा हो गया था। उसने अपने हाथ इशिता के बूब्स पर रख दिया और जोर जोर से दबाने लगा। इशिता नशे में थी, पर वो समझी की उसका बॉयफ्रेंड उसके दूध दबा रहा है। इसलिए उसने कबीर को दोनों हाथो से पकड़ लिया और कसकर अपने सीने से चिपका लिया। कबीर को बहुत मजा आया। वो तेज तेज मेरी बहन के ३४” के बूब्स दबाने लगा। फिर मुंह लगाकर पीने लगा।

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“यार सागर…..मैंने आजतक कई हसीन लौंडिया चोदी है, पर तेरी बहन यार बहुत सुंदर है। इसके जैसी छमिया मैने आजतक नही देखी!!” कबीर बोला
मुझे ये सुनकर बहुत अच्छा लगा। फिर वो मेरी बहन इशिता के दूध को पीने लगा। वो मुंह चला चलाकर इशिता के मम्मो को चूस रहा था जैसे उसे कोई मीठा आम चूसने को मिल गया है। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने अपनी जींस खोल ली और लंड को हाथ में लेकर मुठ मारने लगा। कबीर बड़ी देर तक इशिता के गोल गोल दूध मुंह में लेकर पीता रहा। इशिता का गोरा जिस्म किसी हीरे की तरह चमक रहा था। उसकी छातियाँ दुधिया और भरी हुई थी जो अपने रूप रंग से कबीर का कत्ल कर रही थी। इशिता का छरहरा बदन बहुत ही सेक्सी और मादक लग रहा था। उसके बालों खुले हुए थे और बहुत काले और लम्बे बाल थे मेरी बहन के। खुले बालों में वो कबीर को और सेक्सी और चुदासी लग रही थी। इशिता का चेहरा लम्बा था और नैन नक्श बहुत तीखे और सुंदर थे। वो सच में बहुत सुंदर और गजब की माल थी। मेरा दोस्त पागलों की तरह उसकी भरी हुई चूचियां पी रहा था। ये सब देखकर मेरा भी मूड ख़राब हो गया और मैं तेज तेज मुठ मारने लगा।
उसके बाद कबीर इशिता के जिस्म के नीचे वाले भाग पर आ गया। और उसके पतले और सेक्सी पेट को चूमने लगा। दोस्तों, ये सब देखकर तो मेरा दिमाग ही खराब हो गया और मन हुआ की मैं खुद ही अपनी बहन को चोद लूँ। कबीर इशिता के पेट, और नाभि को चूस रहा था। छरहरे जिस्म वाली मेरी बहन बहुत ही सेक्सी लग रही थी। कबीर बड़ी देर तक इशिता की सेक्सी नाभि को चूसता रहा।फिर वो उसके पेडू को पीने लगा। धीरे धीरे कबीर मेरी बहन की फुद्दी पर आ गया। इशिता की चूत के जब उसे दर्शन हुए तो ऐसा लगा की उसे आज भगवान के दर्शन हो गए है। कुछ देर तक वो इशिता के कुवारे भोसड़े का दीदार करता रहा। इशिता का भोसड़ा बहुत ही सुंदर था। जब वो खुद इतनी सुंदर और सेक्सी थी तो उसकी चूत खूबसूरत क्यूँ नही होती।
फिर मेरा दोस्त कबीर लेट गया और इशिता के दोनों पैर खोलकर उसकी बुर पीने लगा। उसे बहुत मजा मिल रहा था।“आऊ….. आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी.. हा हा हा..” इशिता आवाजे निकाल रही थी। वो सिर्फ आधी बेहोश हुई थी। कबीर को जोश चढ़ गया और वो और जोर जोर से इशिता की बुर पीने लगा। कबीर को तो आज स्वर्ग ही मिल गया था। कितने सालों से उसका बस एक ही ख्वाब था की एक दिन मेरी बहन की बुर जीभ लगाकर चुसे और आज उसका ये ख्वाब पूरा हो गया था। मेरा आमिर दोस्त किसी कुत्ते की तरह अपनी जीभ हिला हिलाकर इशिता की बुर चाट रहा था।
उसके बाद कबीर ने अब इशिता के दोनों पैरों को खोल दिया और अपना ८” का मोटा लंड उसके चूत के दाने पर रखकर उपर नीचे करने लगा और जल्दी जल्दी घिसने लगा।“….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई……” इशिता चिल्लाने लगी क्यूंकि वो आधा ही बेहोश हुई थी। कबीर कई मिनटों तक अपने मोटे मुसल जैसे लौड़े से मेरी बहन के चूत के दाने को घिसता और छेड़ता रहा। फिर उसने एक जोर का धक्का दिया और उसका ८” लंड इशिता के भोसड़े में उतर गया और उसकी सील टूट गयी।“….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई……” इशिता चिल्लाई।
कबीर का मोटा लंड मेरी बहन की रसीली चूत में अंदर घुस चुका था। वो धीरे धीरे मेरी बहन को चोदने लगा। इशिता समझी की उसका बॉयफ्रेंड उससे प्यार कर रहा है इसलिए उसने कबीर को बाहों में भर लिया और उसके चेहरे को चूमने लगी। वो अभी भी नशे में थी और चाहकर भी अपनी आँखें नही खोल पा रही थी। इशिता की कुवारी चूत को कबीर धीरे धीरे चोद रहा था और उसे बहुत मजा मिल रहा था। कबीर का लौड़ा ३ इंच मोटा था। मेरी बहन की चूत तो जैसे फटी जा रही थी। कबीर धीरे धीरे अपनी रफ्तार बढ़ाने लगा और मेरी खूबसूरत बहन को पेलने लगा। उसका लौड़ा पूरा ८” अंदर तक इशिता के भोसड़े में उतर रहा था। ये सब देखकर मुझे बहुत मजा मिला। इशिता “…..ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ..” की आवाजे निकाल रही थी। कुछ देर बाद कबीर मेरी बहन इशिता के दूध पीते पीते उसे पेलना और बजाने लगा। कबीर का लौड़ा बड़ी जल्दी जल्दी इशिता के भोसड़े में अंदर बाहर होने लगा। मेरी बहन चुद रही थी और मजे मार रही थी। आज उसकी सील टूट गयी थी और अब उसका कुवारापन खत्म हो गया था। मेरी बहन की कसी चूत आज फट चुकी थी।
इसी तरह कबीर मेरी बहन को लेटकर १ घंटे तक पेलता रहा और बजाता रहा। उसने मेरी बहन को २ बार मेरे सामने ही चोद लिया। उसके बाद उसने मुझे ५०० का हरा हरा नोट दिया और हम दोनों साथ में बैठकर एक बोतल विस्की और १०० गर्म काजू और थोड़ी नमकीन खरीदी और साथ बैठकर शराब पी। अगले दिन मेरी बहन जान गयी की मैंने उसे अपने दोस्त कबीर से चुदवा दिया था। पर इशिता ने कुछ नही कहा। सायद वो भी कबीर को पसंद करने लगी थी। अब जब पैसो की जरूरत होती है, मैंने अपनी जवान बहन को कबीर से चुदवा देता हूँ और पैसे लेकर शराब पी लेता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।