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कम्प्यूटर पढ़ने आई लड़की ने चूत चुदवाई

Computer coaching Sex Story : हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मेरा नाम मेरा नाम प्रशान्त है। मैं लखनऊ में रहता हूँ। मेरा कद 6 फ़ीट है। मैं देखने में खूब गोरा और स्मार्ट हूँ। मैंने कई सारी लड़कियों की चूत मारी है। लककियां बहुत ही ज्यादा चाहती हैं। मेरा लौड़ा 11 इंच का बड़ा और मोटा है। लडकियां अपनी चूत मेरे इस बड़े आते लौड़े से मरवाना पसंद करती हैं। लड़कियों की चूंचियों का उभरा हुआ निप्पल मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। लड़कियों की फूली चूंची दबाने में मुझे बहुत मजा आता है। लडकियां मेरा लौड़ा पकड़ कर खूब खेलती हैं। मुझे भी लड़कियों की चूंचियों से खेलना बहुत ही अच्छा लगता है। लडकिया मेरे लौड़े को पकड कर खूब आगे पीछे करके खेलती हैं। लड़कियों की चूत में ऊँगली करना मुझे बहुत अच्छा लगता हैं।

दोस्तों मै आपको अपने बारे में बताता हूँ। मै एक कंप्यूटर का टीचर हूँ। मैं लखनऊ में एक कंप्यूटर सेंटर पर पढ़ाता हूँ। मै अपने सेंटर का बहुत ही अच्छा टीचर हूँ। मै कंप्यूटर की लगभग सारे एग्जाम पास कर चुका हूँ। लडकियां बहुत ज्यादा मुझे पसंद करती है। मै लड़कियों को ज्यादा परेशान करता हूँ। लड़कियों को मेरा मजाक करना बहुत पसंद है। बहुत खूबसूरत लडकियां आती है। मेरा लौड़ा खड़ा हो जाटा है। कुछ लड़कियां तो मेरी लौंडे की तरफ ही देखती है। मै पढ़ा कर निकलने के बाद मुठ जरूर मारता हूँ। लड़कियों को सोच सोच कर खूब मुठ मारता हूँ। लडकिया मुझसे ज्यादा ही चिपकने की कोशिश करती हैं। लड़कियों की चूत को चाटने में मुझे भी बहुत ही मजा आता है।

लेकिन अपनी इज्जत के खातिर मै लड़कियों के साथ ज्यादा गंदा ब्यवहार रख पाता हूँ। लडकिया मुझे बहुत लाइन देती है। लेकिन मैं टाल देता हूँ। कई लड़कियों को मैं अपने रूम पर ले जाकर चोद चुका हूँ। दोस्तों मई लखनऊ में रूम लेकर रहता हूँ। लड़कियों को अपने रूम पर ले जाकर खूब चोदता हूँ। मै ज्यादा उन्हीं लड़कियो को पटाता हूं। जो रूम लेकर रहती हो। उन्हें चोदने में उनके घरवालों का डर नहीं रहता। एक दिन क्लास का पहला नया बैच स्टार्ट हुआ था। लेकिन वो बैच सुबह के 10 बजे से ही शुरू हुआ था। मैंने उस बैच में जो देखा तो देखता ही रह गया। दोस्तों मैं आपको कैसे बताऊँ मुझे कैसा लगा था उस समय। मैने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था। मैंने पहली बार किसी लड़की को इस नजर से देखा था।

मैंने जब उस लड़की को देखा तो मै देखता ही रह गया। उस लड़की को देखते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया। उस लड़की ने रूम में प्रवेश करते ही उसने अपने बालों को झटकते हुए सही कर रही थी। उस लड़की का नाम तो मुझे नहीं पता था। लेकिन उसे देखते ही मेरे मन में चोदने की इच्छा करने लगा। मैंने जब रजिस्टर में सबका नाम बोलने लगा। तो मैंने जब उसका नाम बोला तो बड़े ही मधुर स्वर में प्रेजेंट बोला। मैंने उसकी तरफ गौर से देखा। सारे लडके उसकी आवाज सुनकर उसकी तरफ देखने लगे। मुझे पता चल गया उसका नाम अफसर है। वो एक मुस्लिम लड़की थी। मैं उसकी तरफ बार बार देखता रहा। मैंने ऐसी लड़की आज तक नही देखी थी। पहली बार ऐसी लड़की को देखकर मेरा मन जोर जोर से मचलने लगा था। मैं पूरा दिन उसका चेहरा ना भूल पाया। मैंने शाम को घर जाकर उसके नाम की मुठ मार कर थोड़ा लंड को तसल्ली दिलायी।

लडकिया बहुत चोदी लेकिन मैंने पहली बार ऐसा हुआ था। मैंने उसे चोदने का पूऱा मन बना लिया। मेरा मन अब उसे चोदने को बहुत ही मचल रहा था। मै दूसरे दिन जब गया। आज तो वो कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी। मै उसे ही देख देख कर पढ़ा रहा था। अफसर भी मेरी तरफ देख रही थी। मै भी अफसर से कोई भी प्रश्न पूँछ लेता था। उसका जबाब वो तुरंत ही मुझे दे देती। पढ़ने में भी वो खूब तेज थी। लेकिन उसका चेहरा मुझे बहुत ही पसंद आ गया। मै उस पर फ़िदा हो गया। अफसर भी मुझे बहुत पसंद करती थीं। उसकी आँखे बहुत ही अच्छे से बता दे रही थी। की वो भी मुझे हर लड़कियो की तरह बहुत ही पसंद करने लगी है। मैंने एक दिन अफसर को रोका।
अफसर- “क्या बात है सर आपने मुझे रोका क्यूँ है”
मै- “वैसे ही तुम्हारे बारे में पूंछने के लिए”
अफसर-“क्या पूँछना है सर”
मै- “क्या कहूँ तुमसे मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है”
अफसर- “पूंछना है आप पूंछ लीजिए। मुझे देर हो रही है”
मै- “तुम्हारा घर कहाँ है”
अफसर- “सर मेरा घर एक गांव में है। मैं यहां रूम लेकर रहती हूँ”
मै- “लेकिन मुझे तो लगता है तुम यहां रूम नहीं लेकर रहती हो”
अफसर- “सच में सर मेरे रूम पर आकर मिलिए। मै आपको अपना रूम दिखा दूँगी”
मैं- “मै भी यही रूम लेकर रहता हूँ। लेकिन मेरा रूम अच्छा नहीं है। किसी तरह से अपना सामान कही और शिफ़्ट करना चाहता हूँ”
अफसर- “सर आप अपना सामान मेरे रूम में शिफ्ट कर दीजिए। मेरा रूम काफी बड़ा है। आपको रूम मिल जाये तो अपना सामान उसी में शिफ्ट कर लेना”
मैं तो मन ही मन उछलने लगा। मैंने उसका कॉन्टेक्ट नम्बर ले लिया।
मैंने उसको शाम को फ़ोन किया। अफसर ने अपने रूम का पता बताया। मै शाम को उसके रूम पर गया। अफसर ने मुझे अपने रूम में ले जाकर अंदर बिठाया। उसका कमरा बहुत ही बड़ा था। लेकिन वो अकेली ही रहती थी।
मैंने उससे कहा- “तुम्हारा कमरा तो बहुत बड़ा है। इसमें तो 3 लोग आराम से रह सकते हैं”
अफसर- ” रह तो सकते है। लेकिन मुझे कोई अच्छा पार्टनर चाहिए”
मै- “कहो तो मै ही शिफ्ट हो जाऊं”
अफसर- “सर जी आप तो हो सकते हैं लेकिन कोई मेरे घर का आ गया तो प्रॉब्लम हो जायेगी”
मै-“देखो मै सुबह ही घर से चला जाऊंगा। और रात को देर से आऊंगा। फिर किस बात का डर है”
अफसर भी चाहती थी। इसीलिए उसने हाँ में हाँ मिला दी। मैं उसी दिन अपना सारा सामान उसके रूम में शिफ्ट कर दिया।
रात को जब मैं लेटा था। तो अफसर मेरी तरफ देख रही थी। मैं भी अफसर की तरफ देख रहा था। अफसर और मै एक ही बिस्तर पर लेटे हुए थे। अफसर की दोनों चूंचियों को देखकर मेरा लौडा अकड़ रहा था। अफसर कों देखकर मैंने अफसर से पूंछा- “अफसर तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है”
अफसर- “नहीं। आपकी तो बहुत सारी गर्लफ्रेंड होंगी।
मै- “सिर्फ एक ही है। लेकिन उसे पता भी है या नहीं”
अफसर- “क्या आप मुझे उसकी फोटो दिखाएंगे” अफसर ने बहुत ही दुःख से पूंछा। अफसर की आँख बता रही थी। की वो गर्लफ्रेंड के बारे में सुनकर बहुत ही दुखी है। मैंने उसका ही फोटो अपने फ़ोन में दिखाया। जब वो सामने से पढ़ती थी तो मैं कभी कभी उसकी फोटो खींच लेता था। पहले ही दिन मैंने ऐसा किया था। अफसर बहुत ही खुश दिखने लगी। उसने मेरे गालो पे किस किया।

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मैंने भी अपना होंठ तुरंत उसकी होंठों से चिपका दिया। उसे मैने भी जोर का किस किया। अफसर ने कोई जबाब नहीं दिया। न ही कुछ बोल रही थी। लेकिन वो मेरी तरफ ही देख ही रही थी। मैंने बिना कुछ सोचे समझे मैंने अफसर की होंठ पर होंठ रख कर चूसने लगा। अफसर की होंठो को चूसने में बहुत मजा आ रहा था। अफसर के होंठो को मैं काट काट कर चूस रहा था। अफसर की होंठ बहुत ही गुलाबी हो गई। अफसर की होंठ को मैंने चूस चूस कर लाल लाल कर दिया। अफसर कुछ देर चुप रही लेकिन बाद में अफसर मेरे हर एक किस का जबाब दे रही थी। मैने अफसर की गुलाब जैसी होंठ को मैं मजे ले ले कर चूसने में बहुत ही मस्त हो गया। अफसर की होंठ को मैं कभी ऊपर कभी नीचे के होंठ को चूस रहा था। अफसर मेरा होंठ बहुत ही आहिस्ते आहिस्ते चूस रही थी। अफसर की होंठ चूसते चूसते अफसर गर्म हो गई।

अफसर की मुँह से गर्म गर्म सांस निकल कर मुझे बहुत ही जोशीला बना रही थी। अफसर की चूंचियो को देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया। मैंने अफसर के गाउन के ऊपर अपना हाथ रख कर अफसर चूंचियो को दबाने लगा। अफसर सिसक कर “…अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ…आहा …हा हा हा” की सिसकारियां निकालने लगी। अफसर की चूंचियों को दबा कर मैंने अफसर की सिसकारियों को सुन रहा था। अफसर की चूंची बहुत ही ला जबाब थी। अफसर की कोमल मुलायम चूंचियो को मैंने पीने के लिए। अफ़सर की गाउन को निकाल दिया। अफसर की गाउन को निकाल कर मैंने अफसर को ब्रा और पैंटी में कर दिया। अफसर की ब्रा में उसकी चुच्चे बहुत ही अच्छे लग रहे थे। अफसर की चूंचियो कों मैने अपने हाथो में लेकर गेंद की तरह उछाल उछाल कर खेलने लगा। अफसर लेती हुई थी। मैंने अफसर की चूंचियो को उसके ब्रा में ही दबा रहा था। ब्रा में चूंचियो को दबाने पर उसकी ब्रा टाइट हो जाती थी। पीछे ब्रा का हुक अफसर की पीठ में दुःख रहा था। अफसर के कहने से पहले ही मैंने अफसर की ब्रा को निकाल दिया।
अफसर की ब्रा को निकालते ही अफसर की दूध जैसी गोरी चूंचियां दिखने लगी। अफसर की चूंचोयों को देखते ही मैंने उसे पीने के लिऐ अपने मुह में भर लिया। अफसर की चूंचियो को पकड़कर अपने मुह में भरे हुए था। अफसर की चूंचियो को भूरा निप्पल मुझे बेहद जोशीला बना रहा था। अफसर की चूंचियो को दबा दबा कर। मैंने अफसर के भूरे निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। अफसर के चूंचियों के भूरे निप्पल मेरे मुँह में रुई की तरह मुलायम लग रहे थे। मैं बहुत जल्दी जल्दी अफसर की चूंचियो को पी रहा था। अफसर अपनी चूंचियो में मेरा सर दबाकर “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा… ओ हो हो…” की आवाज निकाल रही थी। मैंने अफसर की चूंचियो को पीकर खूब मजा लिया। अफसर बार बार मेरा सर अपने चूंचियो में दबा देती थी। मैंने अफसर की चूंचियो को पीकर मैंने अफसर की चूत की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया। अफसर की चूत के पैंटी के ऊपर हाथ रख कर मैंने अफसर की चूत में उंगली करने लगा।

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अफसर की चूत गीली हो गई थी। अफसर की चूत भीग गई थी। अफसर एक बार झड़ चुकी थी। अफसर की चूत में मैंने अपना लौड़ा डालने से पहले मैंने अफसर की पैंटी को निकाल दी। मैंने अफसर की चूत देखने के लिए अफसर की दोनों टांगो को फैलाकर मैंने अफसर के चूत के दर्शन कर लिया। अफसर की चूत बहुत ही चिकनी थी। मैंने अफसर की चूत को देखते ही अफसर की चूत पर अपना मुँह लगा दिया। अफसर की चूत को चाटने में बहुत ही मजा आ रहा था। मै अफसर की गीली चूत को चाट रहा था। अफसर की गीली चूत को चाट चाट कर अपना लौड़ा दबा रहा था। अफसर का निकला सारा माल मैंने चाट चाट कर साफ़ कर दिया। अफसर के चूत के दाने को मैने काट काट कर खूब तड़पा रहा था। अफसर की चूत का दाना काटते ही अफसर की मुह से “उ उ उ उ उ…अअअअअ आआआआ….सी सी सी सी…ऊँ…ऊँ…ऊँ…” की आवाज निकलती थी।

अफसर की चूत मै झूब मजे ले लेकर पी रहा था। अफसर की चूत के दोनों टुकड़ो को मैं बारी बारी दे पी रहा था। अफसर की चूत को मैंने पी पी कर लाल लाल कर दिया। अफसर की चूत।में मई अपनी जीभ घुसा घुसा कर उसकी चूत को खूब गर्म कर दिया। अफसर मेरा सर अपनी चूत में घुसा कर दबा देती थी। अफसर का चूत बड़ा होता तो वो मेरा पूरा सारा सर अपनी चूत में डाल लेती। मैंने अफसर की चूत के अंदर का माल भी चाट कर साफ़ कर दिया। अफसर की चूत से मैंने अपना मुँह हटाया। अफसर की चूत से मैंने अपना सर हटा कर मैंने अपना पैंट खोला। मैंने अपना पैंट कच्छा निकाल दिया। मेरा लौड़ा खंभे की तरह खड़ा था। अफसर मेरे लौड़े को अपने हाथों में लेने के लिए आगे बढ़ी। अफसर ने मेरा लौड़ा अपने हाथो में लेकर खेलने लगी। मेरा लौड़ा बड़ा और मोटा हो गया। अफसर मेरे लौड़े से खेल खेल कर उसे आगे पीछे करने लगी। अफसर के लौड़ा आगे पीछे करने से मेरे लौड़े का टोपा बहुत ही फूल गया।

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अफसर के हाथ से छूते ही मेरा लौड़ा फन फैला लिया। अफसर का मन अब मेरे लौड़े को चूसने का था। अफसर मेरा लौड़ा चूस रही थी। मेरे लौड़े का टोपा ही अफसर की मुँह में घुसा हुआ था। अफसर मेरा लौड़ा लॉलीपॉप की तरह चुसा रही थी। अफसर का मेरा लौड़ा चूसने में बहुत मजा आ रहा था। अफसर ने मेरे लौदेंके साथ साथ मेरी दोनों गोलियां भी चूंसने लगी। अफसर ने मेरा लौड़ा और गोलियां चूस चूस कर थक चुकी थी। मैंने अपना लौड़ा खींचकर अलग किया। मैंने अफसर को लिटा कर उसकी दोनों टाँगे फैला दिया। अफसर की दोनों टांगो को फैला कर मैंने अफसर की चूत पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा। अफसर की चूत में अपना लौड़ा रगड़ कर मैंने अफसर को और गर्म कर दिया। अब अफसर चुदवाने को तड़पने लगी। मैंने अफसर की चूत में अपना लौड़ा धक्का मार कर घुसा दिया। मेरे लौड़े का टोपा अफसर की चूत में घुस गया। अफसर जोर से “आआआअह्हह्हह …ईईईईईई ई… ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई..अई…अई…मम्मी….” की चीख निकाल दी।

अफसर की चूत में अपना लौड़ा मैने बार बार धक्का मार मार कर पूरा घुसा कर चोदने लगा। अफसर की चूत अब दर्द से छुटकारा पा रही थी। अफसर भी अब अपनी गांड़ उठा उठा कर चुदवा रही थी। अफसर की चूत को मैंने अपने लौंडे से चोदकर फाड़ डाला। अफसर ने भी खूब मजे ले ले कर अपनी चूत चुदवा रही थी। अपने मुह से अफसर “…उंह उंह उंह..हूँ..हूँ…हूँ…हमममम अहह्ह्ह्हह…अई….अई…अई…” की प्यारी मीठी आवाज निकाल रही थी। अफसर की यही आवाज मेरा जोश बढ़ा रही थी। अफसर को मैंने झुका दिया। अफसर को झुकाते ही अफसर की चूत में अपना लौड़ा डाल कर जबरदस्त चुदाई करने लगा। अफसर की चुदाई के लिए मैंने अफसर की कमर पकड़ कर अपना लौड़ा खूब जल्दी जल्दी अंदर बाहर कर रहा था। अफसर की चूत ने पानी छोड़ दिया। मैंने अफसर की चूत से निकले पानी में ही चुदाई कर रहा था। अफसर की चुदाई बहुत ही तीव्र गति से मै करने लगा। अफसर जोर जोर से “आऊ…आऊ…हमम मम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी…हा हा हा…” की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी।
अफसर की तेज चुदाई के बाद मैं भी झड़ने वाला हो गया। अफसर की चुदाई करके मै थक गया। मैंने अपना लौंडा अफसर की चूत से निकाल कर अफसर की मुँह में डाल दिया। अफसर मेरा लौड़ा चुल बुला रहीं थी। तभी मेरे लौड़े ने अपना सारा माल निकाल दिया। अफसर मेरा सारा माल पी गई। हम दोनों नंगे ही बिस्तर पर सो गये। रात में मैंने उठकर अफसर की गांड़ मारी। अब हम दोनों रोज रात भर नंगे ही सोकर चुदाई करते हैं। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।

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