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जवान आया को चोदकर अपने जिस्म की भूख मिटाई और बेडरूम में जाकर उसकी ठुकाई की

हेल्लो दोस्तों, मैं नॉन वेज स्टोरी का बहुत बड़ा प्रशंशक हूँ। मेरा नाम ओम कुमार है। कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इस वेबसाइट के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढता हूँ और मजे लेता हूँ। मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढने को कहता हूँ। पर दोस्तों, आज मैं नॉन वेज स्टोरी पर स्टोरी पढ़ने नही, स्टोरी सुनाने हाजिर हुआ हूँ। आशा करता हूँ की यह कहानी सभी पाठकों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी सच्ची कहानी है।

मेरी माँ अक्सर बीमार रहती थी। मेरी एक छोटी १ साल की छोटी बहन थी इसलिए मेरी माँ ने अख़बार में एक आया के लिए इश्तिहार दे दिया। कुछ दिनों में रनिया नाम की एक खूबसूरत लड़की आया के काम के लिए आ गयी। मैंने और मेरी माँ ने रनिया का इंटरव्यू लिया।

“क्या तुमने कभी छोटे बच्चो को पालने का काम किया है??? कुछ तजुर्बा है तुमको??” मैंने रनिया से पूछा

“जी…..मैं पिछले १० साल से यही आया वाला काम कर रही हूँ। मैं रोते हुए बच्चो को भी चुप करवा लेती हूँ!!” रनिया बोली

“ठीक है…..हम तुमको नौकरी दे देंगे पर तुमको एक बांड साइन करना होगा की तुम १ साल से पहले नौकरी नही छोड़ोगी। वरना तुमको ५ लाख रूपए देने होंगे!!” मैंने कहा

रनिया राजी हो गयी। मैं बार बार उसे उपर से नीचे तक देख रहा था। २३ २४ साल की जवान और बड़ी खूबसूरत लड़की थी। उसने एक सस्ती टी शर्ट और जींस पहन रखी थी। उसकी टी शर्ट में उसके ३६” के मस्त मस्त बूब्स मुझे साफ़ साफ़ दिख रहे थे। मन तो कर रहा था की अभी इसे पकड़ लूँ और उसके हॉर्न दबा दूँ। मैंने रनिया को १० हजार की पगार पर नौकरी दे दी। वो मेरी छोटी १ साल की बहन लवी की देखभाल करने लगी। सुबह ९ से शाम ६ बजे तक की उसकी ड्यूटी थी। मैं रनिया से बहुत सख्ती से पेश आता था। वो मुझसे बहुत डरती थी और मैं जान बुझकर उस पर रौब झाड़ता था। पर वो मेहनत से काम करती थी और मेरी बहन की नैपी भी बदलती थी और गंदे कपड़े भी धोती थी। मेरी माँ तो अक्सर बीमार ही रहती थी, इसलिए वो मेरी बहन की देखभाल नही कर पाती थी।

धीरे धीरे मेरी आया रनिया मेहनत से काम करने लगी और मुझे अच्छी लगने लगी। एक दिन काम करने हुए उससे एक कीमती घड़ी टूट गयी। वो मेरे डैड की स्विस घडी थी। इसका तो उपर का कांच भी १० हजार के उपर लगता था।

“रनिया……ये क्या किया??? ये घडी तोड़ दी। तुम्हे पता है की ये एक स्विस घड़ी है। अब तुम्हारी नौकरी गयी। मैं जा रहा हूँ और डैड को ये घडी दिखा दूंगा!!” मैंने उसे डाटते हुए कहा

“ प्लीस भैया जी….आप इस घड़ी के बारे में किसी को मत बताइए। आप इसे बनवा दीजिये। मैं धीरे धीरे आपको अपनी पगार से पैसे दे दूंगी!!” वो बोली और मेरे सामने हाथ जोड़ने लगी। मैं यही चाहता था। मैं उसे डरा धमकाकर उसे चोदना चाहता और उसके मस्त मस्त दूध पीना चाहता था।

“ठीक है मैं बनवा दूंगा। चलो किचन में आओ!!” मैंने रनिया से कहा

जैसी ही वो अंदर आई मैंने उसे पकड़ लिया और उसके गाल पर किस करने लगा।

“ये क्या कर रहे हो भैया जी…..???” रनिया हैरान होकर बोली

“वो महंगी घड़ी ठीक करवाने की कीमत वसूल रहा हूँ!!” मैंने कहा और उसे अपनी बाहों में भर लिया और किस करने लगा। थोडा विरोध करने के बाद रनिया सरेंडर हो गयी। मैं उसके गाल चूमने लगा। फिर मैंने उसे अपनी तरफ कर लिया और खड़े होकर ही उसके रसीले होठ चूसने लगी। सच में दोस्तों, रनिया बहुत खूबसूरत थी। वो किसी भी हालत में नौकरी नही खोना चाहती थी। इसलिए वो मुझसे चुदने को राजी हो गयी थी। मैंने उसके मीठे गुलाबी होठो को चूसने लगा और कुछ देर में रानिया को भी ये सब अच्छा लगने लगा।

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वो काफी पतली दुबली थी और कद ५ फिट का होगा। मेरे कंधे पर आती थी वो। मैं कुछ देर बाद बहुत जादा जोश में आ गया और मैंने उसे कमर से पकड़कर  गोद में उठा लिया। हम दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह किस करने लगे। उसके होठ और गाल को चूमते हुए मैं नीचे बढ़ने लगा। अब मैं उसके गाल को किस कर रहा था। धीरे धीरे उसे भी ये सब अच्छा लग रहा था। उसने मुझे कंधो से पकड़ रखा था। वो मेरी गोद में थी। रनिया की चूत मारने का मेरा दिल करने लगा। मैं उसे गोद में लेकर अपने कमरे में चला आया और बिस्तर पर लिटा दिया। रनिया समझ गयी थी की आज मेरी नियत उस पर ख़राब हो गयी है। आज मैं उसे चोदने खाने के मूड में हूँ।

“भैया जी …..आप क्या करने जा रहे हो??” वो घबराकर पूछने लगी

“बहन की लौड़ी तेरी चूत मारने जा रहा हूँ!!” मैंने कहा

“कही मेमसाब आ गयी तो…. वो डरकर बोली

“माँम नही आएंगी! वो अपने कमरे में सो रही है!!” मैंने कहा और अपना दरवाजा मैंने अंदर से बंद कर लिया

मैंने रनिया के बगल बेड पर लेट गया और फिर से उसके रसीले होठ चूसने लगा। सायद वो भी चुदवाने के मूड में थी। क्यूंकि अब वो मेरा सहयोग करने लगी। मैंने उसकी हल्की सी सस्ती वाली टी शर्ट निकाल दी तो उसके मस्त मस्त मम्मे मुझे दिख गये। फिर मैंने उसकी नीली रंग की ब्रा को निकाल दिया तो उसके मस्त मस्त दूध मेरे सामने थे। मेरी आया रानिया तो सच में बहुत मस्त माल थी। उसे नंगा देखकर तो मेरा जिस्म मचल गया और मेरा लंड खड़ा हो गया। वो बहुत सेक्सी माल थी उसकी जवानी देखकर मैं इकदम मस्त हो गया था।

मैंने अपने हाथ उसके बूब्स पर रख दिए और दूध को हाथ में भर लिया। दोस्तों मुझे मौज आ गयी थी। इतने गोल गोल बड़े बड़े और जूसी मम्मे मैंने आज तक नही देखे थे। मैं अपनी आया रनिया के बदन पर लेट गया और उसके मम्मे दबाने लगा। मेरी वासना बढ़ती ही जा रही थी।  धीरे धीरे मैंने उसके स्तनों को जोर जोर से दबाने लगा और मसलने लगा। मुझे मजा आ रहा था। “……हाईईईईई…. उउउहह…. आआअहह”वो चिल्लाने लगी। मैंने जोश में आ गया और तेज तेज उसके कबूतर दबा दबाकर उड़ाने लगा। फिर मैंने रनिया के बूब्स को मुंह में लेकर चूसने और पीने लगा। मजा आ गया था दोस्तों उस दिन।

“जान मजा आ रहा है…… मैंने अपनी आया से पूछा

वो कुछ नही बोली। शायद शर्म कर रही थी। मैंने फिर से लेटकर उसके मस्त मस्त बूब्स पीने लगा।रानिया का पूरा जिस्म ही बहुत सेक्सी था। क्या चिकने चिकने हाथ पैर थे उसके। देख के ही मुझे नशा चढ़ रहा था। सच में कोई भी लड़की चाहे उपर से कितनी काली पिली लगे पर अंदर से बिलकुल मस्त माल होती है। मैंने रनिया की जींस और पैंटी भी निकाल दी। अब मुझे उसकी चूत के दर्शन भी होने लगे थे। वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थी और बहुत मस्त लग रही थी।  मैंने उसकी नंगी पीठ, कमर, और पुट्ठों पर हाथ फेर रहा था और उसके दूध चूस रहा था। बीच में मैं सर उठाकर उसके होठो की तरफ भी चला जाता था और किस करने लग जाता था। एक बार फिर से मैं अपनी आया रनिया के बूब्स पीने लगा और मजा लेने लगा। उसकी छातियाँ बड़ी गोल गोल भरी भरी और बहुत चिकनी थी। मैं मजे से उसे मुंह में लेकर चूस रहा था। रानिया के बूब्स इतने बड़े थे की मुश्किल से मेरे मुंह में समा पा रहे थे।

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वो “आआआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई—अई..अई…..अई।।मम्मी….” की आवाज बार बार निकाल रही थी। मैं किसी खरगोश की तरह उसकी लाल लाल निपल्स को कुतर रहा था। रनिया कराह रही थी। मैं मुंह चला चलाकर उसके बूब्स को पी रहा था। कितने नर्म, कितने मुलायम और कितने मस्त। मैं बड़ी देर तक अपनी आया के अमृत समान मम्मो को पीता रहा फिर मैंने अपना मुंह ही रानिया के चुच्चो के बीच में रख दिया और खेलने लगा। मेरे हाथ जोर जोर से उसके मम्मो को दबा रहे थे। वो सिसक रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। इतने मुलायम चुचचे मैंने आजतक नही देखे थे। मैं आधे घंटे तक अपनी आया रानिया के बूब्स चूसता रहा किसी आम की तरह।  फिर मैंने उसके हाथो में अपना ९” लंड दे दिया।

“ले फेट इसको…. मैंने कहा

रनिया मेरे लौड़े को फेटने लगे। मैंने अपने सर के नीचे कई मोटे तकिया लगा रखे थे। रनिया के हाथ तेज तेज मेरे लंड पर उपर नीचे दौड़ने लगे। धीरे धीरे मेरे लौड़े का आकार बढ़ता ही जा रहा था। मैंने अपनी आँखे मूंद ली थी। रनिया अपने काम पर लग गयी थी और तेज तेज मेरे लौड़े को फेट रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” मैं सिसकी लेने लगा।

“भैया जी …आपके लौड़े से तो बड़ी बदबू आ आ रही है!!” रानिया बोली

“कोई नही…..तू चूस। अभी सब बदबू खत्म हो जाएगी!!” मैंने कहा

वो बेमन से मेरा ९” का लौड़ा चूसने लगी। धीरे धीरे उसे अच्छा लगने लगा। वो जल्दी जल्दी मेरे लौड़े को हाथ से फेट भी रही थी। मुझे अलग तरह की यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी। अब मेरा लौड़े ३ इंच मोटा हो गया था। मेरी आया इसे किसी आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। मुझे मजा आ रहा था। मेरा लौड़ा तो किसी खूटे की तरह दिख रहा था। रनिया इसे अपने मुंह में पूरा अंदर तक गहराई तक लेने लगी और लगन से चूसने लगी। मुझे तो परम आनंद मिलने लगा। अब मेरा लंड बहुत सुंदर और गुलाबी लग रहा था। लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और अब मैं अपनी आया रनिया की चूत इस मोटे लौड़े से मार सकता था। मैं उसके सिर को दोनों हाथो से पकड़ लिया और जल्दी जल्दी लेटे लेटे ही अपनी आया का मुंह चोदने लगा। उसे तो साँस तक नही आ पा रही थी। मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था। मैं मुख मैथुन का लुफ्त उठा रहा था। अब मैंने उसे सीधा बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पेट को चूमने लगा।

रनिया का पतला सेक्सी पेट मेरे सामने था। उसकी एक एक गोरी पसली चमक रही थी। बीच में जहाँ पर पेट और नाभि होती है वहां काफी गहराई थी। मेरी आया चोदने और बजाने के लिए एक परफेक्ट आइटम थी। मैं उपर से उसके पेट को बीचो बीच किस करने लगा और नीचे की तरह बढ़ने लगा। उफ्फ्फ्फ़ ।।।क्या मस्त माल थी वो। मैं दांत से उसके पेट की खाल को काटकर खीच लेता था। कितनी मुलायम त्वचा थी उसकी। मेरे दांत से काटने पर वो कराहने लग जाती थी। “आई…..आई….. अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” इस तरह की आवाजे वो निकालने लग जाती थी। मैंने हाथ से रनिया की जांघे सहला रहा था। धीरे धीरे उसके पेट को चुमते हुए मैंने उसकी बड़ी ही गहरी नाभि तक आ गया। रानिया की नाभि सेक्सी नाभि देखकर मेरा तो होश खराब हो रहा था। फिर मै उसकी नाभि को अपनी जीभ से छेड़ने लगा और पीने लगा। वो मचलने लगी।

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“भैया जी …..आराम से” वो बोली

मैं तेज तेज किसी कुत्ते की तरह उसकी नाभि चाटने और पीने लगे। अब मैं उसकी चिकनी और साफ चूत की तरह बढ़ने लगा। मैंने रनिया के पैर खोल दिए। हल्की हल्की झांटों से भरी गहरी भूरी मलाईदार बुर के दर्शन हो गये। मैं बिना १ सेकंड की देरी किये नीचे झुक गया और उसका बड़ा सा भोसडा पीने लगा। रनिया मचल गयी। वो कामवासना के वशीभूत हो गयी और अपने पके पके पपीते(मम्मो) को खुद की अपनी जीभ में लगाने लगी और किसी प्यासी चुदासी कुतिया की तरह चाटके लगी।

“…हमममम अहह्ह्ह्हह… अई…अई….अई…” रनिया आहे भरने लगी। मैं इधर नीचे उनका मस्त मस्त मलाईदार भोसडा पी रहा था। मैं अपनी जीभ रनिया की बुर के छेद में डालने लगा तो वो मचलने लगी। “..सी सी सी सी… हा हा हा..ओ हो हो….भैया जी आराम से!!” रनिया आहे लेने लगी और मेरा सिर अपनी चूत पर से हटाने की नाकाम कोशिश करने लगी। पर मैं भी असली चोदू आदमी था। रनिया बार बार अपनों दोनों जांघें सिकोड़ने और बंद करने लगी। ‘हट मादरचोद!! अपना भोसड़ा पीने दे। हट हरामजादी !! अपनी चूत पिला मुझे” मैंने उसे डाट दिया। उसने अपनी दोनों गोरी जांघें फिर से खोल दी। स्वर्ग जाने का दरवज्जा ठीक मेरे सामने था। मैं फिर से उसकी बुर पीने लगा। मैंने रनिया के भोसड़े में लंड डाल दिया और उसे चोदने लगा। लगा की मैंने किसी बिजली वाले सोकेट में अपना प्लग जोड़ दिया हो। रनिया की चूत बड़ी गदराई हुई थी। मैंने उसकी गद्देदार और फूली फूली चूत में अपना लौड़ा सरका दिया था और उसकी बुर का भोग लगा रहा। मेरी आया रनिया ने मारे शर्म के अपनी आँखें बंद कर ली और अपने चेहरे को दोनों हाथो से छुपा लिया। सायद उसे शर्म आ रही थी। उसे उसे पकपक पेलने लगा।“आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” रनिया चिल्ला रही थी। मुझे उसकी आवाजे अच्छी लग रही थी । मैं तेज तेज कमर मटकाकर उसे बजाने लगा। हमारा बेड चर्र चर्र की आवाज करने लगा।

मैं उसकी बुर में तेज तेज लंड देने लगा। उसके दूध जल्दी जल्दी उपर नीचे भागने लगे। ये देखकर मुझे बहुत जादा जोश चढ़ गया था। मैंने रनिया के भोसड़े में तेज धक्के मारने लगा। “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ…हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह—अई…अई…अई…..” की आवाजे पूरे कमरे में गूंज रही थी। रानिया के चमकते बदन का मैं भोग लगा रहा था। मेरा ९ इंच लम्बा और ३ इंच लौड़ा उसकी बुर को कायदे से बजा रहा था। कुछ देर बाद तो मुझे बहुत जादा जोश चढ़ गया था और मैं बहुत तेज तेज धक्के अपनी आया की चूत में देने लगा। उसकी बुर से पट पट की आवाज आने लगी जैसे कोई ताली बजा रहा हो। ये अच्छा था की मेरी मोम सो रही थी। वरना सायद इस तरह खुलकर मैं कभी अपनी आया की ठुकाई ना कर पाता। मेरा लंड उसकी रसीली चूत में अंदर तक वार कर रहा था। रनिया “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करके चीख रही थी। हमारी ठुकाई से बेड बुरी तरह से हिल रहा था जैसे कोई भूकंप आ गया हो। फिर मैंने उसकी चूत में शहीद हो गया। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे