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भाई के साथ हनीमून शादी के बाद

मेरा नाम राधा है, मैं लखनऊ से हु, मेरी उम्र 20 साल है, अभी शादी हुए 15 हुए है, ये कहानी परसो की ही है, जब मैं ससुराल से वापस आयी, मैं शादी की दिन ही समझ गयी की मेरा पति नामर्द है, उसको लड़को में ही इंटरेस्ट है, वो गे है, मैं जब पहली रात को घूँघट लेके बैठी थी वो कमरे में आया दरवाजा बंद किया, मैं तो मन ही मन सोच रही थी आज मुझे वो सारे ख़ुशी मिलेगी जिसका मैं बरसो से इंतज़ार कर रही थी पर ऐसा हुया नहीं, वो आकर सो गया, मैं आधे घंटे तक बैठी रही पर वो कुछ भी नहीं बोला फिर मैंने ही बोलना सुरु किया, वह तक तो सब ठीक ठाक था, करीब दो घंटे बीत जाने के बाद उसने मुझे टच तक नहीं किया, फिर मैंने अपना पैर उसके पैर पे चढ़ा के अपने पैर के अंगूठे से उसके पैर को सहलाने लगी पर वो वैसे ही पड़ा रहा फिर मैंने एक किश की मेरा लिपस्टिक उसके गाल पे लग गया था, उसने पिच की आवाज़ की और वो लिपस्टिक को पोछने लगा, पर मैं नहीं मानी मैंने उसके शर्ट के बटन को खोली और उसके छाती को सहलाने लगी पर वो कुछ भी रियेक्ट नहीं कर रहा था, फिर मैंने अपने ब्लाउज के हुक को खोल दिया मेरी दोनों बड़ी बड़ी चूचियों उस समय सिर्फ ब्रा में कैद थी मैंने उसके बाह में सटाई पर वो कुछ भी नहीं किया आखिर मैंने ब्रा का हुक भी खोल दिया, और दोनों चूचियों को उसके छाती पे रख के सहलाने लगी पर वो ज्यादा कुछ इंटरेस्ट नहीं दिखा रहा था, मैं काफी सेक्सी हु इस वजह से मुझे लग रहा था की मेरा पति मेरी चुदाई करे. पर वो कुछ भी नहीं कर रहा था, मैंने अपने पति के ऊपर चढ़ गयी.

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मैं अपने चुचीओयों को उसके छाती पे रगड़ने लगी और उसके होठ को चूमने लगी मैंने काफी सेक्सी हो गयी थी, मैं काफी गरम थी, मुझे रहा नहीं जा रहा था, क्यों की मेरी चूचियों उस समय काफी टाइट हो चुकी थी और निप्पल खड़ा हो चुका था, मेरे बूर से पानी निकल रहा था, चुदवाने को आतुर थी, पर वो चोदने को तैयार ही नहीं था, आखिर कार मैंने उसके जाँघिया में हाथ डाली मैंने हैरान रह गयी उसका लैंड करीब एक इंच का था वो भी खड़ा नहीं था कुछ भी जान नहीं था उसके लंड में, मैं झट से उत्तर गयी और पूछी ये क्या है, वो बोलने लगा माफ़ करना राधा मैंने तुमसे एक बात छुपाई, मैं सेक्स करने के लायक नहीं हु, मैंने अपना काफी इलाज करवाया पर मेरा लंड खड़ा नहीं होता है. मैंने उसे वही पे गालियां देना सुरु कर दिया, और कुछ देर बाद मैं रोने लगी.

फिर क्या था सिर्फ समाज के डर से मैं चुप रही कुछ दिन तक और चौथे दिन मेरा भाई मुझे लेने आया क्यों की मेरे यहाँ रिवाज है पहली बार दुल्हन को मायके चार दिन में ही आना पड़ता था. भाई के आते ही मैं तैयार हो गयी, फिर उसके साथ मैं अपने मायके वापस आ गयी. मैं कुछ भी घर में खा नहीं रही थी क्यों की मुझे ही पता था की मेरी ज़िंदगी किस तरह से बर्बाद हुआ है, पर मेरा भाई मुझसे बात करने आ गया की बहन बोलो क्या बात है, कुछ तो बात है जो छुपा रही हो. मैं टूट गयी और भाई को सारा बात बता दी.

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भाई ने ढाढ़स बढ़ाते हुए कहा कोई बात नहीं पापा से बात करके मैं तुम्हारी दूसरी शादी कर दूंगा. इतना सुनते ही मैं भाई में लिपट गयी और वो मुझे मुझे अपने बाँहों में भर लिया उस समय माँ और पापा घर में नहीं थे. फिर पता नहीं क्या हुआ वो भाई बहन का प्यार में जो गले मिले थे वो वासना में तब्दील हो गया. वो मेरे होठ को चूमने लगा और मैंने भी, दोनों किश करने लगे फिर मेरा भाई मेरे चूच की दबाने लगा, और बोला मैं अपनी बहन को खुश देखना चाहता हु चाहे मुझे बहन को ही क्यों ना चोदना पड़े, मैंने भी बोली कोई बात नहीं मैं भी तुम्हे मना नहीं करुँगी, जो करना है कर लो. तभी माँ और पापा आ गए, फिर हम लोगो ने खाना खाया और मम्मी पापा निचे सो गए और मैं ऊपर फ्लोर के कमरे में सो गयी और ऊपर के फ्लोर पे ही भाई का कमरा था वो भी सोने आ गया,

करीब ११ बजे जब मेरे भाई को लगा की माँ पापा सो गए तभी वो मेरे कमरे में आ गया मैं भी उसी का इंतज़ार कर रही थी, और आपलोग मेरे पागलपन की हद को सोच के जरूर कहेंगे की कितनी कामिनी है ये लड़की पर ये सच है क्या करे दिल है की मानता नहीं. मैं उस रात को अपने लाल साडी और सरे श्रृंगार करके जिस तरह से सुहागरात में दुल्हन अपने दूल्हे की इंतज़ार करती है वैसे ही मैं अपने भाई का इंतज़ार कर रही थी. वो भी मुझे देखकर हैरान हुआ और मुझे पकड़ के चूमें लगा.

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एक एक करके हमदोनो ने कपडे उतारे और मेरा भाई मेरे चूच को चूसने लगा. फिर वो मेरा पैर फैलाकर जांघ के बीच में बैठकर वो मेरे बूर को चाटने लगा मैंने भी सिसकियाँ ले ले के उससे अपने बूर को चटवाने लगी. उसको कभी मैं अपना चूच पिलाती कबि मैं अपने गांड में उंगलियां डलवाती पर अब मुझे कुछ और चाहिए था. उसने अपना मोटा लंबा लंड निकाला और मेरे बूर के मुह पे रखा और कस के धक्का मारा मेरा बूर फट गया सील टूट गयी और खून निकलने लगा. मैं रो पड़ी, फिर मेरा भाई मुझे सहलया और बूर में चोदने लगा वो हरेक स्टाइल में चोदा और गांड भी मार रात भर चुदवाई सुबह तो मेरे से चला भी नहीं जा रहा था अब तो मैं अपने भाई को मन ही मन पति मान चुकी हु. दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते है अब तो मैं अपने हस्बैंड को तलाक दे के अपने भाई के साथ दिल्ली चली जाऊँगी और पति पत्नी की तरह रहूंगी