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मोहल्ले की काली लेकिन भरे हुए जिस्म वाली लड़की को पटाकर चूत चोदी

हाय दोस्तों, मैं अनुपम सिंह आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करता हूँ। मैं नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक हूँ। मैं अमेठी का रहने वाला हूँ। आज मैं आप सभी को अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों, मेरे मोहल्ले में एक बहुत मस्त लड़की रहती थी जिसका नाम गुंजन था। वो काली थी, पर उसका बदन बहुत भरा हुआ था। पिछले कई दिनों से वो कई लड़को को लाइन दे रही थी, पर कोई लड़का उसको अपनी गर्लफ्रेंड बनाने को राजी नही था। सारे लड़के खूबसूरत और गोरी लड़की को ही अपनी माल और गर्लफ्रेंड बनाना चाहते थे।

गुंजन मुझे लाइन देने लगी। मेरे पास कोई माल थी नही। पर दोस्तों मैं भी सारे लड़कों की तरह कोई गोरी और चिकनी लड़की को ही अपनी माल बनाना चाहता था। पर जब कुछ महीने बीत गये तो आये दिन मेरा लंड खड़ा होने लगा और किसी लड़की को चोदने का मेरा बड़ा दिल करने लगा। गुंजन के पास मेरा मोबाइल नम्बर था। पहले वो जब मुझे काल करती थी तो मैंने उससे दूर भागता था और उसकी काल नही उठाता था। क्यूंकि बाकी लड़को की तरह मैं भी किसी सुंदर और गोरी लड़की से रिश्ता रखना चाहता था। गुंजन काली भले ही थी पर मस्त माल थी और चोदने खाने के लिए वो बिलकुल सही लड़की थी। रंग से क्या हुआ, उसका जिस्म तो भरा हुआ था। अच्छे खासे ३४” के बूब्स थे उसके। वो जादातर सलवार सूट पहनती थी, पर उसका मस्त फिगर उसके सलवार सूट से भी दिख जाता था।

गुंजन का फिगर ३४ २८ ३० का होगा। आप ही अंदाजा लगा सकते है की कितना मस्त और सेक्सी फिगर होगा। उसकी हँसी और मुस्कान भी बहुत प्यारी थी। धीरे धीरे मुझे गुंजन पसंद आने लगी। अगर सभी लड़के सिर्फ गोरी लड़कियों को अपनी मॉल और गर्लफ्रेंड बनाना चाहेगे तो काली लडकियाँ कहाँ जाएंगी। कुछ दिन बाद गुंजन ने मुझे एक विडियो व्हात्सअप कर दिया। मैंने विडियो खोला तो मेरे मुंह में पानी आ गया और मेरा ७” का मोटा लौड़ा खड़ा होने लगा। गुंजन ने अपनी चूत का विडियो भेजा था। कुल १० मिनट का शानदार विडियो था जिसमे गुंजन की मस्त मस्त काली चिकनी, परंतु भरी हुई चूत साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी। वो अपनी चूत में जल्दी जल्दी ऊँगली कर रही थी और माल निकाल रही थी। दोस्तों, मैंने बेहद ललचाते हुए वो पूरा १० मिनट का विडियो देखा और फिर मुठ मारी। लड़की मुझे चूत देने को और मुझसे चुदने को तैयार थी और मैं देखो कितना मूरख था की उसे भाव ही नही दे रहा था। दोस्तों, ये मस्त गुंजन की चूत वाला विडियो देखकर मैंने फैसला कर लिया की मैं उसको अपनी माल और गर्लफ्रेंड बना लूँगा और उस मक्खन जैसी चूत को रोज पिया करूंगा।

मैंने फिर गुंजन को काल कर दिया और १ घंटा बात की। मैंने उसका प्रपोसल एक्सेप्ट कर लिया और उसे आई लव यू बोल दिया। धीरे धीरे मैं उसको डेट पर ले जाने लगा। उसको पिक्चर दिखाने लगा। अपनी और गुंजन की फोटो मैंने फेसबुक पर लगा दी और सारे दोस्तों को व्हाट्सएप कर दी। धीरे धीरे हम दोनों आपस में किस करने लगे। अब तो बस मुझे गुंजन की चूत मारने की बड़ी तलब लगी थी। एक दिन जब उसके फॅमिली के लोग कही बाहर गये थे, गुंजन ने मुझे लंच पर बुलाया। उसने मेरे लिए नॉन वेज खाना पकाया था। लंच के बाद हम दोनों प्यार करने लगे और सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगे। धीरे धीरे हम दोनों का चुदाई का दिल करने लगा। मैंने टीवी बंद कर दी। हम आपस में किस करने लगी। आज भी गुंजन से सलवार सूट पहन रखा था। मैंने उनको भाहों में भर लिया।

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“अनुपम सच सच बताओ….तुम मुझसे प्यार करते हो की सिर्फ मेरी चूत मारना चाहते हो और मेरे मस्त मस्त रसीले दूध पीना चाहते हो???” गुंजन ने मुझसे पूछा

“जान…..सच कहूँ तो मैं सिर्फ तुम्हारे मस्त मस्त दूध पीना चाहता हूँ और वो तुम्हारी रसीली चूत मारना चाहता हूँ….जो तुमने मुझे विडियो में दिखाई थी” मैंने कहा

सायद उसको अच्छा नही लगा ये सुनकर।

“अरे जान……तुम तो खामखा रूठ गयी। अरे! मैं तो तुमसे सच्चा प्यार करता हूँ” मैंने कहा। तब जाकर गुंजन का मूड सही हुआ। मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और ‘मेरा बाबू…..मेरा बच्चा…..कहकर मैंने उसे बुलाने लगा और प्यार करने लगा। उफ्फ्फ्फ़ गुंजन के गाल काले जरुर दे पर जवानी अभी बिलकुल उफान पर थी। बड़ी मखमली और चिकनी त्वचा थी उसकी। मैं उसके गाल पर प्यार की बरसात करने लगा। फिर हम दोनों फ्रेंच किस करने लगे। फिर हम दोनों एक दूसरे की गर्मागर्म सासें पीने लगे और एक दूसरे के रसीले होठ पीने लगे। धीरे धीरे हम दोनों पागल हो गए। बार बार गुंजन का दुपट्टा हम लोगो के बीच में आ रहा था। इसलिए मैंने उसे निकाल दिया और किनारे रख दिया और उसको अपनी गोद में बिठाकर मैंने किस करने लगा। कुछ दी देर में हम दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। और मेरे हाथ गुंजन के ३४” के बड़े बड़े सुडौल और बेहद आकर्षक मम्मो की पर आ गये और मैं उसके दूध सहलाने लगा।

गुंजन से कुछ नही क्या। उसको भी ये अच्छा लग रहा था की मैं उसके रसीले दूध को अपने हाथ में ले लूँ। जब मैं उसकी कमीज निकालने लगा तो वो खिलखिलाकर हसने लगी और दूर भागने नही।

“नही….मुझे शर्म आती है….” गुंजन बोली

“अरी जान….इसमें शर्म क्या करना” मैंने कहा

वो बार बार खिलखिलाकर हँसे जा रही थी। सायद उसे ये अजीब लग रहा था, पर अगर मैं उसको उपर से ही प्यार करूंगा तो चोदूंगा कैसे??? इसलिए मैंने किसी तरह उसको मना लिया और उसकी कमीज निकाल दी। उसकी ब्रा बड़ी चुस्त थी। मैंने वो भी निकाल दी। अब गुंजन मेरे सामने थी और बिलकुल उपर से नंगी थी। गुंजन कितनी मस्त चुदासी माल थी ये बात आज मुझको पता चला। वो अपने नग्न मम्मो को मुझसे छुपाने लगी। उनसे तुरंत अपने दूध अपने हाथ से छुपा लिए थे। वो बार बार हंस रही थी। शायद चुदाई करना उसको एक फनी और मजाकिया बात लग रही थी। मैंने किसी तरह से उसके हाथ खीचकर उसके दूध से हटाये। बाप रे!!….कितने मस्त मस्त सुंदर दूध थे। मम्मो का रंग जरुर काला था, पर मम्मे बेहद कसे और भरे हुए थे। बेहद सुडौल और शानदार थे। दोस्तों, मैं तो देखकर ललचा ही गाया था।

मैंने मम्मो को हाथ में भर लिया और उनका साइज नापने लग गया। फिर मैं मजे लेकर पीने लगा। उफ्फ्फ्फ़….हाययययय…मजा आ गया दोस्तों। दिल मचल गया मेरा गुंजन जैसी माल के दूध पाकर। मैं किसी छोटे बच्चे की तरह उसके दूध पीने लगा। धीरे धीरे वो शांत हो गयी और किसी सीधी गाय की तरह मेरी गोद में बैठकर वो मुझे आराम से दूध पिला रही थी। आज तो मेरी किस्मत ही चमक गयी थी। मैं कितना बड़ा मूरख था की इतनी मस्त चुदासी माल मुझे इतने महीनो से मुझे लाइन मार रही थी और मैं इससे दूर भाग रहा था। अगर मैं ४ महीने पहले गुंजन के ऑफर को ले लिया होता तो उसे कम से कम १०० बार तो चोद और खा चुका होता। मैंने गुंजन को अपनी बाहों में भर लिया था। उसकी पीठ काफी लम्बी और सेक्सी थी। रंग काला जरुर था, पर चिकनी बहुत थी। मैं मजे से उसके दूध पी रहा था। वो मचल रही थी। सायद उसको ये सब अजीब लग रहा था। और हंस भी रही थी। पर मैं तो उसके मस्त मस्त दूध पीने में डूबा हुआ था। आःह्ह्ह उसकी चूचियां कितनी कसी और तनी हुई थी। मुझे पीने में बहुत आनंद मिल रहा था। बहुत मजा आ रहा था। फिर कुछ देर तक गुंजन के दूध पीने के बाद मैंने उसकी सलवार निकाल दी। फिर उसकी चड्ढी निकाल दी। वो पूरी तरह से नंगी हो गयी और समझ अपनी चूत को दोनों हाथों से वो छुपाने लगी। सायद उसे बहुत शर्म आ रही थी।

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हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए। मैंने अपना लंड गुंजन के मुंह में डाल दिया और खुद उसकी चूत पीने लगा। सायद वो भी किसी बड़े दिनों से लंड की प्यासी थी, इसलिए तुरंत उसने मेरा लौडा मुंह में ले लिया और मजे से चूसने लगी। मैं अच्छी तरह से उसकी चूत पी रहा था। ये वही रसीली बुर थी जिसका विडियो गुंजन से मुझे २ महीने पहले भेजा था। दोस्तों, आज तो मेरी लाटरी निकल गयी थी। जिस रसीली चूत को देख देखकर मैं मुठ मारा करता था, वो आज मेरे पास थी और मैं उसे पी रहा था। गुंजन की सील टूटी हुई थी, सायद १ २ बार वो चुदवा चुकी थी। मैंने मेहनत से दिल लगाकर उसकी बुर पी रहा था और चूत के दाने को होठो को मैं पूरी सिद्दत से पी रहा था। उधर गुंजन मेरा लंड मजे लेकर पी रही थी। हम दोनों से करीब एक दूसरे की चूत और लंड को करीब १ घंटा तक पिया और मजा मारा।

“अनुपम मेरी जान, आज तुम मुझसे चोदकर मेरी चूतकी प्यास शांत कर” गुंजन बोली

“मेरी माल…..आज मैं तुम्हारी प्यासी चूत को इतना लंड खिला दूंगा की दोबारा वो कभी लंड नही मांगेगी” मैंने कहा

उसके बाद मैं जल्दी जल्दी अपनी कमर मटकाकर गुंजन का मुंह अपने लंड से चोदने लगा। कुछ देर बाद मैं स्खलित हो गया और मैंने अपना सारा माल गुंजन के मुंह में छोड़ दिया। हम प्यार करने लगे। मैंने उसको सीधा लिटा दिया और उसके दूध पिने लगा। फिर मैंने गुंजन की चूत पर आ गया। मैंने उसके दोनों पैर खोल दिए और उसकी वो मस्त मस्त बुर पीने लगा जिसे मैंने विडियो में देखा था। उफ्फ्फ्फ़ ….क्या भरी हुई चूत थी मेरी माल की। मैं जीभ से चूत का एक एक होठ खोल खोलकर मजे लेकर पी रहा था। चूत को दाने को मैं विशेष रूप से चाट रहा था और मेरी सामान गुंजन को मैं मीठा मीठा दर्द दे रहा था। उसे तड़पा रहा था। उसकी बुर बहुत ही भरी हुई थी और बेहद चिकनी और सेक्सी थी।

गुंजन चुदी चुदाई माल थी। पर मुझे क्या। मुझे तो मस्त मस्त बुर चोदने को मिल रही थी इलसिए मुझे कोई दिक्कत नही थी। मैं लगन और निष्ठा से उसका भोसड़ा पी रहा था। वो कामवासना को महसूस कर रही थी। लगातर उसकी बुर पीने से गुंजन की चूत तो आग की तरह धधकने लगी थी। बार बार बुर फुल जाती थी और बार बार अंदर की तरफ पिचक जाती थी। मैं कभी चूत को पीता था तो कभी गुंजन के चूत के दाने को। फिर मैंने अपनी ३ उँगलियाँ गुंजन की बुर में पेल दी और अंदर चलाने लगा। गुंजन.. ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…”  माँ माँ….करने लगी। मेरी ऊँगली डालने से तो गुंजन की चूत में बवंडर आ गया। मैं जब जोर जोर से बुर फेटने लगा तो वो पागल होने लगी। उसे बड़ा मीठा मीठा अहसास हो रहा था। बार बार गुंजन अपनी कमर और गांड उठा रही थी। मैंने फच फच उसकी चूत बड़ी तेज तेज फेट रहा था। कुछ देर बाद मेरी मेहनत रंग लाई और गुंजन की बुर उपर नीचे आने लगा।

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वो चुदासी हो चुकी थी और जल्दी से चुदना चाहती थी। मैंने लगातर उसका भोसड़ा फेट रहा था। एक बड़ी ही पिचकारी उसकी रसीली बुर से निकली। सफ़ेद रंग की क्रीम क्रीम चूत से निकली जिसे मैंने जीभ लगाकर चाट गया। फिर मैंने अपना ७” का मोटा लंड उसकी बुर में डाल दिया और उसे चोदने लगा। अब गुंजन चुद रही थी और मुझसे जल्दी जल्दी लंड खा रही थी। अब वो शांत हो रही थी, क्यूंकि मैं जल्दी जल्दी उसको ठोंक रहा था। मैंने उसके कंधे मजबूती से पकड़ लिए थे और खप्प खप्प उसको पेल रहा था। सोफे पर ही हम दोनों की चुदाई की फिल्म चल रही थी। कुछ देर बाद वो मुझसे चिपका गई। मैं उसके गाल, होठो, और दूध को पी पीकर उसे पेलने लगा। फिर १५ मिनट बाद मैंने उसकी रसीली कसी बुर में ही आउट हो गया और मैंने अपना माल छोड़ दिया।

गुंजन मुझसे मेरी माल की तरह लिपट गयी। हम दोनों एक दूसरे के होठ पीने लगे। जब मेरा लंड उसकी बुर से निकल आया तो वो चूसने लगी।

“गुंजन, इतना मस्त लंड चूसना तुमने कहाँ से सीखा??” मैंने अपनी माल गुंजन से पूछा

“अनुपम मैंने एक बार अपने मामा के यहाँ गयी थी। वही पर मुझसे पहली बार चूत मारने के बारे में मेरे मामा से सिखाया। उन्होंने मुझे कई रात चोदा और लंड चुस्वाया। बस वही पर मैंने लंड चूसना सीख लिया था” गुंजन बोली

इसका मलतब इस मादरचोद की बुर जो फटी हुई थी, इसके वहसी मामा की देन है। इसके मामा ने ही इसे चोद चोदकर इसकी बुर फाड़ दी होगी, मैं सोचा। गुंजन अच्छे से मेरा लंड चूसती रही। कुछ देर में मेरा मोटा लौड़ा फिर से खड़ा हो गया। मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी गांड पीने लगा।

“अनुपम, ये क्या कर रहे हो?? गांड क्यों पी रहे हो मेरी??” गुंजन बोली

“माँ की लौड़ी तेरी गांड मारूंगा …और क्या” मैंने कहा

“नही अनुपम…..प्लीससस…प्लीसससस….मेरी गांड मत मारो” गुंजन मुझसे रिक्वेस्ट करने लगी और अपसे दोनों हाथ से अपनी मस्त और कसी गांड का छेद छुपाने लग गयी।

“हाथ हटा…..हाथ हटा मादरचोद….” मैंने उसे जोर से डाटा

बड़ी मुश्किल से उसने हाथ हटाया।

मैं फिर से गुंजन की कसी गांड पीने लगा। फिर मैंने लौड़े पर थोडा थूक लगा लिया और अच्छे से मल लिया। मैंने गुंजन की गांड पर अपना बेहद मोटा सुपाडा रखा और जोर का पहलवानी धक्का मार दिया। मेरा आधा लंड मेरी माल की गांड में ४ इंच अंदर धंस गया। गुंजन को बहुत दर्द हो रहा था। शायद वो रो रही थी। फिर मैंने एक धक्का और खींच कर मार दिया और मेरा सम्पूर्ण ७” का लंड फ़च की मीठी आवाज करता हुआ पूरा गुंजन की गांड में उतर गया। गुंजन दर्द से कराहने लगी और अई…अई….अई……अई करने लगी। वो भागने की बहुत कोशिश कर रही थी, पर मैंने उसे नही भागने दिया और उसकी गांड ४० मिनट तक मार दी। दोस्तों, पहली चुदाई के बाद गुंजन मुझसे पूरी तरफ से खुल गयी थी और रोज चूत और गांड मरवाने लगी थी। ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

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