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होटल में चुदाई श्रुति की सच्ची घटना

आज मैं आपको एक स्टोरी शेयर कर रहा हू, श्रुति जिसकी मैंने चुदाई होटल में की वो मुझे नॉंवेग स्टोरी डॉट कॉम पे ही मिली थी वो मेरी एक कहानी पढ़कर फ़ेसबुक पे मेसेज किया की थी और मेरे साथ सेक्स रीलेशन के लिए बोला. जैसे की मैने अपनी पहली स्टोरीस मैं बताया की मुझे चूत चाटने मैं बहुत मज़ा आता है और औरतो की चूत का पानी पीना मुझे बहुत अछा लगता है.मेरा लंड 8″ लंबा और 4″ मोटा है. श्रुति बड़ी ही हॉट एंड सेक्सी लड़की है, मुझे उसको चोदने का मन करने लगा क्यों की मुझे जो फोटोग्राफ भेजी थी वो काफी सेक्सी थी.

मुझे देखते ही उसे चोदने का मान करने लगा. उसने बताया की वह शादीशुदा है और उसका एक 3 साल का बच्चा है… शादी को 5 साल हो गये है आफ्टर बेबी उसके हज़्बेंड के साथ रीलेशन अच्छे नही रहे और उसका पति भी उसे ढंग से नही चोदता है. ना ही उसकी तरफ ध्यान देता है. श्रुति का फिगर 34-30-38 बताया.

मैने श्रुति से पूछा की तुम कहा रहती हो और मैं तुमसे कहा मिल सकता हू. तो श्रुति बोली मैं दिल्ली के करोलबाग़ में रहती हु, उसने कहा की मुझे 2 दिन बाद कुछ काम से चंडीगढ़ जाना है और मैं वह एक होटेल मैं रुकूंगी. और वही मैं तुम्हे मिलूंगी.मैने कहा ठीक है हम आफ्टर 2 डेज़ मिलते है चंडीगढ़ मैं. और फिर हम सेक्स की बातें करने लगे. सेक्स टॉक के दौरान श्रुति सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी.

श्रुति फिंगरिंग कर रही थी और मुझे भी जोश आ रहा था और मैं भी अपना लंड पकड़ कर हिलने लगा…. श्रुति ने ज़ोर दार आवाज़ के साथ ही कहा साहिल मैं झड़ने वाली हू. आआआहह!!!! और वो झड़ गई.

आफ्टर 2 डेज़ ई रीच इन चंगीगढ़ और उसके बताए हुए होटेल पर मैं पहुंच गया.जब मैने श्रुति को देखा तो क्या मस्त लग रही थी.और उसके देख कर मैने उसे कहा की श्रुति आज तो तुम कयामत लग रही हो. लगता है जान लेने का इरादा है…उसने कहा ऐसा कुछ नही है. आज पहली बार किसी अनजान सक्स के साथ अजीब सा लग रहा है. मैने कहा क्यू घबरा रही हो जानेमन.बहुत मज़ा आएगा क्यू घबरा रही हो…उसने स्माइल कर दी… फिर हम होटेल मैं हम एक साथ गये और वाहा एक रूम बुक किया. रूम की चाबी लेकर हम रूम मैं एंटर हुए. और रूम मैं आते ही हमने समान छोडा और मैने श्रुति को पीछे से कस के पकड़ लिया और उसे अपनी और खींच लिया. उसने कहा क्या कर रहे हो रूको तो पहले समान तो रख ले. मैने कहा समान को यही रहने दो. और मेरे पास आओ. मुझे टाइम वेस्ट करना पसंद नही है…

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मैने और शरमाना बिलकुल भी नही. जैसे फर्स्ट टाइम तुम अपने हज़्बेंड के साथ किया था. मुझे उससे भी ज्यादा तुम्हारे साथ प्यार करना है. और फिर मैने उसे उल्टा करके उसे बेड पर धक्का दे दिया और उसपर टूट पड़ा… और उसे लगातार किस करने लगा. मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे.क्या मस्त बूब्स थे. एक दम फुटबॉल की तरह.मैं उसे बहुत जोर जोर से चूस रहा था और निप्पल को डाट से काट कर रहा था. और जोर से प्रेस कर रहा था. वो चिल्ला रही थी. साहिल डियर दर्द हो रहा है. मैने कहा दर्द मैं ही मज़ा है जान. और फिर मैं उसे स्मूच करने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके दोनो हाथ मेरे बालो में थे … श्रुति की जीब मेरी जीभ से टकरा रही थी. उसकी साँसे मुझे पागल बना रही थी… उसके होंटो का स्वस्त बहुत जबरदस्त था.

फिर मैंधीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगा. मेरा एक हाथ उसकी पाजामा के उपर से ही उसकी चूत पर पहुंच गया और उसे रब करने लगा. उसे मज़ा आने लगा. और उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर ली. मेरा एक हाथ उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था. और मैं उसकी ब्रेस्ट पर क़िस्सीस कर रहा था.मैने उस उठा कर उसकी कमीज़ उतार दी. उसने काली ब्रा पह्न रखी थी. आस्क फुटबॉल जैसे बूब्स ब्रा मैं क़ैद थे. मुझसे रहा ना गया तो मैने उसे पलट कर उसकी ब्रा के हुक को अपने मूह मैं दल कर खोलने लगा. उसे सरसराहट सी होने लगी. श्रुति ने कहा साहिल गुदगुदी हो रही है. हाथ से खोल दो. मैं हुक खोलने मैं मस्त था. और फिर मैने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया. उसके बड़े बड़े निपल. उसे सिद्धा करके मैने उसके बूब्स को फिर से अपने मूह मैं पूरा ड़ाल लिया और उसके निपल को चूसने लगा. .

धीरे धीरे मैं और नीचे बढ़ने लगा उसकी नेवेल बहुत गहरी थी. उसके अपनी जीब गुसा कर चूसने लगा. उसने मेरे सिर पर अपना हाथ रख कर दबाने लगी. और उसे गुदगुदी हो रही थी. फिर मैने उसकी पाजामा का नडा खोल दिया और एक ही जटके मैं उसकी पाजामा को उसकी टॅंगो से अलग कर दिया. उसने ब्लॅक कलर की ही पेंटी पहनी थी. ट्रॅन्स्परेंट टाइप. बिल्कुल छोटी सी. जिससे उसकी फूली हुई चूत नज़र आ रही थी. मैने उसकी चूत पर हाथ फेरा और अपने होंटो से उसकी पेंटी के उपर से ही उसकी चूत को चूमा. उसकी पेंटी गीली हो गई थी… और एक बार श्रुति झड़ भी गई थी…फिर मैने उसकी पेंटी को भी खोल दिया… श्रुति अब मेरे सामने पूरी नगी थी.

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वो किसी भी रूप से एक बचे की मा नही लग रही थी. काफ़ी मेनटेन रखा है उसने अपने आपको. मैने उसकी टाँगे उठाई. और अपनी जीब उसकी चूत मैं धीरे धीरे गुमाने लगा. और उसकी गीली चूत की चाटने लगा. क्या स्वादिस्ट चूत थी. ह्म्‍म्म्मम. उूउुआअ. बहुत मज़ा आ रहा था उसकी चूत का बहता हुआ पानी पीने का. उसने अपनी कमर उपर उठा कर मेरे मूह को कसकर अपनी चूत पर दबा दिया… मुझे और जोश आने लगा. मैने अपनी जीब पूरी बाहर निकल कर श्रुति की चूत की गहराई मैं गुसा दी.

और फिर उसकी चूत के दाने को अपने दातो मैं दबा कर. जोर जोर से काटने लगा. श्रुति चिल्लाने लगी आआआहााहह… साहिल दर्द हो रहा है. डियर चाटो काटो मत . पर मैं उसके दाने को दंटो मैं दबा कर काट रहा. और उसकी चूत का पानी लगातार बहता जा रहा था… जिसे मैं अपनी जीब से साफ कर रहा था. और मज़े लेकर पी रहा था….तब उसने अपने सरीर को कसना सुरू कर दिया और मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर कसकर दबाद दिया और आआअहह!! की आवाज़ निकलते हू झड़ गई. मैने उसकी चूत को साफ कर दिया. फिर मैने अगले राउंड के लिए तैयार हो गया. उसकी चूत भी काफ़ी टाइट थी. ज्यादा चुदी ना होने के कारण वो कुंवारी ही लग रही थी….

मैने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए… श्रुति मेरा लंड देख कर पागल सी हो गई. मैने अपना लंड उसके हाथ मैं दे दिया और उसे चूसने को बोला. श्रुति ने भी बिना डियर किए अपने मूह मैं ड़ाल लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. मैने उसके बालो को पकड़ कर अपने लंड को उसके गले तक उतार दिया.

और उसके मूह को जोर से ढके मार कर चोदने लगा. लगातार उसके मूह को चोदने के बाद मैं उसके मूह मैं ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई…मैने उसे दोआबारा स्मूच करनी सुरू कर दी. उसने मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी. मेरा लंड फिर खड़ा हो गया. मैने श्रुति को अपनी टाँगे खोलने को कहा. उसने अपनी टाँगे खोली… मैने उसकी टाँगे उपर की तरफ उठाई और अपने दोनो हटो की उंगलियो से उसकी चूत को फैला करने लगा… उसकी चूत को खोल कर अंडर तक झाँकना था… श्रुति ने पूछा क्या कर र्हे हो साहिल. मेरी चूत को चीरने का इरादा है क्या. मैने कहा मैं चूत की गेह देख रा हू. कितनी लाल है तुम्हारी चूत अंदर से.

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और फिर मैने अपना पूरा मूह उसकी चूत की गहराई मैं रख कर चूमा और फिर मैं उसके उपर आ गया और और उसकी टाँगे उठा कर अपने शोल्डर पर रख दी. और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके एक जोरदार धक्का मारा और अपना सारा लंड उसकी चूत की गहराई मैं घुसा दिया. पहले भी चुदी होने के कारण उसे ज्यादा तकलीफ़ नही हू. पर उसकी चीख निकल गई. काफ़ी टाइम से ना चुदबाने के कारण उसकी चूत टाइट थी…मैने धीरे धीरे उसे धक्के मारना सुरू कर दिए. उसे भी मज़ा आने लगा. वो भी अपनी कमर उछाल उछाल कर चुदबाने लगी… मैं अपने धक्को की स्पीड और तेज कर दी. लगातार तेज तेज धक्के मारने लगा. 10 मिनट तक चोदने के बाद मैने उसे घोड़ी बनने को कहा. और वो घोड़ी बन गई.

फिर मैने उसे घोड़ी बना कर चोदा . 5 मिनट तक उसे घोड़ी बना कर चोदने के बाद. फिर उसे अपने उपर बैठने को कहा. और उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत मैं डाला और उपर नीचे उछालने लगी. मुझे भी मज़ा आने लगा. फिर मैने उसकी कमर के नीचे हाथ रखा और नीचे से लगातार धक्के मरने लगा. और आफ्टर १० मिनट के बाद मैं झड़ने लगा तो मैने उसे पूछा की कहा छोड़ू अपना पानी. उसने कहा मेरी मूह मैं छोड़ो. फिर मैने ढके तेज सुरू कर दिए. और लास्ट 3-4 ढाको मैं मैने उसे उठने को कहा और फिर मैं उसके मूह मैं झड़ गया और वो मेरे लंड का सारा पानी पी गई. और उसने अपने मूह से मेरे लंड को साफ किया. और फिर मैने उसकी बगल मैं लेट गया. उस दिन मैने उसे 3 बार चोदा, और वो बोली की देखो तुम मुझे नेक्स्ट टाइम जब भी चोदने का हो मुझे ५ दिन पहले बता देना मैं नौकरी की इंटरव्यू के बहाने मैं दिल्ली के आस पास या तो दिल्ली में ही एक दिन के आ सकती हु. अब नेक्स्ट प्लानिंग मेरी है ग़ज़िआबाद में चोदने का, मैं आपको ये कहानी भी जल्द ही पोस्ट करने बाला हु.

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