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ट्यूशन देकर बच्चे की खूबसूरत माँ को चोदा

हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
मेरा नाम अविनाश है। मैं जौनपुर में रहता हूँ। मेरी उम्र 30 साल की है। मैं देखने में बहुत स्मार्ट हैंडसम लगता हूँ। मै एक अच्छे पर्सनालिटी का मालिक हूँ। मैने अब तक कई लड़कियों को चोदा है। मैने कई सारी मैडम को भी चोदा है। मुझे खूबसूरत लडकियां बहुत ही अच्छी लगती है। मेरा लंड लड़कियों को देखते ही खड़ा हो जाता है। मुझे लड़कियों के उछलते हुए चूंचियो को पीने में बहुत मजा आता है। सारी मैडम मुझसे चुदवाने को बेकरार रहती है। लेकिन चुदाई का तो असली मजा तो आया। मेरे एक स्टूडेंट की माँ के साथ। दोस्तों मैं अब अपनी कहानी पर आता हूँ।

दोस्तों बात अभी एक साल पहले की है। मैं एक अध्यापक हूँ। मैं एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता हूँ। मैंने B. Ed कम्पलीट कर ली है। मैं क्लास 5 से 8 तक के बच्चो को पढ़ाता हूँ। मैंने अभी तक सिर्फ स्कूल में ही पढ़ाता था। मै स्कूल में ही बच्चो को ट्यूशन भी पढ़ाता था। एक दिन मेरे एक स्टूडेंट लकी की मम्मी मेरे पास अपने बच्चे की शियाकत लेकर आयी थी। मैंने देखा तो देखता ही रह गया। क्या मस्त माल थी वो?? मेरे देखते ही मेरा लंड सलामी देने लगा। कहाँ उनका बच्चा काला काला!!और कहाँ उसकी मम्मी गोरी गोरी बिल्कुल अंग्रेजन लग रही थी। मैंने उनके पास गया और बोला।
मै-“क्या बात है मैडम जी”
मेरे इतना कहते ही वो भड़क कर बोलने लगी।

मै तो उनके घुमते हुए होंठो की तरफ ही देख रहा था। मुझे उनकी आवाज बहुत अच्छी लग रही थी। मैंने उनके बच्चे को बुलाया। मै उनके सामने ही उनके बच्चे की तारीफ़ करके उनके बच्चे को समझाने लगा। मैंने उनके बच्चे को अंदर भेज दिया। जी करता था इन्हें अभी के अभी चोद डालूँ। तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया। मैंने कहा-” मैडम क्या मैं आपका शुभ नाम जान सकता हूँ”
उसने अपना नाम काव्या बताया।
मैं-“काव्या जी आपका बच्चा पढ़ने में तो बहुत ही अच्छा है लेकिन उसे एक ट्यूशन आप अलग अकेले ही करवा दो तो ज्यादा बेहतर होगा”

काव्या-” कोई टीचर ज्यादा दिन पढ़ा ही नहीं पता। इतनी बतमीजी करता है वो”
मैं-” मुझसे तो अच्छे से बात करता है पढता बजी ढंग से है”
काव्या-“तो आप ही पढ़ा दो ना”
मै बहाना मार कर कहने लगा-“नहीं मेरे पास टाइम नहीं है”
काव्या बहुत मनाने लगी। सर आप पढ़ा दो। कन से कम आपसे पढ़ेगा तो ऐसा वैसा बोल के मुझे मनाने लगी। मैंने हाँ कर दी।
मै -” ठीक है मैं कल से शाम को 7 बजे से पढाऊंगा”
काव्या-“थैंक यू ठीक है कल से आप पढ़ाने आइयेगा”
इतना कहकर हम लोगों ने खूब बाते की। स्कूल की छुट्टी ही चुकी थी। अपने बच्चे को लेकर काव्या घर चली गई। दूसरे दिन मैं उनके बताये पते पर उनके घर गया। काव्या बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी।

मैं पास के सोफे पर जाकर बैठ गया। किसी तरह से अपने लौड़े पर हाथ रख कर उसे दबाने की कोशिश कर रहा था। काव्या मेरे पास आई। मुझसे बातें करने लगी। काव्या भी धीरे धीऱे मेरे तरफ आकर्षित होने लगी। लगभग महीनो गुजर गए। लेकिन हमारी कहानी आगे बढ़ ही नहीं रही थी। एक दिन रेप को लेकर बात करने लगी। उसी पर धीऱे धीऱे हम एक दूसरे से खुल ककर बात करने लगे। लेकिन पता ही नहीं चला बात करते करते हमे प्यार भी हो गया। अब तो बेचैनी इतनी ज्यादा हो गई की एक दिन ना देखूँ ना बात करूं तो पूरा दिन बहुत अजीब सा लगता था। लेकिन किसी तरह से ऐसे ही चल रहा था। रोज की तरह एक दिन मैं पढ़ाने गया। काव्या ने बताया था। उनके पति बाहर चंडीगढ़ में रहते हैं। महीने में एक बार घर आते हैं। मैंने एक दिन जाकर अपने दिल की सारी बातें काव्या को बता दी। काव्या ने मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा।

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काव्या-“प्यार तो मुझे भी हो गया था। जब मैंने पहली बार ही देखा था”
मेरे तो ख़ुशी का ठिकाना भी ना रहा।
मैंने कहा-” तो अभी तक तुमने बताया क्यों नहीं”
काव्या-“बहुत डर लग रहा था”
अब हम एक दूसरे से और ज्यादा देखने बात करने लगे। कभी कभी वो मेरे गालो को पकड़ कर खींच लेती थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। एक दिन उनका बच्चा देव अपने दोस्त की बर्थडे में उसके घर गया हुआ था। उसने मुझे स्कूल में ही बताया था। लेकिन फिर भी मैं उनके घर गया। मैंने घर जाकर देखा तो घर पर काव्या ही थी। काव्या ने पूंछा-“देव ने नही बताया तुम्हे की उसे आज कहीं जाना है”
मैंने कहा-“बताया तो था लेकिन मेरी प्रॉब्लम तो तुम्हे पता ही होगी”
काव्या मेरी तरफ बडी हवस की नजरों से देख रही थी। काव्या मुझे सोफे पर बैठने को कहा। मैं सोफे पर बैठ गया। काव्या को भी मैंने अपने साथ बैठा लिया। काव्या से बात करने लगा। काव्या भी मेरे साथ मेरे पास बैठ कर खुश थी। काव्या मेरी तरफ देख रही थी। मैं काव्या की होंठो को देख रहा था।
काव्या-“क्या देख रहे हो”

मै-“कुछ नहीं काश! मै तुम्हे हमेशा देख पाता”
इतना कहकर काव्या का हाथ मैंने अपने हाथों में ले लिया। काव्या खुशी ख़ुशी अपना हाथ मेरे हाथों में दे दी। लेकिन आज काव्या ने मेरे गालो को ना छूकर। अपना होंठ मेरे गालो से छुआ कर मेरे कान में आई लव यू बोला। मैंने भी लव यू 2 बोला। उसके बाद मैंने काव्या को अपनी बाहों में लेकर उसे प्यार करने लगा। काव्या मेरी बाहों में पड़ी थी। मैं उसके बालों कों सहला कर उसका चेहरा देख रहा था। काव्या मेरी गोद में लेट कर मुझे देख रही थी। मैंने अपना चेहरा धीऱे धीऱे काव्या की तरफ करने लगा। काव्या ने अपनी आँखे बंद कर ली। मैंने काव्या के चेहरे के ऊपर से अपना चेहरा हटा लिया। काव्या कुछ देर बाद अपनी आँख खोली तो मेरा चेहरा दूर था। काव्या ने को मै कर रहा था। करने को कहने लगी। मैंने इस बार सीधा अपना होंठ काव्या की होंठ में लगा दिया। काव्या ने चैन की सांस ली। मैंने काव्या की होंठो को चूम लिया। काव्या अपनी आँखे बंद करके अपने होंठो को चूमने का अवसर दे रही थी। मैंने भी मौके का फायदा उठाया। मैंने तुरंत अपना होंठ काव्या की गुलाबी होंठो पर रख दी। काव्या की होंठ गुलाब की पंखुड़ियों के जैसे लग रहे थे।

काव्या भी मेरा साथ दे रही थी। काव्या भी काफी दिनों की चुदासी लग रही थी। काव्या का साथ मुझे बहुत मजा दे रहा था। मुझे काव्या के होंठ चूंस्ने में बहुत मजा आ रहा था। काव्या की होंठो का मैंने खूब रस निचोड़ कर पिया। काव्या भी मेरे होंठ को खूब चूसा। हम दोनों एक दुसरे के होंठ चूस चूस कर मजा ले रहे थे। काव्या ने अपना होंठ मेरे जीभ में लगा कर चूस रही थी। मैंने भी काव्या की होंठो को उसी के जैसे चूसने लगा। काव्या ने मेरे होंठ से लेकर जीभ तक चूसना शुरू किया। मैंने भी काव्या के जीभ तक चूसना शुरू किया। मेरा लौड़ा खड़ा होता जा रहा था। काव्या मेरे लौड़े पर ही लेती थी। काव्या की पीठ में मेरा लौड़ा चुभ रहा था। काव्या ने अपनी आँखे खोली। काव्या की चुदवाने की झलक उसकी आँखों में दिख रही थी। मैंने काव्या को उठाया। मेरा पैर दर्द करने लगा। कव्या की खूबसूरती का तो कोई जबाब ही नहीं था। काव्या की आँखे हल्की भूरी थी। बहुत ही नशीली लगती थी। उसके हाथ बहुत ही सॉफ्ट थे। उसका बदन एक एक अंग बहुत ही लाजबाब लग रहा था।

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हर औरतों की तरह उसका पेट भी नहीं निकला था। मुझे काव्या बहुत ही अच्छी लग रही थी। काव्या ने उस दिन नीला सलवार कुर्ता पहन रखी थी। उस नीले रंग के कपडे में वो और भी हॉट लग रही थी। काव्या भी चुदाई के लिए तड़प रही थी। मैने काव्या को पीछे से पकड़ लिया। काव्या ने अपना चेहरा ऊपर कर दिया। मै काव्या की होंठ चूसने लगा। मैंने अपना हाथ काव्या की पेट के ऊपर से करते हुए। काव्या की बूब्स पर अपना हाथ रख दिया। काव्या की बूब्स बहुत ही सॉफ्ट लग रही थी। मैंने काव्या की बूब्स को हल्के से दबाया। काव्या ने कोई विरोध नहीं किया।
मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैंने अपने दोनों हाथों में काव्या की दोनों चूंचियों को पकड़ लिया। काव्या की दोनों चूंचियों को मैं मसलने लगा। काव्या की साँसे तेज होने लगी। काव्या ने अपनी साँसे मेरे नाक के ठीक सामने छोड़ रही थी। काव्या की गर्म गर्म साँसों को महसूस करके मुझे बहुत मजा आ रहा था। काव्या ने अपनी साँसों को क़ुर तेज किया।

काव्या गर्म हो चुकी थी। मुझे भी काव्या की चूंचियों को दबाने में बाह्य6 मजा आ रहा था। काव्या की दोनों चूंचियो को मैं बारी बारी से दबा रहा था। मैंने काव्या की कुर्ता को ऊपर करके निकाल दिया। काव्या की चूंचियां बहुत ही लाजबाब लग रही थी। उसकीं काले रंग की टाइट ब्रा में उसकी चूंचिया बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी। मैने काव्या की ब्रा में ही उसके मम्मो को दबाने लगा। काव्या की मुँह से “आई….आई…आई….अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी…हा हा हा…” की आवाज धीऱे धीऱे निकलने लगी। मैंने काव्या की ब्रा को निकाल कर उसके मम्मो के दर्शन किये। उसके मम्मो के ऊपर काला निप्पल बहुत ही जबरदस्त लग रहा था। मैने काव्या की दोनों चूंचियों को पकड़ कर उसके दोनों मम्मो को अपने हाथों में लिया। मैंने अपना मुँह काव्या की मम्मो के निप्पल पर लगा दिया। मैंने उसके चूंचियों को पीना शुरू किया। मैं उसके चूंचियों को पी रहा था।। काव्या मुझे अपने चूंचियों में दबा रही थी। मैं काव्या के निप्पलों को काट काट कर पी रहा था। काव्या की धीऱे धीऱे की “आई….आई…आई….अहह्ह्ह्हह.. .सी सी सी सी…हा हा हा…” सिसकारियां अब तेज होने लगी। काव्या अब बहुत ही गरम हो चुकी थी।

मैंने काव्या के सलवार का नाड़ा खोला। काव्या की सलवार नीचे गिर गई। काव्या की सलवार नीचे गिरते ही काव्या अपनी दोनों हाथो से अपनी चूत को मसलने लगी। मैंने काव्या की सलवार को निकाल दिया। काव्या की पैंटी में उसका चूत बहुत ही गजब का लग रहा था। काव्या का हाथ मैंने उसकी चूत से हटाकर अपना हाथ रख दिया। काव्या और भी ज्यादा गरम होने लगी। उसने जल्दी जल्दी गरमा गरम साँसे छोड़ने लगी। मैंने काव्या को सोफे पर बैठा दिया। काव्या की मैंने पैंटी निकाल दी। काव्या की चिकनी चूत के थोड़े थोड़े से दर्शन हो गए। मैंने काव्या की दोनो टांगों को फैला दिया। मुझे कब काव्या की चूत के अच्छे से दर्शन हो गया। काव्या की चूत अभी बहुत चिकनी और टाइट लकग रही थी। मैंने अपना मुँह काव्या की चूत पर लगा दिया। काव्या की चूत को चाटने में बहुत मजा आ रहा था। काव्या की चूत की दोनों टुकड़ो को मै चाट चाट कर चूस रहा था। काव्या की चूत में मै अपनी जीभ डाल कर अच्छे से चूस रहा था। मैं काव्या की चूत के दाने को बीच बीच में काट लेता था। काव्या सिमट कर “उ उ उ उ उ…अअअअअ आआआआ….सी सी सी सी…ऊँ…ऊँ…ऊँ…” की आवाज निकाल रही थी। मैंने काव्या की चूत को चाटना बंद किया।

काव्या ने मेरा पैंट खोल कर मेरा लौड़ा निकाल लिया। मेरा लौंडा अपने हाथों में लेकर काव्या मुठ मार रही थी। काव्या मेरा लौड़ा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। काव्या मेरे लौड़े को चूस चूस कर उसका सुपारा लाल लाल कर दिया। मैंने भी अपना लौड़ा काव्या की गले तक पेलने लगा।
काव्या की गले में पेलते ही काव्या उँ.. उँ… ऊँ.. करने लगती थी। मैंने काव्या की मुँह से अपना लौड़ा निकाल कर उसकी टांगो को फैला दिया। मैंने अपना लौड़ा काव्या की चूत पर रगड़ने लगा। मैंने काव्या की चूत को रगड़ रगड़ कर लाल लाल कर दिया। मैंने अपना लौंडा काव्या की चूत के दोनों टुकड़ो के बीच में रगड़ रहा था। काव्या अब चुदवाने को तड़प रही थी। मैंने अब अपना लौंडा काव्या की चूत के छेद पर रख कर घुसाने लगा। काव्या की चूत में मेरा लौंडा घुस ही नहीं रहा था।

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मेरा लौड़ा काफी मोटा था। ऊपर से काव्या की चूत भी बहुत टाइट थी। मैंने जोर लगा कर धक्का माऱा। काव्या की चूत में मेरा लौड़ा घुस गया। काव्या जोर से “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ…अ अ अ अ अ….आआआआ—-”की आवाज अपने मुंह से निकालने लगी। मैंने और जोर से धक्का मार कर अपना पूरा लंड काव्या की चूत में घुसा दिया। काव्या की चूत की जान निकल गई। मैंने काव्या की चूत में और जोर जोर से अपना लौड़ा पेलना शुरू किया। काव्या की चूत को मैंने खूब चोदा। काव्या की चुदाई से पूरा सोफा हिल रहा था। मैंने अपना लौड़ा निकाल निकाल कर लपा लप पेल रहा था। मैंने अपना लौड़ा काव्या की चूत निकाल लिया। काव्या की चूत में अपना लौड़ा दुबारा उसे कुतिया बनाकर चोदने लगा। मैंने अपना लौंडा फिर काव्या की चूत में डालकर उसकी कमर पकड़ कर चोदने लगा।

मैंने अपना लौड़ा जल्दी जल्दी निकाल निकाल कर डाल रहा था। काव्या की तेज चुदाई से काव्या “आआआअह्हह्हह…ईईईई ईईई… ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई..अई…अई….” की आवाज के साथ चुदाई करवा रही थी। मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से निकाल कर उसकी गांड की छेद पर लगा दिया। मैंने अपने लौड़े पर थूक लगाया। मैंने अपना लौड़ा काव्या की गांड़ में पेलने लगा। काव्या की गांड़ में मेरे लंड का सुपारा घुसा ही था। कि “…उंह उंह उंह..हूँ..हूँ…हूँ.. .हमम म म अहह्ह्ह्हह…अई….अई…अई…” की चीख निकालने लगी। मैंने उसकी गांड़ को चोदने लगा। मैंने अपना पूरा लौड़ा काव्या की चूत में डाल दिया। काव्या की बहुत जोर जोर से चुदाई करने लगा। मैंने थक कर खुद सोफे पर लेट गया। काव्या भी मेरे लंड पर आकर बैठ गई। मैंने अपना लौड़ा खड़ा किया। मैंने अपना लौड़ा उसकी गाँड़ से सटा दिया। काव्या धीऱे धीऱे से मेरा पूरा लौड़ा अपनी चूत में अंदर ले लिया। काव्या ने अपनी गांड़ उछाल उछाल कर चुदवा रही थी। काव्या की गांड़ की चुदाई में बहुत मजा आ रहा था।

काव्या की गांड़ को मै बहुत मजे लेकर अपनी कमर उछाल उछाल कर चोद रहा था। काव्या की चूत चुदाई से ज्यादा मजा उसकी गांड़ चुदाई में आ रहा था। मेरी चोदने के स्पीड बढ़ने लगा। मै भी अपनी कमर उठा उठा कर जोर जोर से चोदने लगा। मै झड़ने वाला हो गया। मैंने अपना लौड़ा काव्या की गांड़ से निकाल कर खड़ा हो गया। काव्या नीचे बैठ कर मेरा लौड़ा पकड़ लिया। काव्या जोर जोर से मुठ मारने लगी। मैंने अपना सारा माल काव्या की मुँह में निकाल दिया। काव्या मेरा सारा माल पी गई। मै उस दिन काव्या की दो बार चुदाई की। जब भी अब मुझे मौका मिलता है। मै काव्या की खूब चुदाई करता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे.

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