आज मैं अपनी बहन की कहानी सुनाने जा रही हूँ। कैसे अपनी बहन को मैंने चोदे खेत में। वो पूरी कहानी आपको सूना रहा हूँ। चोदना तो नहीं चाहता था पर हालात ही ऐसे बन गए थे की मुझे खुद ही अपनी बहन को चोदना पड़ा। अब मैं कहानी पर आता हूँ।
मेरी बहन का नाम फिरदोश है मेरा नाम सलीम है। मैं उत्तर पदेश का रहने वाला हूँ। मेरी बहन जो की अठारह साल की है। वो लड़कों में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट लेती है। जब से जवान हुई है तब से उसने हम परिवार वालों का जीना हराम कर रखा है। कभी किसी लड़के के साथ कभी किसी के साथ। यहाँ तक की मेरे रिस्तेदार में शायद ही कोई होगा जो मेरी बहन की चुत नहीं फाड़ी होगी।
यानी मेरी बहन एक नंबर की चुड़क्कड़ है। और चूत की गर्मी शांत नहीं होती है। इसलिए वो हरेक बार नए नए लड़के को फंसाती है। और फिर घर से बाहर उससे मिलती है। यही हुआ एक जनवरी के दिन। एक जनवरी को यानी नए साल पर वो अपने नए आशिक दीपक के साथ सेटिंग की, और खेत में मिलने के लिए बुलाया।
मुझे ये बात उसके मोबाइल के व्हाट्सप्प चैट से मालूम हो गया था। अब वो बाथरूम गयी थी तभी उसका मैंने फ़ोन चेक कर लिया। शाम को करीब छह बजे वो दीपक को मिलने बुलाई थी। मुझे लगा की आज ही अपनी बहन को रंगे हाथ पकडूँगा और फिर उसका ये छिनरपना दूर होगा।
घर से वो साढ़े पांच बजे ही निकल गयी। और घर में अब्बू और अम्मी को बोली कि मैं अपनी दोस्त के यहाँ जा रही हूँ उसका जन्मदिन है। अम्मी अब्बू भी जाने के लिए बोल दी। उनको लगा की लड़की का बर्थडे है तो कोई दिक्कत नहीं है और भी सहेलिया है तो कोई दिक्कत भी नहीं है। पर मुझे तो पता था आखिर क्या बात थी और वो कहा जा है है। वो तो अपनी चूत की गर्मी शांत करने जा रही है।
मैं भी उसके पीछे पीछे निकल गया। मैं उसके बताये जगह पर पहुंचा तो कोई था नहीं। अँधेरा भी होने को था तो कुछ साफ़ साफ़ दिखई नहीं दे रहा था। मुझे लगा की कही और चली गयी है। तभी धान के खेत से आह आह आह और जोर से और जोर से और जोर से। की आवाज आने लगी थी। ये आवाज मेरी बहन की थी।
मैं तुरंत ही दौड़कर करीब पहुंचा तो देखा मेरी बहन निचे लेटी है अपना सलवार खोल कर मेड़ पर रख दी और खेत में दोनों पैर फैलाये ऊपर की हुई थी और वो लड़का अपना पेंट खोले हुए थे और जोर जोर से धक्के दे रहा था और चूचियां मसल रहा था। मैं जैसे ही करीब पहुंचा वो भाग खड़ा हुया। मैं उसके पीछे दौड़ा पर वो निकल गया।
मैं वापस आया तो उस समय मेरी बहन पेंटी पहन रही थी और सलवार वही पर रखा था। मैं तुरंत ही उसके बाल पकड़ पर बोला क्यों रे छिनार बहुत मजे लेती है। किस किस ने तुमको नहीं चोदा? तुम इतनी हरामी कैसे निकल गयी तुम तो खुले आम रंडी पाना कर रही है। कभी किसी से चुदवाती है कभी किसी से आखिर तेरी चुत की गर्मी कम क्यों नहीं होती है।
अगर इतनी ही आग लगी होती है तुम्हारे चुत में तो बोल तेरी चूत लंड पेल देता हूँ ताकि तेरी लंड की प्यास बुझ जाये। जब हरेक से चुदवा ही रही है तो अपने भाई से ही मरवा से गांड और चुत। तो मेरी बहन बोली हां मैं रंडी हूँ हां मैं चुड़क्कड़ हूँ। हां मुझे लंड चाहिए। हां मुझे चुदाई की गर्मी है। चोद ना मुझे। तू ही शांत कर दे मेरी गर्मी।
मैं भी ग़ुस्से में था तुरंत ही पटक दिया खेत में और पेंटी उतार दी। उसके बाद अपना लंड निकाला और चुत पर लगा कर जोर से घुसा दिया। मेरी बहन की चूत पहले से ही गीली थी जल्दी ही लंड अंदर चला गया। मैं तुरंत ही उसके चूचियों को पकड़ लिया और मसलने लगा। जोर जोर से धक्के देने लगा। मेरा पूरा लंड उसकी चुत में जा रहा था।
मेरी बहन भी जोश में आ गयी उसने स्वेटर उतार दी अपनी समीज ही उतार ही ब्रा खोल दिया। टाँगे ठीक से फैला ली। अब वो पूरी तरह नंगी हो गयी थी। मैं उसको चूसने लगा। कभी होठ कभी बूब्स। निप्पल को दो ऊँगली से रगड़ने लगा। वो और भी जोश में आ गयी। उसने गांड उठा उठा कर गोल गोल घुमाने लगी।
और कहने लगी जोर से जोर से और जोर से। मार मेरी चूत और जोर से आह आह आह आह आह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह बहुत अच्छे बहुत अच्छे। और मैं जोर जोर से चोदने लगा। करीब आधे घंटे तक उसके खूब चोदा जब वो शांत हुई तब मैंने अपना माल उसकी चूत में डाला। तब जाकर वो शांत हुई।
उस दिन के बाद मैं अब अपनी बहन को रोजाना चोद रहा हूँ। मैं भी खुश वो भी खुश। घर का माल घर में।
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