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कल रात मुझे और मेरी छोटी बेटी को चोदा मेरा दामाद जानिए कैसे

माँ बेटी की चुदाई : आज मैं भी आपको अपनी एक गर्मा गर्म सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये कहानी मेरी पहली कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर, ये सेक्स कहानी मेरे और मेरे दामाद और मेरी छोटी बेटी पिंकी की है। और ज्यादा पुरानी भी नहीं है। कल की ही है तो कैसे कब क्या हुआ सब आपको बताने जा रही हूँ।

मेरे घर में मैं मेरी छोटी बेटी पिंकी और राधिका मेरी बड़ी बेटी है। पति नहीं है किसी और के साथ भाग गया है। वो भी अपनी बेटी से भी छोटी उम्र की लड़की के साथ। राधिका की शादी पिछले साल दिसंबर में हुआ है। राधिका और उसका पति दोनों बंगलोर में रहते हैं और मैं और पिंकी दोनों वसुंधरा ग़ज़िआबाद में रहते हैं। मैं माँ बेटी अकेली ही रहती हूँ।

किसी ऑफिस के काम से मेरे पति दिल्ली आये थे तो वो वसुंधरा आ गए। मुझे और मेरी छोटी बेटी को बहुत अच्छा लगा जब आये तो। शाम को हम तीनो बाहर जाकर खाना खाये शॉपिंग किये। बड़े खुले दिमाग के हैं मेरा दामाद। वो हम तीनो माँ बेटी को बहुत इज्जत देते हैं। कभी किसी चीज की कमी नहीं होने देते।

पर कल रात कुछ ऐसा हो गया दोस्तों जिससे हम दोनों का सेक्स सम्बन्ध बन गया और बाद में मेरी बेटी यानी छोटी बेटी पिंकी भी चुद गयी।

रात को जब घर आये तो हम तीनो ही बहुत ज्यादा थक गए थे। पिंकी अपने कमरे में सोने चली गयी पर मैं अपने दामाद जी से बातें करने लगी दूसरे कमरे में। वो भी लेटे थे और मैं बैठी थी उसी पलंग पर रात के करीब 12 बज गए थे। तभी दामाद की को पता नहीं क्या सुझा उन्होंने अपना सिर मेरे गोद में रख दिया पहले तो मैं चौंक गयी फिर लगा की चलो ये भी बेटे के ही जैसा है।

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मैं बोली क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है सासु माँ पर। तो उन्होंने कहा ऐसी बात नहीं है आपको मैं कभी भी सासु माँ नहीं मानता आपको अपनी माँ मानता दोस्त मानता सब कुछ मानता मैं आपको अपनी सास और दामाद के रिश्ते में नहीं रखना चाहता। मैं आपको वो सभी खुसी देना चाहता हु जिससे आपको और किसी रिश्ते की जरुरत नहीं पड़े चाहे बेटे की हो दोस्त की हो दामाद की हो या। ………

तो मैं बोली या का क्या मतलब तो उन्होंने लड़खड़ाते हुए लफ्जों से कहा हां सच बोल रहा हूँ माँ जी। मैं वो सब आपको देना चाहता हु ऐसे भी आपकी उम्र ही क्या है 40 की हुई है और आप दोनों बेटियों की बहन लगती हैं। इतना सुनते ही मैं अपने भावनाओं पर काबू नहीं रख पाई और मैं अपना होठ दामाद जी के होठ पर रख दी।

उसके बाद तो मैं खो गयी क्या हुआ मुझे भी नहीं पता मैं लेट गयी उनके साथ मेरे होशो हवस ग़ुम हो गए थे। मेरा हाथ उनके गालों को सहलाते हुए किश करने लगी लिप हो गए मैं उनके ऊपर चढ़ गयी। उनके बनियान खोल दिए। और फिर उन्होंने मेरे नाईट सूट को उतार दिया ब्रा मैं खुद ही खोल दी।

मेरी बड़ी बड़ी टाइट और गोल गोल चूचियां आगे की तरफ उभार ले लिए था और मेरे दामाद जी की साँसे तेज तेज चलने लगी और मेरी चूचियों को सहलाते हुए वो उँगलियों से मेरी निप्पल को मसलने लगे। मैं ;पागल होने लगी। मेरे तन बदन में आग लग गयी। मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैं खुद ही पेंटी खोल दी और अपनी चूत दामाद जी के लंड पर रगड़ने लगी।

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मेरे होठ सुख रहे थे। आँखे लाल हो गयी थी। पागल हो रही थी मेरे अंदर वासना की ज्वाला भड़क गयी थी। अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने उनका लंड अपने हाथ में ली और चूसने लगी। वो आह आह आह करने लग्गे। मैं उनके लंड को आइसक्रीम की तरफ चूसने लगी।

उनसे भी नहीं रहा आया उन्होंने तुरंत ही बैठ गए और मुझे लिटा दिए। उसके बाद पहले तो उन्होंने मेरी चूचियों से खेला और फिर मेरी चूत चाटने लगे। मेरी चुत गरम गरम पानी निकल रहा था और वो तुरंत ही चाट रहे थे। मैं भड़क गयी थी मुझे लंड चाहिए था। मैंने अपनी टाँगे खोल दी और चुदवाने के लिए तैयार हो गयी।

उन्होंने अपना मोटा लंड पहले मेरे चूत पर रगड़ा और फिर चुत की छेद पर रखकर जोर से घुसा दिया मेरी चूत में करीब ९ इंच का लंड सपाक से चला गया। मैं आह आहे ओह्ह ओह्ह ओह्ह करने लगी और वो जोर जोर से धक्के देने लगे। मेरी चूचियां हिल रही थी हरेक झटके से और मैं मजे ले रही थी।

कभी वो मेरी चूचियों को मसलते तो कभी मेरी गांड को सहलाते कभी वो मेरी बगल को चाटते कभी होठ को चूसते। कभी वो गर्दन पर दांत गड़ाते कभी वो मेरी कानो को खाते और साथ साथ में जोर जोर से धक्के देते रहते। मैं आह आह आह ओह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह कर रही थी।

उन्होंने मुझे अलग अलग तरीके से करीब एक घंटे तक चोदा मैं हार मान गयी और बोली बस आज के लिए इतना ही और मैं सो गयी। क्यों की मैं चार चार बार झड़ गयी थी। मेरा शरीर टूट चूका था। मैं सो गयी। नंगी ही नींद में चली गयी। रात को करीब 2 बजे नींद खुली तो दूसरे कमरे से आह आह आह आह आह आह ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह की आवाज आ रही थी।

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दौड़कर गयी और देखि तो सन्न रही थी पिंकी अपनी जीजा से चुद रही थी। वो मस्त चुड़क्कड़ निकली वो खुद ही अपनी चूत में लंड ले रही थी और जोर जोर से उछाल उछाल कर अपनी चूत में डलवा रही थी। मैं चुपचाप अपने कमरे में आ गयी। समझ गयी अकेला इंसान हम तीनो को चोद रहा है। एक बंगलोर में और दो यहाँ। क्या नसीब पाया है मेरा दामाद.