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खेल खेल में चुदाई, भाई ने बहन को चोदा

ये कहानी आज से एक महीना पहले की है, मम्मी पापा घर पे नहीं थे और मेरा भाई मुझे चोद दिया, और मैं भी ख़ुशी ख़ुशी चुद गयी, आज मैं आपको अपनी कहानी कहने जा रही हु,

मैं 19 साल की हु और मेरा भाई मुझसे बड़ा है, मैं स्टोरी पढ़ने की शौक़ीन हु, मैं अपने मोबाइल फ़ोन पे नॉनवेज स्टोरी कॉम रोज पढ़ती हु, बहुत मजा आता है, सारे कहानी सब सेक्स स्टोरी वेबसाइट से अलग होता है, मजा आ जाता है ठण्ड में भी गर्मी हो जाती है शरीर में, आज मैं अपनी कहानी भी इस वेबसाइट पे पोस्ट कर रही हु, आशा करती हु की आपको अच्छी लगेगी, अगर हिंदी लिखने में कोई गलती हो तो क्षमा करना.

मेरा नाम रूचि है, रूचि अग्रवाल, मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ती हु, मेरा भाई योगेश बहुत ही अच्छा लड़का है, हमदोनो बचपन से ही एकसाथ रहते खेलते है, अगर कोई हम दोनों को बाहर भी देख ले तो उससे कभी ये नहीं लगेगा की हम दोनों भाई बहन है उन्हें लगेगा की हम दोनों दोस्त है, हम दोनों बहुत ही खुले विचार के है, एक दूसरे की भावना को समझते है और एक दूसरे की प्रॉब्लम को सुनते है और ठीक करने की कोशिश भी करते है, हमें नहीं लगता है की कोई बात हमने आजतक अपने भाई से छुपाई है. अब मैं कहानी पे आती हु.

एक दिन मेरे मम्मी और पापा दोनों एक रिश्तेदार की शादी में गए थे, घर में हम दोनों भाई बहन ही थे, हम दोनों आपस में मस्ती करने लगे, मैं उसके पेट में गुदगुदी कर दी वो भी मेरे पेट में गुदगुदी कर दिया, मैंने उसके गाल को पकड़ के खीच लिया उसने भी मेरे गाल को पकड़ के खीच लिया, ये खींचतान बढ़ता गया, और फिर हम दोनों घर में इधर उधर भागने लगे और एक दूसरे को चिढ़ाने लगे गुदगुदी करने लगे, और हम दोनों जोर जोर से है रहे थे, अचानक मैंने अपने भाई के लंड को पकड़ लिया, मैं जानबूझ कर नहीं पकड़ी थी गलती से पकड़ा गया.

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तभी मेरा भाई मेरे तरफ दौड़ा और कहने लगा “अच्छा तो तुम यहाँ तक पहुंच गयी” और वो मेरे पीछे भगा और कहने लगा मैं भी नहीं छोड़ँगा, मैं भागी और किचन में जाके के दरवाजा अंदर से लगाने लगी, पर वो धक्के दे के खोल दिया, तब मैं कहने लगी, “भाई गलती से छु गया मैंने जान के नहीं किया” मुझे छोड़ दो प्लीज, पर वो कह रहा था मैं सब समझ रहा हु, गलती से छु गया!!! और वो मेरे पास पहुंच गया, वो मेरी चूचियों को छूने लगा, मैं बैठ गयी और अपने घुटनो से अपने चूचियाँ को दबा ली, और ऊपर से हाथ से पर मेरा भाई मेरे पीछे से मेरी चूचियों को किसी तरह से पकड़ लिया और दाबने लगा और कह रहा था देख तूने छुआ और मैं भी तुम्हे छु लिया, बात खत्म.

पर जब मेरी चुचिओं को दबा रहा था उसका लंड मेरे पीठ को टच कर रहा था, मोटा सा कडा सा मुझे भी कुछ होने लगा था और अब मैं उसके पीछे भागी, और फिर वो भाग के बैडरूम में पहुंच गया, मैं वह जाके उसका लंड अब पूरी अच्छी तरीके से पकड़ ली, जैसे भी मैं उसका लंड पकड़ा वो तो बड़ा होने लगा और मेरा भाई चुपचाप खड़ा हो गया, और उसका लंड मोटा होने लगा, मैं भी अपने हाथ में बड़ा होते लंड को महसूस कर रही थी, फिर क्या था, मेरे तो रोम रोम खिल गया, मैंने अपने भाई से कहा क्या मैं अंदर से पकड़ लू, वो कुछ भी नहीं बोला.

मैं उसके ट्रैक सूट के अंदर हाथ डाल के उसके लंड को पकड़ लिया, उसने भी मेरे टी शर्ट के अंदर हाथ डाल के मेरी चूचियों को पकड़ लिया. फिर वो मेरा टी शर्ट खोल दिया, मैं ब्रा में थी और निचे स्कर्ट पहनी थी, उसने मेरी ब्रा को खोले लगा पर हुक उससे खुल नहीं रहा था, मैंने मदद की और हुक खोल की अपनी चूचियाँ उसके हवाले कर दिया, वो तो क्या बताऊँ नॉनवेज स्टोरी के दोस्तों वो तो टूट पड़ा, और मेरी निप्पल को पिने लगा, अब तो मेरी चूचियाँ दबा रहा था, और पि रहा था, उसने कहा कुछ भी नहीं निकल रहा है, तो मैंने कहा तुम पि यहाँ रहा है पर पानी तो मेरे चूत से निकल रहा है.

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इतना सुनते ही वो मेरे स्कर्ट को खीच के निकाल दिया और पेंटी को भी खोल दिया और निचे आके मेरे चूत को देखने की कोशिश करने लगा, फिर मैंने बेड पे जाके लेट गयी ताकि मेरे भाई को कोई दिक्कत ना हो, वो करीब आके मेरे जांघों को अलग अलग दिया और फिर अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा, अब मैं उसके बाल को पकड़ के खीच खीच के अपनी चूत में सटाए जा रही थी, मैंने कहा भाई मुझे क्यों तड़पा रहे हो मैं भी तुम्हारे लंड को अपने मुह में लेना चाहती हु, वो फिर 69 के पोजीशन में आ गया अब मैं उसके लंड को अपने मुह में ले ली और वो मेरी चूत को चाटने लगा. क्या बताऊँ दोस्तों मजा आ गया बार बार मैं अपने चूत का पानी छोड़ रही रही वो चूत की नमकीन पानी को चाट चाट कर मस्त हुए जा रहा था,

फिर वो मेरे तरफ आके मेरी होठ को चूसने लगा, और अपने हाथो से मेरी चूचियों को दबाने लगा, मैंने खुद ही अपना पैर फैला दी और बोली अब लंड डाल मेरी चूत में, उसने लंड को मेरी चूत पे लगाया और एक झटका दिया पर लंड मेरी चिकनी चूत से फिसला गया मैंने कहा क्या कर रहे हो भाई ठीक से करो ना, फिर मैं भी हेल्प की उसका लंड पकड़ के अपनी चूत की छोटी छेद पर रखी और बोली की धीरे धीरे डालना, पर वो बहनचोद उतावला हो रहा था एक ही झटके में मेरा चूत का सत्यानाश कर दिया था, चूत से खून निकलने लगा, मैंने कहा ये क्या कर दिया, तो मेरा भाई बोला चिंता नहीं कर मैंने कई जहाज पढ़ा है की पहली बार चुदाई में खून निकललता है, मैं भी चुप हो गयी.

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अब वो मुझे चोदने लगा मुझे काफी दर्द होते होते फिर कुछ देर बाद एक अजीब सा गुदगुदी और एहसास होने लगा, मैं पहली बार चुदने का मजा ले रही थी, मैं अपना चूच बार बार उसके मुह में दे रही थी मानो की वो एक छोटा बच्चा और वो मेरी चूच को भी पि रहा था और चोद भी रहा था, करीब ३० मिनट चोदने के बाद मेरा भाई झड़ गया और सार पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया, मैं इसके पहले ही दो बार झड़ चुकी थी. रात बार वो मुझे आधे घंटे के अंतराल में चोदता रहा, मैं भी खूब मजे लेती रही, उसके बाद से तो ऐसा हो गया मानो की मैं अपने भाई की रखैल बन गयी हु, जब भी माँ पापा को घर में नहीं देखता वो मुझे चोदने लगता या तो जब मुझे चुदने का मन करता मैं उसे आकर्षित करती और वो फिर चोदने के लिए तैयार हो जाता. मैं अपनी दूसरी कहानी