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दर्द भरी चुदाई पापा के दोस्त ने की

Painful sex story : मेरा नाम अन्नू है, मैं अठारह साल की हूँ, दिल्ली में रहती हूँ। आज मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ। ये सेक्स कहानी मेरे ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत पल भी था और दर्द भरी भी क्यों की अब चुदाई में दर्द नहीं होता है जितना वो आठ दिन तक हुआ था। आज मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से सुनाने जा रही हूँ। 

मैं भी इस वेबसाइट की फैन हु रोजाना इस वेबसाइट पर सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ और चूचियां दबाती हूँ और चुत में ऊँगली डालती हूँ। आज मै अपनी कहानी बताकर आपको से सेक्सी करने की सोच रही हूँ ताकि आप भी अपनी काम वासना को शांत कर सकें। अगर आप लड़की या महिला है तो नाडा ढीला कर लें और अपना हाथ चुत पर ले जाएँ और अगर आप लड़का है या मर्द है तो लंड में थोड़ा थूक लगा लें और आगे पीछे करना शुरू कर दें। पूरा मजा दूंगी आपको ये मेरा वादा है। 

पापा के दोस्त है उनका नाम है सुधीर सर, पहले तो अंकल कहते थे पर अब उनको सर बोलने लगे हैं। एक दिन की बात है। पापा बोले बेटा अन्नू तुम अगले महीने अठारह साल की हो जाओगी इसलिए तुम कुछ ऐसा सिख लो जो ज़िंदगी में काम आये। ताकि तुम अपने पैरों पर खड़े हो सको क्यों की तुम अभी बारहवीं की है। इसलिए तुम कुछ ऐसा सिख लो जो काम आये। मैंने सुधीर से बात किया है वो तुम्हे अकाउंट का काम सीखा देगा इसलिए तुम चाहे तो चले जाओ उनके यहाँ घर के बगल में है तो सही रहेगा तुम्हारे लिए। 

मम्मी भी बोलने लगी ठीक बोल रहे हैं तुम्हारे पापा तो जाओ सिख लो घर के पास ही है। मम्मी इसलिए बोल रही थी क्यों की मम्मी इसलिए बोल रही थी क्योंकि वह सुधीर अंकल से ज्यादा ही कुछ इंप्रेस थी मुझे ऐसा लगता था वह खुद ही सुधीर सर पर डोरे डाल रही थी ताकि अपनी वासना को वह भी मिटा सके क्योंकि कई बार सुधीर अंकल के चलते मम्मी और पापा में लड़ाई होती थी तो मैं इस बात को समझ रही थी कि जरूर कोई ना कोई चक्कर है . पर मुझे इन सब चीज से कुछ लेना नहीं था मुझे तो लग रहा था मेरी कैरियर बन जाएगी मेरे मन में सच पूछिए तो कोई ख्याल नहीं था .

 1 दिन मैं और मम्मी दोनों सुधीर सर कहां चली गई और फिर मम्मी बोल दी कि भाई साहब आप अनु को देखिए अनु को थोड़ा आगे बढ़ाइए।  वह भी तैयार हो गए बोले ठीक है मेरे से जितना हेल्प होगा मैं अनु के हेल्प जरूर करूंगा और मैं फिर दूसरे दिन से उनके यहां जाना शुरु कर दी।  सुधीर अंकल के यहां उनकी पत्नी के अलावा और कोई नहीं था क्योंकि उनके बच्चे नहीं थे एक 2 महीने के बाद ही सुधीर अंकल की पत्नी लखनऊ चली गई क्योंकि वह लोग लखनऊ के रहने वाले थे बड़ी मुश्किल से उनकी प्रेगनेंसी ठहरी थी इसलिए वह अपने  मायके चली गई ताकि सब कुछ अच्छे से हो जाए। 

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 अब सुधीर अंकल अकेले ही रहते थे वह अपने फ्लैट में मैं उनके यहां 10:00 बजे जाने लगी पापा 9:00 बजे ही अपने ऑफिस चल जाते थे और मम्मी घर पर ही रहती थी मेरे घर में भी कोई भाई बहन नहीं था मैं ही अकेली हूं।  धीरे-धीरे करके मैं उनके यहां काम सीखने लगी वह भी मुझे काम सिखाने लगे और दोस्तों आपको भी पता है एक जवान लड़की एक आदमी से जब मिलती है तो बातें आगे बढ़ ही जाती हैं वही बात हुआ वह अपनी अच्छी-अच्छी बातें हमें बताने लगे और मैं धीरे-धीरे उनके चंगुल में फंस गई एक दिन उन्होंने मुझे गले से लगाया तो मैं  बहक गई। 

 और धीरे-धीरे हम दोनों में प्यार परवान चढ़ा गया एक दिन उन्होंने मुझे किस किया फिर  लिप लॉक किया फिर मेरी  चूचियां दवाई और फिर शुरुआत हो गई। 1 दिन की बात है मम्मी और पापा दोनों किसी रिश्तेदार कहां चले गए और वह रात में नहीं आते हैं तो मैं 10:00 गए उनके यहां सुबह और मैं सब बात बताएं उनको क्या आज मम्मी पापा नहीं है क्योंकि पता नहीं दोस्तों एक दिन पहले से ही मुझे लग रहा था कि कल कुछ अलग होने वाला है क्योंकि मुझे पता था मैं अकेली हूं तो किस चुम्मा और बूब दबाने के अलावा भी कुछ और बात आगे निकल जाए यही सोच कर मैं काफी ज्यादा उत्साहित क्योंकि  चोदने का मन तो मुझे भी बहुत हो रहा था। 

रोजाना नॉनवेज story.com पर कहानियां पढ़ते-पढ़ते मैं खुद भी काम हो गई थी और मुझे लग रहा था कि क्यों नहीं अपनी वर्जिनिटी खो दूं वर्जिनिटी खोने का वक्त आ गया है क्योंकि 18 साल में कंप्लीट कर चुकी थी तो मुझे भी लंड चाहिए था।  मैं उस दिन थोड़ा सेक्सी ड्रेस पहनी और उनके आ गई झुक झुक कर थोड़ा काम करने लगी तो मेरी चूचियां ज्यादा दिखाई देने लगी तो वह मोहित हो गए और फिर मुझे गले लगा लिया और मुझे चुम्मा लेने लगे किस करने लगे मैं बहक गई। मैं उनको अवसर देती और वह भी इसी ताक में थे कि कब मैं उन्हें ऑफर दूं। 

 यहीं से मेरी सेक्स कहानी की शुरुआत हो गई दोस्तों।  उन्होंने सबसे पहले मेरे कपड़े उतारे उन्होंने अपने कपड़े भी उतारे उनके घर में भी कोई नहीं था मेरे घर में भी कोई नहीं था तो कोई डर भी नहीं था और उनके यहां कोई आता जाता भी नहीं था।  उन्होंने मेरे  सारे कपड़े उतार कर में भी छोटी-छोटी चूचियां दबाने लगे मैं गरम हो गई थी मेरे चूत  से पानी निकलने लगा था।  और मैं भी उनको किस करती रही उनको सहला रही थी  और वह मेरी चूचियां दबा कर रहे। 

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उसके बाद वह मेरी चूत  को चाटने लगे अपनी उंगलियां मेरी चूत  में डालने लगे मैं भी उनके लंड  को पकड़ने लगी।  उन्होंने मेरे पूरे शरीर को एक-एक अंग को अपने जीभ से छुआ मेरी चूचियां दवाई। अब मैं चुदने  को तैयार थी।  मुझे डर भी लग रहा था क्योंकि यह मेरी पहली चुदाई थी।  क्योंकि कई बार मैंने इसी वेबसाइट पर पड़ी है कि पहली बार चुदने  पर  बहुत दर्द होता है और ब्लड भी निकलता है तो थोड़ा नर्वस थी।  पर उन्होंने मुझे इतना ज्यादा गर्म कर दिया था कि वह दर्द लग रहा था कोई बात नहीं आज जो होगा देख लेंगे। 

 उन्होंने अपना मोटा लंड  मेरे मुंह में डाल दिया मैं उनके लंड  को चूसने लगी चाटने लगी मैं चुपचाप उनके लंड  को चाट रही थी।  बूब को दबा रहे थे मैं मजे ले रही थी मैं अंगड़ाइयां ले रही थी मैं खुद ही अपने होंठ को अपने दांत से दबा रही थी।  तभी वह वक्त आ गया उन्होंने अपना मोटा लंड  मेरी छोटी सी चोट के मुंह पर रखा और थूक लगाकर अंदर  घुसाने लगे।  मुझे काफी ज्यादा दर्द हो रहा था क्योंकि मेरे चूत  का छेद बहुत पतला था बहुत छोटा था उतना मोटा लंड  मेरी चूत  में नहीं जा सकता था इसलिए मैं दर्द से कराह रही थी। 

 उन्होंने बोला मुझे कि पहली बार में थोड़ा दर्द होगा 5 मिनट बाद ही ठीक हो जाएगा।  पर ऐसा नहीं हो रहा था वह जब भी घुसाने की कोशिश करते मैं दर्द से कराह उठती मैं तुरंत अपने गांड को पीछे खींच लेती हूं।  वह मुझे पकड़कर फिर आगे करते फिर घुसाने की कोशिश करते फिर मैं अपनी गांड पीछे खींच लेती थी। 

 उन्होंने एक बार मुझे कस कर पकड़ा टाइट करके और अपना लंड  मेरी चूत  के बीच में लगाकर जो से घुसा दिया मेरी चूत  फट गई थी खून निकलने लगा था मैं दर्द से कराने लगी थी मेरे आंख में आंसू आ गए थे मैं बोल रही थी अंकल निकालो अंकल निकालो।  पर वह निकालने का नाम नहीं ले रहे थे वह धीरे-धीरे करके अपने लंड  को चूत  में डालने लगे।  धीरे-धीरे करके उन्होंने अपना पूरा लंड  मेरी चूत  के अंदर घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगे अभी भी बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। 

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 करीब 10 मिनट तक उन्होंने ऐसे ही किया पर फिर सब कुछ नॉर्मल लगने लगा क्योंकि मेरी चूत  बहुत ज्यादा गीली हो गई थी पानी छोड़ रहा था गर्म गर्म पानी।  उसके बाद धीरे-धीरे मैं भी मजे लेने लगी वह मेरी छोटी छोटी चूचियां जोर जोर से दबा रहे थे और मैं उनके लंड  को अपने अंदर घुस आए जा रही थी अब मैं गांड उठा उठाकर नीचे से धक्के देती और वह ऊपर से धक्के देते पूरा का पूरा लंड  मेरी चूत  के अंदर जा रहा था। 

 दोस्तों उसके बाद तो मैं इतनी हो गई कि मत पूछो मैं कह रही थी जोर-जोर  और जोर से और वह जोर-जोर से मेरी चूत  में अपना मोटा लंड  घुसा जा रहे थे।  फिर वह नीचे लेट गए मैं ऊपर बैठ गई उनका मोटा लंड  अपने हाथ में पकड़ी और फिर मैं  उछाल उछाल कर चुदवाने लगी। 

 उन्होंने मुझे करीब 2 घंटे तक चोदा कभी ऊपर कभी नीचे कभी बैठाकर कभी कुत्तिया बनाकर।  बर्दाश्त के बाहर हो गया था क्योंकि दर्द फिर से होने लगा था मेरी चूत  में सूजन आ गई थी इतने में वो झड़ गई और मैं लेट गई वह भी लेट गए और दोनों के नींद कब आ गई पता ही नहीं चला 2 घंटे बाद उठे तो हम दोनों ही नंगी सोए हुए थे। 

दोस्तों यह मेरी दर्द भरी जुदाई उस दिन शुरू हुई और आज तक में रोजाना उनसे अपने जिस्म की गर्मी को शांत करते हो।  मम्मी पापा को लगता है कि मैं कुछ सीखने जा रही हूं पर मैं तो वहां पर चुदवाने  जाती हूं।  अब हम दोनों में ऐसा रिश्ता बन गया है मानो कि एक पति-पत्नी जैसा हो। 

 सुधीर सर की पत्नी अभी नहीं आएगी तब तक मैं ही उनकी पत्नी हूं पर मैं उनको वह सारे सुख दे रहे हैं जो एक पत्नी देती है और मुझे भी वह सारे सुख दे रहे हैं जो एक पति देता है भले वह मेरे से उम्र में दुगुने है।   पर हम दोनों के बॉन्डिंग बहुत अच्छी हैं आशा करते हैं यह 1 दिन आगे भी रहेगी। 

 मैं दूसरी कहानी आपको जल्द ही नॉनवेज स्टोरी पर पोस्ट करने वाली हूं तब तक के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।