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दिन में मैं और रात में मम्मी चुदवाती है अंकल से

मेरा नाम सुरभि है और मेरी मम्मी का नाम रानी। मैं अठारह साल की हु और मेरी मम्मी 37 साल की है। पहले मैं अपनी मम्मी के बारे में आपको बताती हूँ। मेरी मम्मी लव मैरिज की थी। पापा उतने अच्छे नहीं है पापा ने धोखे से शादी किया था मेरी मम्मी के साथ तो मम्मी कभी भी खुश नहीं रही पापा के साथ। ना तो सेक्स में ना तो फीलिंग्स में। तो आप खुद सोचिये वो क्या करेगी? इसलिए वो मुँह मारने लगी और अंकल से चुदवाने लगी।

पर मैं अंकल की बड़ाई सुनकर मैं खुद ही मोहित हो गयी थी और मैं उनको दिन रात याद करने लगी। मुझे लड़कों से ज्यादा उनमे इंटरेस्ट होने लगा था। क्यों की वो बहुत हॉट और सुन्दर है देखने में। बॉडी बहुत ही अच्छी है और स्टाइल में रहते हैं। उनकी बीवी है पर वो हमेशा इंडिया से बाहर रहती है 15 दिन में आती है वो एयर होस्टेस है। तो वो अकेले ही रहते हैं। अंकल की उम्र मुश्किल से 35 की होगी। अभी तक कोई बच्चा भी नहीं हुआ है उनकी बीवी को। शायद वो आराम आराम से चूस रहें है बच्चा पैदा कर के क्या होगा हॉट बीवी है उनकी।

पर मैं कहा कम हु कमसिन कली और वो भी हॉट सेक्सी जिसका अंदाज निराला हो वो अगर किसी की बिस्तर को गर्म कर दे तो उससे अच्छा क्या हो सकता है ? आजकल मैं और मेरी मम्मी दोनों भी उनकी बिस्तर गरम कर राइ हूँ। ये सब कैसे हुआ मैं आपको बताती हूँ।

मम्मी पहले घर में ही रहती थी। इधर से उनको जॉब लग गया है तो वो सुबह आठ बजे चली जाती है और रात के करीब 8 बजे ही वापस आती है। मैं एकलौती हूँ। पापा हमेशा ही 2 बजे दिन में जाते हैं जॉब पर और आते है सुबह के 2 बजे वो एयरपोर्ट पर काम करते है।

मैं घर में अकेली होती हु दिन में 2 बजे से आठ बजे रात तक। उस बिच मैं उनके पास चली जाती हूँ चुदने के लिए। ये कैसे हुआ वो बता रही हूँ। पहले दिन क्या हुआ था।

मैं स्कूल से २.३० पर आई तो पापा चले गए थे। और उस दिन मैं चाभी ले जाना भूल गयी थी। मैं हमेशा अपने साथ एक चाभी घर के गेट का रखती हूँ। पर उस दिन भूल गयी। जब घर आई तो दरवाजा बंद मिला अब कुछ नहीं हो सकता था। मैं ऊपर फ्लोर पर गयी जहा वो अंकल रहते हैं। पूछी की मैं आपके यहाँ यह बैग रह दूँ। मेरे पास चाभी नहीं है। घर बंद है मम्मी आठ बजे आएगी तो ले जाउंगी। तब तक मैं अपने दोस्त के यहाँ चली जाती हूँ।

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तो अंकल बोले नहीं नहीं वह क्यों जाओगी मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने बना देती हूँ तुम यही खा लो आराम करो अगर तुम्हे कोई दिक्कत नहीं हो तो। तो दोस्तों आपको भी पता है दिक्कत क्यों होगी मैं तो यही चाहती थी। क्यों की मैं मम्मी से उनकी बड़ाई सुन चुकी थी। वो मैं बैठ गयी। वो तुरंत ही किचन में गए और मेरे लिए कुछ बनाने लगे। दो लेकर आये और हम दोनों खाये। कोल्ड ड्रिंक्स पिए।

मैं खुद भी उनके तरफ आकर्षित थी तो मेरा व्यवहार थोड़ा अलग था। मेरी नजरें अलग तरीके से उनको देख रही थी। तो मर्दों को तो पता चल जाता है। तो वो भांप गए की मैं क्या चाहती हूँ। उनकी नजर मेरे सुर्ख लाल रंग की होठ पर ज्यादा टिक रहे थे। बोल भी चुके थे तेरा होठ नेचुरल पिंक है तुम्हे लिपस्टिक की जरुरत नहीं है ना होगी। और फिर मेरी बूब के तरफ भी उनकी आँखे जाती थी। क्यों की मेरी बूब बड़ी बड़ी सुन्दर गोल गोल है। सभी की नजर मेरी चूचियों पर और मेरी गांड पर जरूर जाती है।

तो मैं समझ रही थी और वो भी मुझे समझ रहे थे। मैं अपना जूता उतार दी, स्कूल ड्रेस में थी तो कम्फर्ट फील नहीं कर रही थी। तो उन्होंने बोला मैं तुम्हे कपडे दूँ। विनीता के कपडे यानी उनकी वाइफ के। तो मैं बोली हो जाएगा मुझे। तो वो बोले आराम से तुम वैसी ही हो और हॉट भी हो। मैं शर्मा गयी। और उन्होंने कहा की जाओ अंदर से ले लो अलमारी में कई पकडे हैं जो तुम्हे पसंद है। जब तक तुम्हारी मम्मी नहीं आती यही रहो आराम से।

मैं गयी अलमारी खोली तो देखि एक से एक सेक्सी ड्रेस थे वह पर। वहां पर कई तेल थे टेबलेट थे। सुगन्धित चीजें भी थी और कपडे एक से एक सेक्सी यानी वो सब सेक्स के लिए ही था। मैं समझ गयी यहाँ क्या होता होगा जब विनीता आंटी और मेरी मम्मी अंकल के साथ होती होगी।

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मैं इस मौके का फायदा उठाना चाहती थी। और अपनी चुदाई की इच्छा को पूरी करनी चाहती थी। मैं एक सेक्सी ड्रेस पहन ली। जो रेड कलर की बहुत ही हॉट थी। उसमे मेरी चूचियां आधी दिख रही थी। ऊपर से गला ज्यादा डीप था। मैं आईने में देखि तो काफी सेक्सी लग रही थी। जैसे ही बाहर आई अंकल के सामने वो देखते ही रह गए। बोले क्या बात है आज तुम दोनों की फ़ैल कर दी। मैं समझ गयी वो मेरी मम्मी के बारे और अपनी बीवी के बारे में कह रहे थे। तो मैं बोली दोनों कौन ? वो सकपका गए नहीं नहीं विनीता के बारे में बोल रहा हूँ। मैं चुप हो गयी।

सामने आई तो वो मेरी चूचियों को निहार रहे थे। गांड की गोलाई को ताड़ रहे थे। मेरे बदन को निहार रहे थे। मैं पूछ ली कैसी लगी रही हूँ। वो बोले सेक्सी। मैं बोली क्यों इरादे ठीक है। वो बोले नहीं है तुमने ख़राब कर दिए हैं। मैं बोली तो फिर क्या विचार है। मैं सब जानती हूँ मम्मी रात को आपके यहाँ आती है जब उन्हें लगता है मैं सो गयी हु। और पापा को आते नहीं है जब पापा का टाइम होता है। तब तक वो आ जाती है।

वो लजा गए बोले हां तुम्हारे मम्मी के साथ मेरा शारीरक सम्बन्ध है। वो मुझे बहुत चाहती है वो मेरी चुदाई को पसंद करती है। तुम्हारे पापा चोद नहीं पाते हैं। महीनो हो जाते है तब भी तुम्हारे पापा को सेक्स की जरुरत नहीं है पर तुम्हारी मम्मी को रोजाना लंड चाहिए होता है। वो बहुत ही सेक्सी है। मैं तो पहले से ही जानती थी।

वो बोले क्या मैं तुम्हे किस कर सकता हूँ। मैं आगे बढ़ आई और उनके होठ को चूसने लगी। वो मेरी होठ को भी चूमने लगे। धीरे धीर उन्होंने अपने सारे कपडे उतार दिए और मैं तो पहले से ही नाईट सेक्सी ड्रेस में थी तो उनको उतारने में समय नहीं लगा।

वो मुझे गोद में उठाकर बैडरूम में ले गए। और मेरी चूचियों के साथ खेलने लगे चूसने लगे। मेरे होठ को चूसने लगे अपना जीभ मेरी गर्दन पर घुमाने लगे। मैं आग की तरफ तप रही थी मेरी चूत गीली हो गयी थी। मैं कामुक हो गयी थी। मुझे उनका छूना सहलाना चाटना किस करना बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैं अंगड़ाईयाँ ले रही थी वो मुझे छेड़ रहे थे।

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उसके बाद उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरू किया करीब पंद्रह मिनट तक चूत चाट चाट कर साफ़ कर दिया। मेरी चूत से सफ़ेद मलाई निकल रही थी। और वो साफ़ कर देते अपने जीभ से। फिर मैं उनके लंड को पकड़ कर हिलाने लगी। आगे पीछे करने लगी।

फिर वो मेरी टांग को ऊपर कर दिया मेरे कमर के निचे तकिया लगा दिया अपना लौड़ा चूत पर सेट किया और जोर से घुसा दिया बहुत दर्द हुआ पर दो तीन झटके में ही दर्द कम होने लगा और मैं चुदने लगी। वो मेरी चूचियों को दबोच रहे थे। निप्पल को कभी ऊँगली से मसलते तो कभी दांत से काटते। मेरे पुरे शरीर में बिजली दौड़ रही थी।

उन्होंने मुझे घोड़ी बना कर चौड़ा खड़ा कर के चोदा बैठा कर चोदा लिटा कर चोदा ऊपर से निचे से खूब चोदा। धाम के करीब 6 बजे तक वो मुझे चोदते रहे। फिर मैं काफी तक गयी थी मेरे कमर में दर्द होने लगे थे सूजन भी आ गया था चूत में चूचियों पर भी दो तीन जगह दांत के निशान हो गए थे। प

फिर मैं बोली आज तो आपने मुझे खुश कर दिया। और दो घंटे तक चोदे तो क्या आप रात को मम्मी को भी ऐसे ही खुश करेंगे ? क्या आप फिर से वैसे चोद सकते है। तो वो बोले मेरे पास तेल है दबाई है उसका इस्तेमाल कर मैं तीन लड़की को दिन भर चोद सकता हूँ बारी बारी से।

मैं फिर शाम को अपने स्कूल ड्रेस पहन ली मम्मी आते ही मैं चली गयी। रात को करीब ग्यारह बजे जब मम्मी को लगा की मैं सो गयी वो निचे आ गयी।

अब मैं दिन को डेली चुदवाती हु और मम्मी रात को। दोनों माँ बेटी की चुदाई एक ही मर्द से मजा ही कुछ और है। आपको मैं जल्द ही दूसरी सेक्स कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाऊँगी।