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बेटी के साथ साथ मुझे भी ले गया हनीमून पर मेरा दामाद और मुझे भी चोदा

Goa Honeymoon Sex Story : आज मैं आपको अपनी कहानी सुनाने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर। आज मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ। कैसे मेरा दामाद मुझे भी हनीमून पर ले गया और मेरी बेटी पायल को चोदेगा ही क्यों की वो तो पत्नी है पर मुझे भी हनीमून पर खूब चोदा। ये सब कैसे हुआ अब मैं बता रही हूँ।

मेरा नाम संध्या है मेरी उम्र 38 साल है। मैं विधवा हूँ मेरे पति फ़ौज में थे वो नहीं रहे। मेरी एक भी बेटी है पायल जिसकी शादी मैं जनवरी में कर दी. मात्रा 18 की उम्र में क्यों की आपको भी पता है दोस्तों अगर घर में गार्जियन नहीं हो और घर में बेटी हो तो डर तो लगता ही है। लड़का अच्छा मिल गया तो झट से शादी की डेट निकालकर मैंने पायल के हाथ पीले कर दिए।

बेटी भी खुश थी। लड़का पसंद का मिल गया है। मॉडर्न है सुन्दर है पढ़ा लिखा और बैंक में नौकरी करता है। अपने फ्लैट में रहता है नोएडा में अपना फ्लैट है। तो शादी के बाद वो गोवा जाने की प्लानिंग हुई हनीमून के लिए। मेरा दामाद बहुत ही खुले विचार का है तो उसने कह दिया मम्मी जी आप भी चलो। मैं सोची कहा जाऊंगीं इसलिए मना करने करने लगी। तुम दोनों का घूमने फिरने का समय है घूमो फिरो अब मुझे क्या सोचना बस मुझे रोटी मिल जाये काफी है। तुम दोनों खुश रहोगे तो मैं भी खुश रहूंगी ऐसी दो चार बाते कह दी. तो दोनों एमोशनल हो गए।

और जिद करने लगे। तभी उन्होंने तुरंत ही उसी होटल में एक कमरा और भी बुक कर लिया। फ्लाइट का टिकट तो तुरंत ही करवा लिया। पायल भी जिद करने लगी चलो मम्मी अब तो आप मेरे साथ ही रहोगे। तुम्हारा साथ तो अब मुझे ज़िंदगी भर चाहिए आप अकेले मत रहो। और थोड़ी भावुक हो गयी। दामाद जी भी कहने लगे चलो माँ मैं भी आपके बेटा की तरह हूँ। मैं तैयार हो गयी।

शाम को वो दोनों शॉपिंग के लिए गए मुझे भी ले गए। आपको तो पता होगा आजकल लोग कैसी कैसी ड्रेस हनीमून के लिए खरीदते हैं। ब्रा डिज़ाइनर नाईट सूट भी हॉट हॉट। तो मेरे लिए भी एक नाईटी खरीदी और वह पहने के लिए ड्रेस। 20 तारीख को जाना था। पहले खूब तैयार हुई और फिर गोवा के लिए चल दिए।

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मैं अकेली रहती थी। अपने कमरे में जब घूमने जाते तो साथ होते बिच बिच में वो दोनों आते रहते थे। पर मुझे लगता था की मैं गलत की हूँ मुझे नहीं आना चाहिए थे बच्चों का समय है मजे करता। शाम को खाना खाकर हम तीनो समुद्र किनारे घूम रहे थे। बिच में दामाद जी अगल बगल मैं और मेरी बेटी। कभी कभी दामाद जी मेरी चूतड़ पर हाथ रख देते। फिर हटा लेते धीरे धीरे वो पीठ पर भी रख देते फिर हटा लेते।

वो अब मुझे थोड़ा अजीब तरीके से देखने लगे। मेरी बेटी अभी छोटी है तो उसको इतनी शायद समझ नहीं। मैं समझ रही थी। दामाद जी मेरे जिस्म को टटोलना चाहते थे क्यों की उनकी छुअन अलग तरीके की थी। धीरे धीरे वो मेरे काफी करीब आ गए। रात के करीब 10 बजे कमरे में पहुंचे। मेरी बेटी काफी थक गयी थी। वो सोने लगी थी। हम दोनों बात ही कर रहे थे की वो सो गयी। क्यों की वो पूरी रात चुदवा रही होगी तो रात का नींद भी पूरी नहीं हुई थी।

मैं समझ गयी की अब नहीं उठेगी क्यों की पायल जब एक बार सो जाये तो जल्दी नहीं उठती है। दामाद जी की बोली अब सो गयी अब सुबह ही उठेगी। तो दामाद जी बोले फिर मैं क्या करूँ। आपके कमरे में सो जाऊं। मैंने कहा सो जाओ। मुझे क्या दिक्कत है। मुझे लगा की मजाक कर रहे हैं। पर वो उठ गए और चल दिए। मैं भी पीछे पीछे चली गयी। कमरे में जाकर उन्होंने दरवाजा बंद कर दिए।

मैं कपडे चेंज करने बाथरूम में चली गयी। दरवाजा अन्दर से बंद नहीं की थी। बस सटा दी थी तभी बाथरूम में वो आ गए। मैं उस समय नंगी थी मात्र पेंटी पहनी थी। मैं झट से अपनी चूचियाँ ढक ली अपनी हाथों से और निचे बैठ गयी। वो करीब आ गए और मेरी हाथ पकड़ कर उठा लिए। मैंने कहा ये गलत है। उन्होंने कहा गलत क्या? आप इतनी खूबसूरत हो जवान से भी बेहतर लगती हो मम्मी जी। आप पर विधवा विधवा बन कर मत रहो ज़िंदगी के मजे लो।

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मैंने कहा दुनियां क्या सोचेगी तो उन्होंने कहा दुनिया से क्या लेना और घर में होटल में दुनिया थोड़े ना आती है। और उन्होंने कहा मैं आपको ढेर सार प्यार दूंगा आपको किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा। साथ रखूंगा मुझे लगा और मुझे क्या चाहिए। मुझे भी तो सहारे की जरुरत है अगर मुझे सहारा नहीं मिला तो मेरा क्या होगा और सामने वाला खुलकर कह रहा है मैं साथ दूंगा। तो मैंने कह दिया पायल को पता चल गया तो। तो उन्होंने कहा की रात ही पायल कह रही थी। मम्मी को हमेशा साथ रखूंगी। बस चलता तो मैं मम्मी की शादी भी आपके साथ करवा देती ताकि दोनों सौतन बन कर रह लेते ताकि मम्मी को कोई दिक्कत नहीं हो।

मैं हैरान रह गयी पायल क्या बोल रही थी। मुझे उसकी बात में दम लगा और मैं खुद भी आकर्षित हो गयी दामाद के तरफ और मैं दामाद के बाहों में आ गयी।

उन्होंने मुझे बाथरूम में ही चूमने लगे मेरी चूचियाँ दबाने लगे। उसके बाद उन्होंने झरना खोल दिया और हम दोनों गीले होने लगे और एक दूसरे को सहलाने लगे। बहुत मजा आने लगा था दो साल हो गए थे किसी मर्द का मेरी चूचियों पर हाथ फेरना। मैं पागल होने लगी। मैंने तुरंत ही उनका लंड पकड़ लिया। और बैठ गयी और चूसने लगी। वो मेरे सर को पकड़ कर अपना लौडा अंदर बाहर करने लगे मोटा लौडा मेरे मुँह में आ जा रहा था। मैं कामुक होने लगी थी।

करीब पांच मिनट तक उन्होंने ऐसा किया और फिर मुझे बेड पर ले गए। उन्होंने पहले मेरी चुत खूब चाटी। मेरे दूध को खूब पीया। मेरी चुत में ऊँगली डाली। जब मैं कामुक हो गयी और मेरे होठ सूखने लगे मेरी चूत गीली हो गयी थी तब उन्होंने अपना मोटा लौडा मेरी चूत में मुँह पर लगाया और पहले सुपाड़ा अंदर किया और रगड़ा। मैं पागल होने लगी। जवान लौडा मोटा और काफी कड़ा था। मैं कम से अपनी मुठ्ठी में तकिया पकड़ ली।

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उन्होंने दोनों टांगो को अलग अलग किया और जोर से अपना मोटा लौडा मेरी चूत में पेल दिया। मेरे रोम रोम काँप उठे मैं अंगड़ाईयाँ लेने लगी। और कराहने लगी। मेरे आँख बंद होने लगे। मेरी चूत गरम हो गयी थी गीली हो गयी थी। पुरे शरीर में बिजली दौड़ रही थी। मैं पागल हो रही थी।

उन्होंने अब जोर जोर से अंदर बाहर झटके दे दे कर चुदाई करने लगे। मेरे मुँह से आह आह आह आह आह उफ़ फु ओह ओह आ आ आ आ की आवाज निकल रही थी। और उनका लौड़ा जल्दी जल्दी मेरी चूत में आ जा रहा था। मैं पागल होने लगी। मैंने उनको अपनी बाहों में भर लिया। अपनी टांगो से उनको लपेट लिया। और जोर जोर से निचे से धक्के देने लगी।

फिर क्या बताऊँ दोस्तों। रिश्ते गए तेल लेने। बस चुदाई तो चुदाई। जो मन हुआ उन्होंने किया और मेरा जो मन हुआ उनको किया। हम दोनों में कोइ दुरी नहीं रही। पति पत्नी के तरह एक दूसरे को खुश करते रहे। एक दूसरे के जिश्म के साथ खेलते रहे। तीन बार चुदाई कर के सुबह के करीब 4 बजे मैं सो गयी और दामाद जी अपने कमरे में चले गए।

फिर क्या दोस्तों दामाद जी को जब भी मौक़ा मिलता मुझे चोद देते। तीन दिन में ही पायल के चूत में इन्फेक्शन हो गया तो उसे दर्द होता तो रात को मेरे कमरे में ही सोते थे और चुदाई करते थे। उन्होंने तो पायल को जम कर चोदा और मुझे भी खूब लिया मैं भी खूब मजे की। अब तो दामाद जी बेटी को भी चोदते है और मुझे भी चोदते हैं। मैं अपनी दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाऊँगी। वो भी जल्दी।