बेटे ने माँ को ही चोद दिया रजाई में

Sardi me Chudai ma ki bete ne ki : मैं एक बेटे की माँ हूँ मेरी उम्र 39 साल है। कल रात मेरा बेटा मुझे ही चोद दिया। मैं साथ सुलाई की कल तुम्हारे लिए कंबल निकाल दूंगी पर उसने रात में ही ठण्ड का बहाना कर मुझे चोद दिया। मैं खुद को मना भी नहीं कर पाई। और मैं भी जिस्म की आग में बहक गयी और फिर जो हुआ अब आपके सामने मैं एक सेक्स कहानी जो की सच्ची है माँ बेटे के बिच में। नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ।

मेरा नाम ज्योति है। मैं 39 साल की औरत हूँ। मेरा एक ही बेटा है नाम है निशु। निशु की उम्र 21 साल है। पति अभी दिल्ली से बाहर हैं। तो घर में माँ और बेटा दोनों ही हैं।

कल रात की बात है। मेरा बेटा मुझे कम्बल निकालने के लिए कह रहा था। क्यों की उसको शर्दी लगती है। अभी तक कम्बल नहीं निकले थे इस सर्दी के लिए। तो मैंने बेटे से बोली की पापा आएंगे तो निकालेंगे बेड के अंदर रखा है। तो वो कहने लगा नहीं नहीं आज ही निकालो मुझे बहुत सर्दी लगती है। मैं पहले से एक कम्बल जो हलकी है ओढ़ रही थी और मेरा बेटा अभी तो एक मोटा बेडशीट था उसी से काम चला रहा था।

तो जिद करने लगा तो मैं बोल दी आ जा आज मेरे साथ ही सो जा इस रजाई में पापा आएंगे उसके बाद कंबल निकालेंगे। तो वो सकपका गया साथ सोने में। तो मैं बोली अरे बेटा तू चाहे क्तिना भी बड़ा हो जाये माँ के सामने एक छोटा नन्हा मुन्ना ही रहेगा। ये कहते ही मेरा बेटा निशु मेरे साथ सोने आ गया और हम दोनों एक ही रजाई जो पतली सी थी उसी में सो गए।

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दोस्तों असली खेल तब शुरू हुआ जब वो मेरे गांड को छूआ। जैसे ही उसका हाथ मेरे चूतड़ से टकराया उसकी नियत ख़राब हो गयी। वो धीरे धीरे कर के मेरे से जा सटा। धीरे धीरे वो अपना हाथ मेरे ऊपर रख दिया। मैं सब समझ रही थी बेटा जवान हो गया है साथ नहीं सुलाने चाहिए थे पर माँ की ममता के लिए मैंने पहले ऐसा नहीं सोची।

धीरे धीरे वो मेरी चूतड़ सहलाने लगा तो मैं नींद का नाटक करने लगी कुछ बोली नहीं। मुझे बुरा भी लग रहा था की क्या जमाना आ गया है आजकल माँ बेटा को अपने रिश्ते को इज्जत नहीं कर रहा है। फिर मैं चुपचाप ही रही। पर मेरा मन भी धीरे धीरे डगमगा गया।

और मैं अब सीधी हो गयी। जैसे ही सीधी हुई मेरा बेटा अपना हाथ मेरी चूची पर रख दिया। थोड़े देर बाद वो हौले हौले से दबाने लगा। फिर वो मेरी चूच कितनी बड़ी है शायद वो महसूस करने लगा और धीरे धीरे वो दबाब बढ़ाने लगा। मैं अंदर ब्लाउज यानी ब्रा नहीं पहनी थी नाईटी में थी। वो मेरी बूब्स उसके हाथ में आराम से आ रहा था।

फिर क्या था दोस्तों जिस्म में आग लग गयी थी मेरी भी उसका लंड तो खड़ा हो ही चुका था। फिर क्या वो मेरे करीब आ गया। और फिर मेरे मुँह को पकड़ कर अपने करीब लाया। मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी उसकी भी साँसे तेज तेज हो रही थी। हम दोनों ही गरम हो गए थे। उसने मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया। मैं कुछ नहीं बोल पाई और मैं धीरे धीरे उसके बाहों में आ गयी।

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अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो उसका लंड अपनी हाथ में ले ली। अब वो मेरी चूचियों को पकड़ लिया और फिर जोर जोर से दबाने लगा। हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे पर कोई एक दूसरे से कुछ बोल नहीं रहे थे। फिर क्या था दोस्तों मैं तुरंत ही अपना कपड़ा उतार दी। और वो भी अपना कपडे उतार दिये। मैं लंड पकड़कर जोर जोर से ऊपर निचे करने लगी वो मेरी चुत पर हाथ रखा। पहले लम्बी साँसे लिया और फिर ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा।

मेरी चूत पहले से ही काफी गीली हो चुकी थी तो अंदर बाहर आराम से हो रहा था। जोर जोर से वो मेरी चूत में अपना ऊँगली डालने लगा तो मुझे जोश आ गया। मैं खुद ही पहले अपनी चूचियों को मसलने लगी। फिर मैं तुरंत ही उसका लंड अपनी मुँह में ले ली।

अब बर्दास्त नहीं हो रहा था मैं भी चुदना चाह रही थी और मेरा बेटा भी जल्द से जल्द अपना लंड मेरी चूत में डालने को बेक़रार था। वो अपना लंड मेरी जांघ में सटा रहा था। मैंने उसको कहा किसी से कहना नहीं। उसने कहा नहीं नहीं कुछ भी नहीं कहुगा किसी से।

और फिर वो ऊपर आ गया मैं टांगे फैला दी और फिर अपना लंड मेरी चूत पर रखा और मेरी चूचियों को जोर से पकड़ा और फिर जोर से धक्के दे दिया और पूरा का पूरा लौड़ा मेरी चूत के अंदर चला गया। मुझे ये एहसास बहुत ही अच्छा लगा जवान लड़के का लंड पाकर धन्य हो गयी। अब वो जोर जोर से धक्के देने लगा मेरी चूत के अंदर तक अब उसका लंड जा रहा था। मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होठ को चूसते हुए जब धक्के देता तो मेरी तन बदन मे आग लग जाती।

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फिर क्या था मैं भी मदद करने लगी। मैं अपनी पैरों से उसको ;लपेट ली और जोर जोर से चुदवाने लगी। कभी ऊपर से कभी निचे से कभी बैठ कर कभी झुक कर। मेरा बेटा मुझे रात भर चोदा और मुझे संतुष्ट किया। मैं भी खुश हूँ मेरा बेटा भी खुश है। नए रिश्ते को क्या कहूं। क्या मैं गलत की सही की मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। तभी मैं इस कहानी को नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखी हूँ ताकि अपने मन को हल्का कर सकूँ। ये बात तो किसी से कैसे बताऊँ पर आप सभी दोस्तों को तो बता ही सकती हूँ। क्यों की आपकी भी सेक्स कहानियां पढ़ती हु इस वेबसाइट पर।