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माँ को पत्नी बनाया पहले सुहागरात अब हनीमून पर हूँ

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जी हां दोस्तों मैं सच कह रहा हु, माँ को पत्नी बनाकर चोदा पहले सुहागरात मनाया फिर अब हनीमून पर हूँ  और चुदाई का आनंद ले रहा हु इस बरसात में। ये मेरी कहानी नहीं मेरी ज़िंदगी है आपको लगेगा की साला कितना हरामी है माँ को चोदता है पर हां दोस्तों ये सच है मैं माँ को चोदता हु और पत्नी भी बनाया हु अपने माँ को ये मेरी सच्ची कहानी है।

मेरी माँ चुड़क्कड़ किस्म की औरत है। पापा ने माँ को तलाक दे दिया और पापा दूसरी शादी कर लिए।  माँ अभी हॉट है वो सिर्फ 36 साल की है मैं 18 का हु। आखिर मैंने माँ  अपनी पत्नी कैसे मना और मुझे वो अपना पति कैसे बनाई उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

एक दिन की बात है।  मेरी माँ को दूधवाला लाइन दे रहा था। तो ये सब मुझे अच्छा नहीं लगा। मुझे लगा की अगर  मेरी माँ किसी बाहर बाले से चुद गई तो उसकी ज़िंदगी के साथ साथ मेरी भी ज़िंदगी खराब हो जाएगी।  तो मैं अपनी माँ से बात किया।  मैंने माँ से कहा माँ मैं आपसे कुछ बात करना  हु, मैं चाहता हु की हम दोनों की ज़िंदगी अच्छी चले, कभी कोई दिक्कत ना हो ना तो कभी हम लोगों की  इज्जत खराब हो इसलिए हम दोनों को ही कुछ सोचना होगा, माँ बोली ठीक है बेटा हम दोनों के अलावा और इस दुनियां में कौन है हम दोनों ही  तो हैं जो एक दूसरे का ख्याल रख सकते हैं। मैंने कहा माँ पर  मैं काफी दुखी हूँ  आपको दूधवाला ऐसे देख रहा था और आप भी वही झुक झुक कर दूध ले रही थी। मैं नहीं चाहता की मेरी माँ को कोई अपनी गन्दी निगाहों से देखे।

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माँ  बोली बेटा क्या किया जाय पापा पहले ही छोड़कर चले गए और जितनी मेरी उम्र हो रही है उतने में तो कई लड़कियां शादी करती है।  मेरे भी कुछ अरमान है  मैं इतनी बड़ी ज़िंदगी को बिना सम्बन्ध के कैसे काट सकती हु। तो मैं बोला क्यों ना माँ आपको जिस चीज की कमी है उसकी मैं पूरा कर दू मैं भी तो बड़ा हो गया हु, मैं भी  सोच सकता हु क्या अच्छा है क्या बुरा। माँ बोली क्या तुम मेरा पति बनोगे ? मैंने कहा क्यों नहीं बन सकता बन सकता हु। और फिर वही से शुरू हो गई मेरी और  मेरी माँ की प्रेम कहानी।

और फिर क्या था  दोस्तों माँ ने मुझे तुरंत ही गले से लगा लिया और चूमने लगी। आज उनके चूमने का तरिका अलग था।  चूमती तो पहले भी थी पर आज  चुम्बन में वासना थी. वो मेरे  होठ को चूसने लगी और मेरे बाल  को सहलाने लगी। फिर मैं भी सहयोग करने लगा और चूमने लगा माँ मुझे  जोर से जकड़ ली और बेड पर ले गई।  और फिर मैंने माँ के कपडे एक एक एक कर के उतार दिए और चूमने लगी। तभी माँ हड़बड़ा  उठ गई और बोली अभी नहीं। आज मैं चाहती हु वही साडी पहनूं जो मैं सुहागरात के दिन पहनी  थी, रात को तुम दूल्हे के तरह  आना और मैं दुल्हन की तरह तुम्हारा इंतज़ार करुँगी।  मुझे भी ये आईडिया  अच्छा लगा। मैं तुरंत माल जाकर अपने  लिए कुर्ता पजामा लाया और  माँ भी ब्यूटी पारलर चली गई।  वो अपने बाल वगैरह साफ़ करवा के आई और  फेसिअल करवाई।  शाम हो गया था।  खाना बाहर  मंगवाकर खाया दोनों फिर वो अलग कमरे में सजने लगी और मैं अलग कमरे  में।  उसके बाद वो रेडी हो  गई।  रात के  करीब १० बज गए थे।  मैं माँ के कमरे  पंहुचा। वो बिच पलंग पर बैठी थी।  मैं जाकर घुघट उठाया और माँ ने मुझे एक ग्लास दूध।

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फिर माँ का घूँघट उठाया और फिर होठ पर किश किया और फिर क्या था दोस्तों एक एक करके सारे कपडे उतार दिए और  लगा चूची को दबाने,  मेरी माँ काफी सजी हुई  थी बहुत ही हॉट लग रही मैंने भी अपने कपडे  उतार लिए और माँ के चुत को चाटने लगा।  माँ आह  आह उफ़ उफ़ करने लगी और वो काफी कामुक हो गई थी।  उसने मेरे लौड़े को मुँह में ले लिया और चूसने लगी।  फिर मैं भी जोर जोर से चूचियां दबाने लगा। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

वो फिर बोली आज से तू मेरा पति भी है और बेटा भी,  अब मुझे चोद दो मन लो सुहागरात। और मैं माँ के चूत में लंड डाल दिया और चोदने लगा। रात भर हम दोनों चुदाई करते रहे रुक रुक कर।  दूसरे दिन हम दोनों मनाली आ गए हम दोनों माँ बेटा का हनीमून चल रहा है।  हम दोनों बहुत खुश हैं।