सगी भाभी ने मुझसे बच्चा माँगा और कसके चुदवाया

हेल्लो दोस्तों, मैं रवि रंजन आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मेरे बड़े भैया की शादी बड़े धूमधाम से हुई थी। भाभी का नाम नंदिता था। वो बहुत ही खूबसूरत औरत थी। बनारस हिंदी यूनीवर्सिटी की टॉपर थी भाभी। सुहागरात में तो मेरे भैया का लंड भाभी को देख देख के बार बार खड़ा हो जाता था। फिर उन्होंने नंदिता भाभी को नंगा करके उनकी जबरदस्त चुदाई की। मेरे भैया तो सारा सारा दिन बस भाभी के कमरे में ही घुसे रहते थे और उनकी चूत बजाया करते थे। घर में सभी लोग मेरी माँ और मेरे पापा सोच रहे थे की एक साल में भाभी के बच्चा हो जाएगा पर ऐसा नही हुआ। उसके बाद मेरे बड़े भैया और जादा भाभी की चुदाई करने लगे। पर दोस्तों कोई भी प्रयास सफल नही हुआ। इस तरह 6 साल पुरे हो गए, पर उनको बच्चा न हुआ। जब नंदिता भाभी ने डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाई तो पता चला की बड़े भैया में कमी है। उधर मेरी माँ भी भाभी को तरह तरह से ताने मारने लगी थी। उनको बाँझ कहती थी। भाभी पूरी तरह से सही है। एक दिन दोपहर में जब घर के सब लोग कहीं बाहर गये थे नंदिता भाभी मेरे पास आई।

“देवर जी, मुझे आपसे बहुत जरूरी काम है” भाभी बोली और उन्होंने मुझे सारी बात बताई। ये सब सुनकर मैं हैरान था।

“देवर जी, अब आप ही मेरा आखिरी सहारा हो!!” भाभी बोली

दोस्तों मैंने कई बार अपनी नंदिता भाभी को चुपके चुपके बाथरूम में नहाते हुए देखा था। कई बार मैंने उनको सोच कर मुठ मारी थी। सपने में तो मैं भाभी को कई बार कसके चोद चुका था। मैंने कभी सोचा नही था की सच में कभी वो दिन जाएगा जब भाभी की चुद्दी [चूत] मारने का मौक़ा मुझे मिलेगा। इसलिए मैंने तुरंत हाँ कर दी।

“ठीक है भाभी, मैं आपको एक स्वस्थ और हट्टा कट्टा बच्चा दूंगा!” मैंने कहा

“देवर जी चलो कमरे में चलते है। तुम आज से ही कोशिश शुरू कर दो” नंदिता भाभी बोली

उसके बाद भाभी मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने कमरे में ले आई। उन्होंने खुद ही मुझे पकड़ लिया और किस करने लगी। मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। नंदिता भाभी तो बिलकुल गुलाब का फूल थी। मैंने भी उनको कंधे से पकड़ लिया और उनके गाल पर चुम्मा लेने लगा। आज मेरा सपना पूरा होने वाला था। अपनी सगी भाभी की रसीली चूत को कसके चोदने का सपना। हम दोनों खड़े खड़े ही होठो पर किस करने लगे। नंदिता भाभी ने खुद ही मेरा बायाँ हाथ उठाकर दाई छाती कर रख लिया। मैंने छूकर देखा तो मुझे करेंट सा लग गया। क्या बड़ी बड़ी गोल गोल छातियाँ थी भाभी की। छूते ही मेरा 8” का लंड खड़ा हो गया था। मैं तेज तेज दबाने लगा। भाभी मेरी आँखों में देखने लगी। हम दोनों ठरकी हो गए थे। पर मैं आज अपने मजे से नंदिता भाभी को नही चोदने जा रहा था। इसका टेक्नीकल कारण था और वो था बच्चा।

नंदिता भाभी ही सब कुछ कर रही थी। उन्होंने अपनी चुन्नीदार साड़ी का पल्लू ब्लाउस से हटा दिया और नीचे गिरा दिया। उफफ्फ्फ्फ़..उनके मम्मो को तो ऑस्कर अवार्ड मिलना चाहिए था। इतने खूबसूरत मम्मे थे भाभी के। सफ़ेद, दूधिया, बड़े बड़े और बहुत ही चिकने। 38” के मम्मो को देखकर मेरी नियत खराब हो गयी थी। अब तो मैं भाभी को जल्दी से बस चोद लेना चाहता था। मैंने उनको बाहों में भर लिया था और उनके ताजे होठो को चूस रहा था। वो भी मुझे अपने गुलाबी होठ पिला रही थी। दोस्तों नंदिता भाभी की उम्र 26 साल की होगी। वो बहुत जवान और खूबसूरत माल थी। उनको देखकर मेरे पास पड़ोस के कई लौंडो का लंड बार बार खड़ा हो जाता था।

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इसलिए मैं ये आजतक कोई मौका नही छोड़ना चाहता था। मैं उनके जोश से चूम रहा था। उनके गले और कान पर मैं बार बार किस कर रहा था। भाभी भी चुदासी हो रही थी। फिर मैं खड़े होकर ही उनके दूध दबाने लगा। भाभी “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकालने लगी। मैं और जादा कामुक हो गया था इसलिए और तेज तेज मैं उनके दूध ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा था। दोस्तों नंदिता भाभी गहरे गले वाले ब्लाउस पहनती थी जिससे उनके आधे आधे दूध तो मुझे ब्लाउस से ही दिख रहे थे। मैंने कुछ देर तक खड़े होकर उनके दोनों मम्मो को दबाया। फिर मैं झुक गया और जीभ लगाकर उनके मम्मो को चाटने लगे। लग रहा था की भाभी ने २ बड़ी बड़ी गेंदों को अपने ब्लाउस में छिपा रखा था। मैं झुककर उनके मम्मे चाटने लगा। फिर हाथ से दबाने लगा।

“भाभी!! साडी उतारो!!” मैंने कहा

उनके बाद नंदिता भाभी अपनी साड़ी धीरे धीरे खोलने लगी। उन्होंने कमर पर साड़ी को कसके बाँध रखा था। धीरे धीरे वो खोल रही थी। फिर उन्होंने साड़ी निकाल दी। मैं खुद को रोक ना सका और मैंने भाभी को कसके पकड़ लिया।

“ओह्ह्ह्ह भाभी!! यू आर सो हॉट!!” मैंने कहा और मैंने उनको कसके पकड़ लिया।

मैंने अपने हाथ उनकी कमर में डाल दिए थे। मैं अब खुलकर बिना किसी शर्म के उनकी कमर पर अपने हाथ घुमा रहा था, प्यार से सहला रहा था और मजे ले रहा था। एक बार फिर मैंने अपनी सगी भाभी को बाँहों में कस लिया और सब जगह चूमने लगा। मैं उनके गाल, ओठो, गले, कन्धो सब जगह चूम रहा था। उधर भाभी भी मस्त हुई जा रही थी। “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”बोलकर वो सिसकियाँ ले रही थी। “देवर जी!! आज मुझे कसके चोद चोद कर तृप्त कर दो और मेरी गोद भर दो। मुझे एक प्यारा सा बच्चा दे दो!!” भाभी बार बार कहने लगी। ये सुनकर मैं और जादा चुदासा हो गया था। अब मैं पुरे जोश से भाभी को चूम रहा था। फिर मैंने उनको बिस्तर पर ले गया। एक बार फिर से हम होठो का चुम्बन लेने लगे और पीने लगे।

मेरा खुद ही नीचे की तरफ दौड़ गया। भाभी के पेटीकोट में मैंने हाथ हाथ डाल दिया और उनकी रसीली चूत की तरफ मेरा हाथ बढ़ने लगा। फिर मैंने उनकी चड्ढी आखिर ढूढ़ ली और उसके अंदर अपना हाथ डाल दिया। मजबूरन नंदिता भाभी को अपने दोनों पैर फैलाने पड़ गए। मैंने उनकी चूत का छेद ढूढ़ लिया और अंदर ऊँगली कसके पेल दी। “आऊ…..आऊ…. भाभी के मुंह से निकला। मैंने अपने हाथ की बीच वाली ऊँगली जो सबसे लम्बी होती है अंदर डाल दी थी और जल्दी जल्दी उनकी चूत फेटने लगा था। इधर भाभी बार बार अपना मुंह खोल रही थी। मेरा हाथ उनके पेटीकोट में, फिर उनकी पेंटी में घुसा था। मैं पूरी तरह से पागल हो गया था और जल्दी जल्दी ऊँगली अंदर बाहर करने लगा था। नंदिता भाभी को बहुत उत्तेजना हो रही थी। वो बार बार सिस्कारे ले रही थी। बार बार वो अपना मुंह खोल देती थी। मैंने १० मिनट तक उनकी चूत में ऊँगली की फिर हाथ बाहर निकाल लिया। फिर मैंने वही ऊँगली अपने मुंह में डाल दी और भाभी के सफ़ेद माल को चाटने लगा। नमकीन स्वाद था। एक बार फिर से मैंने अपना हाथ भाभी की चूत में डाल दिया और 5 तक उनकी चुद्दी में ऊँगली करता रहा। भाभी तो जैसे काँप ही जाती थी। वो बहुत बेचैन महसूस कर रही थी क्यूंकि उनके जिस्म की सबसे संवेदनशील अंग में मैं रंग जमा रहा था।

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कुछ देर बाद मैंने फिर से ऊँगली निकाल ली और नंदिता भाभी के मुंह में डाल दी। वो किसी चुदासी औरत की तरफ अब अपना ही माल चाट रही थी। मुझे ये देखकर बहुत खुशी हो रही थी। दोस्तों फिर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। मेरा लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था। मैंने भाभी के पास लेट गया और फिर से उनकी चूत में ऊँगली करने लगा। इसी बीच भाभी पागल हो गयी थी। उन्होंने खुद ही अपने ब्लाउस की बटन खोलनी शुरू कर दी।

“देवर जी!! मेरे मम्मे चूसो!! प्लीस जल्दी चूसो!!” भाभी बोली और उन्होंने अपना ब्लाउस निकाल दिया। फिर ब्रा भी खोल दी। 38” के शानदार मम्मो को देखकर मेरा तो दिमाग की खराब हो गया था। मैंने उनके दोनों मम्मे मुंह में भर लिए और जल्दी जल्दी दबाने लगा। नंदिता भाभी की भरी हुई छातियों को बहुत ही खूबसूरत थी। कितनी बड़ी बड़ी और गोल गोल। मैं दोनों हाथ से उनके बूब्स को दबा रहा था। उधर भाभी को भी बहुत मजा मिल रहा था। रबर जैसी मुलायम छातियाँ जैसे ही मैंने दबाकर छोड़ता था वैसे ही वो दुबारा अपने शेप में वापिस आ जाती थी। मुझे तो जन्नत जैसा अहसास हो रहा था। अनार जैसी मुसम्मी के चारो ओर बड़े बड़े काले घेरे थे। लग रहा था की उपर वाले ने खुद ही अपनी मोहर लगाकर साबित कर दिया था की भाभी अब जवान हो गयी है और चुदने को तैयार हो गयी है। मैंने उनकी बायीं चूची को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। मुझे तो जिन्दगी का मजा ही आ गया था। जिस भाभी को देखकर मैं रोज मुठ मारा करता था आज वो मुझे चोदने को मिल गयी थी।

मैं मस्ती में झूम रहा था और भाभी के दूध चूस रहा था। वो भी “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज निकाल रही थी। उनका बायाँ दूध मैं पी चुका था, फिर मैंने दांया दूध पीने लगा। मैं जोर जोर से चूस रहा था जिससे भाभी को पूरा आनंद आये। भाभी को बड़ी बेचैनी हो रही थी। वो बार बार कुलांचे भर रही थी। बार बार अपना सीना उपर उठा देती थी। मैंने तो खूब मजे से उनके दूध को चूसा। फिर हाथ से मैं उनकी निपल्स को ऐठने लगा। भाभी की चूत गीली हो गयी थी। फिर मैंने उनका पेटीकोट खोल दिया और पैंटी भी निकाल दी। मैंने अपना लौड़ा कुछ देर तक हाथ में लेकर फेटा। अब वो और कड़ा हो गया था। फिर मैंने लौड़ा भाभी के हाथ में दे दिया।

“भाभी जान इसे अच्छे से चूसो!!” मैंने कहा

उसके बाद नंदिता भाभी जल्दी जल्दी मेरा लंड फेटने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। एक अलग तरह का नशा मुझे मिल रहा था। भाभी जल्दी जल्दी मेरा लंड फेट रही थी। फिर वो मेरी कमर पर झुक गयी और लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। नंदिता भाभी तो बहुत जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी थी। मुझे बहुत सनसनी हो रही थी। कुछ देर बाद तो नंदिता भाभी किसी चुदक्कड़ लडकी की तरह मेरा लंड चूसने लगी। उनको भरपूर मजा आ रहा था। मैं उसकी नंगी और चिकनी पीठ पर हाथ से सहलाने लगा।

मैं भाभी के पेट पर अब बैठ गया था। मैंने अपना लौड़ा उनके क्लीवेज में रख दिया और दोनों 38 के मम्मो को मैंने कसकर पकड़ लिया और बीच की तरफ दोनों मम्मो को मैंने दबा लिया। फिर मैंने कमर चला चलाकर भाभी के दूध को चोदने लगा। अब तक सिर्फ भैया ही उनके बूब्स को अपने लंड से चोदते थे। पर आज मैंने भी ऐसा कर रहा था। मैंने उनके दूध को बड़ा कसकर दबा रखा था जिससे मेरे लौड़े पर जादा से जादा प्रेशर बने, रगड़ लगे और चुदाई में मजा आये। मुझे अपनी भाभी के मुलायम स्तनों को चोदकर बड़ा मजा आया। मैंने २० मिनट तक भाभी के मम्मो को अपने लौड़े से चोदा। वो इकदम मस्त हो गयी थी।

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उसके बाद मैंने उनकी दोनों टागों को खोल दिया और उनकी बुर चाटने लगा। दोस्तों भाभी की बुर बड़ी गुलाबी गुलाबी थी। मेरे भैया ने उनको बहुत जादा चोद दिया था जिससे उसकी चुद्दी पूरी तरह से फट गयी थी। इसके बावजूद भी उनको अभी तक बच्चा नही हुआ था। मैं भाभी की चूत को मजे लेकर पी रहा था और जैसे पूरा खा जाना चाहता था। वो भी पूरी तरह से चुदासी हो चुकी थी। धीरे धीरे मेरे होठो से उसके भोसड़े में कम्पन होने लगा और भाभी किसी सूखे पत्ते की तरह कांपने और फड़ फड़ाने। उनकी चूत पूरी तरफ से साफ और चिकनी थी। बड़ी गोरी चुद्दी लग रही थी। एक भी झांट का बाल चूत पर नहीं था। सायद आज सुबह ही भाभी ने अपनी चूत को शेव किया था। इसलिए वो बहुत सेक्सी और कामुक लग रही थी। मेरी जीभ उनकी चुद्दी को जल्दी जल्दी चाट रही थी। वो चरम सुख का अहसास कर रही थी। उनकी जांघे खुल और बंद हो रही थी। वो जन्नत में उड़ रही थी। भाभी के मुंह से बस “आई…..आई….आई…अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाजे ही निकल रही थी। उनको मजा आ रहा था। हर औरत को अपनी चूत पिलाने में बहुत सुख मिलता है, ये बात मैं जानता था। इसलिए आज मैं भाभी को भरपूर मजा देना चाहता था। उसकी चूत धीरे धीरे अपने ही पानी से रसीली होने लगी और भाभी अपनी गांड उठाने लगी। अब वो पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और चुदने को तैयार हो चुकी थी।

मैंने भाभी की चूत में लंड लगाकर अंदर डाल दिया। फिर मैं उनकी चूत मारने लगा। चुदते वक़्त भाभी के दूध बिलकुल तन गये और नारियल जैसे नुकीले नुकीले हो गये। मैं उनको घप घप पेलने लगा। भाभी की एक एक पसली मुझे साफ साफ दिख रही थी। मैं उनको दोनों भरी भरी सफ़ेद चिकनी जांघ को पकड़ कर उन्हें चोद रहा था। भाभी की पसलियाँ और कमर उपर नीचे जा रही थी। उसकी कमर की एक एक हड्डी मुझे दिख रही थी। वो बहुत सेक्सी माल थी। मुझे डर लगा रहा था की कही मेरा 8 इंच का लंड उसकी कमर के अंदर ना घुस जाए। जैसे जैसे मैं उनको चोद रहा था, उनकी पतली सधी हुई कमर नाचने लगी। मैं उनको घप घप पेलता था। फिर मैंने सर को नीचे किया और सीधा भाभी की बुर में थूक दिया। इससे उसकी चूत और चिकनी हो गयी और मेरा लौड़ा सट सट उसकी बुर में फिसलने लगा। मैं जोर जोर से चूत में तेज धक्के मार रहा था। भाभी के 42 साइज़ के चुतड मेरे धक्के से थर थरा रहे थे। कुछ देर बाद मैंने अपना माल उनकी चूत में छोड़ दिया। इस तरह उन्होंने २ हफ्ते तक मेरे पास आकर अपनी चूत चुदवाई। 9 महीने बाद नंदिता भाभी को एक बड़ा प्यारा सा बेटा हुआ। घर में अब सब बहुत खुश थे।

“देवर जी!! थैंक यू सो मच!! नंदिता भाभी मुझसे बोली। अब मैं भी बहुत खुश हो गया था। ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

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