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सत्य कथा : तांत्रिक ने चोदा और गांड मारा पूरी रात

डिअर फ्रेंड, मैं सीमा गुप्ता, एक हाउस वाइफ हु दिल्ली के लक्ष्मीनगर एरिया से, मेरी शिक्षा दीक्षा लखनऊ में हुयी है, मैं अपने माँ बाप का एकलौती संतान हु, माँ पापा रिटायर्ड बैंक मैनेजर है, वो लोग मेरी शादी बड़ी ही धूम धाम से की, पति के रूप में पंकज गुप्ता बहुत ही नेक इंसान था पर जैसे ही वो बेवफा हुआ मेरा घर बिखर गया, यहाँ तक की मैं उस बिखराव को ठीक करने के लिए मुझे क्या से क्या करना पड़ा, मैं आपको अपनी पूरी दास्ताँ आगे बताती हु,

मेरी उम्र 28 साल की है, मैं मदमस्त जवानी को हमेशा बचा के रखी क्यों की मैं अपनी जवानी सिर्फ अपने पति के ऊपर ही न्यौक्षावर करना चाहती थी, कई बार ऐसा मौक़ा आया पर मैं हमेशा चुदने से परहेज करते रही, शादी हुई और बस २ महीने तक बस चुदाई ही चुदाई, बहुत मजे किये, कभी शिमला में चुदाई, कभी मनाली में चुदाई, कभी होटल में, घर की तो बात ही छोड़ दीजिये, घर का कोई ऐसा कोना नहीं बचा था जहा मैं नहीं चूड़ी थी और कोई ऐसा जगह नहीं था जहा मेरी चुदाई की वो सेक्सी आवाज ना निकली हो, सबसे ज्यादा मजा तो मुझे रोटी बनाते हुए आता था, मैं खड़े होक स्लेप पे रोटी बेलती थी और मेरा पति मुझे पीछे से साडी उठा को चोद रहा होता था !

मेरी ज़िंदगी काफी हसी ख़ुशी चल रही थी पर थोड़े दिनों में ही ग्रहण लग गया मेरे प्यार को, एक लड़की जो कामिनी थी मैं तो सच में दोस्तों मैं उससे कमीनी ही कहती थी, वो थी मेरे हस्बैंड का दोस्त, पर उसकी नियत सही नहीं थी, मेरे पंकज को पटा के एक बार धनौल्टी जो की उत्तराखंड में है चली गई और रंगरेलियां मनाई, तभी से पंकज मेरे चुदाई का हिसा भी कामिनी को ही दे आता था, अब पंकज मेरे से झगड़ा भी करने लगा, और कहने लगा तुम बहन जी टाइप हो, मॉडर्न नहीं हो देखो कामिनी को कैसी लगती है, क्या रूप है, क्या फिगर है, और तुम अपने आप को आईने में देखो कैसी लगती हो, मैं समझ गई.

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कामिनी मेरे पति को मुझसे छीन चुकी थी, अब करती भी क्या, मैं पूरी रात तकिये के सहारे ही सोने लगी, ज्यादा से ज्यादा हुआ तो नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे जाके कहानिया पढ़ ली, पर इससे मुझे कुछ भी रहत नहीं मिल रहा था बस टाइम पास हो रहा था, मैं अपने जवानी को यूं ही जलते नहीं देखना चाहती थी, मैं भी फुदकना चाहती थी, मुझे भी लगता था मेरा पति मुझे चोदे, सेक्स करे, संसार की सब खुशियां मुझे दे, अब तो मैं ये भी सोच ली थी की पति मुझे जैसा चाहे वैसा चोदे, पहले मैं गांड मारने नहीं देती थी, और मुझे लण्ड भी मुह में लेना अच्छा नहीं लगता था पर अब इरादा बदल गया था अब तो मैंने आइसक्रीम की तरह लण्ड भी चूसने को तैयार थी और गांड भी मरवाने को, पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ. और धीरे धीरे मेरा पति मुझसे दूर हो गया.

मैंने एक न्यूज़ पेपर में एक तांत्रिक का इस्तेहार देखि और फिर फ़ोन किया, उन्होंने मुझे कहा ठीक है बेटी मैं तेरे पति को वापस ला दूंगा, मैंने भी विश्वास किया, उन्होंने कुछ पैसे का इंतज़ाम करने के लिए कहा और कहा की एक पूजा है जो मुझे रात में करनी होगी, वो भी तुम्हारे घर में, फिर मैंने एक डेट दिया जब मेरे पति कंपनी के काम से बाहर जा रहे थे मैंने २० तारीख का डेट दिया.

तांत्रिक करीब शाम को ६ बजे के करीब आया, और मेरे बैडरूम में निचे कई सारे कर्म काण्ड निचे करने लगा, करीब २० के करीब दीपक जलाया और फिर सुरु हो गया, उसने मुझसे कहा अब आप स्नान कर के आओ पर शरीर के ऊपर सिर्फ एक ही कपडा होना चाहिए, मैं थोड़ी सहमी हुई थी, मैं एक कपडे में कैसे वो भी एक अजनबी के सामने, पर मैं सोची की चलो अपना घर ठीक करने के लिए मुझे कुछ भी करना पड़े तो भी ठीक है, मैं नहा के एक कॉटन की साड़ी डाल के आ गयी, मैं बिलकुल राम तेरी गंगा मैली की हीरोइन की तरह लग रही थी मेरी चूचियाँ हिल रही थी और साइड से दिख रही थी, बड़ी बड़ी चूचियाँ जिसको ब्रा और ब्लाउज में बाँध के रखती थी आज सब आजाद था, मैं बहुत ही सेक्सी लग रही थी.

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फिर वो तांत्रिक मेरे ऊपर भी करी कर्म काण्ड लिया और बोला लेट जाने को, और वो खुद ही मेरा साडी ऊपर कर दिया, बोला मुझे योनि पूजा करना है, मैं कुछ समझी नहीं पर मैं सब कुछ करने के लिए तैयार थी, उसने मेरे चूत्त में जल और थोड़ा सा फूल चढ़या और मन्त्र बोला. पूरा घर घूप और अगरवती से महक रहा था, फिर तरीक ने मेरे ऊपर से निचे शरीर को हाथ से सहलाया उसका हाथ मेरे स्तनों को छुआ मेरे अंदर अजब सी गुदगुदी होने लगी, फिर थोड़े देर में मुझे निर्वस्त्र कर दिया, और कहा आप मुझे किसी चीज की लिए मना नहीं करना, मैं भी सोची चलो जो होना है आज ही होगा कल से तो मैं अपने पति की ही रहूंगी, मैं अपना सब कुछ उस तरीक को सौप दी.

वो तांत्रिक करीब ३६ साल का था, वो मुझे अपनी बाहों में जकड लिया, और चोदने लगा, वो मेरी चूचियों को मसलते हुए भद्दी भद्दी गालियां दे रहा था, मैं फिर पैर फैलाकर चुद रही थी, मुझे भी शकुन था की अब सब कुछ ठीक हो जायेगा, रात भर यही चलता रहा चुदाई और तंत्र मंत्र, मुझे एक उम्मीद थी की सब कुछ नार्मल होने का, सुबह हो गया मैंने पैसे भी दिए उस तांत्रिक को और मुझे फिर से एक बार खड़े खड़े चोद के चला गया.

दूसरे दिन ही मेरे पति आने बाले, था मैं सज संवर के थी, ताकि मेरा पति मुझे पसंद करे, शाम को करीब ६ बजे घंटी बजी, मेरा पति आया, बहुत ही दुखी था मैं पुछि की क्या बात है, तो वो बताया की कामिनी आज मेरा सारा पैसा लेके फरार हो गई है, मैंने उसके ऊपर कम्प्लेंट किया किया है उसने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी है, और वो मेरे साइन से लिपट गया, मैं आपको ये नहीं कह सकती की ये कैसे हुआ, अपने आप हुआ की तांत्रिक की वजह से हुआ पर जो भी हुआ अच्छा हुआ.

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