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सुबह सुबह आंगन में नहाते समय देवर ने लगाया मुझे चमड़े का इंजेक्शन और खूब चोदा

लवी आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करती है| मैं आज आपको अपनी सेक्सी स्टोरी सुना रही हूँ| मेरे पति शरीर से विकलांग है| वो एक बड़ी कम्पनी में काम करते थे, पर एक रोड एक्सीडेंट के बाद उनकी जिन्दगी पूरी तरह से बदल गयी| जब वो स्वस्थ थे तो मुझे रोज रात में चोदते थे| कितनी सारी रंगीन राते हमने साथ में बितायी थी| मेरे पति का लौड़ा बहुत बड़ा सा था जैसे कोई लम्बा चिकेन हॉटडॉग पर उस रोड एक्सीडेंट के बाद मेरे पति की जिन्दगी दोस्तों बस व्हील चेयर तक सिमट गया|कम्पनी ने मेरे पति की जगह मेरे देवर विशाल को नौकरी दे दी| उसी से हमारे घर का खर्च चलने लगा|पति के एक्सीडेंट को अब १ साल पूरा हो गया था| पूरा एक साल तक मुझे एक बार भी कोई लंड नसीब नही हुआ|

दोस्तों, मेरे घर पर कोई नही था जो मुझे चोद देता A धीरे धीरे मेरा झुकाव अपने देवर विशाल की तरह होने लगाA क्यूंकि अब वो ही हमारा अन्नदाता थाA वो ही पैसे कमाकर लाता थाA तभी हमारे घर का चूल्हा जलता थाA मैं सुबह उठकर  विशाल का नाश्ता बनाती, उसके कपड़े साफ करती, उसकी मोटर साइकिल कपड़े से साफ़ करतीA और कभी कभी मुझे जादा प्यार आ जाता तो मैं उसे अपने हाथों से नहला देतीA

“रहने दो भाभी !! मैं नहा लूँगा!” मेरा देवर कहता पर फिर भी मैं उसकी पीठ को अपने हाथ से मल मल के उसे नहला देतीA इसके पीछे मेरा मकसद था की मेरा झुकाव उसकी तरह होने लगा थाA मैं देवर विशाल को अपने जाल में फासना चाहती थी| और उससे खूब चुदवाना चाहती थी| जब मैं उसके मस्त बदन पर साबुन लगाती थी तो मुझे बहुत सेक्सी सेक्सी महसूस होता था| मेरा दिल मेरे देवर पर पूरी तरह से आ चूका था| दोस्तों , एक दिन मैं जानबूझकर पर आंगन में नहाने लगी| मैं अच्छी तरह से जानती थी की मेरा देवर विशाल ठीक ६ बजकर १० मिनट पर बाथरूम करने के लिए आता है| इसलिए मैंने अपनी साड़ी निकाल दी| ब्लाउस की बटन खोल दी| और बाल्टी नल से भर भरके अपने जिस्म गठीले बदन पर मग से पानी भर भरके डालने लगी| जैसे ही सवा ६ बजे मेरा देवर विशाल मूतने के लिए बाहर निकला| दोस्तों मैं जल्दी जल्दी अपने सेक्सी अनचुदे बदन पर जल्दी जल्दी पानी डालने लगी| मैंने अपने ब्लाउस की बटन खोल दी थी| मेरे सेक्सी और ३६ इंच के बड़े बड़े मम्मे पानी से लबालब भीग चुके थे|

मैं देखने में बहुत सेक्सी लग रही थी| जैसे ही देवर मेरे सामने आया मैंने आँगन में फिसल जाने का बहाना किया| विशाल ने मुझे बाहों पर भर लिया|

“अरे भाभी !! तुमको चोट तो नही लगी??” विशाल बोला|

“हाँ !! देवर जी !! सायद मेरे कुल्हे में चोट लग गयी है| प्लीस मेरे कूल्हे जल्दी जल्दी अपने हाथों से मल दो!!” मैंने कहा और अपने भीगे पेटीकोट का नारा खोल दिया| मेरे प्यारे और मासूम देवर ने अपने हाथ मेरे भीगे पेटीकोट के अंदर डाल दिए और जल्दी जल्दी मेरे कूल्हे मलने लगा| आहा दोस्तों, कितना सुकून मिला मुझे| विशाल जोर जोर से मेरे कूल्हे मलने लगा| मैं बिलकुल भीगी हुई थी| विशाल भी मेरे साथ भीग गया| इससे पहले वो मुझे छोड़ कर चला जाता, मैं उससे लिपट गयी और उसे चूमने लगी|

“भाभी ???….ये ये आप क्या कर रही है???’ विशाल बोला

“देवर जी !! मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ! इस अबला को स्वीकार करिए!!” मैंने कहा और विशाल से चिकप गयी. उसने छुड़ाने की कोशिश की, पर कामयाब ना हुआ| मैंने उसे दोनों बाहों में लपेट लिया| उसके गाल पर मैं पप्पी देने लगी| मेरी जवानी देखकर वो खुद को जादा देर तक रोक ना सका| वो भी मुझे किस करने लगा|

“भाभी !! सच बताऊँ तो मैं भी आपको प्यार करता हूँ, पर कभी कह नही पाया. मैं अभी आपके इस सेक्सी बदन को जमकर चोदना और खाना चाहता हूँ” विशाल बोला|

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“देवर जी !! मैं तो कबसे आपसे चुदवाने के सपने देख रही हूँ!! चोदो चोदो !! प्लीस देवर जी ! मुझे इसी समय चोदो!!” मैंने उससे गुराजिश की| उसके बाद तो वो हुआ दोस्तों जो आज तक मेरी लाइफ में कभी नही हुआ था| मेरा प्यारा सेक्सी देवर विशाल मेरे सीने से चिपक गया| और बेतहाशा मुझे चूमने चाटने लगा| मैने पास रही पानी की बालती से हम दोनों के उपर २ ४ मग्गे पानी डाल दिया| हम दोनों ही पानी से भीग गये| मेरा देवर विशाल भी अब पूरी तरह से भीग चूका था| वो मेरे भीगे और अनार जैसे सेक्सी होठ पीने लगा| मैं अपना मुँह चला चलाकर उसके मस्त होठ पीने लगे| पानी में भीगे उसके होठ बहुत सेक्सी लग रहे थे| मेरा ब्लाउस तो पहले ही खुला हुआ था| विशाल के हाथ मेरे भीगे और आम की तरह लटकते मम्मो पर आ गये.  उफ्फ्फ्फफ्फफ्फ्फ़ !! दोस्तों!! आज कितने दिनों बाद किसी मर्द के हाथ मेरे दूध पर लगे आज| विशाल मेरे भीगे दूध को छूने लगा|

उसे सहला सहलाकर उसे छूने लगा|फिर वो जोर जोर से अपने हाथों से मेरे भीगे स्तन दबाने लगा| उधर मेरी चूत में सनसनी होने लगी| मुझे बहुत मजा आने लगा| मेरा प्यारा देवर विशाल जोर जोर से मेरे दूध दबा रहा था| फिर वो आँगन में ही मेरे दूध मुँह में भरके पीने लगा| मुझे बहुत अच्छा लगा दोस्तों| मैं बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी| विशाल मुँह में मेरे भीगे दूध भरके पीने लगा| उफ्फ्फ्फ़ !! दोस्तों, कितना जादा मजा मिल रहा था मुझे|

“ओ भाभी !! तुम तो बड़ी मस्त माल हो!! तुम्हारे स्तन को तोतापरी आम जैसे है!” देवर बोला

“पी लो देवर जी !! अपना माल समझकर पी लो, फिर मुझे कसके चोदो !!” मैंने कहा|

दोस्तों, मेरा फुल सपोर्ट पाकर विशाल मस्ती से मेरे तोतापरी जैसे लम्बे लम्बे आम पीने लगा. जब मेरे पति स्वस्थ थे तो मुझे बहुत चोदा था| तब ही से मेरे स्तन हल्के हल्के नीचे की तरह लटक गये थे| मेरा देवर विशाल इस समय मेरे दूध पी रहा था| उसकी कामुकता बनी है इसलिए मैंने पानी से २ ४ मग पानी और अपने महकते जिस्म पर डाल दिया| मेरा रोम रोम भीग गया| विशाल ने मेरा भीगा और पानी से चूता ब्लाउस खुद अपने हाथों से निकाल दिया| अब मैं पूरी तरह से नंगी थी| नीचे मेरे बदन पर सिर्फ पेटीकोट था| विशाल ने मेरे बाये दूध को दोनों हाथ से जोर से दबाने लगा| दोस्तों, मुझे दर्द होने लगा| मेरी तो माँ ही चुद गयी| फिर विशाल ने मेरे दायें दूध को दोनों हाथ में ले लिया और जोर जोर से दबाने लगा| मुझे मजा तो बहुत मिल रहा था पर साथ ही दर्द भी हो रहा था| विशाल पर चुदास पूरी तरह से हावी थी| मुझे मुझे चोदना चाहता था| मेरी चूत में लंड उतारना चाहता था|

उसकी आँखों में इस समय काम और वासना ही थी| विशाल नीचे झुक गया| मुझ पर लेट गया| और मेरे आमो को हाथ से दबा दबा कर पीने लगा| मैं तो जन्नत में पहुच गयी थी दोस्तों| वो मेरी एक एक छाती मुँह में भरता और किसी चूसने वाले आम की तरह मेरे स्तन पीता| वो इतना जादा चुदासा हो गया था की वो मेरे स्तन को खा लेना चाहता था और दांत से काटकर निकाल लेना चाहता था| मुझे दर्द भी हो रहा था पर साथ ही मजा भी खूब आ रहा था| फिर विशाल मेरे चेहरे पर आ गया और जीभ ने मेरे पुरे चेहरे को चूमने चाटने लगा| फिर हम दोनों एक दुसरे के ओंठ पीने लगे| मेरे पति अभी बिस्तर पर पड़े सो रहे थे| उनको नही मालूम था की मैं इधर उनके सगे भाई से चुदवा रही हूँ|

बड़ी देर तक मैं और विशाल एक दुसरे के सेक्सी होठ और सासें पीते रहे| फिर हम दोनों एक दूसरे को गहरी नजर में देखने लगे

“भाभी !! चूत दोगी ????’ विशाल ने मजाक करते हुए कहा

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“….मैं तो कबसे कह रही हूँ की मेरी चूत ले ले और आज जीभर के मुझे चोद ले और अपने सारे अरमान पूरे कर ले!!” मैंने कहा

उसके बाद दोस्तों हम आगे बढ़ गये| विशाल मेरे साल भीगे हुए पानी में तर पेटीकोट की डोरी ढूंढने लगा| कुछ देर में उसने डोरी खोल दी और पेटीकोट नीचे सरका दिया| मेरी चूत के दर्शन देवर जी को होने लगे| मैंने दोनों पैर खोल दिए| अपनी चूत पर मैंने २ ३ मग पानी और डाल दिया| जिससे वो जादा सेक्सी और सफ़ेद लगे| मेरी दूधिया चूत पानी पड़ते ही कुंदन की तरह चमकने लगी| विशाल कुछ देर तक बड़ी गहरी नजर से मेरी बुर को देखता रहा, फिर उस पर भूके शेर की तरह टूट पड़ा| मेरा प्यारा देवर विशाल मेरी चूत और उसके होठो को अपने होठों से चूमने लगा| मैं तडप गयी|

“आराम से देवर जी !!…आराम ने मेरी चूत पीजिये!” मैंने विशाल से रिक्वेस्ट की

विशाल अब धीरे धीरे आराम ने मेरी बुर पीने लगा| हम दोनों घर के आंगन में ही ये सारे काण्ड कर रहे थे| कबसे मैं उससे चुदवाना चाहती थी| ये सपना आज पूरा होने वाला था| विशाल मेरी चूत के साथ साथ मेरी हसीन गोरी और भरी भरी टांगो को चूमने लगा| मेरे पैर बहुत सेक्सी थे| फिर विशाल पूरी तरह से मेरी चूत पर फोकस करने लगा| मैं अच्छी तरह से झाटे बना रखी थी और चूत के ठीक उपर झाटों से ही एक पंख बना कर छोड़ दिया था| जिससे मेरी चूत बहुत जादा हसीन और सेक्सी लग रही थी| मेरी चूत को मेरे पति ने खूब चोदा था जब वो ठीक थे| इस वजह से मेरी चूत के होठ पूरी तरह से खुल गये थे और अलग अलग हो गये थे| विशाल की लम्बी जीभ मेरी चूत के बिलकुल अंदर तक जा रही थी और बड़ी खलबली मचा रही थी|

मुझे इतना जूनून चढ़ गया की लगा कहीं मेरी चूत फट ना जाए| मेरा देवर विशाल बड़ी जोर जोर से मेरी बुर पी रहा था| जैसे वो चूत नही कोई लोलीपोप हो| फिर वो मेरे झांट से बने पंख को भी अपनी जीभ से चूमने लगा| फिर विशाल जोर जोर से मेरी बुर में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी मेरी चूत फेटने लगा| मैं बड़े प्यार से विशाल के सर और उसके भीगे बालों में अपना हाथ फिराने लगी| मेरी चूत बड़ी पनीली हो गयी थी, क्यूंकि विशाल उसको जल्दी जल्दी फेट जो रहा था| पुरे आंगन में मेरी चूत को फेटने की पनीली फच फच करती आवाज आ रही थी| मैं ये सब बर्दास्त नही कर पा रही थी| मैं जल्द से जल्द चुदवाना चाहती थी| अपने अपनी दोनों गोरी गोरी टाँगे उठा उठाकर देवर से चूत में ऊँगली करवा रही थी| मैं जानती थी की मुझसे बड़ी छिनाल इस दुनिया में दूसरी नही मिलेगी| दोस्तों, ये बात मैं अच्छी तरह से जानते थी| मेरे पति घर में ही थे| उसके बावजूद मैं देवर से चुदवाने का रही थी|

अचानक विशाल ने अपनी शर्ट की बटन खोलना शुरू कर दी| उसकी आँखों में सिर्फ और सिर्फ वासना भरी हुई थी| उसने शर्ट निकाल दी| वो नंगा हो गया| फिर उसने अपना लोवर एक ही झटके में निकाल फेका| फिर उसने अपना अंडरविअर निकाल दिया| बाप रे !! दोस्तों, देवर का लंड इतना बड़ा होगा मैं कभी सोचा था था| विशाल ने मेरे दोनों पैर किसी रंडी की तरह खोल दिए| मेरी चूत फूली फूली उसके सामने थी| एक बार उसने और मेरी बुर पी| फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चमड़े का इंजेक्शन लगाने लगा| दोस्तों, कुछ ही देर में मैं कमर उठा उठाकर चुदवाने लगी| आज पुरे साल भर बाद लंड खाया मैंने| विशाल जोर जोर से मुझे पेलने लगा| वो बड़े मजे से कमर मटका मटकाकर मुझे चमड़े का इंजेक्शन लगा रहा था| मैं हा हा आई आईईईईई माँ माँ आऊ आऊ ऊऊउ आह ओह ओह माँ !! करके चुदवाने लगी| हम दोनों पानी में भीगे हुए थे| चुदवाते चुदवाते मैं २ ३ मग पानी बाल्टी से निकाला और विशाल के मुँह पर छप्प से मार दिया|

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मैंने उसे छेड़ दिया| वो मेरी शरारत समझ गया की उसकी चुदक्कड़ भाभी उसे छेड़ रही है| विशाल ने मुझे ठोंकते ठोंकते ही अपने सीधे हाथ से अपने बाल पीछे की ओर किये जिससे बालों का सारा पानी पीछे की तरह बह गया| अपना मुँह उसके अपने हाथ से पोछ दिया| उसके बाद तो देवर मेरी चूत पर लंड की बारिश करने लगा| मुझे कमर मटका मटकाकर पेलने लगा| इसी चुदास में उसने मेरे दोनों दूध अपने हाथों में पकड़ लिया और जोर जोर से मेरी गहरी चूत में अपना गीला और भीगा लंड देने लगा|

“आहा अहाआआअ !! सही जा रहे हो देवर जी !! बस यही पर घिसते रहो मेरी चूत को !!!!” मैंने कहा

ये सुनकर तो वो और भी जादा चुदासा हो गया| मुझे इतनी जोर जोर से लेने लगा की मुझे लगा की कोई मेरी चूत में कील नही कोई कीला गाड़ रहा है| मुझे बहुत जादा मजा मिल रहा था इस वक़्त| देवर शानदार तरह से मेरी ठुकाई कर रहा था| मेरे दोनों मस्त मस्त फूले फूले स्तन देवर के कब्जे में थे| उसका एक एक धक्का मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था| कुछ देर बाद देवर ने घर के आंगन में ही मेरी गुलाबी चूत में अपना माल छोड़ दिया और आज मुझे १ साल के बाद चोद पर एक सम्पूर्ण नारी उसने बना दिया| मैं अपने प्यारे देवर विशाल से लिपट गयी| हम दोनों पति पत्नी की तरह प्यार करने लगे| दोस्तों, मेरा देवर विशाल ही मेरा मर्द था| मैं उसको अपनी चूत देने के बाद अपना पति मान चुकी थी| कुछ देर बाद विशाल ने मुझे गीले फर्श वाले आंगन में ही कुतिया बना दिया| पीछे से आकर मेरी चूत पीने लगा| विशाल मेरे चिकने पुट्ठो को छूने और सहलाने लगा|

वो पीछे से मेरे दोनों लपलपाते चूतड़ों के बीच में मुँह डालकर मेरी बुर पीता रहा| कुछ ही देर में विशाल का विशाल लौड़ा फिर से टन्न हो गया था| वो कुत्ता बन गया और पीछे से आंगन में बैठकर मेरी चूत मारने लगा| दोस्तों, इस तरह से चुदवाने में तो और भी जादा कसावट निलती है और जादा नशीली रगड़ मिलती है| विशाल ने पीछे से मेरे कंधे पकड़ लिए और मुझे ठोकने लगा जैसे कोई कुत्ता किसी कुतिया को पेलता है| फिर उसने मेरे गीले बड़े बड़े बाल पकड़ लिए और अपने हाथों में गोल गोल लपेट लिए| मुझे किसी रंडी की तरह बाल पकड़कर पेलने लगा| बालों के खींचने से मेरे सिर में दर्द हो रहा था, पर बालों के कारण ही मैं भाग नही पा रही थी और विशाल घपा घप मुझे चोद पा रहा था| उसका लंड बड़ी जल्दी जल्दी मुझे पीछे से पेलने लगा| मैं चुदकर जन्नत के मजे लेने लगी| आधे घंटे बाद विशाल ने जल्दी से अपना लौड़ा निकाला और मेरे मस्त मस्त चुतड पर माल गिरा दिया| फिर मैं उसका लंड मजे से चूसने लगी| दोस्तों आज ५ साल मेरे पति के रोड एक्सीडेंट के पुरे हो चुके है| और पिछले ४ सालों से मेरा देवर विशाल ही मेरा पति है| और रोज रात को मैं उसके कमरे में जाकर अपने पति की नजरों से बचकर चुदवा लेती हूँ| ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है|

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