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अपने दोस्त की सेक्सी बहन की रसीली चूत फाड़ी

हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसकानियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैंआपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम करन है। मेरा घर कई जगह हैं। लेकिन मेरी सारी फैमिली मुम्बई में रहती है।

मेरी उम्र 20 साल है। मेरा रंग सावला है। मेरा फेस कटिंग बहुत ही अच्छा है। मेरा कद 5 फ़ीट 10 इंच है। मेरा लंड 7 इंच का है। लड़कियों की निकली हिप्स मुझे बहुत अच्छी लगती है। लड़कियों की मटकती बलखाती कमर तो मेरा लंड खड़ा कर देती है। खूबसूरत लड़कियों को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मै हाई स्कूल से ही लड़कियों को चोद रहा हूँ। मैं रोज रात को ब्लू फिल्म देख कर मुठ मारता हूँ। मुठ मारने के बाद मैं चैन की नींद सोता हूँ। मैं इस समय ग्रेजुएशन कम्पलीट करके अब मै दिल्ली में तैयारी कर रहा हूँ। मेरी दोस्ती एक लड़के से हुई। जिसका नाम यश है। वो मेरे साथ ही तैयारी करता है। हम दोनों ही लड़कियो को देखकर अपना अपना लंड खड़ा कर लेते है। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। हम दोनों जो भी लड़की पटाते। साथ मिलकर ही चोदते हैं। मुझे तो लड़कियों की चिकनी चूत चोदने में बहुत मजा आताहै। लेकिन यश को लड़कियों की गांड मारने में बहुत मजा आता है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आता हूँ।

दोस्तों मैं एक अमीर घर का लड़का हूँ। मुझे किसी चीज की कोई कमी नही रहती है। मै जो चाहता हूँ करता हूँ। मेरा दिल्ली में खुद का घर है। मैं अपने घर पर अकेले ही रहता हूँ। पास के ही एक लड़के से मेरी दोस्ती हो गई। हम दोनों एक साथ ही पूरा दिन रहते थे। मै उसके घर गया। मुझे उसके घर के अन्दर एक लड़की दिखी। बाप रे क्या हुस्न की बला थी। परियों की रानी लग रही थी। मैं तो उसे देखते ही दीवाना हो गया। उसका फिगर 34,28,38 का था। मन कर रहा था अभी के अभी चोद डालूँ।  मैंने अब तक उसके जैसी लड़की नहीं देखी थी। मैने यश से पूंछा तो उसने बताया कि वो उसकी बहन है। उसका नाम सुहानी है। यश की बहन बहुत ही खूबसूरत थी। उसका नाम सुहानी था। सुहानी की गोरी गोरी गाल और भूरे भूरे बालों को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। सुहानी मुझे देख रही थी। मैंने कहा हटाओ दोस्त की बहन है। सुहानी भी मुझे लाइन दे रही थी। धीरे धीरे हमारी दोस्ती सुहानी से भी हो गई। मैं और सुहानी फ़ोन पर बात करने लगे। धीऱे धीऱे हम एक दूसरे से बिलकुल खुल के बात करने लगे। एक दिन मैं यश के घर गया तो यश नहीं था। सुहानी से मैंने बात की और मै बातों ही बार बार उसे किस कर लेता था। सुहानी कोई विरोध नहीं करती थी। सुहानी के घर पर और लोगो के होने के कारण मैंने सिर्फ किस किया। चलते चलते मैंने सुहानी की बूब्स को छू लिया।

मेरा लंड खड़ा था। मैंने घर आते ही मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया। एक दिन यश यश अपने मामा के यहाँ चला गया। मैंने सुहानी को अपने घर पर बुला लिया। वो अपने कोचिंग के टाइम पर मेरे घर आ गई। मैंने अपना गेट अंदर से लॉक कर लिया। अब मेरे घर पर मैं और सुहानी ही थे। सुहानी को अंदरले गया। सोफे पर बिठा दिया। सुहानी के पास चिपक कर बैठ गया। सुहानी से बात करते करते मै बीच बीच में किस कर रहा था। मैंने सुहानि को अपने से चिपका कर सुहानी को किस करने लगा। सुहानी चुपचाप अपने होंठो को सिएं बैठी थी। मैं सुहानी की कोमल पंखुड़ियों जैसे होंठो को चूस रहा था। सुहानी भी कुछ देर बाद मेरा साथ देने लगी। सुहानी भी मुझसे चिपक गयी। उसने भी मेरे होंठो को चूमने लगी। सुहानी को भी मजा आ रहा था। हम दोनों आँख बंद किये एक दूसरे के होंठो को चुसा रहे थे। मेरा लंड तो उफान मार रहा था। कच्छा फाड़कर बाहर निकलने को बेकरार होने लगा। मैंने सुहानी को किस करते करते उसकी चूंचियो को दबाने लगा। उसकी चूंची एक दम मस्त थी। सुहानी की बूब्स को बहुत की मुलायम थी। मक्खन जैसी सुहानी की चूंचियो को दबाते बहुत मजा आ रहा था। सुहानी भी गर्म हो रही थी। अपने दांतों से मेरे होंठो को काट रही थी।

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मै भी उसकी होंठो को काट कर चूस रहा था। मैंने अपने होंठ से  उसकी मुँह के अंदर तक की जीभ चूसने लगा। सुहानी भी मुझसे अपनों जीभ लड़ा लड़ा करके चूस रही थी। उस दिन उसने लाल काले रंग की जीन्स और लाल रंग की टी शर्ट पहन रखी थी। उसकी जीन्स में उनकी उभरी हुई गांड देख कर लंड पर प्रेसर बढ़ रहा था। मैंने उसकी चुच्चों को दबा दबा करके। सुहानी को किस कर रहा था। बीच में उसकी निकली गांड को दबा देता था। सुहानी भी आज चुदवाने के मूड में थी। मैंने सुहानी को उठाया और खड़े होकर किस करने लगा। मैने उसकी होंठो को चूस चूस ककर लाल कर दिया। उसकी होंठ अब और भी  ज्यादा शानदार लग रहे थे। मैंने सुहानी की टी शर्ट को निकाल कर फेंक दिया। सुहानी ने अंदर काले रंग की ब्रा पहनी थी। काले रंग की ब्रा में उसका बदन बेहद खूब सूरत लग रहा था। मुझे उसकी चूंचियां बहुत ही रोमांचक लग  रही थी। मन करता था बस इसे ऐसे ही अपने सामने खडा करके देखता रहूं।

मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूंचियां दबाने लग गया। मैंने उसकी ब्रा सहित चूंचियो को किस कर कर के दबा रहा था। मैंने पीछे से सुहानी की ब्रा का हुक खोला। उसकी ब्रा खुल गई। मैंने उसकी ब्रा को निकाल कर रख दिया। उसकी सॉलिड बूब्स को मैं देखता ही रह गया। गोल गोल मुसम्मी की तरह उसकी चूंचिया देख कर मेरा लंड बहुत ही बेचैन हो रहा था। सुहानी की गोरी गोरी बूब्स पर भूरा भूरा निप्पल मुझे आकर्षित कर रहे थे। मैंने सुहानी की बूब्स से अपना मुँह चिपकाकर। उसकी निप्पल को अपने मुँह में भर लिया। उसकी निप्पल को मैं चूंसने लगा। उसकी चूंचियो को मैं पकडे लटका हुआ चूस रहा था।

सुहानी गरम हो रही थी। उसकी गरम गरम साँसे निकल रही थी। उसकी चूंचियो को पीते पीते मै बीच बीच में उसकी निप्पलों को काट रहा था। सुहानी सी…सी…सी…ई …ई.. .ई. …की जोशीली आवाज निकाल रही थी। मुझे भी उसकी आवाज सुनकर बहुत जोश आ रहा था। मैंने उसकी निप्पलों को बार बार काटते हुएउसकी चूंचियों का भरता लगा रहा था। सुहानी भी मेरा बाल पकड़ कर अपनी चूंचियां चुसवा रही थी। सुहानी की चूंची का रस दबा दबा के निचोड के पी रहा था। मैंने सुहानी की जीन्स की बटन खोलकर उसकी निकाल दी। जीन्स को निकालते ही मेरा लंड और खड़ा हो गया। उसे पैंटी में देखकर मै खुद कंट्रोल ही नहीं कर पा रहा था। मैं जैसा सोचता था ये तो उससे कही ज्यादा मस्त लग रही थी। मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाई। सुहानी को मैंने सोफे पर बैठाया। सुहानी शरमा रही थी। मैंने उसका चेहरा ऊपर कर लिया। मैंने सुहानी की पैंटी को निकाल कर सूंघने लगा। उसकी पैंती से बड़ी मादक खुशबू आ रही थी। मैंने सुहानी की टांगोंको फैला कर उसकी चूत के दर्शन किया। उसकी चूत साफ़ साफ़ चिकनी लग रही थी। सुहानी ने जल्द ही अपनी चूत के बालों को बनाया था। उसकी चूत बहुत ही साफ़ और गोरी गोरी दिख रही थी। मैंने उसकी चूत को छुआ। उसकी चूत बहुत ही लाजबाब थी। मैंने कभी लड़कियों की चूत नहीं चाटी थी। लेकिन उस दिन मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया। उसकी चूत को मैंने चाटना शुरू किया।

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सुहानी मेरा सर पकड़े अपनी चूत से सटाये हुए थी। सुहानी बार बार मेरा सर अपनी चूत में दबा रही थी। मै उसकी छूट को चाट रहा था। मैंने सुहानी की चूत की दोनों पंखुडियो को बारी बारी से चूस चूस कर चाट रहा था। सुहानी की चूत जैसे रबड़ की लग रही थी। उसकी चूत को चाटकर मैंने उसकी चूत को लाल लाल कर दिया। मैंने सुहानी की चूत में अपनी जीभ डाली। उसकी चूत में लगा माल मैंने साफ़ कर दिया। मैंने अपनी दानेदार जीभ को उसकी चूत में गोल लम्बी करके डाल रहा था। सुहानी की चूत का दाना अपने दांतों से काट रहा था। चूत का दाना काटते ही वो सिकुड़ जाती। उसकी मुँह से “अई…..अई…अई…अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी…हा हा हा….” की आवांजो के साथ अपनी चूत चटवा रही थी। उसे अपनी छूट चटाने में बहुत ही मजा आ रहा था। मजे ले ले करके अपनी चूत चटवा रही थी। मैं कुत्तो की तरह उसकी चूत चाट रहा था। मेरी जीभ सुहानी की चूत को अंदर से खुजला रही थी। जीभ खुरदुरापन डॉटेड कंडोम की तरह सुहानी की चूत में धमाका कर रही थी। मैंने अपनी जीभ सुहानी की चूत में डाल डाल कर सुहानी को बहुत गरम कर दिया। मैंने अपना पैंट निकाला।

कच्छे में मेरा लंड तना हुआ खड़ा हुआ था। मैंने कच्छा निकाला और अपना लंड सुहानी के हाथ में थमा दिया। सुहानी मेरे लंड को हिला हिला कर खेलने लगी। सुहानी- उफ्फ्फ माँ!! कितना मोटा लंड है। कितना गरम हो गया है। मैंने सुहानी को अपना लंड चूसने को कहा। सुहानी मेरा लंड अपनी मुँह में भरकर चूसने लगी। मेरा लंड मुठ मार मार कर चूस रही थी। मेरा लंड अपनी मुँह में अंदर तक ले रही थी। मैं अपना लंड गले से नीचे तक डाल रहा था। कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद अपना लंड सुहानी की मुँह से निकाल लिया। मैंने सुहानी को नीचे लिटाकर उसकी टांगो को फैला दिया। सुहानी दोनों टांगो को खोले लेटी थी। मैंने अपनी उंगली डालकर सुहानी की चूत को गरम कर रहा था। सुहानी की चूत से पानी निकल रहा था। मैंने सुहानी की चूत से निकलता पानी मैंने चाट लिया। मैंने अपना लंड सुहानी की चूत पर रगड रहा था।

सुहानी को तड़पा रहा था। मैंने सुहानी की चूत की छेद पर अपना लंड लगाया। लंड को चूत के छेद में लगाकर धक्का मारा। मेरे लगभग 2 इंच लंड सुहानी की चूत में घुस गया। सुहानी जोर से चीखने लगी।“….अई….अई….अई…..अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्….उहह्ह्ह्……ओह्ह्ह्हह…..ह…ह….ह….” की आवाज निकल गई। सुहानी अपना सर इधर उधर दर्द से झिटक रही थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाले ही रहा। उसकी चूंचियो को दबाते हुए किस करने लगा।

मैंने किस करते ही उसकी चूत में एक बार फिर से धक्का मारा। मेरा पूरा लंड सुहानी की चूत में घुस गया। सुहानी तड़पने लगी। मै उसे दबाए उसे किस करता रहा। सुहानी मेरा लंड अपनी चूत से निकालना चाहती थी। मैंने  उसे नहीं निकालने दिया। धीऱे धीऱे मैंने अपना लंड उनकी छूट में आगे पीछे कर रहा था। धीऱे धीऱे सुहानी शांत होने लगी। उसका दर्द भी कम हो गया। मैंने उसकी होंठो से अपना होठ उठाया। मैंने उसे बेड के किनारे किया। मैं नीचे खड़ा होकर  अपना लंड सुहानी की चूत में पेलने लगा। सुहानी की हल्का हल्का दर्दअब भी हो रहा था। लेकिन फिर भी चुदाई में उसे बहुत मजा आ रहा था। सुहानी अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी। मैं उसकी चूत को चीर फाड़ रहा था। सुहानी अपनी कमर हिला हिला के चुड़वा रही थी। सुहानी की चूत चोदने में बहुत मजा आ रहा था। सुहानी की चूत फट गई थी। उसकी चूत का दर्द भी आराम हो गया था। मैंने सुहानी की एक टांग उठाकर बिस्तर पर लेट गया। सुहानी अपनी टांग उठाये थी। मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसकी जम कर चुदाई करने लगा। सुहानी “आ आ आ अह् हह्हह….ई ई ई.. ईईईई… .ओह्ह्ह्.. …अई….अई…अई…अई..मम्मी….”
चिल्ला रही थी। मै सुहानी की चूत में धकापेल अपना लंड पेल रहा था। सुहानी की चूत अपना पानी छोड़ रही थी। सुहानी की चूत से छप छप की आवाज आ रही थी।

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सुहानी की दोनों टांगो को उठा कर सुहानी की कमर उठा उठा के चोद रहा था। सुहानी भी कमर उछाल उछाल कर चुदवा रही थी। सुहानी को कुतिया बनाया। सुहानी की चूत में लौंडा डाल कर कुत्तो की तरह चोदने लगा। मेरे पेलने के धक्के से सुहानी जोर जोर से हिल रही थी। सुहानी का लटकती चूंची उछल रही थी। सुहानी ने अपनी चूत पर उंगली रखकर जोर जोर से मसल रही थी। मैंने अपना लंड सुहानी की चूत से निकाल लिया। मै नीचे लेट गया। सुहानी की चूत की खुजली अभी शांत नहीं हुई थी। सुहानी मेरे लंड पर आकर अपनी चूत का छेद लगाकर बैठ गई। मेरा पूरा लंड सुहानी की चूत में घुस गया। सुहानी ऊपर नीचे होकर चुदवा रही थी। कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मैंने सुहानी को उठा लिया। अपनी गोद में लेकर दीवार से चिपका कर चोदने लगा। मै सुहानी को उछाल उछाल कर चोद रहा था। सुहानी को भी झूले की तरह झूलकर चुदवाते अच्छा लग रहा था। सुहानी मेरा गला पकड़े उछल उछल के चुदवा रही थी। मै थक गया। मैंने सुहानी को नीचे उतार दिया। सुहानी की चूत ढीली हो गई। इतनी चुदाई के बाद उसकी चूत की चटनी बन गई। मैंने सुहानी को झुकाया। इस बार मैंने अपना गीला लंड सुहानी की चूत से निकालकर उसकी गांड के छेद में लगा दिया।

सुहानी कुछ कहती उससे पहले मैंने उसकी कमर पकड़ कर जोर से धक्का मार कर अपना लंड सुहानी की गांड में घुसा दिया। सुहानी जोर से चिल्लाई ओह्ह मम्मी…मम्मी…मम्मी…सी सी सी सी.. हा हा हा …ऊऊऊ…ऊँ…ऊँ….ऊँ…उनहूँ उनहूँ…” करके चिल्ला रही थी। मैंने बिना ध्यान दिए फिर से धक्का मारा इस बार मेरा पूरा लंड सुहानी की गांड ने अंदर ले लिया। सुहानी अपनी चूत मसल रही थी। सुहानी की टाइट गांड मारने से मेरा लौड़ा भी दर्द कर रहा था। लेकिन फिर भी मैं सुहानी की गांड में अपना लौड़ा कर उसकी गांड मारता रहा। दर्द से वो चीख रही थी। उसकी चीख पूरे रूम में गूँज रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई। मै भी झड़ने वाला हो गया। मैं जल्दी जल्दी सुहानी की गांड मार रहा था। मैंने अपना लंड सुहानी की गांड से निकाल करसुहानी के सामने कर दिया। सुहानी अपनी गांड नीचे रख के नहीं बैठ पा रही थी।

मैंने सुहानी को लिटा दिया। सुहानी के मुँह में अपना लंड डालकर मुठ मारने लगा।  मैने अपना सारा माल सुहानी की मुँह में गिरा दिया। सुहानी मेरे लंड का सारा माल पी गई। मै सुहानी के ऊपर ही लेट गया। सुहानी की गांड दर्द कर रही थी। वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। मैंने उसे दर्द की दवा दी। फिर हमलोग बॉथरूम में नहाने चले गये। बॉथरूम में भी ढेर सारी मस्ती की। बाद में सुहानी अपने घर चली गई। हैं लोग अब जब भी मौका पाते है। खूब चुदाई करते है। जब भी सुहानी के घर पर कोई नहीं होता है। वो फ़ोन करके बुला लेती है। फिर हम लोग खूब चुदाई करते हैं।  कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।

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