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पति का दोस्त मेरी चूत का असली हकदार है

Husband Friend Sex Story : मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम करिश्मा है मैं आपलोगो की कहानियां पढ़ी, फिर मुझे लगा की मैं अपनी भी कहानी आपके लिए पेश करूँ. इसलिए आज मैं आपके लिए एक गरमा गर्म नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे एक कहानी ले के आया हु, आशा करती हु की आपको खूब मजा दूंगी. अब मैं आपको पहले अपने बारे में बताती हु मेरी उम्र 24 साल की है… में कई दिनो से चुदाई के लिए तड़प रही थी… मेरे पति का होना ना होना तो बराबर ही था… फिर एक दिन उसी रात को में अपने पति के दोस्त पंकज के साथ बाजार गई… मेरा पति घर पर ही था लेकिन उसने बहुत पी रखी थी और में बाजार खाना लेने गयी थी… थोड़ी पी तो मैंने भी रखी थी और पंकज ने भी… फिर मैंने एक टी-शर्ट और केफरी पहन रखी थी… टी-शर्ट में मेरे बड़े बड़े चूचियों और भी अच्छे लगते है।

और पेंटी तो में पहनती ही नहीं हूँ और ऊपर से केफरी थोड़ी ढीली थी… फिर घर पर शराब पीते पीते मैंने अपनी कैप्री में हाथ डाल कर बहुत देर तक अपनी बूर को सहलाया फिर में बाईक पर पंकज के पीछे बैठ गई रात के 12 बज चुके थे और सभी सड़के सुनसान थी… तभी में उससे चिपक कर बैठी थी और मेरा एक चूचियों उसकी कमर में धंसा हुआ था… निप्पल हार्ड होने की वजह से उसे चुभ सा रहा था और वो भी जान बुझकर बार बार बाईक के ब्रेक मार रहा था… सो मैंने उसे उत्तेजित करने का प्लान बना लिया… मुझे ये भी पता था कि वो भी मुझे बहुत पसंद करता था… वो करीब 5.7 इंच का एक हट्टा कट्टा लड़का था और उसकी उम्र करीब 24 साल की थी…

तभी मैंने उसे पूछा कि पंकज वो तेरी गर्लफ्रेड थी रुपाली, उसका क्या हुआ? क्या अब तू उससे बात नहीं करता? तभी वो बोला कि बस भाभी मैंने उसे छोड़ दिया है… फिर मैंने पुछा क्यों? वो कहने लगा बस ऐसे ही… मैंने पूछा कि कुछ तो वजह होगी… वो कहने लगा कि बस भाभी अपना मतलब निकल गया था सौ गले में डालकर थोड़ी रखनी थी… फिर उसकी बात से में समझ गयी कि उसने रुपाली को चोदने के बाद छोड़ दिया था… लेकिन फिर अंजान बनने का नाटक करते हुए मैंने पूछा कौन सा काम?

तभी वो कहने लगा कि छोड़ो भाभी तुम्हारे मतलब की बात नहीं है… फिर मैंने कहा कि बताइए ना… फिर वो कहने लगा कि कुछ नहीं भाभी मैंने वो खा ली थी… चूँकि उसने भी बहुत पी रखी थी सो उसी बात में वो जवाब देते हुए बोला खा ली थी मतलब, तूने उसके साथ… मैंने जान बूझकर अपनी बात अधूरी छोड़ दी… तभी उसने कहा हाँ भाभी उसने फिर बेशर्मी से जवाब दिया… में तो पहले से ही गरम थी और उसकी इस बात ने मुझे और गरम कर दिया था फिर मैंने पूछा और रुपाली? उसका क्या है… तभी वो कहने लगा कि उसे तो मुझसे पहले भी कई लोगो ने खाया है और मेरे बाद भी उसने एक बॉयफ्रेंड बना लिया है…

तभी उसकी यह बात सुनकर मेरा दिल कर रहा था कि उसे सीधे सीधे कह दूँ कि पंकज मुझे भी खा ले लेकिन हिम्मत ही नहीं हुई… फिर मैंने कहा तू पंकज बड़ा कमीना है… तभी वो चुप हो गया लेकिन में अब इस बात के सहारे उसके साथ सोने की प्लॅनिंग करने लगी थी और मेरा दिमाग़ इस तरफ चल रहा था कि किस तरह उससे चुदाई करवाई जाए…

तभी मैंने बड़ी बेतक्लुफ़ी से उससे चिपकते हुए कहा, पंकज मेरा एक काम कर दे… फिर वो कहने लगा बोलो भाभी क्या काम है? मैंने कहा तू पहले बाईक कहीं पर रोक… तभी उसने बाईक सड़क के किनारे लगाई… तो मैंने कहा यहाँ पर नहीं आगे चल… फिर थोड़ी आगे जाकर मैंने एक खाली प्लॉट के साईड में बाईक रुकवा दी और उसका हाथ पकड़ कर प्लॉट में पढ़े खोखे के पीछे उसे ले जाकर बोली, पंकज में जो कहूँगी तू वो करेगा ना…

फिर वो बोला कि करिश्मा भाभी तुम कहो तो सही… फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने एक भारी चूचियों पर रख दिया और बोली, पंकज चोद दे मुझे, में बड़ी प्यासी हूँ प्लीज मेरी प्यास बुझा दे… तभी उसने मेरी तरफ देखा और फिर मेरे चूचियों को मसलते हुए बोला, करिश्मा भाभी यह क्या कह रही हो तुम? मैंने कहा हाँ पंकज में ठीक कह रही हूँ, में बड़े दिनों से प्यासी हूँ और तड़प रही हूँ…

फिर वो कुछ नहीं बोला लेकिन मेरे चूचियों को मसलता रहा… फिर जब मैंने देखा कि वो खामोश है तो मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रखा और अपनी केफरी में सरका दिया… फिर अंदर जाते ही उसके हाथ ने मेरी बूर के होंठो को छुआ में मस्ती में चिल्ला पढ़ी उूुउउइई माँ और फ़ौरन ही उसके बाल पकड़ कर उसके होंठो को किस करना शुरू कर दिया… तभी उसने अपनी जीभ मेरे मुहं में घुसेड़ दी और में उसकी जीभ को चूसने लगी…

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फिर वहीं दूसरे हाथ में मैंने उसका लौड़ा पेंट के ऊपर से ही पकड़ लिया… जब उसके लौड़ा को पकड़ा तो में पागल सी हो गई और उसका लौड़ा बहुत बड़ा था और हल्के हल्के सर उठा रहा था… तभी पास से निकल रही बाईक की आवाज़ सुनकर हम दोनो को होश आया… फिर हम दोनो अलग हुए और घर को चल पढ़े… बाईक पर बैठने के बाद मैंने उसका लौड़ा फिर से पकड़ लिया और उसे बोली, पंकज आज मुझे किसी भी हाल में तेरा ये बड़ा लौड़ा अपनी बूर में लेना है…

तभी वो कहने लगा तुझे बड़ी जल्दी लग रही है मेरे बड़े लौड़ा की… फिर मैंने कहा साले इतने लौड़ा ले चुकी हूँ कि बस हाथ लगाकर ही बता देती हूँ के लौड़ा कितना बड़ा होगा… फिर मैंने कहा अच्छा ध्यान से सुन अभी घर पर जाकर तुम दोनो और पीयोगे, में तुझे एक गोली दूँगी तू उसके पेग में डाल देना थोड़ी देर में वो बेहोश हो जाएगा, फिर हम दोनो ऐश करेंगे… तभी घर पहुँचे तो देखा कि मेरा पति पहले ही बहुत पी चूका था और वो खड़ा भी नहीं हो पा रहा था… अब में खुश हो गई और बाथरूम में घुस गई… दोस्तों ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है…

फिर मैंने अपनी टी-शर्ट उतार कर एक तरफ डाल दी और फिर ब्रा को उतार कर फैंक दिया और टी-शर्ट वापस पहन ली… अब मेरे भारी भारी चूचियों के तने हुए निप्पल टी-शर्ट के ऊपर से साफ चमक रहे थे, तभी पंकज मुझे देख कर मुस्कुरा उठा… फिर में किचन में घुस गई और दो मिनट बाद पंकज वहाँ पर आया और मेरा एक चूचियों दबाकर बोला गोली देने की ज़रूरत तो नहीं है साले ने वैसे ही बहुत पी ली है… फिर मैंने कहा तू ज़्यादा समझदार मत बन गोली दे दे चुपचाप… में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और ना ही रात का मज़ा खराब करना चाहती हूँ… तभी पंकज ने मेरा निप्पल टी-शर्ट के ऊपर से ही मसल दिया तो में चीख पढ़ी, मेरा पति बाहर से ही बोला क्या हुआ? कुछ नहीं दाल गरम कर रही थी गरम बर्तन पकड़ लिया… तभी पंकज मुस्कुराकर बाहर निकल गया… फिर मैंने खाना प्लेट में डाला और बाहर आ गयी… में डाइनिंग टेबल पर अपने पति की कुर्सी के पास खड़ी थी और झुककर खाना सर्व कर रही थी, में इस तरह झुकी थी की पंकज मेरी टी-शर्ट के गले में से मेरे भारी रसीले चूचियों का दीदार कर सके… फिर थोड़ी देर बाद मेरा पति खाना खाते खाते ही डाइनिंग टेबल पर सर रख कर पढ़ गया… उस वक़्त में पंकज के पास खड़ी थी पंकज ने आचनक ही मेरे बाल पकड़े और मुझे किस करने लगा…

फिर में कुछ समझ पाती इससे पहले ही उसका एक हाथ मेरी टी-शर्ट में घुस गया और मेरे चूचियों को टटोलने लगा… फिर में उसकी पैर पर बैठ गयी और हम दोनो स्मूच का मज़ा लेने लगे… मेरा पति डाइनिंग टेबल पर पढ़ा था और में किसी गैर मर्द को किस कर रही थी, यह सोच सोच कर मेरी बूर पानी छोड़ने लगी… हम दोनो एक दूसरे को बूरी तरह किस कर रहे थे और वहीं पंकज का एक हाथ मेरे चूचियों मसलने में वयस्त था…

फिर मैंने भी उसके लौड़ा पर हाथ रखा था और उसे पेंट के ऊपर से ही दबा रही थी… फिर में सीधी होने लगी तो वो बोला करिश्मा मेरी जान कहाँ जा रही है? तभी में बोली मदारचोद आज बड़ी जान जान कर रहा है… तभी वो कहने लगा आज से पहले तो हिम्मत नहीं हुई डर लगता था भाभी कि तुम बुरा ना मान जाओ… फिर में बोली साले इतने दिनों से तेरे साथ गंदे मज़ाक कर रही हूँ, कितनी बार चूचियों दिखाए, यहाँ तक की पेंटी भी दिखा दी और तू फिर भी डर रहा था गांडू… तभी वो बोला अरे साली रांड, माँ की लौड़ी बदन तो तेरा कपढ़ो में से वैसे ही दिखता है… कसे कसे कपढ़ो में फँसे तेरे ये बड़े बड़े चूचियों और तेरी उन कसी हुई सलेक्स में से झाकती तेरी जांघे और गांड देख देख कर ही पता नहीं कितनी मुठ मारी है मैंने… फिर मैंने कहा कि साले थोड़ी हिम्मत करता तो मूठ ना मारता मेरी बूर ही मार लेता पर तू है ही गांडू…

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तभी वो बोला चल कोई नहीं आज तेरी बूर भी मार लेता हूँ… फिर इतना कहकर उसने मुझे खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया और मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे चूचियों चूसने लगा… फिर उसने मेरी टी-शर्ट में से मेरा एक चूचियों निकाल लिया और जैसे ही उसने मेरा निप्पल मुहं में लिया में मस्ती में चिल्ला उठी आअहह वह्ह्ह…

तभी वो मेरे चूचियों चूसने लगा और बीच बीच में निप्पल काट लेता था में पागल सी होती जा रही थी ऑश आह्ह्ह्ह आई माँ मसल मेरे चूचियों चूस मेरी बूर फिर दो तीन मिनट बाद में उसकी गोद से खड़ी हुई और अपनी टी-शर्ट उतार कर एक तरफ फैंक दी… तभी उसने मुझे खींच कर अपनी गोद में फिर से बैठा लिया और बोला कि करिश्मा डार्लिंग बड़े जबरदस्त चूचियों है तेरे…

फिर में उसकी गोद से खड़ी हुई और उसके सामने ज़मीन पर बैठ गयी और उसकी पेंट खोलते हुए बोली मेरा सामान तो देख लिया और चूस भी लिया अब अपना सामान भी तो दिखा दे… तभी उसने मेरी मदद की और मैंने उसकी पेंट खोल कर उतार दी और उसका लौड़ा उसकी अंडरवियर में खड़ा हुआ चमक रहा था… फिर मैंने अंडरवियर के ऊपर से ही उसके लौड़ा को काटना शुरू कर दिया और फिर अपना एक हाथ उसकी अंडरवियर में डाल कर उसका लौड़ा बाहर निकाल लिया लौड़ा को देख कर में तड़प उठी… उसका लौड़ा बहुत बड़ा था करीब 8-9 इंच का तो होगा ही… तभी उसने मेरे बाल पकड़े और अपना लौड़ा मेरे होठो पर रगड़ते हुए बोला, क्यो मेरी जान कैसा लगा मेरा लौड़ा? फिर मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया और उसका लौड़ा चाटने लगी… फिर धीरे धीरे उसका लौड़ा मुहं में ले कर आईस क्रीम की तरह चूसने लगी…

फिर दो ही मिनट में उसका पूरा लौड़ा मेरे मुहं में था करीब चार पांच मिनट तक ऐसे ही चलता रहा… फिर में उसका लौड़ा चूसती ही रही या कहें कि वो मेरा मुहं चोदता रहा… फिर उसने मेरे बाल पकड़ कर मुझे खड़ा कर दिया और डाइनिंग टेबल पर बैठा दिया और मेरी केफरी का बटन खोल कर सरका दी… मैंने भी अपनी गांड उठाकर उसे मुझे नंगी करने में मदद की और फिर केफरी उतार कर उसने मेरी टाँगे हवा में उठाकर उसने मेरी बूर का एक चुम्मा लिया… फिर जैसे ही उसने मेरी बूर पर मुहं रखा, में चिल्ला पढ़ी अहह मदारचोद मज़ा आ गया… आह माँ क्या मज़ा है बूर चटवाने में चाट मेरे पंकज जी भरके चाट, मेरी बूर का दाना भी चाट, मदारचोद तू सच में मर्द है आज इसको चोद चोद कर भोसड़ा बना दे…

तभी उसने पूछा करिश्मा सच बता परसो जब में आया था तब वो सुनार अन्दर था, क्या कर रहा था? अच्छा उस दिन… अब झूट नहीं बोलूँगी, चुद रही थी उससे… तभी वो बोला लेकिन जब तूने दरवाजा खोला तब तूने साड़ी पहन रखी थी बिल्कुल तैयार थी तू… अबे साड़ी उतार के थोड़ी चुद रही थी ब्लाउज के हुक खोले, साड़ी उठाई और लौड़ा बूर में… वो कहने लगा पक्की चुड़क्कड़ है तू और में तो तुझे शरीफ समझता था…

तभी इतना कह कर उसने फिर से मेरी बूर चाटनी शुरू कर दी, में मज़े में मदहोश होकर चिल्ला रही थी उूउउइइ माँ चूस मेरी बूर मज़ा आ रहा है ऐसे ही हाँ बस आअहह अब में मदहोश होती जा रही थी… तभी मैंने उसका सर पकड़ कर अपनी बूर पर दबा दिया था और अब अपनी गांड उछाल उछाल कर उसके मुहं पर अपनी बूर पटक रही थी… उसकी जीभ मेरी बूर में थी और मुझे ऐसा मजा आ रहा था जैसे किसी ने छोटे लौड़ा को बूर में डाल रखा हो… फिर करीब तीन चार मिनट बाद मेरी बूर ने रस छोड़ दिया और पंकज ने मेरा सारा रस चाटकर मेरी बूर को साफ किया और फिर मुझे खड़ा कर दिया…

फिर में उसके सामने खड़ी थी और वो मेरे चूचियों मसल रहा था… फिर उसने मुझे डाइनिंग टेबल की तरफ घुमा कर आगे को झुका दिया और में अब घोड़ी सी बनी खड़ी थी… फिर उसने मेरे पीछे आकर अपने लौड़ा का सुपाड़ा मेरी तड़पती हुई बूर पर टिकाकर एक ही धक्के में अपना लौड़ा मेरी बूर में डाल दिया ओह माँ पंकज क्या लौड़ा है तेरा, मेरी तो बूर ही फट गयी साले, मजा आ गया… तभी उसने झटके मारने शुरू कर दिए, वो अपना लौड़ा सुपाड़े तक मेरी बूर से निकाल लेता और फिर वापस डाल देता में पागल सी होने लगी थी… आह्ह्ह्हह उई माँ क्या चोदता है तू पंकज आहह उउंमाँ मर गयी ज़ोर ज़ोर से मार और जोर से, साली बड़ी तड़प रही थी मेरी बूर लौड़ा के लिए, आज खिला इसे जी भर के अपना ये बड़ा लौड़ा चोद उईई माँ…

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तभी मैंने उसे गालियाँ देनी शुरू कर दी माँ की लौड़ी रांड बड़ा तडपया है तूने मुझे अपना ये कसा बदन दिखा दिखा कर मादरचोद साली, कैसे गांड मटका मटका के चलती थी मेरे सामने… फिर मेरा हवा में लटका एक चूचियों दबाते हुए बोला… साली कपढ़ो में कसे तेरे ये कसे कसे चूचियों देख देखकर लौड़ा खड़ा हो जाता था और ऊपर से तेरे डीप गले वाले सूट में से झांकते चूचियों देखकर कितनी बार मूठ मारी है…

फिर वो पूरे जोश से अपना लौड़ा मेरी बूर में डाले रहा था… में भी अपनी गांड पटक पटक कर उसका लौड़ा अपनी बूर में डलवा रही थी… फिर थोड़ी देर इस तरह मुझे चोदने के बाद उसने मुझे दीवार के किनारे खड़ी कर दिया और मेरी एक टाँग उठाकर अपना लौड़ा मेरी बूर में डाल दिया…

में पागल होती जा रही थी मेरी बूर बड़े मज़े से लौड़ा खा रही थी, फिर पांच मिनट बाद उसने मुझे बेडरूम में ले जाकर बेड पर लेटा दिया और चोदने लगा, अब में झड़ने के करीब थी मैंने अपनी टाँगे उठाकर उसकी कमर पर लपेट ली और मेरी बूर ने रस छोड़ दिया… फिर वहीं वो भी झड़ने वाला था… तभी मुझे बोला करिश्मा क्या तेरी बूर में ही झड़ जाऊ? फिर मैंने कहा नहीं पंकज मेरे मुहं में झड़ मैंने बहुत दिनो से लौड़ा का माल नहीं खाया…

फिर इतना कहकर में उठकर खड़ी हुई और ज़मीन पर बैठ गयी उसने अपना लौड़ा मेरे मुहं में डाल दिया और दो तीन झटको में ही उसके लौड़ा ने पिचकारी चला दी और मेरा मुहं उसके लौड़ा के वीर्य से भर गया… फिर मैंने उसका वीर्य आख़िरी बूँद तक पिया… मेरी बूर तो थोड़ी ठंडी हो गयी थी लेकिन अभी में और मस्ती करने के मूड में थी… फिर हम दोनो सोफे पर बैठे थे…

अब में उसका लौड़ा पकड़ कर हिला रही थी… लौड़ा धीरे धीरे फिर से हरकत में आने लगा था… तभी में सोफे से उठ कर उसके सामने ज़मीन पर बैठ गयी और उसका लौड़ा पकड़ कर अपने चूचियों और निप्पल पर रगड़ने लगी… फिर धीरे से उसका लौड़ा अपने चूचियों में फँसा लिया और चूचियों चुदवाने लगी, उसका लौड़ा फिर से खड़ा होने लगा था… तब मैंने उसका लौड़ा फिर से मुहं में भर लिया… लौड़ा अब पूरी तरह तन गया था में खड़ी हो गयी और उसके लौड़ा का सुपाड़ा पकड़ कर अपनी बूर पर टिका कर उस पर बैठ गई और खुद उसके लौड़ा पर उछल उछल कर उसका लौड़ा अपनी बूर में लेने लगी और वो मेरे चूचियों चूस रहा था…

फिर करीब पांच मिनट तक इस तरह चुदने के बाद में खड़ी हो गयी और उसके सामने ज़मीन पर घोड़ी बनकर उसे बोली, पंकज मेरी बूर को तो तूने ठंड कर दिया है प्लीज अब मेरी गांड की प्यास भी बुजा दे… तभी वो मेरे पीछे से आकर खड़ा हो गया और अपने लौड़ा का सुपाड़ा मेरी गांड पर टिका दिया और एक धक्के में उसका आधा लौड़ा मेरी गांड में था, में मस्त होकर गांड मरवाने लगी… फिर करीब पांच मिनट तक मेरी गांड मारने के बाद उसने एक बार फिर अपना लौड़ा मेरी बूर में डाल दिया और इस बार मेरी बूर मारते मारते वो मेरी बूर में ही झड़ गया…

दोस्तों में तृप्त हो गयी थी अपने कपढ़े पहन कर मैंने पंकज के साथ अपने पति को उठाकर बेड पर लेटा दिया… फिर उसके बाद हम भी बेड पर लेट गये, पंकज मेरे साथ पढ़ा था और मेरे चूचियों से खेल रहा था… थोड़ी देर बाद मैंने एक बार उससे और चुदाई करवाई और उसके बाद वो अपने घर पर चला गया… मेरी बूर अब तृप्त हो गयी थी सो में भी सो गयी ……

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