नेताजी ने चलती कार में मुझे चोदा

Car Sex Story, Netaji Sex Story : मैं, रिया, 24 साल की एक जवान और आकर्षक लड़की, लखनऊ के एक न्यूज़ चैनल में जर्नलिस्ट के तौर पर काम करती थी। मेरा गोरा रंग, लंबे भूरे बाल, टाइट चूचे, और कसी हुई कमर नेताओं से लेकर कॉलेज के लड़कों तक सबको दीवाना बना देती थी। मेरी मुलाकात नेताजी, यानी राजेंद्र सिंह, 45 साल के एक मशहूर और ताकतवर पॉलिटिशियन, से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुई थी। उनकी गहरी आवाज़, भारी-भरकम शख्सियत, और छुपा हुआ कामुक अंदाज़ मुझे हर बार बेचैन कर देता था। ये कहानी उस रात की है, जब नेताजी ने मुझे अपनी चलती कार में चोदा और मेरी चूत की प्यास बुझाई।

उस दिन देर रात थी। मैं नेताजी के एक इंटरव्यू के लिए उनके ऑफिस गई थी। इंटरव्यू के बाद, उन्होंने मुझे अपने घर तक छोड़ने की पेशकश की। “रिया, इतनी रात को अकेले जाना ठीक नहीं। मेरी कार में बैठो, मैं तुम्हें ड्रॉप कर दूंगा,” उन्होंने अपनी गहरी आवाज़ में कहा। मैंने हामी भर दी। उनकी लग्ज़री SUV में मैं उनके बगल वाली सीट पर बैठी। मैंने एक टाइट ब्लैक ब्लाउज़ और ग्रे पैंट पहनी थी, जो मेरी क्लीवेज और चूतड़ को उभार रही थी। नेताजी ड्राइवर के साथ अकेले थे, और कार की खिड़कियां टिंटेड थीं।

कार चलते ही नेताजी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए कहा, “रिया, तुम्हारी खूबसूरती किसी भी खबर से ज्यादा हेडलाइन बन सकती है।” उनकी बात सुनकर मेरी सांसें भारी हो गईं। मैंने शरारती अंदाज़ में जवाब दिया, “नेताजी, आपकी तारीफें भी तो कम खतरनाक नहीं।” उनकी आंखों में एक कामुक चमक थी। अचानक, उन्होंने ड्राइवर से कहा, “रमेश, प्राइवेसी स्क्रीन चढ़ा दो और म्यूज़िक चला दो।” ड्राइवर ने तुरंत कार का प्राइवेसी डिवाइडर ऊपर कर दिया, और अब हम दोनों पीछे की सीट पर पूरी तरह अकेले थे।

नेताजी ने मेरी जांघ पर अपना मज़बूत हाथ रखा। “रिया, मैं तुम्हें कब से चाहता हूं,” उन्होंने फुसफुसाया। मेरी चूत में सनसनाहट होने लगी। मैंने उनकी आंखों में देखा और बोली, “नेताजी, फिर आज अपनी ख्वाहिश पूरी कर लीजिए।” मेरी बात सुनते ही उन्होंने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनका चुंबन इतना गहरा और जुनूनी था कि कार की हवा गर्म हो गई। उनकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और मेरे हाथ उनकी छाती पर चले गए।

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उन्होंने मेरा ब्लाउज़ खींचकर बटन खोल दिए। मेरी काली ब्रा में मेरे गोरे चूचे चमक रहे थे। “रिया, तेरे ये चूचे तो जन्नत हैं,” उन्होंने कहा और मेरी ब्रा खींचकर फेंक दी। उनके मज़बूत हाथ मेरे चूचों को दबाने लगे, और उनके मुंह ने मेरे निप्पल्स को चूसना शुरू किया। “आह… नेताजी, मेरी चूत को छूइए,” मैं सिसकते हुए बोली। उन्होंने मेरी पैंट और पैंटी एक साथ नीचे सरका दी। मेरी चिकनी, गीली चूत उनके सामने थी। उनकी उंगलियां मेरी चूत पर फिसलने लगीं, और मेरा रस उनके हाथों पर चिपक गया।

“तेरी चूत तो पहले से टपक रही है, रिया,” उन्होंने हंसते हुए कहा और अपनी जीभ मेरी चूत के दाने पर रख दी। मैं चीख पड़ी, “आह… नेताजी, चाटिए मेरी चूत!” उनकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में थी, और मेरा शरीर कांप रहा था। कार की गति और उनकी चाट की रफ्तार ने मुझे पागल कर दिया। मैंने उनके बाल पकड़ लिए और उनकी जीभ को और गहराई में दबाया। “नेताजी, मेरी चूत को चोदिए… मुझे आपका लंड चाहिए!” मैं कातरते हुए बोली।

उन्होंने अपनी पैंट उतारी, और उनका मोटा, तना हुआ लंड मेरे सामने था। “ये ले, रिया, नेताजी का लंड,” उन्होंने हंसते हुए कहा। मैंने उनके लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया और इसका टोपा चाटना शुरू किया। उनकी सिसकारियां कार में गूंजने लगीं। “आह… रिया, तेरा मुंह तो स्वर्ग है,” उन्होंने कराहते हुए कहा। मैंने उनका लंड गहराई तक अपने मुंह में लिया और चूसने लगी। उनके हाथ मेरे चूचों को दबा रहे थे, और मैं उनकी नसों को अपनी जीभ से चाट रही थी।

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उन्होंने मुझे कार की सीट पर लिटाया और मेरी टांगें अपने कंधों पर रखीं। उनका लंड मेरी चूत पर रगड़ा, और फिर एक जोरदार धक्के के साथ अंदर घुस गया। “आह… नेताजी, आपका लंड मेरी चूत फाड़ रहा है!” मैं चीखी। उन्होंने मेरे चूतड़ पकड़ लिए और मुझे जोर-जोर से चोदने लगे। कार की हल्की-हल्की हलचल और उनके धक्कों ने मुझे और उत्तेजित कर दिया। मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे, और मैंने उनके निप्पल्स को दबाना शुरू किया।

“रिया, तेरी चूत इतनी टाइट है,” उन्होंने सिसकते हुए कहा। मैंने अपनी चूत को और सिकोड़ा और बोली, “नेताजी, और जोर से… मेरी चूत को रगड़ दीजिए!” उनकी रफ्तार और तेज हो गई। कार की सीट हमारे पसीने और मेरे चूत के रस से गीली हो रही थी। उन्होंने मुझे पलटकर डॉगी स्टाइल में लिटाया। मेरी गोल चूतड़ उनके सामने थी, और उन्होंने उस पर एक चपत मारी। “तेरी ये सेक्सी गांड भी चोदूंगा,” उन्होंने कहा। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “चोदिए, नेताजी… मेरी गांड आपकी है।”

उन्होंने अपनी उंगलियां मेरी चूत के रस से गीली कीं और मेरी टाइट गांड में डालीं। मैं सिसक उठी, लेकिन अपनी गांड को और पीछे धकेला। उनका लंड मेरी गांड के छेद पर रखा गया और धीरे-धीरे अंदर धकेला। “आह… नेताजी, मेरी गांड चीर रही है!” मैं चीखी, लेकिन उस दर्द में सुख था। उनकी रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ी, और उनका लंड मेरी गांड में अंदर-बाहर होने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मेरी चूतड़ उनकी जांघों से टकरा रहे थे।

उन्होंने मुझे फिर से पलटाया और मेरी टांगें फैलाकर मेरी चूत में अपना लंड डाला। “रिया, मैं झड़ने वाला हूं,” उन्होंने कराहते हुए कहा। मैंने अपनी चूत को और सिकोड़ा और बोली, “नेताजी, मेरे अंदर झड़िए… मुझे आपका रस चाहिए!” उनके धक्के और तेज हो गए। मेरी चूत और गांड दोनों उनके लंड से रगड़ खा चुकी थीं। आखिरकार, उन्होंने एक जोरदार धक्का मारा, और उनका गर्म रस मेरी चूत में भर गया। मैं भी उसी पल झड़ गई, और मेरी चूत का रस उनकी जांघों पर बहने लगा।

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हम दोनों हांफते हुए कार की सीट पर गिर पड़े। हमारी देहें पसीने और रस से चिपचिपी थीं। नेताजी ने मेरी कमर पर हाथ फेरा और बोले, “रिया, तेरी चूत ने मुझे जन्नत दिखा दी।” मैंने उनकी छाती पर सिर रखा और हंसते हुए कहा, “नेताजी, आपका लंड भी कम नहीं।” उस रात के बाद, नेताजी और मेरा रिश्ता एक नया मोड़ ले चुका था। जब भी वो लखनऊ में होते, उनकी कार मेरे लिए स्वर्ग बन जाती।

एक बार तो उन्होंने मुझे अपनी कार में एक रैली के दौरान चोदा, जब ड्राइवर बाहर खड़ा था। मेरी चीखें म्यूज़िक में दब गईं, और उनकी चुदाई ने मेरी चूत को फिर से गीला कर दिया। हमारा ये गुप्त रिश्ता एक अनकहा राज बन गया। नेताजी का लंड मेरी चूत का आदी हो चुका था, और उनकी हर मुलाकात मेरी वासना को और भड़का देती थी।

अगली सुबह, जब मैं ऑफिस जा रही थी, नेताजी का फोन आया। “रिया, आज रात फिर से मेरी कार में आना। तेरी चूत को और चोदना है,” उन्होंने कहा। मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “नेताजी, मेरी चूत तो आपके लंड की गुलाम है।” उनकी हंसी फोन पर गूंजी, और मेरी चूत में फिर से वही सनसनाहट होने लगी।