मेरा सौतेला बाप मेरी चूत का दीवाना

Sautela Baap Beti Sex Story : – मेरा नाम रिया है, और मैं 21 साल की एक हॉट, चुदास भरी लड़की हूँ। मेरा गोरा, नाजुक बदन, टाइट चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर किसी भी मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और टाइट चूत चुदाई का खुला न्योता देते हैं। मेरी मादक आँखें और मटकती चाल मर्दों को पागल कर देती है। मेरी मम्मी, अनीता, ने दो साल पहले मेरे सौतेले बाप, रमेश, से शादी की थी। रमेश, 45 साल का एक गठीला, रसीला मर्द था, जिसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरी चूत में चुदास की सिहरन पैदा करता था। उसकी भूखी नजरें मेरी चूचियों और गांड पर टिकती थीं, और मैं जानबूझकर टाइट कपड़े पहनती थी। ये कहानी उस रात की है, जब मेरे सौतेले बाप ने मेरी चूत को अपने लंड से चोदा और मेरी चुदास को जन्नत दे दी।

मम्मी की पहली शादी टूटने के बाद, रमेश हमारी जिंदगी में आया। वह एक बिजनेसमैन था, और उसका रौबीला अंदाज मुझे दीवाना बना देता था। मम्मी ज्यादातर अपने जॉब के सिलसिले में बाहर रहती थीं, और मैं और रमेश घर पर अकेले होते थे। मैंने कई बार गौर किया कि रमेश की नजरें मेरी चूचियों और गांड पर टिकती थीं। वह जानबूझकर मेरे करीब आता, और उसकी छुअन मेरी चूत में आग लगा देती थी। एक बार, जब मैं नहाकर सिर्फ तौलिया लपेटे निकली, रमेश ने मेरे गीले बदन को देखा और बोला, “रिया, तेरी चूत तो मेरे लंड को बुला रही है।” मैंने मादक मुस्कान दी और बोली, “पापा, मेरी चूत आपके मोटे लंड की भूखी है।” मेरी बात ने उसकी चुदास को भड़का दिया।

एक रात, मम्मी दिल्ली में थीं, और मैं और रमेश घर पर अकेले थे। मैंने जानबूझकर एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी, जिसमें मेरे सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिख रहे थे। मैंने रमेश को अपने कमरे में बुलाया और कहा, “पापा, आज रात मेरे साथ सोइए, मुझे डर लग रहा है।” उसकी आँखें चुदास से चमक उठीं, और वह मेरे कमरे में आ गया। मैंने दरवाजा बंद किया और उसे अपनी बाहों में खींच लिया। “पापा, मेरी चूत को अपने लंड से चोद दीजिए,” मैंने मादक आवाज में कहा। उसने मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था।

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मैंने रमेश की पैंट उतार दी, और उसका 9 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। मैंने अपनी नाइटी उतार दी, और मेरी टाइट, नंगी चूचियाँ उसके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उसके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। उसने मेरे चूचों को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से दबाने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पलों को मसल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “रिया, तेरी चूत तो मेरे लंड की दीवानी है,” उसने गुर्राते हुए कहा। मैंने चुदास में चीखते हुए कहा, “पापा, मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे।”

उसने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी चीखें निकल रही थीं। मैंने उसके लंड को अपने रसीले होंठों में लिया और गहराई तक चूसने लगी। उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं, और उसने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया। मैं उसके लंड को चाट रही थी, और उसकी चुदास मेरे मुँह में साफ महसूस हो रही थी। रमेश ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी।

मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “पापा… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने अपना मोटा, काला लंड मेरी टाइट चूत के मुहाने पर रखा और धीरे-धीरे धक्का मारा। मेरी चूत इतनी टाइट थी कि उसका लंड अंदर जाने में मुश्किल हो रहा था। उसने मेरी जाँघें और चौड़ी कीं और जोर का धक्का मारा। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, और उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी।

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रमेश ने मेरे चूचियों को मसला, मेरे निप्पलों को चूसा, और मेरी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। “रिया, तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम है,” उसने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, पापा… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी चूत में फिर से डाल दिया। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। फिर उसने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया और धीरे-धीरे अपना मोटा लंड मेरी गांड में डाल दिया।

मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने उसके लंड को गले लगा लिया। रमेश मेरी गांड को जमकर चोद रहा था, और मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे। “पापा… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने मेरे चूचियों को मसला, मेरी गांड को थप्पड़ मारे, और मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। मेरी चूत बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उसकी जाँघों पर टपक रहा था। चुदाई का दौर घंटों चला। उसने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार उसने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उसके चेहरे पर उछल रहे थे, और वह मेरे निप्पलों को चूस रहा था।

फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा किया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। मेरी चीखें और सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “रिया, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” रमेश ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, पापा… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। उसने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मेरी चूत में मारी। मैं सुख से चीख पड़ी, और मेरी चूत उसके वीर्य से लबालब भर गई। उसने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। फिर उसने मेरी गांड में फिर से लंड डाला और वहाँ भी अपने वीर्य की पिचकारी मारी। मेरा बदन उसके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था।

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उस रात के बाद, रमेश मेरी चुदास का नियमित साथी बन गया। हर बार जब मम्मी घर पर नहीं होतीं, मैं रमेश को अपने कमरे में बुलाती। एक बार मैंने उसे रसोई में चुदाई के लिए बुलाया। मैंने एक टाइट टॉप और शॉर्ट्स पहने थे, और उसने मुझे काउंटर पर झुकाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मैं चुदास में चीख रही थी, और मेरी चूत उसके वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उसे बाथरूम में बुलाया। उसने मुझे शावर के नीचे खड़ा किया और मेरी गांड में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी मेरे चूचों पर टपक रहा था, और मेरी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं।

कभी-कभी, मैं रात में उसके कमरे में चली जाती। एक रात, उसने मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटा, और मैंने उसके लंड को चूसकर उसे और उत्तेजित किया। फिर उसने मेरी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा, और मेरी चूत उसके वीर्य से चमक रही थी। मम्मी को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि मैं और रमेश चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक बार, जब रमेश मेरी चूत चोद रहा था, मम्मी का फोन आया। मैंने फोन उठाया, और रमेश ने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया। मैं सिसकारियों को दबाते हुए मम्मी से बात कर रही थी, और मेरी चूत उसके वीर्य से भर रही थी।

रमेश का मोटा, काला लंड मेरी चूत का दीवाना था, और मेरी चूत उसके लंड की गुलाम। उसकी चुदाई ने मुझे उसका दीवाना बना दिया। हर बार जब वह मेरी चूत और गांड को चोदता, मेरी सिसकारियाँ घर में गूँजती थीं। मैंने सोचा कि मेरा सौतेला बाप मेरी चूत का दीवाना बनकर मेरी जिंदगी को मादक सुख दे रहा है। मेरी चूत और गांड उसके लंड की गुलाम बन चुकी थीं, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई