Home » देसी सेक्स कहानी » कंप्यूटर ठीक करवाने के बहाने चुदवाती रही

कंप्यूटर ठीक करवाने के बहाने चुदवाती रही

हिंदी सेक्स कहानी, मेरी चुदाई की कहानी, पड़ोस सेक्स कहानी, सेक्स कहानी, Meri Chudai Story, Meri Sex Kahani, Desi Kahani,

दोस्तों ये मेरी पहली कहानी है। मैं दिल्ली में रहती हूँ, आज मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ। क्यों की मैं भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम की फैन हूँ और रोजाना नई नई सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ। यही एक वेबसाइट है जहाँ पर हॉट सेक्स स्टोरी होती है।

मेरी उम्र 19 साल है। मुझे चुदने का बहुत मन करता था पर चुदती कहाँ? क्यों की आजकल लोग ब्लैकमेल भी करते हैं। रात रात भर कई बार नींद नहीं आती थी चूत सहलताती थी तो कभी चूचियां खुद ही दबोचती मसलती पर इससे कुछ भी नहीं होता है उलटे सेक्सी और कामुक हो जाती थी और फिर रात भर सपने में कोई चोद रहा होता था तो तकिये को दबा के सो जाया करती थी। जब कॉलेज जाती थी तो मेरी सहेलियां कहानी सुनाती थी। मेरा बॉय फ्रेंड आज पार्क में चोदा तो मेट्रो में किस किया तो कभी कहती थी आज होटल में जा रही हूँ चूत की खुजली ख़तम करने के लिए।

ये सब कहानी जब सुनती थी की कैसे उसका बॉय फ्रेंड उसको चोदता है चूमता है गांड मारता है चूचियां दबाता है तब और भी कामुक हो जाती थी और फिर मुझे भी चुदने का मन करने लगता था। मुझे एक उपाय सूझी। मेरे पड़ोस में एक भैया रहते थे। उनकी बीवी गाँव गई थी क्यों की वो प्रेग्नेंट हो गई थी। मैं उनके यहाँ गई क्यों की वो कंप्यूटर इंजीनियर हैं। मैं उनको अपना लैपटॉप दिखाई क्यों की मेरा लैपटॉप काम नहीं कर रहा था। उन्होंने ठीक कर दिया।

फिर मैं बराबर उनके यहाँ जाने लगी। कभी लैपटॉप ठीक कराने, कभी सॉफ्टवेयर डलवाने, तो कभी कुछ पूछने। मेरा इरादा तो कुछ और था पर कामयाब नहीं हो पा रही थी। सोचती थी कही वो मना कर दिया तो क्या होगा।

एक दिन की बात है। मेरे मम्मी पापा और भाई दोनों मामा जी के यहाँ हरिद्वार गए थे। मैं घर पर अकेली थी। मैं रात के करीब 9 बजे उनके यहाँ लैपटॉप लेकर पहुंच गई। और ये भी ध्यान में रखी की कोई रस्ते में देख ना ले। मैं उनके घर पहुंच गई और भगवान् ने भी मेरा साथ दिया उस समय बिजली चली गई थी। तो रस्ते में अँधेरा थे मैं अँधेरे में ही उनके घर पहुंच गई। वो उस समय मोबाइल पर गाने सुन रहे थे और मोमवत्ती जल रही थी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  चुदाई की बीमारी : मेरी बड़ी बहन को थी बीमारी चुदाई से ठीक होती थी

मैं पहुंची उनके यहाँ तो वो उठकर खड़े हो गए और बोले लाइट नहीं है। देखो कब आती है। तो मैं बोली कोई बात नहीं मैं इंतज़ार कर लेती हूँ और मैं उनके बेड पर बैठ गई। इधर उधर की बातचीत होने लगी। और फिर पढ़ी को लेकर चर्चा चलने लगा। मैं बात करते करते इमोशनल हो गई की मैं नीट की तैयारी करना चाहती थी पर पापा ने मुझे नहीं कहा और फिर रोने लगी। वो मेरे पास आपकर बैठ गए। मैं कुछ ज्यादा ही एक्टिंग करने लगी की मैं बहुत दुखी हूँ और सिसकने लगी। वो मुझे चुप कराने लगे। और धीरे धीरे वो मेरे पीठ को सहलाने लगे। मुझे नहीं पता क्या चल रहा था उनके मन में पर हां ये तो सही थी की उस समय वो मुझे सांत्वना दे रहे थे।

तभी मैं उनके तरफ देखी वो भी मुझे देखे और फिर मैं उनका हाथ पकड़ ली और अपनी उँगलियाँ उनके उँगलियों में फंसा दी। उनका होठ मेरे होठ के तरफ बढ़ा और मैं भी अपना होठ बढ़ाई उसके बाद मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और उन्होंने अपने होठ से मेरे गुलाबी होठ पर मुहर लगा दी। फिर क्या था दोस्तों मेरी साँसे तेज तेज चलने लगी धड़कन बढ़ गई थी। उनका हाथ मेरे बूब्स पर जैसे पड़ा मैं सिहर गई। उन्होंने हौले हौले से बूब्स को दबाने लगे। मैं तो तार तार हो गई थी। इतनी जल्दी मेरी चूत गीली हो गई समझ में नहीं आया। दोस्तों मेरे होठ लाल हो गए थे चूचियां बड़ी और टाइट हो गई थी।

मेरे पुरे बदन में सिहरन हो गई थी। मैं अपने सीने से उनको दबोच ली। और वो मेरे ऊपर चढ़ गए। मैं अपना बाल खोल दी और वो मेरे होठ को चूसते हुए अपने हाथों से मेरे जिस्म को टटोल रहे थे। मैं पागल हो रही थी यही चाहती थी। सपने इसी के देखे थे मैंने। आज डर भी नहीं था मेरे घर में कोई नहीं था। आज आराम से चुदवा सकती थी और मेरे सपने पुरे हो रहे थे।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  पापा को लगा मैं मम्मी हूँ उन्होंने गलती से चोद दिया

दोस्तों कुछ ही देर में हम दोनों कामुकता की हद को पार हो गए और एक दूसरे के जिस्म को टटोलते हुए हम दोनों कपडे उतार दिए। मेरी जवानी अब चुदने को तैयार थी। मेरा गोरा बदन बेड पर संगमरमर की तरह चमक रही थी। मेरी नशीली आँखे वासना से भरी हुई थी मैं खुद से भी अपने चूचियों को दबा रही थी और अपने निप्पल को ऊँगली से मसल रही थी। उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग कर दिया और बिच में बैठ कर मेरी चूत निहारने लगे। उन्होंने ऊँगली से छुआ चूत गीली हो चुकी थी। गीली चूत से पानी ऊँगली में लगाया उन्होंने और फिर ऊँगली को अपने मुँह में डाला। और उनके मुँह से एक ही शब्द निकला “गजब”

मैं मुस्कुरा उठी और सरमा गई। दोस्तों फिर उन्होंने एक सिसकारी ली और फिर मेरी चूत को अपने जीभ से चाटने लगे। मैं सिहर रही थी मेरे बदन में गुदगुदी हो रही थी। मैं मचल रही थी। वो मेरी चूत को चाटते ही जा रहे थे। मेरे मुँह से आह आह आह की आवाज निकलने लगी और वो भी बड़े आराम से मेरी चूत से निकलने वाली पानी को चाट रहे थे।

फिर उन्होंने ऊपर चढ़ कर मेरे बूब्स को पीना शुरू किया मुझे दर्द भी हो रहा था और अच्छा भी लग रहा था। फिर उन्होंने अपना जीभ मेरे मुँह में डाल दिया और मैं उनके जीभ को चूसने लगी। दोस्तों मेरा पूरा बदन गरम हो गया था। मैं सपनों में थी। मेरी साँसे और धड़कन धीरे धीरे और भी ज्यादा होने लगी थी। मेरी चूच ऊपर निचे हो रही थी जब मैं साँसे लेती और छोड़ती तब।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  Aunty Sex Story : Radhika Aunty ki chudai

उसमे बाद उन्होंने अपना लौड़ा निकाल मेरे मुँह में डाल दिया और मैं उनके लौड़े को अपने जीभ से चाटने लगी। फिर मैं पुरे मुँह में लेती और निकालती। वो अब आह अब उफ़ उफ़ उफ़ करने लगे ये मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसके बाद फिर वो निचे चले गए और मैं टांग फैला दी बिच में वो लौड़ा सेट किये मेरी चूत पर और फिर जोर से झटके दिए पूरा लौड़ा मेरी चूत में समा गया।

फिर वो मेरी चूचियों को सहलाते हुए जोर जोर से चोदने लगे। मैं भी जोश म आ चुकी थी वो मेरी चूत को फाड़ रहे थे और मैं फड़वा रही थी। दोस्तों मैं अब अपना कमर उठा उठा कर धक्के निचे से दे रही थी और वो ऊपर से जोर जोर से फच फच कर चोद रहे थे। मेरे बाल बिखरे पड़े थे मेरी काजल फ़ैल चुकी थी। नशीली आँखे अब लाल हो गई थी और मैं फुल मूड में आ गई थी। अपनी नाख़ून से उनके पीठ पर कई निशान बना चुकी थी वो मेरे चूच पर अपने दांत का निशान भी छोड़ चुके थे यानी लव बाईट दोनों तरफ से दे चुके थे।

करीब एक घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर सो गए और एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे।

दोस्तों उस दिन के बाद से हम दोनों को जब भी मौक़ा मिलता चुदाई कर ही लेते हैं। अब मैं लंड की भूखी नहीं हूँ पर हां मुझे अब अलग अलग तरीके का लंड चाहिए। अब उसका भी इंतज़ाम कर रही हूँ आशा करती हूँ जल्द ही मुझे ये भी नसीब होगा।

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी? आप प्लीज नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरूर आइये मैं आपके लिए दूसरी कहानी जल्द ही प्रकाशित करुँगी। तब तक के लिए बाय बाय।