Vidhwa Bhabhi Hindi Sex Story – आइये आज मैं आपके लिए एक बहुत ही हॉट सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ। ये मेरी पहली कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर। मेरा नाम राहुल है, 25 साल का, और मैं अपने गाँव में अपने बड़े भाई की विधवा पत्नी, यानी अपनी भाभी, राधिका, के साथ रहता हूँ। मैं खेतों में काम करता हूँ, मेरा जिस्म मेहनत से गठीला है, और मेरा 8 इंच का मोटा लंड गाँव की लड़कियों की नजरों में हमेशा रहता है। लेकिन मेरी नजरें हमेशा राधिका भाभी पर टिकी रहती थीं। राधिका भाभी, 32 साल की, एक ऐसी औरत थीं, जिनका गदराया जिस्म किसी को भी दीवाना कर दे। उनकी साँवली त्वचा, बड़ी-बड़ी रसीली चूचियाँ, पतली कमर और गोल-मटोल गांड उनकी साड़ी में उभरकर मेरे लंड में आग लगा देती थी। उनकी गहरी आँखें और गुलाबी होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों।
मेरे भाई की मृत्यु को दो साल हो चुके थे, और भाभी तब से अकेली थीं। वो गाँव में अपने ससुराल में रहती थीं, और मैं उनके साथ खेतों में काम करता था। मैंने कई बार देखा कि जब भाभी खेतों में काम करतीं या घर में झाड़ू लगातीं, तो उनकी साड़ी का पल्लू सरक जाता, और उनकी चूचियाँ टाइट ब्लाउज में उभरकर मुझे ललचा देती थीं। उनकी वो शरारती मुस्कान और मेरे जिस्म को घूरने वाली नजरें मेरे लंड में सिहरन पैदा कर देती थीं। मुझे यकीन था कि भाभी की टाइट चूत मेरे मोटे लंड की भूखी थी, और शायद वो भी एक नई जिंदगी की चाहत रखती थीं।
वो 18 सितंबर 2025 की उमस भरी रात थी। गाँव में हल्की बारिश हो रही थी, और घर का माहौल गर्माहट से भरा था। मैं और भाभी अकेले थे, क्योंकि बाकी परिवार वाले पास के गाँव में एक शादी में गए थे। मैं अपने कमरे में लेटा हुआ था, और भाभी रसोई में खाना बना रही थीं। उन्होंने एक पतली सी हरी साड़ी पहनी थी, जो उनके गदराए जिस्म से चिपक रही थी। उनकी चूचियाँ साड़ी में साफ उभर रही थीं, और उनकी गोल गांड हर कदम पर हिल रही थी। बारिश की बूंदें खिड़की पर गिर रही थीं, जो माहौल को और कामुक बना रही थीं।
“राहुल, खाना तैयार है। आ जा, पूरनपोली बनाई है,” भाभी ने अपनी मधुर आवाज में बुलाया। मैं रसोई में गया, और उनकी चूचियों को घूरने से खुद को रोक नहीं पाया। “भाभी, पूरनपोली तो ठीक है, लेकिन तुम आज कुछ ज्यादा ही हॉट लग रही हो,” मैंने हँसते हुए कहा। भाभी ने पलटकर देखा और एक मादक मुस्कान दी। “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत को तड़पा रहा है। आज रात घर में कोई नहीं है, कुछ कर ले?” उनकी बात सुनकर मेरा लंड पैंट में तन गया।
मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “भाभी, अगर तुम्हारी चूत मेरे लंड की भूखी है, तो आज रात उसे पूरा सुख दूँगा।” भाभी ने गैस बंद किया और मेरे पास आकर खड़ी हो गईं। मैंने उन्हें अपनी बाहों में खींच लिया और उनके रसीले होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो चुंबन इतना गहरा और गर्म था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ गई। भाभी ने मेरी बनियान उतार दी और मेरे गठीले सीने पर अपने नाखून फिराए। “राहुल, तेरा जिस्म तो पत्थर जैसा है,” उन्होंने फुसफुसाया।
मैंने भाभी की साड़ी का पल्लू सरका दिया, और उनकी चूचियाँ उनके टाइट ब्लाउज में उभर आईं। मैंने ब्लाउज के बटन खोले, और उनकी काली लेस ब्रा में उनकी बड़ी-बड़ी रसीली चूचियाँ कैद थीं। मैंने ब्रा उतार दी, और भाभी की चूचियाँ मेरे सामने थीं—गोल, टाइट और निप्पल्स तने हुए। मैंने हौले-हौले उनकी चूचियों को अपने हाथों में लिया और दबाना शुरू किया। उनकी सिसकारियाँ रसोई में गूँज उठीं। “राहुल, मेरी चूचियों को और दबा… कितना मजा आ रहा है,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। मैंने उनके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और हल्के से काटते हुए। भाभी की चूत गीली हो चुकी थी, और उनकी साँसें तेज हो रही थीं।
मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट उतार दिए, और उनकी काली पैंटी में उनकी टाइट चूत की शेप साफ दिख रही थी। पैंटी गीली हो चुकी थी। मैंने पैंटी नीचे सरकाई, और भाभी की चूत मेरे सामने थी—गुलाबी, गीली और बिना बालों की। मैंने घुटनों के बल बैठकर अपनी जीभ भाभी की चूत पर फिराई। उनकी चीखें रसोई की दीवारों से टकराने लगीं। “राहुल, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” उन्होंने चिल्लाया। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत की गहराइयों में डाली, और उनका रस मेरे मुँह में बहने लगा। मैंने उनके क्लिट को चूसा, और भाभी की कमर उछलने लगी। “राहुल, तू मेरी चूत को पागल कर रहा है,” वो सिसक रही थीं।
भाभी ने मेरी पैंट खींची और मेरा मोटा लंड बाहर निकाला। “राहुल, तेरा लंड तो हथौड़ा है,” उन्होंने शरारत से कहा, और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं। फिर उन्होंने उसे अपने मुँह में लिया। उनकी जीभ मेरे लंड पर लपलपाती रही, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “भाभी, तेरा मुँह मेरे लंड को निचोड़ रहा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। भाभी ने मेरे लंड को गहराई तक चूसा, और मैंने उनके बाल पकड़ लिए।
मैंने भाभी को रसोई के स्लैब पर बिठाया और उनकी टाँगें फैलाकर अपना मोटा लंड उनकी टाइट चूत में डाला। भाभी चीख पड़ीं, “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और उनकी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, राहुल… मेरी चूत को फाड़ दे,” उन्होंने चीखते हुए कहा। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैंने उनके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और भाभी की चीखें और तेज हो गईं।
मैंने भाभी को रसोई से उठाया और बेडरूम में ले गया। हमारा बेडरूम मंद रोशनी और मखमली चादरों से सजा था, और बारिश की फुहारें माहौल को और गर्म बना रही थीं। मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। मैंने फिर से अपने लंड को उनकी चूत में डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “राहुल, मेरी चूत को और चोद… तेरा लंड मेरे जिस्म में आग लगा रहा है,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके नितंबों को थपथपाया, और उनकी चीखें और तेज हो गईं।
मैंने भाभी को पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। मेरा लंड उनकी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि हमारे जिस्म एक-दूसरे में घुल गए। “हाँ, राहुल… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके बाल पकड़े और उन्हें और जोर से चोदा, जैसे मेरी सारी वासना उनकी चूत में उतर रही हो। उनकी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने फिर से उन्हें चूसा, उनके निप्पल्स को काटते हुए।
रात के बीच में, भाभी ने फुसफुसाकर कहा, “राहुल, मेरे अंदर ही छोड़ दे… मैं एक बच्चा चाहती हूँ।” उनकी बात सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने अपनी रफ्तार और तेज की, और हर धक्के के साथ मेरी वासना उनकी चूत में गहराई तक उतर रही थी। “भाभी, मैं तुम्हें प्रेग्नेंट कर दूँगा,” मैंने सिसकते हुए कहा। आखिरकार, मैंने अपने लंड का सारा रस उनकी चूत में छोड़ दिया, और भाभी की सिसकारियाँ शांत हो गईं।
पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। मैंने भाभी को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उनकी चूत को, कभी उनकी चूचियों को चूसते हुए, और कभी उनके नितंबों को सहलाते हुए। भाभी ने मेरे मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उनकी जीभ ने मुझे पागल कर दिया। “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। हमने बेडरूम से बाथरूम तक चुदाई की, जहाँ शावर के नीचे मैंने भाभी को दीवार से सटाकर चोदा। पानी की फुहारें और उनकी चीखें एक-दूसरे में मिल रही थीं।
जब सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने और बारिश से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। भाभी ने मेरे सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “राहुल, तूने मेरी चूत को रात भर रंगीन कर दिया। शायद अब मेरे पेट में तेरा बच्चा पल रहा हो।” मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा, “भाभी, तेरी रसीली चूचियाँ और टाइट चूत ने मेरे लंड को दीवाना बना दिया।”
भाभी ने मेरे होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी साड़ी ठीक की, और एक मादक मुस्कान के साथ बोलीं, “राहुल, ये रात हमारी थी। लेकिन अगर मैं प्रेग्नेंट हुई, तो ये जुनून हमारा राज रहेगा।” मैंने उनकी कमर पकड़ी और कहा, “भाभी, मेरा लंड हमेशा तुम्हारी चूत और तुम्हारे सपनों के लिए हाजिर रहेगा।”
जैसे ही भाभी बेडरूम से बाहर निकलीं, उन्होंने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, राहुल। लेकिन ये जुनून कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानता था, राधिका भाभी की टाइट चूत और रसीली चूचियाँ मेरे लंड की आग को हर रात सुलगाती रहेंगी, और हमारे घर की दीवारें इस वासना और प्रेग्नेंसी के सपने की गवाह बनेंगी। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे।