देसी बहु चुदक्कड़ निकली – पार्ट 2

चुदक्कड़ बहु की अगली कड़ी- पिछली रात की चुदाई के बाद, मैं, रोहन, और मेरी चुदक्कड़ भाभी, अनीता, एक-दूसरे की वासना में पूरी तरह डूब चुके थे। उस रात के बाद, हमारी नजरें हर बार मिलने पर कुछ और कहानी बुनने लगीं। अनीता भाभी, 26 साल की, गाँव की वो देसी हसीना, जिनकी रसीली चूचियाँ और टाइट चूत मेरे लंड को हर बार पागल कर देती थीं। उनकी गोरी त्वचा, पतली कमर और गोल-मटोल गांड हर बार मेरे जिस्म में आग लगा देती थी। भाई, विजय, ट्रक ड्राइवर होने की वजह से फिर से एक लंबे टूर पर निकल गया था, और घर में फिर वही कामुक माहौल बनने वाला था।

ये 20 सितंबर 2025 की रात थी। गाँव में ठंडी हवाएँ चल रही थीं, और आसमान में चाँद की चाँदनी छिटकी हुई थी। मैं खेतों से काम खत्म करके घर लौटा, तो देखा भाभी आँगन में खाट पर बैठी थीं। उन्होंने एक पतली सी लाल साड़ी पहनी थी, जो उनके गदराए जिस्म से चिपक रही थी। उनकी चूचियाँ ब्लाउज में उभर रही थीं, और उनकी गोल गांड साड़ी में और भी मादक लग रही थी। चाँदनी में उनकी त्वचा चमक रही थी, और उनकी आँखों में वही शरारती चमक थी, जो मेरे लंड को तुरंत तनाव दे देती थी।

“रोहन, इतनी रात को कहाँ था? खाना ठंडा हो रहा है,” भाभी ने अपनी मधुर आवाज में कहा, लेकिन उनकी नजरें मेरे पैंट के उभार पर टिकी थीं। मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “भाभी, खाना तो ठीक है, लेकिन तुम्हारी चूत का भूखा लंड आज फिर तड़प रहा है।” भाभी ने एक मादक हँसी हँसी और बोलीं, “रोहन, तू भी ना… मेरी चूत को तो तूने पहले ही चुदक्कड़ बना दिया। आज रात फिर से कुछ धमाका कर ले?” उनकी बात सुनकर मेरा लंड पैंट में उछलने लगा।

मैंने हिम्मत जुटाई और कहा, “भाभी, तुम्हारी टाइट चूत और रसीली चूचियाँ मेरे लंड को रात-दिन बुलाती हैं। आज रात फिर से चुदक्कड़पन दिखाओ।” भाभी उठीं और मेरे पास आकर खड़ी हो गईं। उनकी साड़ी का पल्लू हल्का सा सरक गया, और उनकी चूचियाँ ब्लाउज में कैद दिखीं। मैंने उन्हें अपनी बाहों में खींच लिया और उनके रसीले होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो चुंबन इतना गहरा था कि मेरे जिस्म में आग सी लग गई। भाभी ने मेरी बनियान उतार दी और मेरे गठीले सीने पर अपने नाखून फिराए। “रोहन, तेरा जिस्म हर बार मेरी चूत में सिहरन पैदा करता है,” उन्होंने फुसफुसाया।

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मैंने भाभी की साड़ी का पल्लू पूरी तरह सरका दिया, और उनके टाइट ब्लाउज में उनकी रसीली चूचियाँ उभर आईं। मैंने ब्लाउज के बटन खोले, और उनकी काली लेस ब्रा में उनकी चूचियाँ जैसे आजाद होने को बेताब थीं। मैंने ब्रा उतार दी, और भाभी की चूचियाँ मेरे सामने थीं—गोल, टाइट और निप्पल्स तने हुए। मैंने उनकी चूचियों को अपने बड़े-बड़े हाथों में लिया और जोर-जोर से दबाना शुरू किया। उनकी सिसकारियाँ आँगन में गूँज उठीं। “रोहन, मेरी चूचियों को और जोर से दबा… कितना मजा आ रहा है,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। मैंने उनके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और हल्के से काटते हुए। भाभी की चूत गीली हो चुकी थी, और उनकी साँसें तेज हो रही थीं।

मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट उतार दिए, और उनकी लाल पैंटी में उनकी टाइट चूत की शेप साफ दिख रही थी। पैंटी पूरी तरह गीली थी। मैंने पैंटी नीचे सरकाई, और भाभी की चूत मेरे सामने थी—गुलाबी, गीली और बिना बालों की। मैंने घुटनों के बल बैठकर अपनी जीभ भाभी की चूत पर फिराई। उनकी चीखें आँगन में गूँज उठीं। “रोहन, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” उन्होंने चिल्लाया। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत की गहराइयों में डाली, और उनका रस मेरे मुँह में बहने लगा। मैंने उनके क्लिट को चूसा, और भाभी की कमर उछलने लगी। “रोहन, तू मेरी चूत को पागल कर रहा है,” वो सिसक रही थीं।

भाभी ने मेरी पैंट खींची और मेरा मोटा लंड बाहर निकाला। “रोहन, तेरा लंड तो हर बार और बड़ा लगता है,” उन्होंने शरारत से कहा, और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं। फिर उन्होंने उसे अपने मुँह में लिया। उनकी जीभ मेरे लंड पर लपलपाती रही, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “भाभी, तेरा मुँह मेरे लंड को निचोड़ रहा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। भाभी ने मेरे लंड को गहराई तक चूसा, और मैंने उनके बाल पकड़ लिए।

मैंने भाभी को आँगन की खाट पर लिटाया और उनकी टाँगें फैलाकर अपना मोटा लंड उनकी टाइट चूत में डाला। भाभी चीख पड़ीं, “रोहन, तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और उनकी सिसकारियाँ चाँदनी रात में गूँजने लगीं। “और जोर से, रोहन… मेरी चूत को फाड़ दे,” उन्होंने चीखते हुए कहा। मैंने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ उनकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैंने उनके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और भाभी की चीखें और तेज हो गईं।

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मैंने भाभी को खाट से उठाया और बेडरूम में ले गया। हमारा बेडरूम मंद रोशनी और मखमली चादरों से सजा था, और बाहर की ठंडी हवाएँ माहौल को और कामुक बना रही थीं। मैंने भाभी को बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। मैंने फिर से अपने लंड को उनकी चूत में डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। “रोहन, मेरी चूत को और चोद… तेरा लंड मेरे जिस्म में आग लगा रहा है,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके नितंबों को थपथपाया, और उनकी चीखें और तेज हो गईं।

मैंने भाभी को पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। मेरा लंड उनकी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि हमारे जिस्म एक-दूसरे में घुल गए। “हाँ, रोहन… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” भाभी चिल्ला रही थीं। मैंने उनके बाल पकड़े और उन्हें और जोर से चोदा, जैसे मेरी सारी वासना उनकी चूत में उतर रही हो। उनकी चूचियाँ उछल रही थीं, और मैंने फिर से उन्हें चूसा, उनके निप्पल्स को काटते हुए।

रात के बीच में, भाभी ने फुसफुसाकर कहा, “रोहन, तूने मुझे चुदक्कड़ बना दिया, लेकिन आज रात तू मेरी चूत को और रंगीन कर दे।” उनकी बात सुनकर मेरा जोश दोगुना हो गया। मैंने अपनी रफ्तार और तेज की, और हर धक्के के साथ मेरी वासना उनकी चूत में गहराई तक उतर रही थी। “भाभी, तू तो एकदम चुदक्कड़ निकली, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है,” मैंने सिसकते हुए कहा।

पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। मैंने भाभी को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उनकी चूत को, कभी उनकी चूचियों को चूसते हुए, और कभी उनके नितंबों को सहलाते हुए। भाभी ने मेरे मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उनकी जीभ ने मुझे पागल कर दिया। “रोहन, तेरा लंड मेरी चूत का बादशाह है,” उन्होंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। हमने बेडरूम से छत तक चुदाई की, जहाँ चाँदनी के नीचे मैंने भाभी को खाट पर लिटाकर चोदा। ठंडी हवाएँ और उनकी चीखें एक-दूसरे में मिल रही थीं।

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रात के चार बजे, जब चाँदनी और गहरी हो गई, भाभी ने मेरे लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” उन्होंने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगीं। मैंने भाभी को अपनी गोद में बिठाया और फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, भाभी ऊपर थीं, और उनकी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। उनकी चूचियाँ मेरे चेहरे के सामने उछल रही थीं, और मैंने उन्हें चूसते हुए भाभी को और जोर से चोदा। “रोहन, तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” मैंने कहा, और उन्होंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी।

जब सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। भाभी ने मेरे सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “रोहन, तूने मेरे चुदक्कड़पन को नया रंग दे दिया।” मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा, “भाभी, तेरी रसीली चूचियाँ और टाइट चूत ने मेरे लंड को दीवाना बना रखा है।”

भाभी ने मेरे होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी साड़ी ठीक की, और एक मादक मुस्कान के साथ बोलीं, “रोहन, भैया को मत बताना। लेकिन जब भी वो बाहर जाएँगे, मेरी चूत तेरा लंड माँगेगी।” मैंने उनकी कमर पकड़ी और कहा, “भाभी, मेरा लंड हर बार तेरी चुदक्कड़ चूत के लिए हाजिर रहेगा।”

जैसे ही भाभी बेडरूम से बाहर निकलीं, उन्होंने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, रोहन। लेकिन ये चुदक्कड़पन कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानता था, अनीता भाभी की टाइट चूत और रसीली चूचियाँ मेरे लंड की आग को हर रात सुलगाती रहेंगी, और हमारे घर की दीवारें इस चुदक्कड़ जुनून की गवाह बनेंगी।

Pooja Bhabhi

Hindi Sex Story (Indian Nonveg Story) - एक अनुभवी हिंदी लेखक हैं, जो रोमांटिक, एडल्ट और फैंटेसी पर आधारित Indian Sex Stories व Hindi Sex Story लिखते हैं। उनका उद्देश्य पाठकों को मनोरंजक और संवेदनशील अनुभव देना है, ताकि वे हर कहानी में नई कल्पनाओं की दुनिया का आनंद ले सकें। वे पिछले कई वर्षों से ऑनलाइन ब्लॉगिंग और हिंदी स्टोरी लेखन में सक्रिय हैं, और अपनी अनूठी शैली से लाखों पाठकों को जोड़ चुके हैं। उनकी कहानियों में Nonveg Story, Adult Hindi Kahani, और Indian Sex Story in Hindi जैसी शैलियाँ शामिल हैं। सभी कहानियाँ केवल 18+ पाठकों के लिए हैं और मनोरंजन तथा कल्पना के उद्देश्य से लिखी गई हैं।