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पति का छोटा लौड़ा और मैं जवानी से भरपूर क्या करती मैं चुद गई भैया से

मैं कोई ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हु, मैं सिर्फ दसवी पास हु, मैं दिल्ली में रहती हु, और लोगो के यहाँ बर्तन और खाना बनाने का काम करती हु, पर आप लोग मुझे कोई साधारण कामवाली नहीं समझे, अगर मैं भी अपनी फोटो झाड़ू लगाते हुए और थोड़ा आँचल सरकाए हुए सोशल मीडिया पर डाल दू तो मैं भी किसी मिर्ची बाली या तरकारी बाली से कम नहीं हु, पर मैं ऐसा नहीं कर सकती, मेरा नाम रंभा है, बहूत ही खूबसूरत हु, मेरे पापा मम्मी दोनों उत्तर प्रदेश से है पर मैं दिल्ली में ही पढ़ी लिखी और बढ़ी हु, मेरे माँ पापा कभी भी लोगो के यहाँ काम करने नहीं दिए है. पर अभी मैं छह महीने से काम कर रही हु वो भी एक ही घर में.

अब मैं आपको अपनी कहानी बताती हु, दोस्तों मेरी शादी छह महीने पहले ही हुई है, पर मैं अपने पति से खुश नहीं हु, वो काफी कद से छोटा है, और मैं खूबसूरत और लंबी हु, जब भी वो मुझे चोदने की कोशिश करता है वो उसी दिन लात खाता है, क्यों की जब वो अपना छोटा लंड लेके मेरे ऊपर चढ़ता था और मेरी ब्लाउज के हुक खोल कर मेरी चूचियों को निकाल कर बाहर करता था मैं बहूत ही वासना में आ जाती थी. और लगता था की ये जम कर चोदे, पर क्या बताऊँ दोस्तों एक तो लौड़ा छोटा और ऊपर से शीघ्रपतन, तुरंत ही अपना वीर्य निकाल देता था, यहाँ तक की लंड मेरे चूत में अच्छी तरह से अंदर भी नहीं जाता था.

मैं जिस घर में काम करती हु, उस घर के मालिक जो है करीब पचीस साल के है, उनकी भी अभी अभी ही शादी हुई है मैं उनको भैया कहती हु. उनकी बीवी अभी मायके गई है, उन्ही की दीवानी हो गई हु, कल मैं जब काम करने आई, तो मैं थोड़ी उदास थी कारन था की मेरे यहाँ राशन नहीं था, पांच सौ के नोट बाजार में चल नहीं रहे थे, और मेरे पास सौ सौ के नोट नहीं थे, तो उन्होंने पूछा क्या बात है रंभा आज तुम बहूत चुपचाप हो, क्या बात है. एक तो रात में पति से भी झगड़ा हुआ था, क्यों की रात में फिर उसने करीब दो मिनट में ही अपना सारा माल झाड़ दिया था मेरी चूत में, और मैं प्यासी की प्यासी रह गई थी.

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उसके बाद भैया अवाक् रह गए वो कभी सोचे भी नहीं थे की मैं ऐसा बोलूंगी, वो खुश भी हो गए और थोड़ा आश्चर्य भी हुआ उनको, मैं चाहती थी की मैं उनसे मेरा जिस्मानी रिश्ता कायम हो क्यों की पति खुश नहीं कर पा रहा था, दोस्तों तभी वो अपने अलमारी के तरफ गए और वह से २००० हजार का १०० – १०० का नोट लेके आये और बोले देख आज मैं एटीएम से दो घंटे तक लाइन लगाने के बाद इससे लाया हु, तू ले ले और तुम्हे जब भी जरूरत हो तुम बोल देना तुम्हे झगड़ा करने की कोई जरूरत नहीं है. और हां इसके बदले तू मुझे खुश रखेगी जैसे की अभी भाभी गाँव गई है और वो करीब छह महीने में आएगी. तो तुम मेरा ख्याल रखना, वो फिर बोले तुम समझ रही है ना मैं क्या कहने की कोशिश कर रहा हु.

मैंने सर हिला कर हां में जवाब दिया, फिर बोली अगर आप पैसे के बदले कुछ करना चाहते हो तो मैं नहीं करुँगी. थोड़ा मैं अपने आप को एक अलग तरीके की दिखने की कोशिश कर रही थी मैं सोच रही थी की वो मुझे ऐसा वैसा नहीं समझे, पर दोस्तों मैं पैसे लेके खुश थी. वो थोड़ा सहम गए और कहने लगे अरे अरे तू तो मुझे गलत समझ गई. मैं तो तुम्हे मदद कर रहा हु. मुझे पता है आजकल पैसे मिलने में दिक्कत हो रही है इसवजह से मैंने तुम्हे हेल्प किया है, और वो उठ कर खड़े हो गए. और मेरा बहन दोनों तरफ से पकड़ लिए मैं उनको सर उठा कर देखि, मेरे होठ काँप रहे थे. और मैंने फिर से नजर झुकाने लगी तभी वो मेरे गाल पकड़ लिए, और वो मेरे होठ पर अपना होठ रख दिए.

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दोस्तों कब मैं भी उनके होठ को चूसने लगी. पता ही नहीं चला और मैं कब उनके बाहों में समा गई. अब वो मुझे कस के चूमने लगे, और मेरे तन बदन में आग लग रही थी. वो मेरी चूचियों को दबाने लगे, और मैं काफी सेक्सी हो चुकी थी. उन्होंने मेरे चूतड़ को दोनों हाथों से दबाया और मेरे चूत में वो अपने लंड से रगड़ने लगे. मैं अपना होशो हवास खोने लगी थी. और उन्होंने मेरे एक के बाद एक कपड़े उतार फेंके, हम दोनों नंगे हो गए.

उन्होंने मुझे अपने बेड पे लिटा दिया और दोनों हाथो को ऊपर कर दिया, मेरे दोनों बड़ी बड़ी हॉट चूचियां ऊपर की और थी. वो मेरे चूचियों को दबाने लगे और पिने लगे. मैं अंगड़ाइयां लेने लगी. वो सरक कर निचे चले गए, मैं उसी दिन चूत साफ़ की थी. बाल बिलकुल भी नहीं थे, दोस्तों उन्होंने मेरे चूत को सहलाया और गहरी साँसे लेते हुए कहा वाओ, क्या चूत है तेरी, और उन्होंने एक ऊँगली घुस दी. मेरे मुह से ऑच की आवाज निकल गई. और मैं दोनों पैर को सटा लिए, उन्होंने फिर से पैर को अलग अलग किया और बिच में जाके बैठ गए. वो पहले मेरे चूत को लवो को अलग अलग कर के चूत में अंदर झांक कर देखा और कहा, रम्भा तेरा चूत तो गजब का है. एक दम लाल है, और ऐसा लग रहा है बिलकुल भी तुम चुदी नहीं हो. और वो मेरे चूत को चाटने लगे.

मेरे बदन में आग लग चुकी थी. क्यों की आज पहली बार कोई मेरे चूत को जीभ से चाट रहा था, इस वजह से मैं भी बार बार पानी छोड़ रही थी और भैया जी मेरे चूत की सारी नमकीन पानी को पिए जा रहे थे, दोस्तों अब मुझे उनका लंड चाहिए थे. मैंने कहा अब मत तड़पाओ भैया, और उन्होंने तुरंत ही अपना मोटा लंड मेरे चूत के छेड़ पर रखा, और जोर से धक्का मारा दोस्तों क्या बताऊँ, उनका पूरा लंड मेरे चूत में चला गया मुझे बहूत ही ज्यादा शकुन मिला, मैं अपने होठ को खुद के दांतो के तले दबा रही थी और मैं अपने हाथ से उन्हें चौड़े छाती को सहला रही थी और उन्होंने मेरे चूत में अपना लंड ठोकना शुरू कर दिया. जोर जोर से धक्के लगाने लगे. मैं आह आह आह आ उफ़ उफ़ उफ़ ऑच ऑच आह आया आया ओह्ह की आवाज निकाल रही थी.

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वो मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे चूत में जोर जोर धक्के दे रहे थे, और मैं निचे से अपने गांड को उठा उठा कर चुदवा रही थी. दोस्तों पहला दिन था जब कोई मर्द का लंड मेरे चूत में आ जा रहा था. मजा आ गया था. वो मुझे करीब एक घण्टे तक चोदे. और फिर झड़ गए इसके पहले मैं दो तीन बार झड़ चुकी थी. दोस्तों पहली बार मुझे इतना मजा आया चुदाई में. आज शाम को फिर जाउंगी, और अब तो सुबह शाम लगा ही रहेगा. मैं जल्द ही अपनी दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे लेके आने बाली हु, अगर आपको ये कहानी अछि लगी हो तो जरूर ५ स्टार रेट करें,