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भाभी की चूत की गर्मी शांत की गर्मी में

मेरे प्यारे दोस्तों आज मैं आपके लिए एक बड़ी ही हॉट सेक्स स्टोरी लाया हू, ये कहानी १०० परसेंट सही है, और सबसे मजेदार बात तो ये है की ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है, क्यों की इसके पहले मैं कभी भी किसी को नही चोदा था, आपको तो पता है की ज़िंदगी का सबसे हसीन पल होता है पहली चुदाई, आज मैं आपके अपना एक्सपीरियंस शेयर कर रहा हू, मैने कई सारे कहानिया पढ़ी पर मुझे बनावटी लगा, पर मैने आज सोचा है क्यों ना मैं आपको अपनी सच्ची कहानी पेश करूँ.

मेरा नाम कौशल है, ये कहानी आज से पाँच साल पहले की है, मेरी उमर उस समय 18 साल था, मैं थोड़ा शाय किस्म का लड़का था मेरी कोई भी आज तक गर्ल फ्रेंड नही बनी थी, मेरे घर के सामने एक शादी हुई थी, मनोज भैया की, मनोज भैया दिल्ली मे रहते थे, वो शादी के लिए आए और फिर शादी हो जाने के बाद वो एक महीने के बाद ही वापस ही ड्यूटी पे चले गये, घर मे सिर्फ़ भाभी और मनोज भैया की वाइफ रंभा थी, शादी के एक दो दिन बाद ही मैं उनसे मिलने गया था जब मुझे खुद ही मनोज भैया भाभी से मिलाने ले गया थे. उसके बाद तो हल्की हल्की मुस्कान उनके सामने बाली खिड़की से ही मिला करती थी. मनोज भैया के जाने के बाद भाभी की मुकसान सिर्फ़ सामने बाली खिड़की से ही मिला करती थी.

एक दिन की बात है उनकी सास अपने बीमार भाई से मिलने चली गई, अब घर मे सिर्फ़ रंभा भाभी ही थी, एक दिन मैं कॉलेज से आया ही था उस समय करीब 12 बाज रहे थे काफ़ी गर्मी थी, लोग अपने अपने घरों मे बंद थे, मैने देखा भाभी जी खिड़की से झाँक रही थी, मैने मुस्कुरा कर इशारे से पुचछा क्या हाल है, भाभी बोली आ जाओ बताती हू, तो मैने कहा ठीक है मैं खाना खा कर और कपड़े चेंज कर के आता हू, मैं घर गया और करीब एक घंटे बाद मैं खाना पीना खा कर उनके घर गया, मेरे घर के तरफ से उनका दरवाजा पिच्चे बाला पड़ता था, मैने दो तीन बार खटखाया वो आकर दरवाजा खोली, हवा काफ़ी चल रही ती, वो भी गरम गरम भाभी हल्की से घूँघट ली थी, वो सिर्फ़ अपने आप को गरम हवा के झोंको से बचने के लिए, उनके कमरे मे जाकर बैठा, पलंग पर. भाभी पानी लाकर दी और पूछी क्या पूछ रहे थे, तो मैने कहा मैं पूछ रहा था क्या हाल है? तो बोली पति के बिना क्या हाल रहेगा, वो भी जिसकी नई नई शादी हुई है, वो उमर मे मेरे से दो तों साल की बड़ी होगी, पर शरीर काफ़ी सॉलिड थे उनका बदन काफ़ी गदराया हुआ था, वो बड़ी ही हॉट लग रही थी, उनके गुलाबी होठ और बड़ी बड़ी चूचियाँ गजब ढा रही थी.

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मेरी नज़र उनके ब्लाउस के उपर दो खुले हुए हुक के तरफ था क्यों की वाहा से दोनो चूचियाँ के बीच का भाग दिखाई दे रहा था, सच पूछो दोस्तों मुझे तो सिहरन हो रही थी, लग रहा था मैं उनके चूच को दबा डू, मेरी जवानी भी फड़फड़ा रही थी, भाभी बोली क्यों जी अब बताओ क्या बोल रहे थे, मैने कहा कुच्छ नही भाभी जी यौंही आपका हाल चाल पूछ रहा थे तो वो कहने लगी कैसा रहेगे एक शादी शुदा लड़की जिसकी शादी हुए अभी एक महीने ही हुए है और पति डोर दिल्ली मे है. मैने कहा हा भाभी ये बात तो है, तो मैने कहा आप भी क्यों नही चले गये. तो भाभी बोली, मैं अभी नही जा सकती, मैं एक साल बाद जौंगी तब तक वो अपना अर्ृंगमेंट सही तरह से कर लेंगे. फिर बात चिट का सिलसिला चला, उसके बाद भाभी बोली आपकी कोई गर्ल फ्रेंड है की नही मैने कहा नही भाभी अभी मैं सिर्फ़ पढ़ाई पर ध्यान दे रहा हू, तो भाभी बोली अरे अपनी जवानी क्यों खराब कर रहे हो, पता लो किसी लड़की को ठोंक दो अपने औजार से उसको, क्या बताऊँ दोस्तों मैं तो हैरान रह गया उनकी बातों को सुनकर, मैने कहा नही जी, मैं ऐसा नही कर सकता तो वो बोली क्यों, आपका खड़ा नही हॉट, मैने कहा भाभी आप बहूत ही गंदी गन्दी बात कर रहे हो. मैं जाता हू, और मैं कमरे से निकालने लगा, वो दरवाजे पे बैठ गई, मैं जैसे ही निकालने लगा, वो मेरे लॉडा को छु दी, उनके छूटे ही मैं पीछे हो गया, पर तब तक देर हो चुकी थी, उनके च्छुने से मेरा लॅंड खड़ा हो गया. अब मैं अपने लॅंड को शांत करने की कोशिश करने लगा, पर हुआ नही क्यों की भाभी अपना आँचल नीचे गिरा दी थी और उनकी दोनो चूचियाँ आधा दिखाई दे रहा था, उनकी गोरे जिस्म को देखकर मैं पागल हो गया, अब मेरा भी मान करने लगा उनको स्पर्श करने का, फिर मैं जाने को कोशिश करने लगा, भाभी फिर से मेरे लॅंड को च्छुई, इश्स बार मैने भी उनको चुचि को च्छुने की कोशिश की, पर वो वाहा से भाग गई और कमरे के कोने मे चली गई, मैं भी उनके पिच्चे भागा और पकड़ने लगा,

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एक बार उनके चुचि को छुआ और मैने भागने लगा तभी वो दौड़ी और फिर वो मेरे लॅंड को छु दी, फिर मैं उनको पकड़ने के लिया दौड़ा, फिर मैने पीछे से दोनो चुचियों को दबा दिया, ये मेरा पहला एहसास था दोनो हाथो से चुचि दबाने का, फिर भागा यही सिलसिला चलते रहे अचानक वो बैठ गई और मैने उनके चुचि को पीछे से बैठ कर दबाने लगा, वो शांत हो गई, उन्हे अच्छा लगने लगा, मैने कहा भाभी क्या आप मुझे चोदने दोगी, वो बोली हा ठीक है पर ये बात किसी को पता नही चलनी चाहिए.

और फिर उठ कर बाहर चली गई, इधर उधर देख कर आई, दिन के करीब 2 बाज रहे थे, गर्मी के दिन मे बाहर कोई नही हा, वो आते हुए दरवाजा बंद कर दी और मेरे से लिपट गई, मैने उनके होठ को चूमने लगा और वो धीरे धीरे अपनी साडी खोल दी, वो पेटीकोत और ब्लाउस मे थी, गदराया हुआ बदन मैने चूतड़ को पकड़ कर अपने लॅंड के पास ले गया, उसके बाद वो मुझे अपने बाहों मे भर ली ध्एर धीरे मैने उनके ब्लाउस को खोल दिया, और चूचियाँ पीने लगा, वो आ आ आ अफ कर रही थी, चुचि के निपल को मैं उंगली से मसालने लगा वो सी सी सी सी करने लगी, फिर उन्होने खूद ही पेटीकोत का नाडा खोल दिया, वो अंदर कुच्छ भी नही पहनी थी, गजब का एहसास था, काले काले बाल मोटे मोटे जाँघो के बीच मे वो फिर पलंग पे ले गई, मैं हड़बड़ाया हुआ था, मैने उनके उपर लेट कर अपना पेंट खोल दिया वो मुझे

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अपनी चूचियाँ पिलाने लगी, और उनका आँख लाल हो गया था, वो बार बार अपने होत को दातों से दबा रही थी, गजब लग रही थी, यार, फिर मैने उनके नाभि मे उंगली घुसा तो वो कहने लगी, इसमे क्यों घुसा रहे हो राजा मैं तो सब कुच्छ सौप दी हू,
मैने उनके चूत को चिर कर देखा अंदर से लाल लग रहा था, मेरे से रहा नही गया और मैने अपना लॅंड निकाला, और चूत पर लगा कर मैने उनके उपर लेट गया, पर चूत के अंदर मेरा लॅंड नही जा रहा था, बार बार फिसल रहा था, भाभी बोली चोदने भी नही आता है, और उन्होने अपने पर खो तोड़ा उपर की और मेरा लॅंड पकड़ कर, अपने चूत पर रख दी और बोली मारो धक्का, ऑश पहग्ला एहसास था पहली चुदाई का, मैने ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा, वो अंदगाड़ी ले रही थी, मोटी मोटी जांगे और बड़े बड़े सॉलिड चूच मुझे मदहोश कर दिया था, वो आ आ आ अफ अफ कर रही त, वो अपना मोटा गांद उठा उठा कर छुड़वाने लगी, करीब आधे घंटे मे ही मैं झाड़ गया, पर भाभी अभी प्यासी ही रह गई थी, बोली मुझे अभी कुच्छ नही हुआ, मैने कहा मुझे क्या पता, आप संतुष्ट कैसे होगे, बोली रात को आना, आज हमदोनो रात भर चुदाई करेंगे,

उसी दिन रात को दस बजे उनके घर पहुचा घर मे बाहना बना कर की आज रात को मैं अपने दोस्त के घर मे सोऊंगा क्यों की मुझे कॉलेज का प्रॉजेक्ट बनाना है, फिर क्या था दोस्तों वो रंगीन रात जब भाभी खूब chudwai और मैने भी खूब चोदा , दिन मे तो फैल हो गया था पर रात को भाभी को बाप बाप बोलबा दिया था, उसके बाद मैं एक महीने तक रोज चोदा, फिर मैं बाहर पढ़ने आ गया, उनकी बड़ी बेटी मेरी बेटी है, जहाँ तक मुझे लगता है. उस समय मेरे से ही प्रेगञेन्ट हुई थी. आपको मेरी कहानी कैसी लगी ज़रूर बताएं.