चुपके चुपके आधी रात को भाई से चुदती हूँ।

चुपके चुपके चुदाई, भाई बहन की सेक्स कहानी, brother sister sex, chhote bhai se chudai, badi bahan ki sex kahani : बहुत दिन से सोच रही थी की मैं अपनी कहानी या सच कहिये तो मेरे कारनामे नॉनवेज स्टोरी पर पोस्ट करूँ पर हिम्मत नहीं हो रहा था। सोच रही थी क्या कहेंगे आपलोग अगर मेरी ये कहानी पढ़ेंगे तो की कोई बहन अपने भाई से अँधेरे में रोजाना चुदती है। पर जब आप लोगों की कहानियां पढ़ती हूँ तो आज मुझे भी लगा की कहानी लिखूं और आपके सामने मेरी ये कहानी इंडिया का सबसे बेस्ट सेक्स स्टोरी वेबसाइट नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिख रही हूँ।

मेरा नाम कल्पना है और मेरे भाई का नाम सौरभ है। सौरभ मेरे से दो साल छोटा है। मेरे घर में हम दोनों के अलावा मेरे मम्मी और पापा हैं। तो बचपन से ही हम दोनों भाई बहन घर के कमरे में सोते हैं। और मेरे मम्मी पापा दोनों ग्राउंड फ्लोर के रूम में। आपको भी पता है जवानी में कौन अपने बीवी से अलग सोता है। पर यही आदत हो जाती है तो पति पत्नी बड़ी उम्र तक भी एक साथ ही सोते हैं। और सोने भी चाहिए क्योंकी ज़िंदगी में चुदाई जरुरी चीज है। जो चुदाई नहीं करता उसकी कोई ज़िंदगी नहीं होती है। तो पापा मम्मी भी चुदाई के लिए ही एक साथ सोते हैं। इसका कारन है मेरी माँ जब चुदती है तो बहुत शोर मचाती है ओह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह ऐसी आवाज हम बहन भाई कई बार ये आवाज सुने भी हैं।

जब मेरे छोटा भाई कई बार पूछ बैठा की मम्मी क्या आपको तबियत ख़राब थी रात को आप बहुत जोर जोर से आवाज निकाल रहे थे क्या आपको दर्द हो रहा था। तब दोनों झेप जाते थे और कहते थे हां कल थोड़ा पेट में दर्द हो रहा था। पर जैसे जैसे हम दोनों बड़े हुए सब समझ आ गया ये चुदाई की आवाज है जब महिला कामुक हो जाती है तब ऐसी आवाज निकलती है।

गरमा गरम है ये  Father Daughter Sex Story - पापा ने कल पूरी रात मुझे चोदा

बचपन से ऐसी आवाज सुनसुन कर अच्छा लगने लगा था और लगता था मैं भी चुदुँगी तो ऐसी ही आवाज निकलूंगी। पर आपको भी पता है चुदना और सही लड़के को पटाना आसान नहीं है। लड़कियों को हमेशा बदनामी का डर होता है। इसलिए बहुत फुक फुक कर कदम उठती है जब सेक्स करना हो तो। पर घर का माल यानी की घर में अगर चुदाई का जुगाड़ है तो सबसे अच्छा किसी को पता भी नहीं चलेगा और मौक़ा भी कमाल का मिलेगा।

इसलिए मैंने भी अपने भाई से चुदने को सोची। मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ते पढ़ते आईडिया आया क्यों क्यों ना अपने छोटे भाई से सेक्स सम्बन्ध बनाया जाये। पर मैं ये रिस्क लेना नहीं चाहती थी की कही वो कह दिया को आप कितने गंदे हो तो मेरे लिए ये सही नहीं होगा। ज़िंदगी भर इस बात को भूल नहीं पाऊँगी। मैंने कई बार अपने भाई के सामने कपडे बदले नहा कर आ गयी। अपनी ब्रा का हुक भी खुलवा ली। चूचियां भी छुआ दी। चूचियां भी दिखा दो। कई बार गले भी सेक्सी तरीके से लगा लिया। पर उसका मन कभी अपने बहन को चोदने को नहीं हुआ।

एक तरकीब काम आया। जब जनवरी में काफी सर्दी पड़ रही थी और वारिश भी हो रही थी। तब एक दिन मैं उसके बेड पर जाकर उसकी के रजाई में सो गयी। और सुबह बोली की मम्मी पापा को मत कहना की मैं तेरे साथ सोई थी। उसने बोला ठीक है नहीं बोलूंगा पर एक बात और बोला की रात को सोने में अच्छा लगा था। आराम से सोये थे ठंढ कम लगी थी। ओह्ह्ह्ह मैं भी यही चाहती थी वही बात मेरा भाई बोल गया।

दूसरे दिन से खाना पीना खाते और सोने हम दोनों ऊपर आ जाते ठंढ का दिन था तो मम्मी पापा भी जल्दी ही सो जाते। मैं ऊपर आती पहले अपने बेड पर ही रहती थोड़ा मोबाइल चलाती और फिर सेक्स कहानियां पढ़ती उसके बाद ग्यारह बजे के करीब मैं अपने भाई के रजाई में आ जाती। धीरे धीरे टांग ऊपर चढ़ा कर सोती तो कभी उसको अपने छाती से लगा कर सोती। और कभी उसके लंड को भी छू लेती। तीन चार दिन तक नार्मल रही फिर मैं उसमे रजाई में आती तो ऊपर वाला कपड़ा खोल देती और टेप पहन कर रहती। ताकि मेरी चूचियां दिखाई दे ऊपर से और जरा सा भी दबने पर बाहर निकल जाए।

गरमा गरम है ये  पति के भाइयों ने मुझे खाने देने के बदले बेरहमी से चोदा

मेरा ये तरकीब काम कर गया। अब मेरा भाई घूर घूर कर मेरे बूब्स को देखने लगा। उसकी नियत ख़राब होने लगी। नियत मेरी तो पहले से ही ख़राब थी बस भाई का नियत का ही डर था जो अब उसका भी खराब हो गया। अब मैं उसके जिस्म को सहलाने लगी। वो भी धीरे धीर आकर्षित होने लगा। एक दिन मैं उसको किस कर ली उसके होठ पर और उसके ऊपर चढ़ गयी। रजाई के अंदर ही और फिर जैसे चुदाई करते हैं वैसा ही अपनी चूत को कपडे के ऊपर से ही रगड़ने लगी।

मेरा भाई निचे और मैं ऊपर अब मैं उसके लिप को चूसने लगी। अपना टेप खोल दी चूचियां निकाल दी। उसके मुँह पर रगड़ दी निप्पल उसके मुँह में दे दी। दोनों चुपचाप ही थे और धीरे धीरे हद पार कर गयी। मेरा भाई भी चुपचाप ही वो मेरे बूब्स को पीने लगा दबाने लगा मेरी गांड को सहलाते लगा। ओह्ह्ह सर्दी की रात और ऐसा हो किसी लड़की के साथ या लड़के के साथ तो क्या सर्दी। वैसा यही हुआ तुरंत ही रजाई हटा दी और उसका पजामा खोल दी। उसका लंड निकाल कर अपने चूत पर सेट की और हौले हौले से धक्के देकर पूरा लंड अंदर कर ली।

जब पूरा लंड अंदर चला गया तो शांत हो कर सके होठ को चूसने लगी वो मेरी बूब्स को पी रहा था। दोनों सेट हो गए थे। बस गरम गरम साँसे और तेज तेज धड़कन चल रही थी। फिर क्या था दोस्तों मैं धीरे धीरे गांड उठ उठा चुदवाने लगी। वो निचे से मैं ऊपर से धक्के देने लगी। वो मेरी बड़ी बड़ी चूचियों और मेरे होठ को चूसता रहा और मैं गांड गोल गोल घुमा घुमा कर उसके लंड को अपने चूत में लेने लगी। दोनों की अन्तर्वासना भड़क उठी थी। वासना में गरम हो गए थे।

गरमा गरम है ये  भाभी ने लंड में तेल लगा के चुदवाया

अब वो मुझे निचे लिटा दिया और ऊपर चढ़कर पहले वो मेरे पुरे शरीर के एक एक अंग को लाइट जला कर देखा तब तक मैं अपने तकिये से मुँह ढक रखी थी। वो जब मेरे पुरे बदन को निहार लिया फिर मेरे दोनों टांगो के बिच में बैठ कर मेरी चूत चाटा और फिर दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख कर मेरी चूत में लंड देने लगा। जोर जोर से चोदते हुए वो मेरी बड़ी बड़ी चूचियों को मसल रहा था। फिर वो जल्दी ही झड़ गया। पर मैं भी संतुष्ट हो गयी थे।

बिना बोले चुपके चुपके पहले दिन के चुदाई हो गयी। दूसरे दिन भी यही तीसरे दिन भी यही। हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे पर बिना बात किये। बस हम दोनों में यही पर्दा था। चुदाई हो रही थी बिना बोले। अब मजे से से हूँ। अब कंडोम का इस्तेमाल कर के सेक्स करती हूँ। अपनी दूसरी कहानी भी जल्द ही इस वेबसाइट पर लिखने वाली हूँ। तब तक के लिए धन्यवाद।