सुहागरात कहानी, suhagraat ki kahani

मेरा नाम कविता है आज मैं अपने बड़ी बहन की सुहागरात की कहानी आपके सुना रही हू, क्या क्या होता है सुहागरात के दिन और क्या हुआ मेरी बड़ी बहन के साथ आज मैं आपको सब कुछ बताऊँगी क्यों की ये मंज़र मैने पूरी रात देखी, मेरे जीजू और दीदी को ये बात पता नही था की मैने उनके पहली रात की चुदाई मैं अपनी आँखो से देखी.

मेरी दीदी की शादी २२ साल की उम्र मे पिछले साल ही हुआ है, मेरी दीदी स्लिम ट्रिम है पर उनकी बॉडी काफ़ी सेक्सी है, शादी के रात की बात है, मैं पहले से ही प्लान कर ली थी की मुझे अपने दीदी की चुदाई का मज़ा लेना है, ऐसा इसलिए की हम दोनो लेज़्बीयन की तरह से रहते थे मैने पहले ही दीदी को बता दिया था की जब तुम्हारी शादी होगी तो सुहागरातके दिन मैं भी छिप कर देखूँगी, वाइ ही हुआ.

शादी की रात को मैं दूसरे कमरे मे छुप गयी दोनो कमरे के बीच मे भी एक दरवाजा था, उसमे एक बीच मे करीब १ इंच का होल था मैने दूसरे कमरे मे जाके कुण्डी बंद कर ली और लाइट भी बुझा दी, फिर मैने बीच बाले दरवाजे के पास कुर्शी लगाई और आराम से बैठ गयी, मेरी दीदी कमरे मे अकेले बैठी थी, चारो ओर गुलाब का फूल से सज़ा हुआ कमरा और पलंग था, दीदी घुघाट मे बैठी थी, तबी जीजू अंदर आए और पलंग पर बैठ के दीदी का घूँघट उठाया दीदी अपना सर झूका के बैठी थीं फिर जीजाजी ने दीदी के लिए एक सोने का चेन और एक उंगूठी पहनाई और गले से लगा लिया, मेरी धड़कन तेज हो रही थी पानी प्यास जल्द जल्द लगने लगी, फिर जीजा ना दीदी के गाल पे किस किया और लीप पे किस किया, दीदी शर्मा रही थी, जीजू बोले शरमाना क्या अब तो हम दोनो को पूरी जिंदगी बितानी है, दीदी ने भी सिर हिला के सहमति दी, फिर जीजा जी दीदी को पलंग पे लिटा दिया और फिर गाल पे किस करने लगी फिर होठ पे फिर वो चुचिया दबाने लगे फिर उन्होने ब्लाउस का हुक खोलने लगे, और फिर दीदी का ब्रा और फिर उनका पेटिकोट खोल के अलग कर दिया, और फिर अपना भी सारा कपड़ा खोल दिया.

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दीदी का बाल भी खोल दिया और नथ भी निकाल दिया वो कामसूत्र सिनिमा की तरह कर दिया और चुचिया की निपल को मूह मे लेके चूसने लगा मैने भी अपना चुचि दबाना शुरू कर दिया उसके बाद जीजू ने दीदी के बूर मे उंगली डालने की कोशिश कर रहे थे पर दीदी नही ना प्लीज़ नही ना प्लीज़ कह रही थी, फिर वो बूर को चाटना शुरू कर दिया, दीदी अंगड़ाई ले रही थी और उसस्स्स्स्स्स्सस्स उसस्स्स्स्स्सस्स, हाअयययययययययययी हाययययययययययययययययी कर रही थी मेरी भी सिसकिया निकल रही थी मैने फिर अपने ब्रा खोला और नीचे का सलवार भी खोल दिया और पेंटी भी निकाल दी,

जीजू ने अपना मोटा लंड निकाला और दीदी को चूसने के लिए कहा दीदी तो पहले मना कर रही थी फिर वो अपने जीभ उनके मोटे लंड पे फिराने लगी, दीदी ऐसे चूस रही थी की मानी आईस्क्रीम हो, फिर जीजू ने दीदी के दोनो पैर अपने कंधे पर रखकर अपना लंड उनके बूर के उपर सेट करके घुसाने की कोशिश की पर दीदी दर्द के मारे रोने लगी, फिर जीजू ने उनको सहलाया और २ मिनिट के बाद सेम पोज़िशन से दीदी के बूर मे लंड घुसा दिया, दीदी करहने लगी जीजू थोड़ा रुके फिर धीरे धीरे लंड अंडर बाहर करने लगी और दोनो चूची को हाथ से दबाने लगी, दीदी ५ मिनिट बाद गरम हो गयी और गांद उठा उठा के कह रही थी चोद मुझे चोद ये पहली रात नही आएगी फिर से, जीजा भी यही कह रहे थे, और दोनो मिल कर एक दूसरे को कस के जकाड़ रखे थे, क्या था, मैने उस समय अपने बूर मे उंगली अंदर बाहर कर रही थी, उधर वो दोनो झड़ गये और इधर मैं भी झड़ गयी, करीब रात भर वो दोनो ५ बार सेक्स किया, और मैं पूरी रात उसी कुर्शी पर बैठ कर उन दोनो की रासलीला देख रही थी, मैने जीजा का लॅंड जब से देखी तब से ही चुद्वाने का मान करने लगा और मैं भी कामयाब हो गयी शादी के तीसरे दिन, उन्होने तो मेरी गांद और बूर दोनो फाड़ के रख दिया, कैसे वो कहानी मैं जल्द ही पोस्ट कर रही हू, आप सर्च कर लेना इसी वेबसाइट पे सर्च ऑप्षन मे जाके जीजा ने मेरी बूर और गांद फाड़ दी.