मम्मी की सहेली को गर्मी की दोपहरी में जमकर चोदा
लखनऊ की वो दोपहरी थी, जब सूरज आग उगल रहा था। गर्मी ऐसी कि बदन पसीने से तर, और हवा में एक भट्टी सी जलन। मैं, विक्रम, अपने घर में अकेला था। 24 साल का, जवान, तगड़ा, चौड़ा सीना, और आँखों में वो वासना की चमक जो किसी हसीना को बेकरार कर दे। मम्मी किसी … पूरी कहानी पढ़ें