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मेरा भाई रोज मेरी चूत में लंड घुसाता था

Bhai Bahan Ki Sote Huye Chudai Ki Sex Kahani : वह दिन मुझे आज भी याद है, जब मेरा छोटा भाई रोजाना मेरी सलवार खोलकर पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डालता था और रोजाना चुदाई करता था। पर मैं गर्भनिरोधक गोलियां सुबह उठकर खाती थी। आज मैं आपको अपनी कहानी नॉनवेज story.com पर सुनाने वाली हूं। मैं नॉनवेज story.com की फैन हूं और रोजाना मैं कहानियां पढ़ती हूं यहां की कहानियां बहुत ही हॉट और सेक्सी होती है। मुझे आदत लग गई है इस वेबसाइट पर रोजाना आने की तुम्हें रात को 10:00 बजे आती हूं और कहानियां पढ़कर ही मैं फिर मोबाइल चलाती हूं या यूट्यूब चलाती हूँ।

तो आज मुझे भी मौका मिल गया है आप सभी दोस्तों को अपनी कहानी सुनाने की तो बिना देर किए मैं आपको अपने सेक्स कहानी सुना रही हूं जो मेरे भाई और मेरे बीच में है और वह जिंदगी बहुत अच्छी थी। वह मुझे चोदता था, मैं चुपचाप उसके लंड का आनंद लेती थी। अपनी वासना को बुझा तिथि वह विशेष कार्यालय लेकर मुझे चोदता था और सारा माल मेरी चूत में गिरा देता था यह सब कैसे हुआ क्यों हुआ वह सारी बातें हमें बता रही हो।

पहले मैं अपने बारे में बता देती हूं। मेरा नाम ज्योति है और मेरे भाई का नाम आकाश है। बात उस समय की है जब हम दोनों ही जवान थे। बचपन से ही साथ सोते थे इस वजह से जवानी में भी हम दोनों साथ ही सो रहे थे। मम्मी पापा के नजर में हर एक बच्चा बच्चा ही होता है। उनका बेटा बेटी चाहे कितना बड़ा ही हो जाए मां बाप को लगता है कि मेरा बच्चा भी छोटा है। बचपन में साथ सुलाने की आदत यह हम दोनों को एक दूसरे के करीब ला दिया है। कभी उन्होंने मना भी नहीं किया और कमरा भी दो ही था तो एक में मम्मी पापा सोते थे और एक में मैं भाई-बहन। शायद इस वजह से नहीं उन्होंने मुझे अलग अलग नहीं किया एक ही बेड पर सोते थे हम दोनों का बड़ा होता था।

यह आदत सर्दियों में लगी थी। मम्मी पापा अपने कमरे में जाकर कुंडी लगा लेते थे और फिर क्या करते होंगे वह तो आपको भी पता है। मैं भाई बहन दोनों पढ़ाई करके रात को 11:00 बजे सोने की तैयारी कर लेती थी मैं अपने कंबल में और अपने कंबल में और मेरा छोटा भाई अपने कंबल में एक ही होता था। मैं बहुत ही हॉट और खूबसूरत लड़की हूं मैं जानती हूं। मैं गोरी हूं लंबी हूं बहुत हॉट और सेक्सी हूं। मुझे लड़कों में ज्यादा इंटरेस्ट कभी नहीं रहा क्योंकि जो मुझे चाहिए था वह मेरा भाई मुझे दे रहा था इस वजह से मैंने कभी सेक्स के प्रति दूसरे लड़कों के तरफ झुकाव मेरा नहीं रहा।

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1 दिन की बात है कार्तिक का महीना था ठंड का बहुत भयंकर मौसम था बारिश हो रही थी। बाहर सीतलहरी चल रही थी। रात के करीब 12:00 बजे थे। हम दोनों भाई बहन एक साथ ही सोए थे पर कंबल से हम दोनों को ठंड नहीं जा रही थी बहुत ही ज्यादा सर्दी लग रही थी तो मेरा भाई बोला ज्योति दीदी मुझे काफी ज्यादा ठंड लग रही है तो एक काम करते हैं दोनों कंबल को एक साथ जोड़ लेते हैं और हम लोग उसी में सो जाएंगे। मैं अपने भाई को बोली भाई करें मम्मी पापा को अच्छा नहीं लगेगा एक ही कंबल में सोने का अगर उनको पता चल गया तो। तो वह बोला उनको कैसे पता चलेगा कि हम दोनों एक ही कंबल के अंदर है।

मुझे भी उसकी बात समझ आ गई और जब हमेशा साथ ही सोते थे तो मैंने कह दिया ठीक है साथ सो जाते हैं वह मेरे साथ ही सो गया। अब मेरा मन तो डोल ही रहा था क्योंकि उसका लंड खड़ा हो रहा था। कभी कभी मेरे चूतड़ में उसका लंड टच होता था तो मुझे पता चल जाता था। मैं भी जवानी की दहलीज पर खड़ी थी जवानी से लथपथ थी मेरी चूचियां बड़ी बड़ी टाइट थी और मेरे गांड चोरी हो चुकी थी खूबसूरत थी हॉट थी और मेरा भाई भी जवान हो चुका था उसका लंड भी खड़ा होने लगा था।

अब मैं उसको क्या कहते कि तेरा लंड खड़ा हो रहा है ? नींद तो आ नहीं रही थी। धीरे-धीरे मेरा भाई मेरे शरीर के करीब आ गया और अपना हाथ पहले मेरे पेट पर रखा, फिर अपना एक पैर मेरे पैर के ऊपर चढ़ा दिया। धीरे-धीरे उसकी सांसे तेज हो रही थी मैं महसूस कर पा रही थी उसकी सांसों को। उसके बाद उसने मेरी बूब्स को चूचियों को छूने लगा, जब मैं कुछ नहीं बोली तो फिर मेरी चुचियों को दबाने लगा। मुझे भी अच्छा लगने लगा था उसका सहलाना और उसका छेड़ना

शुरुआत के चार-पांच दिन वह मुझे छेड़ता था मेरी चूचियों को दबाता था मेरे गांड को छूता था और फिर हमदोनो सो जाते थे। सच पूछिए तो मैं यह नहीं चाहती थी कि वह सो जाएं क्योंकि वह मेरी ज्वाला को भड़का देता था। मेरी चूत गीली हो जाती थी और कोई आपकी चूत को गीली करके सो जाएं तो अच्छा नहीं लगता है। पर उसका भी दोस्त नहीं है शायद उसको रिश्तो की मर्यादा का ख्याल आता होगा या डर लगता होगा कुछ भी हो सकता है पर वह भी अपने जगह पर सही था।

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दूसरे दिन बाद हम दोनों अपने कमरे की कुंडी लगाते थे और फिर एक ही रजाई के अंदर सो जाते थे। पर बस यह ध्यान रखना होता था कि मम्मी पापा उसने के पहले हम दोनों उठ जाते थे हम दोनों ने पहले से ही डिसाइड कर लिया था। अब धीरे-धीरे मैं भी आनंद लेने लगी थी और जब हम दोनों सोते थे तो मैं भी अपनी गांड को हिला हिला कर उसके लंड से टच करती थी और वह भी अपने लंड को मेरे गांड के बीचो-बीच लगाकर मुझे अपनी बाहों में भर लेता था और मेरी चूचियों को दबाता था। हम दोनों समय कुछ भी नहीं बोलते थे एक दूसरे के साथ बस दोनों की सांसें तेज तेज चलती थी इसी से पता चलता था कि हम दोनों ही जगे हुए हैं।

और फिर बात बढ़ती गई उसने मेरे कपड़े के अंदर से मेरी चुचियों को छूना शुरु कर दिया था मेरे निप्पल को दोनों उंगलियों से दबाने लगा था धीरे-धीरे करके सलवार का नाडा भी खोलने लगा और मेरी चूत को छूने लगा उंगलियों को डालने लगा। यह सब करते-करते हम दोनों इतने बेचैन हो जाते थे कि क्या करें। पर हम दोनों रुक नहीं भाई 1 दिन की बात है उसने मेरा नाड़ा खोल कर मेरे सलवार को नीचे कर दिया मेरी पैंटी को नीचे कर दिया और फिर अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगाकर होले होले से घुसाने लगा और मेरी चूचियों को दबाने लगा मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी मुझे डर भी लग रहा था कि यह शायद अच्छी बात नहीं है।

पर मैं अपने आप को रोक नहीं पाए और एक टांग थोड़ा सा उठा दे ताकि जगह बन जाए और उसने फिर अपने लंड को चूत के छेद पर लगाकर जोर से धक्का मारा पूरा का पूरा लंड में चूत के अंदर चला गया। उसके बाद मेरी चूचियों को दबा दबा कर वह मुझे चोदने लगा पीछे से ही चोदता था मुझे वह। जब उसका लंड मेरी चूत के अंदर गया था मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी थी मैं पानी पानी हो गई थी मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थी पर मैं कुछ नहीं बोल रही थी ना वह कुछ बोल रहा था बस वह मुझे चोद रहा था मैं भी उसके लंड का स्वाद ले रही थी अपनी चूत में डलवा कर।

वह जोर जोर से चोदने लगा मैं भी गांड घुमा घुमा कर होले होले पीछे से धक्के देने लगी उसका पूरा लंड में चूत के अंदर समा चुका था अंदर बाहर हो रहा था मेरी चूत काफी गीली हो गई थी सफेद कलर का माल निकल रहा था मक्खन के तरह मैं मजे ले रही थी। करीब 20 से 30 मिनट तक यूं ही मुझे चोदते रहा फिर मैं झड़ गई वह भी झड़ गया पूरा माल उसका मेरी चूत के अंदर ही रह गया।

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सुबह हुआ हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और बात नहीं किए कुछ बस हम दोनों ही शर्म से एक दूसरे को देख रहे थे पर कुछ नहीं बोल रहे थे उस दिन मेरा कॉलेज था और कॉलेज मेरा घर से 20 किलोमीटर की दूरी पर है तो मैं जब कॉलेज गई तो वहां से गर्भ निरोधक गोलियांलाई। दूसरी रात के बात है बेसब्री से मैं भाई के लंड का इंतजार कर रही थी उस दिन जल्दी ही सो गए थे पापा मम्मी तो हम दोनों का और भी मौज आ गया था पढ़ाई लिखाई थोड़ी पहले ही करके जल्दी से हम दोनों सो गए।

वह भी अपने मोबाइल में कुछ कर रहा था मैं अपने मोबाइल में नॉनवेज story.com खोल कर पढ़ रही थी। मैं भाई बहन की सेक्स कहानियां पढ़ रही थी और पढ़ते-पढ़ते मैं काफी कामुक हो गई थी और फिर मोबाइल रखकर में सोने के नाटक करने लगी वह भी सोचने का नाटक करने लगा। आधे घंटे बाद वह फिर से मेरे जिस्म के साथ खेलना शुरु कर दिया। और फिर हम दोनों ने ही एक दूसरे को सपोर्ट करना शुरू कर दिए वह मेरी सलवार का नाडा खोलने लगा पर नाडा उलझ जाने की वजह से खुल नहीं रहा था। मैंने नाडा खोलने में मदद की और मैंने नारा खोल दिया उसने मेरे सलवार को और मेरी पैंटी को नीचे करके लैंड पीछे से घुसा कर मुझे चोदने लगा।

उस दिन के बाद से मुझे वह रोजाना चोदता था। मैं भी मजे लेती थी और सुबह उठकर रोजाना गर्भनिरोधक गोलियां खा लेती थी ताकि गर्भधारण मेरा ना हो जाए। अब मेरी शादी हो गई है अब मैं अपने ससुराल में रहती हूं पर हां भाई और बहन का प्यार मुझे जिंदगी भर याद रहेगा। आशा करती हूं आपको यह मेरी कहानी अच्छी लगी होगी जल्द ही मैं नॉनवेज स्टोरी पर दूसरी कहानी लिखने वाली हो तब तक आपको शुक्रिया अदा करती हूं कि आपने मेरी कहानी को इतने अच्छे से पढ़ा।