Hot Sister Sex

भाई हू तो क्या हुआ पति भी बन सकता हू

Bhai Bahan Sex : ये कहानी मेरी बहन उज्ज्वला के बारे मे है, बड़ी भोली भली लड़की है, मम्मी पापा ने बड़े लड़ प्यार से पाला था और शादी भी अच्छे लड़के से, पर मेरे बहन की ज़िंदगी मे अँधेरा तब आ गया जब उससे पता चला की उसका पति नपुंशक है, लड़का नपुंशक होगा ये कौन चेक कर के शादी करता है, वही हुआ देखने मे बड़ा सुन्दर और मस्सल्स बाल इंसान है और चोदने मे लुल्ल।  मेरा जीजा नपुंश्क था ईस्वजह से मेरी बहन ससुराल छोड़ के आ गयी और भाई का फ़र्ज़ है की अपने बहन को खुश रखे. कहानी को मैं विस्तार से बताता हू,

मेरी बहन की शादी पिच्छले महीने ही हुई है, मेरे यहा जोधपुर मे ये रिवाज है की लड़की के ससुराल जाने के बाद उसे 15 दिन मे वापस लाना होता है, और वाहा उसके छोटा भाई लाने जाता है, मैने अपने बहन को लाने के लिए गया, तो मैने दीदी और जीजा मे ज़्यादा कोई ट्यूनिंग देखा नही मुझे लगा तो दोनो आपस मे सरमाते होंगे ईस्वजह से, कभी भी मैने उन दोनो को हसते हुए नही देखा, पर मुझे अपनी बहन से ये पुच्छने मे भी ठीक नही लग रहा था.

पर बहन की उदासी देखी नही गयी और मैने पूछ लिया की दीदी बताओ क्या बात है, तुम खुश तो हो ना शादी से, जब से मैं आया हू देख रहा हू तुम उदास रह रही हो, क्या बात है जीजा जी पसंद तो करते है ना तुम्हे, तुम प्यार करती हो की नही.वो ये सब बात सुनकर चुपचाप खड़ी रही, उस समय घर मे मैं और दीदी ही थे, मैने कहा दीदी बताओ ना प्लीज़ क्या बात है, तभी वो फूट फूट कर रोने लगी, बोली क्या बताऊ सौरब मैं तो लूट गयी, मैं बर्बाद हो गयी, मेरी तो ज़िंदगी ख़राब हो गयी, मैं क्या करूँ?

मैने कहा हौसला रखो और बताओ मुझे आख़िर क्या हुआ मेरी प्यारी बहना के साथ, मैं हू ना तुम्हारे साथ. तो दीदी बोलने लगी, पर उसने मुझे कसम दे दी की कभी किसी से कहना नही, मैने कहा नही कहूँगा तुम बताओ मुझे, तो दीदी बोली शादी से आज तक तुम्हारे जीजा जी और मेरे बीच कोई भी शारीरिक संबंध नही हुआ है, मैने कहा क्यों ये तो होना चाहिए. क्या वो शरमाते है क्या? वो बोली नही वो शरमाते नही. माफ़ करना भाई मैं ग़लत वर्ड उसे कर रही हू।

मैने कहा बोलो खुल के बोलो जो भी बोलना नही, दीदी बोली तुम्हारे जीजा जी का लंड खड़ा नही होता वो नपुंश्क है, उनका लंड मात्र 2 इंच का है उसमे भी कोई जान नही है, और फिर सिसक सिसक कर रोने लगी, मुझे अपनी बहन का रोना बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा थाई, मैंने सोचा क्यों ना मैं दीदी को बताऊ फिर मैने कहा मैं तुम्हे कुछ टिप्स देता हू, क्यों की मैने कुछ ब्लू फिल्म मे देखा है शायद तुम्हरे फ़ायदा हो जाए, बोली ठीक है बता, मैने कहा देख दीदी आज रात को हमलोग यही है।

रात को जब तुम जीजा जी के साथ सोना सबसे पहले तुम अपना ब्रा खोल देना और अपना बूब उनके मूह से रगड़ना, फिर कोशिश करना की वो तुम्हारे बूब को दबाए, फिर उसके होठ को चूसना, फिर कोशिश करना की वो तुम्हारे चूत पे हाथ रखे और उंगली डाले, तुम भी उसके छाती पे जो निपल है उसे जीभ से सहलाना. अगर तब भी लंड खड़ा ना हो तो उसका लंड पकड़ के तुम अपने बड़े बड़े बूब के उपर जो निपल है उसके उपर रगड़ना।

उसके बाद मुझे बताना. फिर सोचेंगे क्या करना है. उस रात को मैं छत पे सोने चला गया, सुबह उठा तो जीजाजी सोकर उठ गये थे और काम से बाहर चले भी गये थे, मैं दीदी के कमरे मे गया तो दीदी कुर्शी पर चुपचाप बैठी थी, मैने पुछा, हा, कुछ हुआ कल, वो रोने लगी।

मेरे मे आके लिपट गयी बोली कुछ भी नही हुआ, मैने तो बर्बाद हो गयी, जैसा तुमने बताया था मैने ठीक वैसे ही किया, पर उसने मुझे कुच्छ भी नही किया, मेरा चूत पानी पानी हो गया था, मेरे टन बदन मे तूने और लगा दिया, अभी तक धधक रही हू, मैं कैसे शांत करूँ अपने जिस्म को, और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. मैने कहा रोती क्यूँ बही मेरी बहन मैं हू ना, तुम्हारा भाई अभी ज़िंदगा है जब तक शादी नही होती है

मैं चोदूँगा तुम्हे, मैं तुम्हरे वॉ सारे सुख दूँगा जो एक पति अपने पति को देता है, भाई हू तो क्या हुआ, पति भी बन सकता हू, तुम मुझे अपना पति मान लो, जाने दो इश्स मदारचोड़ हरामी साला कुत्ता को, ये तुम्हे चोद नही सकता है तो तुमसे शादी क्यों किया. खैर तुम अब जो भी हुआ है, उससे बुरा सपना मान लो. इतना कहते ही मेरी बहन मेरे से लिपट गयी, उसकी बड़ी बड़ी टाइट बूब मेरे सिने पे चिपका हुआ था, उसके गुलाबी होत मेरे होत को चूम रहा था, मैने उसके पीठ को सहला रहा था वो भी मेरे पिता को सहला रही थी, मैने कहा बहन तुम्हे कोई चिंता करने की बात नही है मैं तुम्हारे साथ हू।

मैने ब्लाउस के उपर से भी उसके बूब को प्रेस करने लगा और गालों को चूमने लगा, उसके पीठ को सहलाते हुए उसके ब्रा को महसूस कर रहा था फिर मेरी बहन ने ब्लाउस का हुक खोल दिया, मैने पीछे से ब्रा का हुक खोला की दो क्रिकेट बॉल के साइज़ का बूब उपर मे छोटा छोटा पिंक कलर का निपल, गजब का लग रहा था .

मैने उसके बूब को मूह मे लेके चूसने लगा, मेरी बहन कह रही थी मेरे भाई मुझे तुमपे बिसवास है, तुम मुझे खुश कर दोगे, और वो मेरे लंड पकड़ ली, उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी. दोनो एक साथ उसके बेड पे गिर पड़े और मैने साडी को उपर कर दिया पेटीकोट समेत रेड कलर की पेंटी पहनी थी पेंटी के उपर से चूत को सूँघा तो मदहोश हो गया,

गजब की खुसबू थी, मैने पेंटी को उतार दिया, और पैर को फैलाकर देखा मेरी बहन की चूत टाइट और अनटच्ड थे, मैने जीभ लगाया तो बहन मेरी उफफफफफ्फ़ उफफफफफफ्फ़ की आवाज़ की और बोली चाट मेरे भाई चाट मेरा चूत , देख तेरे लिए मैने नमकीन पानी भी अपने चूत से निकल रही हू।

बर्बाद मत होने देना इस पानी को. फिर मैने अपना लंड निकाला और चूत के उपर रखा चूत गरम गरम था मैने धीरे से डालने की कोशिश की पर मेरी बहन को बहूत ही दर्द होने लगा, वो बोली धीरे धीरे डालो, मैने फिर धीरे धीरे ट्राइ किया तीन चार झटके के बाद चूत के अंदर मेरा लंड छल्ला गया, फिर क्या था।

मेरी बहन गांद उठा उठा के छुड़वा रही थी, मैने भी फुल स्पेद्द मे बहन को चोद रहा था, आकीर दोनो झाड़ गये, बहन ने चूम के कहा भाई मेरा साथ कभी नही चोदना अगर तुम्हारी शादी भी हो जाए तब भी. फिर उसी दिन बहन को वापस ले आया अब हम दोनो पति पत्नी के तरह चुदाई कर रहे है, मेरी बहन 2 महीने के पेट से भी ही, अब हम दोनों एक पति पत्नी के तरह रह रहे है, हो सकता है हम लोग दिल्ली जाकर लाइव इन रिलेशन में रहे.

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मुझे भा गया भैया का लंड

Bhai Bahan Sex in Delhi : मैं दीवानी हो गयी हूँ अपने भाई के लंड की, मैंने पहली बार लंड चखी थी और मुझे लंड इतना पसंद आया चूसने में और चूत में लेने में की मुझे अब दिन रात लंड ही याद रहता है। मुझे खाते पीते उठते बैठते मुझे लंड ही याद आता है। मैं इतना जल्दी दीवानी हो गयी हूँ लंड की इसके कई कारण है। मैं आपको पूरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सूना रही हूँ। मुझे अपने बड़े भइया का लंड इतना भा गया की बिना चुदे रह नहीं पाती हूँ। काश वो मेरे भाई नहीं होता तो मैं उसको अपना सैयां बना लेती। आज मैं आपको अपनी पूरी बात बड़ा रही हूँ।

मेरी ये पहली कहानी है इस वेबसाइट पर मैं रोजाना इस वेबसाइट पर आकर सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ पर आज मुझे यहाँ पर लिखने का भी मौक़ा मिल गया है इसलिए आप सभी लण्डधारक दोस्तों और मस्त चूत और चूचियों बाली बहनो के लिए ये कहानी लिख रही हूँ। ताकि आप लंड को हिला कर माल निकाले और बहनों से मेरी गुजारिश है की आज एक बैगन से ही मजे ले लें अगर पति या यार नहीं है तो। और जिनको पति या यार है वो मजे से चूत लंड में रगड़ रगड़ कर अपनी अन्तर्वासना शांत करें।

मेरा नाम दीपिका है। मैं 22 साल की लड़की हूं बहुत खूबसूरत और हॉट हूं। मुझे पढ़ना लिखना बहुत पसंद है इसके साथ-साथ मुझे सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करना काफी पसंद है। मैं अपना कॉलेज लखनऊ में खत्म करके दिल्ली आ गई। दिल्ली में मेरे भाई मुखर्जी नगर में रहता है वहीं पर आकर वह परीक्षा की तैयारी कर रहा है। मैं भी कंपटीशन की तैयारी के लिए दिल्ली आ गई। मैं और मेरा भैया जो मेरे से मात्र 2 साल बड़ा है साथ ही रहने लगे। हम दोनों ने एक कमरा किराए पर लिया और वहीं पर आकर हम दोनों पढ़ाई करते हैं और कोचिंग करते हैं अपना घर चलाने के लिए हम दोनों भाई बहन ट्यूशन भी पढ़ाते हैं।

बहुत खुश रहते हैं किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं है पर एक जो गड़बड़ बात हो गई है हम दोनों ने पीना सीख लिया। रोजाना रात को हम लोग पीते हैं। और जहां पर शराब परोसा जाए वहां पर गड़बड़ तो हो ही जाता है उस पर जहां 2 जवान लड़की लड़की वह भी अकेले में बंद दरवाजे के बीच रहते रिश्ते में कोई फर्क नहीं पड़ता। 1 दिन की बात है हम दोनों ने दो दो पेग मार लिया था संडे का दिन था। और मैंने अपने भाई को पूछ लिया भैया तुम्हारा कोई गर्लफ्रेंड है दिल्ली में तो लड़कियां हैं। अभी तक आपने किसी लड़की को पटाया या नहीं।

उन्होंने मेरे से पूछा तुम अपनी बात बताओ क्या तेरा किसी लड़के के साथ दोस्ती है। मैंने कह दिया हां है और वह लड़का आपको तो मेरे भैया भी बोले कि हां मेरी भी गर्लफ्रेंड है वह तुम हो। तो फिर मैंने बोला हम दोनों तो भाई बहन हैं। उन्होंने कहा देखो दीपिका जब तक हम दोनों एक साथ दिल्ली में है तब तक हम दोनों भाई बहन नहीं बल्कि एक बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड बनकर रहेंगे। इससे क्या होगा हम दोनों को पढ़ाई में मन लगेगा हम दोनों का पढ़ाई इस वजह से खराब हो सकता है जब हम दोनों बाहर लड़के या लड़की को खोजेंगे।

उन्होंने कहा किसी भी लड़की को कंपटीशन निकालना बहुत आसान है। बस या तो उसकी शादी हो जानी चाहिए या तो कमरे में एक लड़का लड़की। मैं समझ गई मैं तो भैया क्या कहना चाह रहा है वह कहना चाह रहा था। कि बाहर मुंह मारने की जरूरत नहीं घर में ही मुंह मार लो। तो मैंने तुरंत ही पूछ लिया तो क्या आपके इरादे नेक है या नहीं है। भैया उठकर खड़े हो मेरे बाल को पकड़ा और मेरे ऊंट को चूमने लगे। और उन्होंने कहा मेरे इरादे बिल्कुल खराब है। मैं तुमको अपनी बहन नहीं मानता मैं तुमको अपनी गर्लफ्रेंड मानता हूं।

मैं भी कहां कम थी मैं भी खड़ी हुई पर अपने भाई के होंठ को चूमने लगी और उसके लंड को पकड़ लिया रात के करीब 11:00 बज रहे थे। मैंने भी वही बात बोला मैं भी आपको बॉयफ्रेंड मानता हूं भाई-बहन लखनऊ में है। जब जाएंगे तो भाई-बहन बन कर जाएंगे जब तक जान है तब तक हम दोनों बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड बन के रहेंगे। इतना होते ही हम दोनों आवेश में आ गए। हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू किए मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां जैसे ही ब्रा के बाहर आई मेरा भाई तो दीवाना हो गया इसका तुरंत ही पकड़ कर मसल लेना और मेरे को चूमने लगा।

मेरे होंठ गुलाबी गाल गुलाबी है बाल लंबे काले हैं, मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां को देखकर मेरा भाई दीवाना हो गया। तुरंत ही मेरी चूचियों को मसलते हुए अपने मुंह में निप्पल लेकर पीने लगा मैं पानी पानी हो गई मैं गर्म हो गई। मेरे से रहा नहीं गया मैंने तुरंत ही अपने भाई का लंड पकड़ कर मुंह में ले ली। उसका लैंड करीब 9 इंच का बहुत मोटा है जैसे ही हाथ में पकड़ी और मुंह में भी मेरी चूत में पानी आ गया। मैं तुरंत ही बेड पर लेट गई वह मेरे ऊपर चढ़ गया मेरे होंठ को चूमते हुए मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे चूत के पास पहुंच गया। और मेरे चूत को चाटने लगा मैं अंगड़ाइयां लेती हुई खुद से ही अपने चुचियों को मसलने लगी।

मेरा भाई दोनों टांगों को अलग-अलग करके चूत से निकलने वाले गरम गरम पानी को पीता रहा और मैं खुद ही अपने हाथों से खुद के होठ को दबा कर मजे ले रही थी। मैंने टांग को फैला दिया भाई ने मेरा मोटा लंड निकाल कर मेरे चूत के छेद पर लगाया और जोर से घुसाने की कोशिश किया पर नहीं गया। क्योंकि उसका लैंड बहुत मोटा था और मेरी चूत का छेद बहुत छोटी। कर दो तीन धक्के लगाने के बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर घुसा दिया। मैं दर्द से कराह उठी उसने दो-तीन धक्के लगाया उसका पूरा लंड अंदर बाहर आने जाने लगा था।

जैसे ही उसने मेरी चूचियों को मसल ना शुरू किया और मेरे चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया मैं पागल हो गई मैं वासना में भर गई अंगड़ाइयां लेने लगी फिर मैं अपने गांड को गोल गोल घुमा घुमा कर भाई के मोटे लंड को अपने अंदर ले रही थी। फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया पीछे से मेरी चूत में लंड देखकर जोर जोर से धक्के मार मार कर नीचे से हिलती हुई मेरी चुचियों को मसल रहा था। मेरे मुंह से आआह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ ओमममममममम उफ्फ्फफ्फ्फ़ फिर आवाज निकालने लगी और जोर जोर से धक्के दे देकर वह मुझे चोदने लगा।

पहला दिन मुझे पूरी रात चोदा कम से कम 6 बार। सुबह जब मैं उठी तो मेरी चूत शूज चुकी थी। दर्द हो रहा था चलने में मुझे मैं टांगे फैला फैला कर चल रही थी। गर्म पानी से नहाए फिर जाकर मुझे चैन मिला। फिर दूसरी रात में पूरी रात अपने भाई को लंड से खेल रही थी अपनी चूत में ले रही थी। फिर तू क्या कहना मुझे उसका लंड भाग गया और रोजाना मैं उसके मोटे लंड के साथ खेलती हो अपने चूत में लेती हो वह मुझे चोदता है मैं भी अपने जिस्म की गर्मी को शांत करते हूँ।

हम दोनों भाई बहन बंद कमरे में जबरदस्त जिंदगी का आनंद ले रहे हैं बाहर मुंह मारने की कोई जरूरत नहीं है। अब मुझे पढ़ाई में भी मन लग रहा है और जिस्म की गर्मी भी शांत हो रही है। मैं जल्द ही आप लोगों को अपनी दूसरी कहानी पोस्ट करने वाली हूं तब तक के लिए आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार और धन्यवाद।

Bhai Bahan ka Honeymoon Hindi Sex Story

गर्मी की छुट्टी में भैया शिमला ले जाकर मुझे चोदा

Bhai Bahan ka Honeymoon Hindi Sex Story : मेरा नाम कशिश है मैं 22 साल की लड़की हूं। नॉनवेज story.com की फैन हूं रोजाना मैं यहां पर आकर सेक्स कहानियां पढ़ती हूं। आज मैं भी आप सभी को एक सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूं यह सेक्स कहानी बहुत हॉट और सेक्सी है क्योंकि यह मेरे और मेरे भैया के बीच है। आज मैं आपको बताऊंगी कि मेरे जिस्म की गर्मी को भी भैया ने शिमला में शांत किया। यह सब .क्यों और कैसे हुआ इसमें मेरी मां का हाथ है तो आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी नॉनवेज story.com के सभी दोस्तों को सुनाने वाली हूं।

जैसा कि आपको पता है भैया ने मुझे शिमला में ले जाकर चोदा। ऐसे मैं दिल्ली की रहने वाली हूं मैं यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिं ग के छात्र हूं मैं पढ़ाई करती हूं हॉस्टल में रहती हूं तो आजकल मेरा पेपर खत्म हो गया था इस वजह से मैं दिल्ली आ गई थी। दिल्ली आने के बाद मुझे पता चला कि मेरे भैया और भाभी जो अभी अभी शादी हुई है 6 महीने पहले वह दोनों शिमला जाने वाले हैं। तो घर आकर में भी जिद कर दी कि मैं भी शिमला जाऊंगी। भैया बोले शिमला बच्चे नहीं जाते तो मैं बोली मैं बच्ची नहीं हूं मैं 22 साल की हूं। मेरे से 4 साल आप बड़े हो तो इसका मतलब यह नहीं कि आप बहुत बड़े हो गए हो मैं भी छोटी नहीं हूं मैं भी बड़ी हूं। हम दोनों में ऐसी ही बातचीत होती है तभी हम दोनों आपस में काफी ज्यादा खुले हुए हैं।

भैया ने होटल बहुत पहले ही बुक कर लिया था तो मम्मी बोली थी अब तो तुम्हें होटल का कमरा भी नहीं मिलेगा तो तुम कैसे जाओगे अपने भैया भाभी के साथ वह लोग जाएंगे इंजॉय करेंगे एक कमरा लिए हैं पहले बताती तो मैं भी चल पढ़ती हो तुम भी चल पड़ते पर अब तो मैं जा भी नहीं पाऊंगी क्योंकि मुझे काम है तो एक काम करो मेरे भैया को मेरी मम्मी ने बोली कि होटल वाले से बात करो एक कमरा कर दे दे तो इसको भी ले जाओ कशिश भी हॉलीडे को अच्छे से इंजॉय कर लेगी।

भैया ने होटल में बात किया तो उन्होंने एक कमरा देने को राजी हो गया क्योंकि उनका एक कैंसिल हुआ था इस वजह से वह कमरा मुझे मिल गया मैं बहुत खुश हो गई। शिमला जाने का मेरा कोई प्लान भी नहीं था और एकदम से प्लान बन गया तो खुश हो ना तो बनता ही है। अब हम तीनों ही शिमला के लिए निकल पड़े भैया का कमरा मेरे कमरे के बगल में ही था भैया भाभी तो आपको पता है जब नई-नई शादी हुई है तो चुदाई के अलावा और क्या होगा। वह लोग रात को जल्दी ही खाना पीना खाकर अपने कमरे में चले गए मैं अपने कमरे में नॉनवेज स्टोरी पर ही काम में पढ़ते रहे और मैं क्या करती।

एक बार जाकर भी उनके दरवाजे के पास खड़ी हुई तो अंदर से भाभी की आवाज आ रही थी और जोर से और जोर से आज मुझे खुश कर दो आज मुझे खुश कर दो। मैं समझ गई भाभी की जबरदस्त चुदाई हो रही है। यह सब सुनकर मेरी भी चूत गीली हो गई थी और मैं वापस आकर सो गई। उस दिन तो ऐसे ही बीता सुबह उठे हम लोग घूमे फिरे और शाम को उस दिन होटल वाले ने भैया भाभी के लिए एक और व्हिस्की का भी इंतजाम किया था क्योंकि वह दोनों पहले ही बताए थे कि हनीमून पर आ रहे हैं इस वजह से हनीमून मनाने वाले के लिए उस होटल में पार्टी का इंतजाम किया जाता है।

उन दोनों की शान तो बड़ी रंगीन होने लगी थी। मुझे लग रहा था कि मैं बेकार ही आ गई क्योंकि जब एक कपल कहीं आए घूमने के उसके साथ किसी को नहीं आनी चाहिए और वह भी एक बहन को तो भूल कर भी नहीं आना चाहिए। ऐसा मुझे महसूस हो रहा था। पर बातें कुछ ही देर में बदल गई। हम लोग हॉस्टल रेस्टोरेंट से अपने कमरे में आए तो भैया मुझे भी अपने कमरे में बुला लिए और वह पर दारु पार्टी होने लगा मैं मना भी की की मैं मैं पियूँगी तो भइया बोले सब चलता है। भाभी भी एक नम्बर की पियक्कड़ है तो वो भी मुझे कहने लगा पी लो घर में नहीं बोलेंगे।

और फिर हम तीनों की दारू पार्टी शुरू होगी दारू के साथ-साथ एक-एक करके हम लोग डांस भी करते थे और 2 लोग बैठ कर देखते थे। पहले भैया की बारी उसके बाद मेरी उसके बाद मेरी भाभी की हम तीनों ही काफी नशे में हो गए थे इस वजह से डांस थोड़ा सेक्सी हो गया था। भाभी डांस करते-करते अपना टॉप उतार कर फेंक दूं और धीरे-धीरे वह ब्रा पर आ गयी। भैया पैक बनाए जा रहे थे और हम लोग दारू पी पी कर डांस कर रहे थे भाभी डांस कर रही थी ब्रा पहन कर पहन कर। भैया भाभी का रूप देखकर लैंड पर हाथ फिराने लगे थे वह मैं देख रही थी। धीरे-धीरे भाभी न्यूड हो गई उन्होंने अपना ब्रा उतार कर फेंक दी और फिर भी खोल दी और नाचने लगी।

फिर से हम लोग एक एकता के लिए अब भैया भी साथ नाचने लगे और भाभी की चूचियां दबाने लगे। भैया को होश भी ना रहा कि उनकी बहन सामने बैठी हुई है पर मैं भी कहां कम थी मैं भी दारू पीकर नशे में हो गई थी। भाभी ने मुझे इशारे से बुलाई और मैं भाभी के पास चली गई भाभी मेरे होंठ को चूमने लगी ऐसा लग रहा था कि वह लैसबियन रहे। भैया वहीं पर मेरे सामने ही भाभी की चूचियों को दबाने लगे और उनके होंठ पर किस करने लगे धीरे-धीरे भाभी ने मेरे कपड़े भी उतार दी। और फिर मेरी चूचियां क्योंकि मैं तो अभी तक किसी को हाथ भी नहीं लगाने देती और मेरी टाइट चूचियां देखकर मेरा भाई का दिमाग हिल गया था वह मेरी चूचियों को छूने लगा और धीरे-धीरे भाभी को छोड़कर मेरे साथ हो गया मेरे को चूमने लगा मेरी चूचियों को दबाने लगा मेरी गांड को सहलाने लगा।

धीरे-धीरे मैं भी कामुक होने लगी और मैं भी भैया को साथ देने लगी मैं भी उनके लंड को पकड़ ली थी क्योंकि उनका लंड काफी मोटा हो गया था अब हम तीनों ही एक दूसरे को खुश कर रहे थे। भैया भाभी से ज्यादा मुझे ही चूम रहे थे मेरी चूचियों को दबा रहे थे भाभी बोली भी जवान बहन मिल गई तो बीवी को छोड़ दिए हो। भैया मेरी चूचियों को दबाते हुए अपने मुंह में लेकर निप्पल को दबाने लगे मेरी तो चूत गीली हो गई। मेरे से रहा नहीं जा रहा था पर मैं करूं क्या भाभी नहीं रहती तो मैं अब तक भैया को पटक कर चढ़ गई होती। भाभी बोली भैया से मेरी चूत गीली हो चुकी है मुझे जल्दी से चोद दो क्योंकि मैं काफी नशे में हो गई हूं मैं गिर जाऊंगी। यह सुनकर भैया ने भाभी को बेड पर पटका दोनों टांगों को अलग-अलग करके अपना मोटा लंड चूत के बीच में लगाया और घुसा दिया चुचियों को दबाते हुए जोर जोर से धक्के देने लगा।

10 मिनट की चुदाई में ही भाभी झड़ गई और बोली आज मैं बहुत थक चुकी हूं मैं सो रही हूं और 5 मिनट के अंदर ही सो गई। उसके बाद फिर शुरू हुआ भाई बहन की चुदाई भैया ने मुझे बेड पर लिटा कर दोनों टांगों को अलग-अलग करके मेरी पैंटी उतार दी और फिर मेरी चूत को चाटने लगे मेरी चूत गीली हो चुकी थी। मेरे चूचियों को मसलते हुए अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगाकर जोर से घुसाने की कोशिश की पर नहीं गया क्योंकि मेरी चूत काफी टाइट थी। तीन चार झटके मारने के बाद भैया का लंड में चूत के अंदर प्रवेश कर गया और पूरा लंड अंदर जाते ही मेरी कामवासना और भी ज्यादा भड़क गई। दर्द तो मुझे बहुत हो रहा था पर लंड का मजा कुछ और ही था इस वजह से मैं चाह रही थी कि भैया मुझे जमकर चोदे।

नशे में थी इस वजह से दर्द ही नहीं हो रहा था जबकि मैं पहली बार चुद रही थी। भैया मुझे अलग अलग तरीके से मेरी चूत को फाड़ने लगे। मेरे चुचियों को दबाते हुए जोर-जोर से मुझे चोदने लगे मैं भी गांड हिला हिला कर गांड घुमा घुमा कर भैया के लंड को अपने अंदर ले रही थी , भैया ने मुझे करीब 2 घंटे तक हम दोनों ही नशे में थे और हम दोनों नशे में पागल हो गए थे। कामसूत्र के करीब 10:00 तरीके हम दोनों ने आज भी तो गांड फाड़ कर सो गई थी। पर भैया ने मुझे जमकर चोदा। आखिरकार मैं भी झड़ गई भैया भी झड़ गए हम तीनों एक ही बेड पर सो गए। सुबह उठे तो भाभी बोली चलो आज से तू मेरी सौतन हो गई है अब हम तीनों मिलकर मज़े करेंगे।

उसके बाद हम लोग 4 दिन और भी शिमला में रुके थे क्या बताऊं दोस्तों मजा आ गया था जब भाई का लंड बहन की चूत में जाता है तो मजा कुछ और ही होता है। रोजाना भैया मुझे चोदते थे भाभी के साथ और मैं भी खूब मजे लेती थी। उस दिन के बाद से तो भैया भैया ना रहा सैया हो गया अब तो मेरी चूत भी ढीली हो गई है क्योंकि मोटा लंड रोजाना चूत के अंदर जा रहा है आजकल। मैं दूसरी कहानी जल्दी ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाली हूँ तब तक के लिए धन्यवाद.

Pati ko Chhod Bhai Ke Saath Rahti hun

पति से संतुष्ट नहीं हुए तो भाई के साथ ही रहने लगी

असंतुष्ट औरत सेक्स कहानी (Asantusht Sister ki Chudai, Bhai Bahan Sex Kahani) : मेरा नाम अनु है मैं 28 साल की खूबसूरत औरत हूं। अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है और बच्चा नहीं होने का कारण है मेरे पति का नामर्द होना। मेरा पति मुझे चोद नहीं पाता है इस वजह से मैं आज तक मां नहीं बन पाई सच तो बात यह है कि आज तक मेरी वासना भी शांत नहीं हुई। इसलिए आज आप सभी नॉनवेज स्टोरी के पाठकों के सामने अपनी कहानी को रख रही हूं ताकि आपको भी पता चले कि अगर मैं अपने पति को छोड़कर भाई के साथ सेक्स संबंध बना रही हूं तो मेरी क्या गलती है। मैं अपने भाई के साथ रहती हूं और उसी के साथ में सेक्स संबंध बनाती हूं अपनी वासना की आग को बुझाती हूं। मैं पूरी कहानी आपको इस वेबसाइट पर सुना रही हूं क्योंकि मैं भी रोजाना इस वेबसाइट पर आकर एक से एक अच्छी और सेक्सी चुदाई की कहानियां पढ़ती हूं।

मैं दिल्ली के पास नोएडा में ही रहती हूं। पहले मैं दिल्ली में अपने पति के पास रहती थी पति के साथ मेरा जीना दूभर हो गया था। पति का जो कर्तव्य होता है अपने पत्नी के प्रति वह उसे निभा नहीं पा रहा था। मैं 2 साल तक अपने पति के साथ रहे इलाज भी करवाई पर कोई फायदा नहीं हुआ। मैं टूट चुकी थी लड़ाई झगड़ा ज्यादा होने लगा था और लड़ाई होने का कारण यही था कि मेरा पति मेरी चूत में कभी नहीं घुस आया वह हमेशा उंगली करता है और मेरी चूत को चाटता है। भला एक औरत ऐसे में कैसे संतुष्ट हो पाएगी। वह तो इससे मेरे तन बदन में आग लगा देता था और फिर आराम से सो जाता था। यानी कि मुझे गर्म कर देता था वह उंगलियां डाल डाल कर मेरी चूत में लंड घुसाने की ताकत नहीं थी उसमें।

पति के साथ मेरा झगड़ा हुआ और मैं अपने भाई के पास नोएडा आ गई। मेरा भाई रहता है क्योंकि उसके अपनी बीवी से तलाक हो गया है तलाक होने का कारण यही था कि मेरा भाई चुदाई जबरदस्त तरीके से करता है इस वजह से मेरी जो भाभी थी वह बर्दाश्त नहीं कर पाती थी भैया को मोटा और लंबा लंड इस वजह से उसने तलाक ले लिया। एक को लंड से डर लगता था इस वजह से तलाक ले लिया और एक को लंड नहीं मिलता था इस वजह से अपने पति को छोड़ दिया। भाई के पास आ गई मैं भी प्यासी मेरा भाई भी प्यासा हम दोनों ही वासना के दीवाने थे। और आपको तो पता है यह एक नशा है जब नहीं मिले तो किसी भी हालात में इस नसा को पूरा करेगा।

मैं खुद बड़े घर से हूं तो आज तक कभी ऐसा नहीं लगा कि लड़कियां या औरतें शराब नहीं पिएंगे हम तो अपने मायके में भी शराब पिया करते थे क्योंकि पापा मेरे फौज में कर्नल थे। जब भाई के यहां आए तो भाई ने आने की वजह पूछा तो मैं साफ-साफ बता दे कि मेरा पति मुझे खुश नहीं कर पाता की वजह से मैं यहां पर आ गई हूं। भाई बोला कोई बात नहीं है तुम जब तक रहो हमें कोई दिक्कत नहीं है। उस रात को हम दोनों ही काफी ज्यादा उदास थे क्योंकि दोनों का घर उजड़ गया था। हम एक ही भाई-बहन हैं। रात को हम दोनों दारु पीने के लिए बैठ गए चिकन बाहर से मंगवाया और हम दोनों दारु पीने लगे सिगरेट पीने लगे और दोनों भाई बहन बात करने लगे।

धीरे-धीरे हम दोनों का वासना भड़कने लगा था क्योंकि जब दारु पीते हैं लोग तो कपड़े थोड़ा व्यस्त हो जाते हैं उस दिन मैं जबरदस्त सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी जिससे मेरी चूचियां बाहर दिखाई दे रही थी इस वजह से मेरा भाई मेरे को बार-बार देख रहा था। और फिर हम दोनों नशा में आते ही हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। मेरा भाई मेरी चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा मुझे चूमने लगा। मैं भी वासना की आग में पहले से जल रही थी इस वजह से आग लगने में देर नहीं लगा और मैंने भाई के लंड को पकड़ कर तुरंत हिलाने लगी। हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े खोल दिए बेडरूम में चले गए मेरा भाई मेरी चुचियों को दबाते हुए मेरे निप्पल को पीने लगा था। मैं बेड पर लेट गई मेरा भाई मेरे ऊपर चढ़ गया मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरी चूत को अपनी उंगलियों से सहलाने लगा। मैं तुरंत ही बोलते मुझे लंड चाहिए।

भाई ने अपना मोटा लंड निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया मैं अपने भाई के लैंड को चूसने लगी। मेरे चूचियों को दबाते हुए मेरी चूत पर अपना हाथ फिर रहा था। मेरी चूत काफी गीली हो गई थी गरम गरम पानी निकल रहा था मेरा भाई दोनों पैरों के बीच में बैठ गया दोनों टांगों को अलग-अलग गया मेरी चूत को पहले निहारा। फिर जीभ लगा कर उसको चाटने लगा मैं गरम गरम पानी छोड़ रही थी और मेरा भाई मेरी चूत की नमकीन पानी को पी रहा था। मेरे तन बदन में आग लग गई थी मैं सिसकारियां ले रही थी मैं अंगड़ाइयां ले रही थी। मैं खुद ही अपने होठों को अपने दांतों तले दबा रही थी कभी-कभी खुद ही अपनी चुचियों को पकड़ कर मसल दी थी कभी निप्पल को पकड़कर रगड़ देती।

धीरे-धीरे हम दोनों भाई वासना की आग में भड़कने लगे थे। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रख कर दोनों टांगों को अलग अलग किया और जोर से घुसा दिया मेरे होंठ को चूमते हुए मेरी सूचियों को दबाते हुए जोर जोर से धक्के दे देकर मुझे चोदने लगा। फिर वह नीचे लेट गया मैं ऊपर चढ़ गई उसके लंड को पकड़ कर अपने चूत के छेद पर लगा कर बैठ गई और जोर जोर से धक्के दे देकर उसके पूरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी। मेरा भाई मेरी चुचियों को दबोच ते हुए नीचे से धक्का दे रहा था मैं ऊपर से धक्के दे रही थी पूरे कमरे में फच फच की आवाज आ रही थी और मैं सिसकारियां लेती हुई मैं अपने भाई को कह रही थी अब मैं तुम्हारी बहन नहीं अब मैं तुम्हारी बीवी हो गई हूं।

मैं अब तुम्हारे साथ ही रहूंगी मैं तुमसे ही सेक्स करूंगी। अब तू ही मेरा भैया है तू ही मेरा सैया है। मुझे ऐसे ही खुश करते रहना मैं अपने पति को छोड़ आई ताकि तुम मुझे खुश कर सकूं क्योंकि मुझे वह दिन याद है जब मैं कुंवारी थी और छत पर तूने मुझे चोदा था वह मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। उसी चुदाई को याद करके आज मैं नोएडा गए हो तुम्हारे पास रहने के लिए। भाई ने इतना सुनते ही मुझे नीचे पटक दिया और मेरे चुचियों को फिर से मसलते हुए अपने मुंह में लेते हुए मेरे होंठ को चूमते हुए। अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर जोर जोर से धक्के देने लगा पूरा पलंग हिल रहा था।

फिर मुझे घोड़ी बना दिया मेरी तरफ से अपना लंड मेरी चूत के अंदर लगाया और जोर जोर से धक्का दे देकर मेरे चूतड़ थप्पड़ मार मार कर चोदने लगा मेरी चूचियां फुटबॉल की तरह आगे पीछे होने लगी थी पीछे से धक्के देकर चोद रहा था। हम दोनों ही नशे में थे और एक दूसरे को खुश कर रहे थे। करीब 1 घंटे के बाद हम दोनों ही झड़ गए हम दोनों ने ही सो गए। करीब 45 मिनट बाद हम दोनों फिर से उठे फिर से दारु पिए मेरा भाई मुझे चोदा। आज तक इतने जबरदस्त तरीके से मेरी चूत की गर्मी को शांत किसी ने नहीं किया था। आज मैं बहुत खुश थी और उम्मीद करती हूं आगे भी खुश रहूंगी क्योंकि भाई ने मेरी वासना की आग को बुझा दिया और आगे भी बुझाता रहेगा।

मैं अपनी दूसरी कहानी जल्द ही इस वेबसाइट पर यानी नॉनवेज स्टोरी पर डालने वाली हूं तब तक आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार मैं उम्मीद करता हूं दोबारा आप आकर मेरी कहानी को जरूर पढ़ेंगे।

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स्लीपर बस में भाई ने बहन को चोदा

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भैया ने दिल्ली लखनऊ वॉल्वो बस में मेरी ऐसी चुदाई की दर्द तीन दिन तक रहा। मना करते रही जोर से मत डालना पर उसने एक भी नहीं सुनी और मेरी चूत फाड़ दी कैसे क्या हुआ आज मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर अपनी कहानी सुनाने जा रही हूँ।

मेरा नाम हर्षिता है मैं 18 साल की हूँ। इसके पहले कभी मैं लंड का स्वाद नहीं चखा था ना तो मैं कभी चुदाई करवाई थी। बस का सफर बारह घंटे का और चुदाई पुरे रास्ते इसको क्या कहूं और वो भी अपने भाई के साथ अच्छा या ख़राब मैं ये समझ नहीं पा रही हूँ। पर जो हुआ अच्छा भी हुआ और बुरा भी हुआ। हमलोग ट्रैन से दिल्ली से लखनऊ जाने वाले थे पर टिकट नहीं मिलने के चलते हम दोनों भाई बहन दिवाली मनाने बस से भी जाना उचित समझी। और टिकट ले लिया वॉल्वो स्लीपर में। हम दोनों का सीट ऊपर वाला था हम दोनों को कंबल भी ओढ़ने दिया थे क्यों की बस एयर कंडीशनर था। और हमलोग का जो कम्पार्टमेंट थे उसमे दो सो सकते थे। अगर आपने स्लीपर बस में यात्रा की होगी तो पता होगा परदे लगे थे और दरवाजा अंदर से बंद भी होता था।

बस रात के आठ बजे दिल्ली से चल पड़ी। यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए लखनऊ जाना थे दिल्ली लखनऊ हाईवे से। हम दोनों पहले ही खाना खा लिए थे। और बस में आराम करने लगे। ये पहला मौक़ा थे जब हम अपने भाई के इतने करीब सो रहे थे जब से जवान हुए थे।

मेरा गठीला बदन गोल गोल जांघें, ना बड़ी ना छोटी चूचिया यानी की साइज में चूचियां, गोल गोल चूतड़, गुलावी होठ किसी को भी अपने गिरफ्त में कर ले। मैं गाने सुनने लगी और मेरा भाई शायद नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सेक्स कहानियां पढ़ रहा था। मैं भी इसके पहले कई बार कई कहानिया इस वेबसाइट पर पढ़ी थी। तो मैं भि उस रात नॉनवेज स्टोरी पढ़ने लगी। हम दोनों भाई बहन सेक्स कहानियां पढ़ रहे थे। मेरा भाई काफी कामुक हो गया था कहानियां पढ़ते पढ़ते और वो मुझे छूने की कोशिश करने लगा खाशकर मेरे बूब्स को। मैं समझ रही थी वो क्या चाहता है। क्यों की मैं भी कामुक होने लगी थी।

बस की स्पीड काफी तेज थी उस समय यमुनाएक्सप्रेस पर चल रही थी। बस हिचकोले के रहा था था और उसको मौक़ा मिल गया थे मेरी चूचियां दबाने का। जब भी बस किसी और वहां से साइड ले तो वो मेरे तरफ झुक जाता था और मेरी चूचियां दबा देता था। अब मेरे शरीर में सिहरन होने लगी मुझे भी अपने भाई के लंड को छूने का मन करने लगा था। अब वो मेरी चूचियां दबाता और मैं उसके लंड दबाती। दोस्तों क्या बताऊँ हम दोनों ही कामुक हो गए थे और लग रहा था बस चुद लूँ। भाई ने उसी वक्त परपोज़ भी कर दिया।

बोला क्यों ना आज रात हम दोनों भाई बहन ना रहे। और पूरी रात मस्ती करें। मैं कुछ नहीं बोली। वो बोला ये बात बस रात तक ही सिमित रहेगा उसके बाद कभी भी ज़िंदगी में ऐसी बातें नहीं होगी। तुम्हे भी वो मिल जायेगा और मुझे भी मिलजायेगा। हम दोनों ही तड़प रहे है। मुझे है तुम दिल्ली में आधी रात तक सेक्स कहानी पढ़ पढ़ कर अपने बूब्स को दबाती हो और अपने चूत को सहलाती हो। वो खिड़की में जो छोटा सा छेड़ है ना उससे मैं तुम्हे रोज देखता हूँ।

तो मैं भी कहा कम थी कह दी मुझे ये बात पता है और तुम क्या करते हो। खिड़की के पास ही मूठ मारते हो और अपना माल वही निचे गिरा देते हो। सुबह मैं रोज साफ करती हूँ। और फिर दोनों थोड़ा थोड़ा सरमा कर हसने लगे।

उसके बाद शुरआत हुआ असली सफर का। उसने आव देखा ना ताब वो मुझे अपने बाहों में जकड लिया और मेरे होठ को चूसने लगा मेरे होठ पर किश करने लगा। मैंने भी साथ देने लगी। हम दोनों के तरफ से आग लगी थी वासना की। तभी बस रुक गई। हम दोनों अलग अलग हो गए। निचे उतरे और फिर वाशरूम जाकर चाय पिए। हम दोनों का रिश्ता एकदम अलग हो गया था। निचे हम दोनों ऐसे बाहों में बांह डाल कर ऐसे घूम रहे थे जैसे पति पत्नी हो या लिव इन रिलेशन में रहते हो. सब लोग घुर रहे थे पर करना क्या था। कौन हमारे गाँव के लोग थे।

आधे घंटे बाद बस फिर चल पड़ी और फिर क्या था अपना बस का कम्पार्टमेंट की छिटकिनी अच्छे से लगा दी परदे लगा दिए और मैं अपने भाई का पेण्ट खोल कर मोटा लंड निकाल कर तुरंत ही मुँह में ले ली और स्वाद लेने लगी। जितना अपने मुँह में लेती उतना ही उसका लौड़ा मोटा और लंबा होता और वो अपने मुँह से सिसकारियां निकालता वो भी मेरे टॉप को खोल दिया और ब्रा भी। वो मेरी चूचियां को सहलाने लगा। मैं कामुक होने लगी। मैं उसका आइसक्रीम चूस रही थी वो भी मेरे बूब्स को चूसने लगे। मेरे बदन में आग लग गई थी और उसका लौड़ा काफी मोटा लंबा हो गया था।

उसके बाद भाई ने मुझे निचे सुला दिया और करीब पंद्रह मिनट तक मेरे चूत को चाटा मेरी चूत से गरम गरम पानी निकल रहा था और वो मजे कर रहा था। उसके बाद उसने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और बिच में आ गया अपना लंड निकाला और मेरी चूत पर लगाया और घुसाने लगा पर उसका लौड़ा टेढ़ा हो जाता था क्यों की मेरी चूत कसी हुई थी। जा नहीं रहा था। उसने करीब तीन चार बार कोशिश किया उस समय मैं अपने फेस को अपने दोनों हाथों से ढक रखी थी।

उसके बाद उसने फिर से सही से लंड को सेट किया मेरी चूत पर और घुसा दिया उसका लौड़ा पूरा नहीं गया था आधा ही घुसा था पर मुझे काफी दर्द होने लगा मैं बोली जोर से मत घुसाओ दर्द हो रहा है। वो रुक गया और मेरी चूचियों को सहलाने लगा और मेरे होठ को चूसने लगा वो मुझे कस कर पकड़ लिया। मैं भी उसको अपने आगोश में ले ली। उसका आधा लौड़ा मेरी चूत में था। अचानक मेरी छूट से काफी पानी निकला और चूत गीली हो गई तभी उसने जोर से धक्का दिया और पूरा लंड मेरी चूत में समा गया।

दर्द भी हो रहा था मजा भी आ रहा था। वो कह रहा था गजब की है तू बहन। मजा आ गया आज। तुमने मुझे खुश कर दिया। और वो ऊपर निचे करने लगा आप उसका लौड़ा अंदर बाहर होने लगा और मजे आने लगे मुझे। मैं भी गांड उठा उठा कर सहयोग कर रही थी और उसके बालों को सहला रही थी और वो मेरी बूब्स को पि रहा था और चोद रहा था। बस तेज सरपट से चल रही थी। आह आह भी कर रही थी पर लोगों को क्या पता चलेगा बस में शोर भी थी बाहर का।

दोस्तों उसके बाद तो कभी पीछे से कभी ऊपर से कभी वो ऊपर कभी मैं ऊपर। रात भर ऐसे ही चुदाई चलती रही। सुबह जब लखनऊ पहुंची तो मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी। दर्द हो रहा था चूत सूज गया था। यही हाल मेरे भाई का भी था उसका भी लंड दर्द कर रहा था।

दोस्तों ये सफर में चुदाई मेरे लिए यादगार है। मैं कभी भी नहीं भूलूंगी। बहुत मजा आया था। शायद आपको भी मेरी ये कहानी अच्छी लगी होगी। मैं जल्द ही आपको दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पब्लिश करुँगी। आज सुबह तो घर ही पहुंची हूँ देखती हूँ क्या मेरा भाई सच में मुझे अब नहीं चोदेगा जैसा की उसने कहा था बस आज के लिए। देखते हैं और आपको बताते हैं क्या होता है आगे.

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भाई बहन की लिव इन रिलेशन में गर्भ ठहर गया

Live in Relation Sex Kahani : Brother Sister live in relation sex story : शीर्षक से ही आपको पता चल गया होगा यह कहानी एक भाई बहन की लिव इन रिलेशन में रहने के दौरान बहन गर्भवती हो जाती है। लिव इन रिलेशन तो आपने सुना ही होगा पर यह नहीं सुना होगा कि लिव इन रिलेशन में एक बहन भाई भी एक साथ रहते हैं। पर जब मजबूरी आ जाती है तो सब कुछ जायज होता है।

मैं अपनी बहन के साथ लिव इन रिलेशन में कैसे रहा यही कहानी आपको नॉनवेज स्टोरी पर सुनाने जा रहा हूं। यह मेरी पहली कहानी है इस वेबसाइट पर, इस वेबसाइट का मैं बहुत बड़ा फैन हूं रोजाना कर जहां पर सेक्स कहानियां पढ़ता हूं। सबसे ज्यादा हॉट और सेक्सी जो कहानी हमको लगते हैं वह है भाई बहन की सेक्स कहानी इसलिए मैं आप सभी पाठकों के लिए अपने सेक्स कहानी लेकर आया हूं उम्मीद करता हूं मेरी लिव इन रिलेशन में रहने के दौरान अपने बहन के साथ हुए सेक्स के बारे में आपको बताऊंगा इसमें।

मेरा नाम मोहित है मेरी बहन का नाम रेखा है हम दोनों उत्तराखंड के रहने वाले हैं। पहाड़ों में भूस्खलन आने के कारण मेरे मम्मी पापा का देहांत हो गया इसलिए मैं और मेरी बहन दोनों दिल्ली आ गए और जामिया नगर में एक किराए के कमरे में रहने लगे। पहले हम दोनों को कोई कमरा नहीं दे रहा था इस वजह से हम दोनों ने खुद को पति पत्नी बताया तो कमरा हमें आसानी से मिल गया। जब हम भाई बहन बता रहे थे और कमरा ढूंढ रहे थे तो हम दोनों को किसी ने कमरा नहीं दिया इस वजह से हमें खुद को भाई और बहन बताना पड़ा था कि कमरा मिल सके।

हम दोनों ने यहां पर एक कंपनी में काम कर लिया और रोजी-रोटी अच्छे से कमाने लगे खाने लगे हमें अब किसी चीज की चिंता नहीं थी। हम दोनों को अच्छी नौकरी लग गई थी तो तनखा भी अच्छी थी अब हम दोनों की जिंदगी बहुत अच्छे तरीके से गुजर रही थी। मेरे से मेरी बहन 2 साल छोटी है मैं उसे 2 साल बड़ा हूं। अब आप लोगों को लग रहा होगा कि हम दोनों के बीच में सेक्स संबंध क्यों बन गया। इसमें मेरी बहन का दोष है मेरा दोष नहीं है। मेरी बहन एक लड़के के चक्कर में पड़ गई थी उसे वह प्यार करने लगे पर मैं नहीं चाहता था कि मेरी बहन किसी ऐरे गैरे से फंस जाए और फिर जिंदगी बर्बाद हो जाए।

आपको पता है आए दिन रोजाना टीवी में इंटरनेट पर सोशल मीडिया पर बातें फैलती है यह उसको लेकर भाग गया कि उसको लेकर भाग गया तो मुझे डर लगता था कि मेरी बहन को कोई लेकर भाग ना जाए। आजकल सब लोग अपना काम निकालते हैं फिर छोड़ देते हैं। मुझे लगा कर अपनी बहन को मैं वह सारी खुशियां कर दे देता हूं तो शायद वह बाहर कुछ ऐसा कदम ना उठाएं।

इस वजह से मैंने उसके साथ बात किया कि देखो बहन जमाना खराब है। आजकल किसी पर विश्वास करने लायक नहीं है इसलिए तुम यहां पर जॉब कर रही हो पैसे हम दोनों मिलकर जमा करते हैं फिर उत्तराखंड जाकर हम लोग वहां मकान बनाएंगे हम दोनों फिर शादी करेंगे इस बीच में तुम कुछ ऐसा मत करो जिससे मेरी भी लाइफ खत्म हो जाए और तुम्हारी भी लाइफ खत्म हो जाए।

मेरी बहन को मेरी बात सही लगी और उसने कसम खाया कि हम आगे ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे हम दोनों की जिंदगी बर्बाद हो जाए। हम दोनों खुशी-खुशी रहने लगे हम लोग बाहर निकलते थे तो बाहर वाले लोग जो गली के लोग थे कहते थे कि क्या बात है कब खुशखबरी सुनाओ गे। हम दोनों को लगता था कि वह लोग बच्चा कह रहे हैं करने के लिए। पर हम दोनों के बीच में ऐसा कुछ था नहीं और एक बहन भाई के बीच में ऐसा होना भी नहीं चाहिए। पर वक्त बदला और सब कुछ बदल गया।

1 दिन की बात है हम दोनों काफी ज्यादा भावुक हो गए थे मम्मी पापा को याद करके तो हमने अपनी बहन को गले लगा लिया उसके पीठ को सहला दिया। वह मुझे पकड़ कर रोने लगी मास्को चुप करवाने लगा। पर पता नहीं दोस्तों उस समय क्या हुआ हम दोनों ही बहक गए अपने भावनाओं में। और हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया धीरे-धीरे करके हम दोनों एक दूसरे के जिस्म के साथ भी खेलने लगे। ना मेरे से रहा गया ना उसे रहा गया। हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया। चुनते चुनते मेरा हाथ कब उसके बूब्स पर जा पड़ा पता ही नहीं चला और मैं उसके बूब्स को दबाने लगा।

धीरे-धीरे हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए वह मुझे चूम रहे थे मैं उसको चूम रहा था उनके चुचियों को मैं मसल रहा था। इतने में ही मेरी बहन काफी ज्यादा कामुक हो गई उसने मेरा लंड पकड़ लिया और खुद मुंह में लेकर मेरे लंड को चूसने लगी। मैं भी उसके होंठ को चूस रहा था अपना जी उसके मुंह में दे रहा था। हम दोनों ही काफी ज्यादा बहक गए थे कामुक हो गए थे। तुरंत ही उनके दोनों टांगों को मैं अलग अलग करके उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया। उसकी चूत से गर्म गर्म पानी निकल रहा था और सफेद सफेद झाग निकल रहा था।

जैसे ही मैंने अपना जीव लगाया था उसकी चूत पर वह तो और भी ज्यादा पागल हो गई अंगड़ाइयां लेने लगी। उसने मुझे अपना सब कुछ सौप दिया। मेरी बहन बोली कि बस इसी चीज की कमी थी नहीं तो बाहर कोई मतलब नहीं था जाने का आज मुझे वह भी मिल जाएगा तो मुझे बाहर देखने की जरूरत ही नहीं है। मैं समझ गया मेरी बहन को सेक्स चाहिए था इस वजह से वह लड़की ढूंढ रहे थे बाहर। मुझे लगा चलो सही बात है घर की बात घर में ही रह जाए तो अच्छी बात है बाहर पता नहीं क्या होगा।

उसने अपनी दोनों टांगें फैला दी मैंने अपना लंड निकाला और उसके चूत के छेद के बीच में लगाया और जोर से घुसा दिया। मेरा 9 इंच का लैंड उसके अंदर समा गया। उसकी चुचियों को मसल मसल कर दिया था। और जोर जोर से धक्के देकर मैं उसको चोद रहा था। मेरी बहन सेक्सी आवाज निकाल रही थी और मैं जोर-जोर से उसको चोद रहा था। फिर मैं नीचे लेट गया मेरी बहन ऊपर आ गई मेरा लंड पकड़ कर अपने चूत के छेद पर लगा कर बैठ गई। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में फिर से आ गया। अब मैं नीचे से धक्के देता हूं वह पूछ रही थी।

फिर वह कुत्तिया बन गई मैं गांड के पीछे से भी उसको खूब चोदा। पूरी रात करीब 6 बार मैं उसके साथ सेक्स किया था। उस दिन के बाद से हम दोनों एक साथ सोने लगे और पति-पत्नी की तरह रहने लगे। रोजाना प्रिकॉशन भी हम लोग यूज़ करते थे पर 1 दिन गलती हो गई हमने प्रिकॉशन यूज नहीं किया और उसी दिन कि गलती के कारण वह प्रेग्नेंट हो गई। 2 महीने की प्रेगनेंसी जब हो गई तो हम दोनों जामिया नगर में ही एक हॉस्पिटल में जाकर अबॉर्शन करवाया।

उस दिन के बाद से हमने डिसाइड किया कि यह गलत बात है और हम दोनों ने उस दिन के बाद सेक्स नहीं किया। हम दोनों साथ सोते हैं साथ रहते हैं साथ खाते हैं साथ काम आते हैं पर हम लोग सेक्स नहीं करते छोटी मोटी जरूरत जो होती है चूम लेना चूचियां दबा देना गांड में उंगली कर लेना यह सब होता है। पर कल फिर से भावना में बह गए और कल फिर चुदाई हम दोनों के बीच में हो गई।

अब पता नहीं ना मैं उसको छोड़ पा रहा हूं ना वह मुझे छोड़ पा रही है हम दोनों कि जब अंतर्वासना जाग जाती है तो एक दूसरे को खुश करने की कोशिश करने लगते हैं। मैं दूसरी कहानी भी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी पर लिखने वाला हूं तब तक आप सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।

Bhai Bahan Ki Sote Huye Chudai Ki Sex Kahani

मेरा भाई रोज मेरी चूत में लंड घुसाता था

Bhai Bahan Ki Sote Huye Chudai Ki Sex Kahani : वह दिन मुझे आज भी याद है, जब मेरा छोटा भाई रोजाना मेरी सलवार खोलकर पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डालता था और रोजाना चुदाई करता था। पर मैं गर्भनिरोधक गोलियां सुबह उठकर खाती थी। आज मैं आपको अपनी कहानी नॉनवेज story.com पर सुनाने वाली हूं। मैं नॉनवेज story.com की फैन हूं और रोजाना मैं कहानियां पढ़ती हूं यहां की कहानियां बहुत ही हॉट और सेक्सी होती है। मुझे आदत लग गई है इस वेबसाइट पर रोजाना आने की तुम्हें रात को 10:00 बजे आती हूं और कहानियां पढ़कर ही मैं फिर मोबाइल चलाती हूं या यूट्यूब चलाती हूँ।

तो आज मुझे भी मौका मिल गया है आप सभी दोस्तों को अपनी कहानी सुनाने की तो बिना देर किए मैं आपको अपने सेक्स कहानी सुना रही हूं जो मेरे भाई और मेरे बीच में है और वह जिंदगी बहुत अच्छी थी। वह मुझे चोदता था, मैं चुपचाप उसके लंड का आनंद लेती थी। अपनी वासना को बुझा तिथि वह विशेष कार्यालय लेकर मुझे चोदता था और सारा माल मेरी चूत में गिरा देता था यह सब कैसे हुआ क्यों हुआ वह सारी बातें हमें बता रही हो।

पहले मैं अपने बारे में बता देती हूं। मेरा नाम ज्योति है और मेरे भाई का नाम आकाश है। बात उस समय की है जब हम दोनों ही जवान थे। बचपन से ही साथ सोते थे इस वजह से जवानी में भी हम दोनों साथ ही सो रहे थे। मम्मी पापा के नजर में हर एक बच्चा बच्चा ही होता है। उनका बेटा बेटी चाहे कितना बड़ा ही हो जाए मां बाप को लगता है कि मेरा बच्चा भी छोटा है। बचपन में साथ सुलाने की आदत यह हम दोनों को एक दूसरे के करीब ला दिया है। कभी उन्होंने मना भी नहीं किया और कमरा भी दो ही था तो एक में मम्मी पापा सोते थे और एक में मैं भाई-बहन। शायद इस वजह से नहीं उन्होंने मुझे अलग अलग नहीं किया एक ही बेड पर सोते थे हम दोनों का बड़ा होता था।

यह आदत सर्दियों में लगी थी। मम्मी पापा अपने कमरे में जाकर कुंडी लगा लेते थे और फिर क्या करते होंगे वह तो आपको भी पता है। मैं भाई बहन दोनों पढ़ाई करके रात को 11:00 बजे सोने की तैयारी कर लेती थी मैं अपने कंबल में और अपने कंबल में और मेरा छोटा भाई अपने कंबल में एक ही होता था। मैं बहुत ही हॉट और खूबसूरत लड़की हूं मैं जानती हूं। मैं गोरी हूं लंबी हूं बहुत हॉट और सेक्सी हूं। मुझे लड़कों में ज्यादा इंटरेस्ट कभी नहीं रहा क्योंकि जो मुझे चाहिए था वह मेरा भाई मुझे दे रहा था इस वजह से मैंने कभी सेक्स के प्रति दूसरे लड़कों के तरफ झुकाव मेरा नहीं रहा।

1 दिन की बात है कार्तिक का महीना था ठंड का बहुत भयंकर मौसम था बारिश हो रही थी। बाहर सीतलहरी चल रही थी। रात के करीब 12:00 बजे थे। हम दोनों भाई बहन एक साथ ही सोए थे पर कंबल से हम दोनों को ठंड नहीं जा रही थी बहुत ही ज्यादा सर्दी लग रही थी तो मेरा भाई बोला ज्योति दीदी मुझे काफी ज्यादा ठंड लग रही है तो एक काम करते हैं दोनों कंबल को एक साथ जोड़ लेते हैं और हम लोग उसी में सो जाएंगे। मैं अपने भाई को बोली भाई करें मम्मी पापा को अच्छा नहीं लगेगा एक ही कंबल में सोने का अगर उनको पता चल गया तो। तो वह बोला उनको कैसे पता चलेगा कि हम दोनों एक ही कंबल के अंदर है।

मुझे भी उसकी बात समझ आ गई और जब हमेशा साथ ही सोते थे तो मैंने कह दिया ठीक है साथ सो जाते हैं वह मेरे साथ ही सो गया। अब मेरा मन तो डोल ही रहा था क्योंकि उसका लंड खड़ा हो रहा था। कभी कभी मेरे चूतड़ में उसका लंड टच होता था तो मुझे पता चल जाता था। मैं भी जवानी की दहलीज पर खड़ी थी जवानी से लथपथ थी मेरी चूचियां बड़ी बड़ी टाइट थी और मेरे गांड चोरी हो चुकी थी खूबसूरत थी हॉट थी और मेरा भाई भी जवान हो चुका था उसका लंड भी खड़ा होने लगा था।

अब मैं उसको क्या कहते कि तेरा लंड खड़ा हो रहा है ? नींद तो आ नहीं रही थी। धीरे-धीरे मेरा भाई मेरे शरीर के करीब आ गया और अपना हाथ पहले मेरे पेट पर रखा, फिर अपना एक पैर मेरे पैर के ऊपर चढ़ा दिया। धीरे-धीरे उसकी सांसे तेज हो रही थी मैं महसूस कर पा रही थी उसकी सांसों को। उसके बाद उसने मेरी बूब्स को चूचियों को छूने लगा, जब मैं कुछ नहीं बोली तो फिर मेरी चुचियों को दबाने लगा। मुझे भी अच्छा लगने लगा था उसका सहलाना और उसका छेड़ना

शुरुआत के चार-पांच दिन वह मुझे छेड़ता था मेरी चूचियों को दबाता था मेरे गांड को छूता था और फिर हमदोनो सो जाते थे। सच पूछिए तो मैं यह नहीं चाहती थी कि वह सो जाएं क्योंकि वह मेरी ज्वाला को भड़का देता था। मेरी चूत गीली हो जाती थी और कोई आपकी चूत को गीली करके सो जाएं तो अच्छा नहीं लगता है। पर उसका भी दोस्त नहीं है शायद उसको रिश्तो की मर्यादा का ख्याल आता होगा या डर लगता होगा कुछ भी हो सकता है पर वह भी अपने जगह पर सही था।

दूसरे दिन बाद हम दोनों अपने कमरे की कुंडी लगाते थे और फिर एक ही रजाई के अंदर सो जाते थे। पर बस यह ध्यान रखना होता था कि मम्मी पापा उसने के पहले हम दोनों उठ जाते थे हम दोनों ने पहले से ही डिसाइड कर लिया था। अब धीरे-धीरे मैं भी आनंद लेने लगी थी और जब हम दोनों सोते थे तो मैं भी अपनी गांड को हिला हिला कर उसके लंड से टच करती थी और वह भी अपने लंड को मेरे गांड के बीचो-बीच लगाकर मुझे अपनी बाहों में भर लेता था और मेरी चूचियों को दबाता था। हम दोनों समय कुछ भी नहीं बोलते थे एक दूसरे के साथ बस दोनों की सांसें तेज तेज चलती थी इसी से पता चलता था कि हम दोनों ही जगे हुए हैं।

और फिर बात बढ़ती गई उसने मेरे कपड़े के अंदर से मेरी चुचियों को छूना शुरु कर दिया था मेरे निप्पल को दोनों उंगलियों से दबाने लगा था धीरे-धीरे करके सलवार का नाडा भी खोलने लगा और मेरी चूत को छूने लगा उंगलियों को डालने लगा। यह सब करते-करते हम दोनों इतने बेचैन हो जाते थे कि क्या करें। पर हम दोनों रुक नहीं भाई 1 दिन की बात है उसने मेरा नाड़ा खोल कर मेरे सलवार को नीचे कर दिया मेरी पैंटी को नीचे कर दिया और फिर अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगाकर होले होले से घुसाने लगा और मेरी चूचियों को दबाने लगा मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी मुझे डर भी लग रहा था कि यह शायद अच्छी बात नहीं है।

पर मैं अपने आप को रोक नहीं पाए और एक टांग थोड़ा सा उठा दे ताकि जगह बन जाए और उसने फिर अपने लंड को चूत के छेद पर लगाकर जोर से धक्का मारा पूरा का पूरा लंड में चूत के अंदर चला गया। उसके बाद मेरी चूचियों को दबा दबा कर वह मुझे चोदने लगा पीछे से ही चोदता था मुझे वह। जब उसका लंड मेरी चूत के अंदर गया था मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी थी मैं पानी पानी हो गई थी मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थी पर मैं कुछ नहीं बोल रही थी ना वह कुछ बोल रहा था बस वह मुझे चोद रहा था मैं भी उसके लंड का स्वाद ले रही थी अपनी चूत में डलवा कर।

वह जोर जोर से चोदने लगा मैं भी गांड घुमा घुमा कर होले होले पीछे से धक्के देने लगी उसका पूरा लंड में चूत के अंदर समा चुका था अंदर बाहर हो रहा था मेरी चूत काफी गीली हो गई थी सफेद कलर का माल निकल रहा था मक्खन के तरह मैं मजे ले रही थी। करीब 20 से 30 मिनट तक यूं ही मुझे चोदते रहा फिर मैं झड़ गई वह भी झड़ गया पूरा माल उसका मेरी चूत के अंदर ही रह गया।

सुबह हुआ हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और बात नहीं किए कुछ बस हम दोनों ही शर्म से एक दूसरे को देख रहे थे पर कुछ नहीं बोल रहे थे उस दिन मेरा कॉलेज था और कॉलेज मेरा घर से 20 किलोमीटर की दूरी पर है तो मैं जब कॉलेज गई तो वहां से गर्भ निरोधक गोलियांलाई। दूसरी रात के बात है बेसब्री से मैं भाई के लंड का इंतजार कर रही थी उस दिन जल्दी ही सो गए थे पापा मम्मी तो हम दोनों का और भी मौज आ गया था पढ़ाई लिखाई थोड़ी पहले ही करके जल्दी से हम दोनों सो गए।

वह भी अपने मोबाइल में कुछ कर रहा था मैं अपने मोबाइल में नॉनवेज story.com खोल कर पढ़ रही थी। मैं भाई बहन की सेक्स कहानियां पढ़ रही थी और पढ़ते-पढ़ते मैं काफी कामुक हो गई थी और फिर मोबाइल रखकर में सोने के नाटक करने लगी वह भी सोचने का नाटक करने लगा। आधे घंटे बाद वह फिर से मेरे जिस्म के साथ खेलना शुरु कर दिया। और फिर हम दोनों ने ही एक दूसरे को सपोर्ट करना शुरू कर दिए वह मेरी सलवार का नाडा खोलने लगा पर नाडा उलझ जाने की वजह से खुल नहीं रहा था। मैंने नाडा खोलने में मदद की और मैंने नारा खोल दिया उसने मेरे सलवार को और मेरी पैंटी को नीचे करके लैंड पीछे से घुसा कर मुझे चोदने लगा।

उस दिन के बाद से मुझे वह रोजाना चोदता था। मैं भी मजे लेती थी और सुबह उठकर रोजाना गर्भनिरोधक गोलियां खा लेती थी ताकि गर्भधारण मेरा ना हो जाए। अब मेरी शादी हो गई है अब मैं अपने ससुराल में रहती हूं पर हां भाई और बहन का प्यार मुझे जिंदगी भर याद रहेगा। आशा करती हूं आपको यह मेरी कहानी अच्छी लगी होगी जल्द ही मैं नॉनवेज स्टोरी पर दूसरी कहानी लिखने वाली हो तब तक आपको शुक्रिया अदा करती हूं कि आपने मेरी कहानी को इतने अच्छे से पढ़ा।