Home » बस में मिली चुदक्कड़ और बहूत ही सेक्सी औरत की खूब चुदाई की

बस में मिली चुदक्कड़ और बहूत ही सेक्सी औरत की खूब चुदाई की

बस में मिली चुदासी औरत की खूब चुत मारी

ये बात 2016 की गर्मियों की है। मैं 10 बजे घर से निकला था। जून का महीना था। मैं बस का इंतजार कर रहा था। जून के महीने में गर्मी बहुत पड़ती है, आप लोग तो जानते ही होंगे। सुबह के 10 बजे ऐसा लग रहा था जैसे दोपहर के 2 बजे हो। पता नही क्यों मुझे कुछ जादा गर्मी लगती है और मुहसुस होती है। घर में मैं हमेशा ac चलाके सोता हूँ। बिना ac के तो मेरा काम ही नही चलता है।

हाँ तो दोंस्तों, मैं बहुत परेशान और चिड़चिड़ा सा गर्मी के कारण। मैं नार्मल नही फील कर रहा था। मैं बार बार खुद को कोस रहा था कि इंडिया में क्यों पैदा हो गया। अमेरिका जैसी ठंडी जगह में क्यों नही पैदा हो गया। बस आ गयी। मैं सीट लेने के लिए जल्दी से चढ़ा तो अनजाने में एक औरत को मैंने धक्का मार दिया। सोरी बोला और सीट पर जाकर बैठ गया। बस चल पड़ी। मुझे जहाँ जाना था वहां पहुचने में 1 घण्टे लगता है। वो औरत शादी शुदा थी जिसे मैंने अनजाने में धक्का मारा था।

देखने में ठीक ठाक थी। वो लेडीज सीट पर बैठ गयी थी। मैं अपने में मस्त हो गया था। खिड़की से बाहर के नज़ारे ले रहा था। फिर मैं सर बायीं ओर घुमा दिया जहाँ लेडीज सीट थी। वो औरत मुझे एक टक देखे जा रही थी। मैंने सोचा कोई नही । वो भी अपनी दुनिया में खोई होगी। मैं फिर दायीं ओर सिर घुमाकर खिड़की से बाहर के नज़ारे लेने लगा। कुछ देर बाद फिर मैंने बायीं ओर सिर घुमा दिया। वो औरत अभी भी मेरी ओर एक टक देख रही थी।
मैंने सोचा की सायद इत्तेफाक हो।

पर कुछ देर बाद मैंने पाया कि वो औरत मेरी ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है। उसकी आंखें को जैसा कोई ख्वाहिश थी। क्या वो चुदासी थी?? क्या वो सम्भोग करने के लिए किसी मर्द को ढूंढ रही थी?? कहीं वो बीमार तो नही थी जो इसतरह देख रही थी?? हजार सवाल मेरे मन में घूम गये। मैं 27 साल का हो गया था, पर आज भी कुंवारा था। मेरे दोस्त मुझे लुल्ल पुकारते थे। मेरी लड़कियों से बात करने में बहुत फटती थी। मैं बहुत शर्मिला था। सायद इसलिए लड़कियों से डरता था। अब जो लड़का लड़की से डरेगा, वो कैसे उससे बात करेगा, कैसे उसे पटा पाएगा। और कैसै उसे चोद पाएगा। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है?

मैं खुद अपने चम्पूपने को कोसता था। पर जैसी ही कोई लड़की मेरे सामने होती थी, मेरे होठ कापने लग जाते थे। मैं कुछ नही बोल पता था। आज वो ठीक ठाक शादी शुदा औरत मुझे घूरे जा रही थी तो मेरा दिल धक्क से हो गया। फिर मैंने हिम्मत की और उसे देखने लगा। मैं भी उसे एक तक देखने लगा। उस औरत को कितना मजा आ रहा होगा मैं नही जानता पर धीरे धीरे मुझे उसे ताड़ने में खूब मजा आने लगा।

बस रुकी तो वो औरत उतर गई और सड़क किनारे खड़ी हो गयी। वो लगातार मुझे देखे जा रही थी। बस चल दी। मैंने खिड़की से देखा वो शादी शुदा औरत मुझे और बस मुझे ही देखे जा रही है। मेरा खून उबल पड़ा। जो भी फैसला मुझे लेना है 2 3 सेकंड में लेना होगा। फिर अचानक मैंने बस ड्राइवर से बस रोकने को कहा। मैं उतर गया। वो औरत मेरा इंतजार कर रही थी। बस चली गयी। मेरा दिल धक धक कर रहा था, पर आज मुझे उससे बात करनी ही थी।

मैं धीरे कदमो से उसके पास गया। बिलकुल पास पंहुचा। समज नही आ रहा था क्या कहूँ।
हलो! मैंने किसी तरह कहा
हलो! वो बोली और घूरने लगी।
कहाँ चला जाए?? वो अचानक से बोली। अरे गुरु, ये तो बात बाद में करेगी। पहले तुमको चुट देगी। मेरे मन ने मुझसे कहा। मैंने उसका सीधा विचार देखकर उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया।
होटल चला जाए?? मैंने पूछा
सही है! वो बोली। मैंने हिम्मत दिखाई और पहल की। जिंदगी में पहली बार मैं मर्दानगी दिखाई। मैंने उसकी सहमति जान कर उसका हाथ और कसके पकड़ लिया। हम दोनों प्रेमी प्रेमिकाओं की तरह पैदल पैदल चलने लगा। मेरा मन कर रहा था कि सारे ज़माने को जलाऊ। सबको दिखायूं की गाँडुओं मुझे लालू कहते थे, देखो आज मेरे पास भी मॉल है। दोंस्तों, बस यही करने का मेरा दिल कह रहा था।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  अपने दोस्त की बहन को चोदा जबरदस्त तरीके से

हम दोनों होटल पहुचे। मैंने किराया पता किया।
कमरा घण्टे में चाहिए या दिन में?? रिसेप्शनिस्ट से पूछा।
दिन भर के लिए  मैंने बताया
500 रुपए!  वो बोली!
मैंने अपना डेबिट कार्ड दिया। पेमेंट हुआ और हम दोनों कमरे में चले गए। मैंने कमरा कायदे से बंद कर लिया। अंदर जाते ही मैंने उस शादी शुदा औरत को पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंठ पिने लगा। आज सायद लाइफ में पहली बार मैं खुद को किस्मतवाला मान रहा था। वरना मेरे सायद तो हमेशा बुरा ही हुआ था। उसने कुछ नही कहा। नाम वाम पूछना अब बेकार की चीज लग रही थी। जब मिया बीबी राजी तो क्या करेगा काजी। मेरा हाथ उसके फुले फुले उभारों पर जाने लगे। वो भी चुदवाने के पूरे मूड में थी।

कोई विरोध् नही मेरी advancement का। हम दोनों बिस्तर पर चले गए। मैंने उसकी नशीली आँखों को कई बार चूमा। यही नशीली आँखे मुझे कुछ देर पहले मुझे दूर से ताड़े जा रही थी। मैंने उसी बड़ा प्यारवाला ट्रीटमेंट दिया। क्योंकि किसी औरत को प्यार करके चोदने में ही सबसे ज्यादा सुख मिलता है। मैं उसे अपनी औरत समझने लगा और चुम्मा चाटी करने लगा। उसके ओंठों को मैंने खूब पिया गहराई से। मेरा लण्ड उफान मारने लगा किसी गैर औरत को बाँहों में लेकर।

मै उसके मम्मे दबाऊ या उसे जल्दी से चोदूँ मैं सोचने लगा। फिर मन किया कि कहीं ये औरत पलट ना जाए। कहीं इसका मन ना बदल जाए तो ये जा भी सकती है। इसलिए पहले इसको चोद लूँ। फिर हाल चाल पूछुंगा। मैंने अपनी शर्ट नही उतारी। पर पैंट और चड्ढी जल्दी से उतार दी। वो औरत सायद आज सोचकर घर से निकली थी किसी गैर मर्द का लण्ड खाएगी। वो बिलकुल यही सोचकर निकली थी।

मैंने उसकी साड़ी पेटीकोट के साथ ऊपर उठा दी। सफ़ेद चड्ढी को भी उतार दिया। उसकी बुर के दर्शन हुआ। ऊँगली से खोलकर देखा चुत बुरी तरह फ़टी थी। चूत के दोनों लब पूरी तरह खुले हुए थे जो चीख चीख कर गवाही दे रहे थे की खूब छुड़वाई है। अब ये नही पता की अपने आदमी से चुदी है या इसी तरह गैर मर्दों से। मुझे क्या फ्री का माल मिला है इसलिए चोदूँ खाऊ। मैं उसे चोदने लगा हलाकि चूत बड़ी ढीली थी। मैं कुंवारा था, लण्ड भी मेरा कुंवारा था, तब भी मुझे जारा सा दर्द नही हुआ।

क्योंकि उसकी चूत फ़टी हुई थी। पर मुझे इस बात की बड़ी खुसी और संतोष था कि एक गैर शादी शुदा औरत को मैं चोद खा रहा था। मैंने उसके ब्लॉयूज़ निकाल उसे 30 मिनट तक चोदा और उसकी चुट में ही पानी छोड़ दिया। उसने बड़ी आराम से चुदवाया। थोड़ा डर भी लग रहा था कहीं ये औरत मुझे फसा ना दे। कहीं पुलिस के पास जाकर कह ना दे की मैंने उसका बलात्कार किया है। पर अगर इतना ही डरूंगा तो किसी औरत को नही चोद पाउँगा। मैंने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा रिस्क लिया था।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  बड़ी बहन के साथ सेक्स

मैं थक गया और हाँफने लगा। और बगल लेट गया। वो औरत जो कोई भी थी खुदा का नूर बनके मेरी जिंदगी में आयी थी। उसके चेहरे पर सुख और संतुष्टि के भाव थे। उसने टाँग फैलाये रखी और मेरी ओर करवट ले ली। मैं जान गया कि चाहे सिर्फ आज के दिन के लिए ही सही, पर ये औरत मुझसे कम से कम एक दिन के लिए तो प्यार करती ही है। मैंने भी उसकी ओर करवट कर ली। उसके लबों, गालों, ओंठों, आँखों पर। धड़ाधड़ चुम्बनों की बरसात कर ली।

अब मेरे मन से हर शंका निकल गयी। हर शक दूर हो गया।  मैं उसी अपनी प्रेयसी, प्रेमिका , अपनी औरत समजकर प्यार करने लगा। उसने मुझे गले से चिपका लिया। मैं भी बिना किसी झिझक चिपक गया। मेरे हाथ उनकी भरी हुई गोरी गोरी जंघों को सहलाने लगे। मेरी सड़ी हुई किस्मत आज पहली बार बदली थी। मुझे अपनी किस्मत पर गर्व होने लगा। हम दोनों कुछ नही बोल रहे थे। कुछ कहना या पूछना की वो कौन है सब बेवकूफी लग रहा था। जब मैंने उसको चोद लिया तो अब क्या पूछना।

मुझसे मिलते रहोगे या बस यही सब ख़त्म??  उसने पूछा।
हे राम! ये औरत तो शायद कबसे किसी मर्द की आस लगाए थी।
मिलता रहूँगा!!  मैंने कहा। उसकी आंख में आँशु भर आये।
तुम्हारा आदमी?? मैंने पूछा
वो मुझे नही चाहता है। मैं उतनी सूंदर नही हूँ। मैं दहेज़ लेकर नही आयी थी, इसलिए मैं सिर्फ नाम की औरत हूँ। वो अपने ऑफिस में अपनी सैक्रेटरी को रखे हुए है   उसने बताया।
बहनचोद!! अपनी औरत चोदकर दूसरी औरत को ठोकता है!  मैं बड़बड़ा गया इमोशन में आकर। फिर सोचने लगा की अगर उसका आदमी ऐसा नही करता तो क्या वो मुझसे चुदवा ती। मैं मन ही मन उसके मर्द को धन्यवाद करने लगा।

मेरे 2 बच्चे है!  वो बोली
मैंने सिर हिला दिया।
बच्चे होने के बाद मेरे मर्द ने मुझसे सम्बन्द नही बनाया। 3 साल हो गए!  वो बोली
ओहः इसका मतलब ये औरत मेरी तरह की कई साल से प्यासी थी। राम मिलाईन जोड़ी, एक आंधर एक कोढ़ी वाली बात थी। मैं एक औरत का भूखा था, वो एक मर्द की भूकी थी।
अगर तुम मिलने आओगी, तो मैं जरूर आऊंगा!  मैंने फिर अपनी वफादारी दिखाई।
फिर हम दोनों चुप हो गए और चिपक गये। अब मैं उसको अपनी औरत ही समझने लगा।

20 मिनट तक हम दोनों से आराम किया। फिर हमदोनो चार्ज हो गए। उसकी आँखों को मैंने फिर से कई बार चूमा।
ब्लॉउज़ उतारो! मैंने कहा। वो जान गई की आज मैं उसको 3 साल का मजा ब्याज सहित चुकाऊंगा। उसने बिना किसी नखड़ा किये ब्लॉउज़ उतार दिया। ब्रा भी उतार दी। स्तन बड़े थे, थोड़े ढीले हो गए थे। थोड़ा झूल रहे थे। मैंने मुँह में भर लिए। उसके स्तनों की काली निप्पल्स सायद बच्चों के दूध पीने से थोड़ी बड़ी हो गयी थी। थोड़ा ऐंठ भी गयी थी। मैंने ऐतराज नही किया और जो रुखा सूखा मेरी किस्मत में था पिने लगा। लगातार पीता चला गया।

मैं अच्छी तरह जानता था अपनी किस्मत को कभी लात नही मारना चाइये। जो किस्मत को लात मरता है किस्मत उसको लात मरती है। 15  20 मिनट बाद स्तन जो ढीले थे, कसने लगे। मुझे ये पसंद आया। मैं दोगुने जोश से दूसरी छाती पिने लगा। वो औरत गरम होने लगी। मैं कस कसके दूध पीने लगा। फिर मैं उसके पेट पर बैठ गया और लण्ड उसके मुंह में दे दिया। वो औरत बिना किसी बहाना किये चूसने लगी। हम दोनों में जदर्दस्त केमिस्ट्री हो गयी थी। वो हाथ से मेरा लण्ड ऊपर नीचे मलने लगी और चूसने लगी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  बीबी की सहेली को चोदकर गुलछर्रे उड़ाये मैंने

मन हुआ की उससे पुछु की क्या और आदमियों से भी चुदवाती हो?? फिर सोचा ये ठीक नही होगा। और मर्दों से चुदवाती भी हो तो क्या?? मुझे तो चूत दे रही है। इतना काफी है। उसका मुंह मैंने खूब चोदा। फिर उसको करवट करके लिटा दिया। उसका बायाँ पैर आगे करके मोड़ दिया। जबकि दया पैर सीधा ही रखा। चुट मिल गयी। लण्ड लगाया और मजे से चोदने लगा। बिस्तर में कूद कुड़के खूब चोदा। वो आ आअह्ह्ह्ह हहहहह करती रही। फिर मैंने उसको पेट के बल लिटा दिया। नीछे कमर पर तकिया लगाया। दोनों पुट्ठे ऊपर आ गए।

जरा सा और ऊपर किया। पुट्ठे सहलाये। एक दो बार चुम भी लिए। उसकी नँगी पीठ को मैंने खूब चूमा। किस्मत आज महरबान थी। पीठ पर खूब हाथ फेरा। फिर उसके दोनों पूट्ठों के नीचे चूत का छेद ढूंढ़ा। लण्ड लागाया और चोदने लगा। औरत को इस तरह पेट के बल लेटाके चोदने का मजा ही निराला है। मैंने स्पीड बढ़ा दी। मजे से उसे चोदने लगा। फिर और जोश बढ़ गया। मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए जैसे पुलिस चोर को अरेस्ट कर लेती है। दोनों हाथ पकड़ने से मेरी मजबूत पकड़ बन गयी और जोर जोर से चोदने लगा।

फिर लगा की झड़ने वाला हूँ, लण्ड बाहर निकाला और मुँह पर झाड़ दिया। औरत की बेइज्जती करके उसे चोदने में सायद एक विषेस सुख मिलता है। मैंने वही किया। मेरा वीर्य उसके मुंह, आँख, नाक ,छतियों पर जाकर गिरा। मैंने कुछ देर तक उसे अपना पानी नही पोछने दिया। उसकी चूत में अपनी 2 लम्बी उँगलियाँ दाल दी और चूत फेटने लगा। वो मस्त होने लगी। अंगड़ाई लेने लगी।
तेरे भाग्य में आज मेरा लण्ड लिखा था!  मैंने उससे कहा। काफी देर तक उसकी बुर को मैंने अपनी उँगलियों से फेटा।

वो तड़पने लगी। मुझे और जोश चढ़ गया। मैं और कस कसके ऊँगली करने लगा। फिर मैंने 3 ऊँगली पेल दी और खुद उनकी चूत ऊँगली से चोदी। फिर 10 मिनट का आराम किया। अभी भी मेरी ताक़त और मर्दानगी बाकी थी। एक घूँट पानी पीने का बाद मैंने उसको कुतिया बना दिया और खूब चोदा। दोंस्तों, ये मेरी जिंदगी का सायद ऐतिहासिक लम्हा था व दिन है। मैंने अपनी जिंगदी की पूरी वासना निकाल ली थी। खूब रंडियों की तरह उसको चोदा मैंने।

फिर गाण्ड में पहले एक ऊँगली डाल के अपनी ऊँगली से उसकी गाण्ड चोदी। फिर 2 ऊँगली उसकी गाण्ड में डाल के उसकी गाण्ड फेटी। दोंस्तों मैं बता नही सकता। किसी दूसरे की औरत को खुलकर चोदने में जो मजा मिलता है सायद वो अपनी औरत चोदने में ना मिलता हो। उसदिन मैं ऑफिस नही गया। रात 8 बजे तक उसको चोदता, फिर आराम करता। फिर बॉडी चार्ज हो जाती, फिर चोदता।

मैंने उसका फ़ोन नम्बर ले लिया। हफ्ते में 2 बार तो वो मुझसे मिलने आती थी और जमकर खुलके चुद्वाती थी। कभी बस स्टॉप पर आ जाती थी, कभी टैक्सी स्टैंड पर। कभी कभी तो मेरे ऑफिस के बाहर आकर मेरा इंतजार करती थी। हर बार बिना किसी डर के खुलके चुदवाती थी।

बस में मिली चुदक्कड़ और बहूत ही सेक्सी औरत की खूब चुदाई की hot sexy chudai ki kahani in hindi Bus me Chudai, Bus Travel me mili chudasi lady ki chudai