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जान! तुम मुझे चोद सकते हो, पर बाद में धोखा मत देना

मैं जानकी श्रीवास्तव आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर बहुत बहुत स्वागत करती हूँ. मैं आपको अपनी पहली कहानी सुना रही हूँ. मैं जवान और बहुत खुबसूरत हूँ. मैं २३ साल की हूँ. मेरे चाल मतवाली है और गाल टमाटर की तरह लाल है. मेरे मम्मे ३४ साइज़ के है और हिप्स ३६ के है. मेरा पूरा फिगर ३४ ३० २६ का है. मैं जिधर से निकल जाती हूँ लड़के मेरे दीवारे हो जाते है और तरह तरह की कमेंट्स पास करते है. कोई मुझे माल कहता है कोई कमाल कहता है. मेरी एक अदा पर लडके आप आपस में लड़ जाते है. कई लडके मुझे चोदने का ऑफर दे चुके है. पर मैंने अभी तक किसी ने नही चुदवाया है.

दोस्तों, मैं बचपन से सोचती थी की एक दिन मेरा सपनों का राज कुमार आएगा और मुझे अपने साथ चाँद के पार घोड़े पर बिठाकर ले जाएगा. फिर एक दिन ऐसा हुआ भी. कॉलेज में मेरी मुलाक़ात सुजीत से हुई. वो लड़का मुझे पहली नजर में ही भा गया. हम दोनों में दोस्ती हो गयी. हम दोनों लखनऊ में हर जगह घुमने लगी, कभी हम कॉफ़ी शॉप में मिलते, कभी पार्क में जाते. कभी शोपिंग करने जाते, कभी मल्टीप्लेक्स में पिक्चर देखने जाते. एक दिन जब मैं सुजीत के साथ मल्टीप्लेक्स में पिक्चर देख रही थी तो वो मेरा हाथ पकड़ के चूमने चाटने लगा. फिर मेरे मम्मे दबाने लगा. मैं भी बांवली हो गयी थी. मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था. ‘जानकी तुम्हारी चूत मारने का बड़ा दिल कर रहा है. बताओ कब दोगी???’ सुजीत बोला

‘जान!! मेरा भी चुदवाने का बड़ा मन है. चलो मुझे कहीं ले चलो और चोद लो चलके !’ मैंने कहा.

हम दोनों को एक दुसरे की चूत और लंड की तलब लगी थी. हमदोनो ने पिक्चर बीच में ही छोड़ दी. क्यूंकि हम दोनों ही बहुत जादा चुदासे हो गए थे. मेरा तो एक सेकेंड को काम नही चल रहा था. जी कर रहा था की सुजीत मेरा यार बस किसी एकांत स्थान पर मुझे ले जाए और चोद ले. दोस्तों, सुजीत का दर्दे दिल भी कुछ ऐसा ही हो रहा था. फिर वो जल्दी से मुझे अपने दोस्त के कमरे पर ले गया. ‘भाई २ घंटे के लिए अपना कमरा दे दे. अपनी माल जानकी को चोदना है’ सुजीत बोला. उसका दोस्त बाहर चला गया. सुजीत मेरा हाथ पकडके अंदर ले गया. मेरी सलवार उसने खोल दी. मेरी पेंटी उतार दी. फिर अपनी जींस उसने निकाल दी. अपना अंडरविअर उतारके मेरे भोसड़े पर उसने लौड़ा रख दिया और मुझे चोदने लगा.

मैं गर्म गर्म सासें छोड़ने लगी. मैं चुदने लगी. कितनी तलब लग रही थी मुझे लंड की मेरा यार सुजीत मुझे एक बार चोदे. सुजीत जबरदस्त धक्के देने लगा. वो खेल खेल कर मुझे खा रहा था. मुझे मनचाहे तरह से रगड़ रहा था. जिस तरफ मन करता था मेरा चेहरा घुमा देता था. किसी खिलौने की तरह वो मेरे और मेरी चूत के साथ खेल रहा था. फिर सुजीत ने गच्च से मेरी लाल लाल चूत में अपना काला लौड़ा दे दिया, मुझे कसके पकड़ लिया, खुद के बदन में भींच लिया और आगे पीछे होकर किसी ऊंट की तरह लौड़ा अंदर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगा. ये बिलकुल नही तरह की चुदाई थी जो मेरा बॉयफ्रेंड प्रयोग में ला रहा था. लग रहा था की वो मेरी चूत में अपने लंड के साथ ऊंट पर बैठके मुझे चोद रहा है. ये बड़ा अजीब अनुभव था. लग रहा था वो मेरी चूत में अपनी लंड रूपी ओखल से मसाला कूट रहा हो. लगा की कहीं मेरी चूत फट ना जाए. फिर उसने किसी रोबोट की तरह बड़ी जल्दी जल्दी मुझे चोदा और झड गया.

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मेरे प्रेमी और जानम सुजीत के साथ ये मेरा पहला संसर्ग था. मैं उससे चुद चुकी थी. उसके बाद तो जब मेरा मन करता सुजीत मुझे चोद डालता. बस मुझे कहना होता ‘ सुजीत! मेरी चूत में लंड दे दो’ और सुजीत मुझे चोद देता. ऐसे करते करते मैं हर शनिवार और रविवार को सुजीत से मिलने लगी. हर बात मेरी इक्षा होती की वो मुझे चोद दे और हर बाद वो मेरी इक्षा पूरी कर देता. फिर एक मुझे उल्टियाँ आने लगी. खट्टा खाने का मन करने लगा. मैं डर गयी. मैं बाजार से प्रेगा न्यूज़ किट ले लाई. मैंने उस पर अपनी मूत्र की कुछ बुँदे रखी तो वो नीला हो गया. मैं पेट से थी और सुजीत के बच्चे की माँ बनने वाली थी. मैंने तुरंत सुजीत को बुलाया.

‘सुजीत! मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ. आज ही मैंने चेक किया है. मुझसे शादी करो!’

क्या??? ये कैसे हुआ???’ सुजीत बोला.

रोज तो वो मुझे देखकर हँसता था. पर ये खबर सुनते ही उसकी गांड फट गयी. उसके चेहरे का रंग उड़ गया.

‘कैसे हुआ क्या मतलब?? तुमने मेरे साथ मजे लिए. मुझे हर शनिवार और रविवार तुमने खूब चोदा खाया और मैं पेट से हो गयी. अब तुमको मुझसे शादी करनी होगी’ मैंने गुस्से से कहा

‘जानकी!! तुमको ध्यान रखना चाहिए था. ऐसे कैसे मैं तुमसे शादी कर सकता हूँ. अच्छा कल मिलो तब मिलकर बात करते है. मैं तुमसे शादी जरुर करूँगा!’ सुजीत बोला. मैं घर लौट आई. पर अगले दिन ना तो सुजीत ने मुझे फोन किया और ना मिलने आया. मैं रोटी रह गयी. फिर मैं चुपके से अपनी एक सहेली के साथ हॉस्पिटल गयी और एबोरशन करवा आई. डॉक्टर ने मेरी चूत में हाथ डालकर २० दिन के बच्चे को निकाला. दोस्तों इस दुखद घटना के बाद मैंने दुबारा प्यार नही किया. क्यूंकि मैं जानती थी की सारे लड़के एक ही तरह के होते है.  सबको बस लड़कियों की चूत चाहिए होती है. पर शादी के लिए कोई तैयार नही होता. इस वजह से दोस्तों मैंने काई सालों तक मैंने कोई नया यार नहीं बनाया. पर जब अं २७ की हो गयी तो मेरे पापा मम्मी मुझसे शादी करके घर बसाने को कहने लगे.

मेरे लिए जितने लडके भी आये मुझे एक भी पसंद नही था. तो पापा बोले की तुम अपनी मर्जी से कोई भी अच्छा लड़का ढूँढ सकती हो. हम तुम्हारी शादी उससे कर देंगे. फिर मेरी मुलाकात नन्द नामक लकड़े से हो गयी. वो बहुत खूबसूरत सुंदर छैल छबीला लड़का था. गाने बहुत गाता था. मुझे रोज घुमाने ले जाता था. शाम को हम पार्क में जाकर बैठते थे. एक दिन नन्द मुझसे चूत मागने लगा. मैंने उससे कहा की पहले वो मुझसे शादी करे फिर वो मेरी चूत मार सकता है. अगले दिन नन्द मेरे पापा के पास आया और बोला ‘अंकल मैं आपकी बेटी से शादी करना चाहता हूँ’ नन्द बोला. उसने तरह तरह की मीठी मीठी बातें बनाई. मेरे पापा मम्मी दोनों को वो बहुत अच्छा लगा. ‘बेटी!! जिस सपनों के राजकुमार को तू बचपन में ढूढती रहती थी नन्द वही राजकुमार है. धीरे धीरे नन्द मुझसे मिलने हर रोज आने लगा. एक दिन उसने मुझे गाल पर कई पप्पी ली. कई प्रेम कविताये उसने सुनाई. मेरा दिल पसीज गया.

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‘नन्द!! आज तुमको जो करना है कर लो. मैं तुमको आज नही रोकूंगी !!’ मैंने कहा. क्यूंकि आज मेरा दिल नन्द पर आ गया था. हाँ हाँ वो ही मेरे सपने का राजकुमार था. नन्द ने मेरे घर में मेरे कमरे में ही मुझे नंगा कर लिया. मेरा सलवार कुर्ता उतार दिया. मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी. फिर वो मेरे मस्त मस्त मम्मे पीने लगा. मेरे चुचे बहुत सुंदर थे. नन्द मजे से मेरे दूध पी रहा था. नन्द की छुअन से मेरी बदन में सुरसुरी उठने लगी. मुझे अच्छा महसूस हो रहा था. आज कई सालों बाद कोई मेरी छातियाँ पी रहा था. मुझे अपने पहले आशिक सुजीत की याद आ गयी. जिसने मुझे काई सालों तक चोदा था, फिर मुझे प्रेगनेंट करके भाग गया था. आज मेरा दूसरा आशिक मुझे चोदने वाला था. कुछ बाद नन्द मेरी चूत पर आ गया और पीने लगा. मैं अपनी चूत छिपाने लगी. अपने पैरों को समेट कर मैं चूत छिपाने लगी. ‘जानकी !! वैसे भी मेरी शादी तुमसे होने की वाली है तो ये रोकना टोकना क्यों?? जान तुम भी मजा लो और मुझे भी लेने दो. दोस्तों इस तरह से नन्द ने तरह तरह की बातें बनायीं.

मैंने अपनी टाँगे खोल दी. ‘ओके नन्द!! तुम मुझे चोद सकते हो पर बाद में धोका मत देना’ मैंने उससे कहा. मेरा दुसरे नंबर का यार नन्द मेरी चूत पर लेट गया. और मजे से पीने लगा. ऐसा लग रहा था की आज तक उसने किसी हसीन लडकी की चूत नही देखी है. इसीलिए वो बाँवला हो रहा था और मेरी चूत को खुदा समझ के पी रहा था. ‘जानकी!! यू आर सो ब्यूटीफुल गर्ल!’ नन्द बार बार कह रहा था. फिर वो मेरी चूत में ऊँगली करने लगा. मैं तड़पने लगी. मैंने बिस्तर की चादर को हाथों में ले लिया और मरोड़ने लगी. नन्द बड़ी जोर जोर से मेरी चूत में ऊँगली करने लगा. वो मेरे भंगाकुर को अंगूठे से घिस रहा था. मेरी गांड में भी उसने धीरे धीरे ऊँगली करना शुरू कर दी. फिर उसने एक ऊँगली मेरी चूत में डाल दी और एक मेरी गांड में और दोनों में ऊँगली करने लगा. नन्द की ऐसी हरकत से मेरी माँ चुद गयी. मेरी गांड फट गयी. मेरे दोनों छेदों में भूचाल आ गया था.

नन्द मेरी चूत और गांड दोनों पी रहा था. फिर उसने मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा. कुछ देर में वो मुझे इतनी जोर जोर पेलने लगा की मुझे लगा की जैसे वो मुझसे कुश्ती लड़ रहा हो. वो मुझे पटक पटक के चोदने लगा. उसके एक एक धक्के से मेरी एक एक हड्डी चटकने लगी. नन्द ने मेरे गले के नीचे अपना हाथ डाल दिया और दूसरा मेरी पीठ के नीचे डाल दिया. और मुझे बेतहाशा किसी छिनाल की तरह चोदने लगा. मेरी चूत की एक एक कलि खुल गयी. मेरी चूत का छेद ३ इंच मोटा हो गया. मैंने थोड़ा सा मूत भी मारा. पर अभी तो ये शुरुवात थी. वो मुझे नॉन स्टॉप गचा गच पका पक चोदने लगा. मेरा मुँह खुल गया. मेरी सासें उखड़ने लगी. जोरदार ताबड़तोड़ चुदाई से मेरी आँखें तंग गई. मेरे पैर और जाँघों में बड़ी जोर की सनसनाहट लगने की. बडा मीठा अहसास था ये. वाकई नन्द तो बड़ी शानदार, बड़ी जानदार ठुकाई करता था. फिर अचानक से वो मेरी चूत में स्खलित हो गया. मेरी चूत, गांड के छेद और बगलों पर पसीना ही पसीना हो गया.

कुछ देर बाद मैंने खुद कहा की ‘नन्द!! एक बार तो तुमने मुझे अपनी मर्जी से चोदा, अब दूसरी बार तुम मुझे मेरे मर्जी से पेलो’ मैंने कहा

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चल छिनाल!! अगर दूसरी बार चुदवाना है तो मेरा लंड पी’ नन्द बोला

वो खड़ा हो गया. मैं किसी कुतिया की तरह अपने नंगे, गदराये और बेहद खुबसुरत घुटनों के बल बैठ गयी. उसके लंड को मुँह में लेके मैं किसी आवारा बदचलन चुदासी गन्दी औरत की तरह नन्द का लंड चूसने लगी. मैं आज एक गन्दी औरत बन जाना चाहती थी, जो किसी तरह की शर्म नही करती है और मनचाहे तरीके से चुदवा लेती है. मैं सिर हिला हिलाकर नन्द का लंड चूस रही थी. उसका माल मेरे खड़े और कड़े कड़े स्तनों पर टपक रहा था. एक अलसी मर्द से चुदने के बाद मैं और भी जादा चुदक्कड़ बन गयी थी. और मेरा दिल और भी बार चुदवाने का कर रहा था. मेरा दूसरा आशिक नन्द मेरे टाईट टाईट मम्मे को हाथ से सहला रहा था. फिर उसने मुझे एक दीवाल के सहारे खड़ा कर दिया. मेरी नग्न पीठ को कई बार चुम्मा लिया. मेरे २ गोल गोल चूतड़ों पर उसने चांटे मारे. फिर दीवाल पर आगे की ओर मुझे झुका दिया.

मेरी चूत पीछे आ गयी और बाहर की ओर उठ गयी. मेरा दूसरा आशिक नन्द मुझे पेलने खाने लगा. उसका लंड अच्छी तरह से मेरे चूत प्रदेश में पहुच रहा था. नन्द खड़े खड़े मुझे चोद रहा था. इस एक अलग तरह का सुख, एक अलग तरह का नशा मुझे मिल रहा था. रोज रोज लेट लेट कर चुदवाने में बासीपन आ गया था. अब लेटकर चुदवाने में वो बात नही थी. इसलिए आज कई दिनों बाद मैं अपने यार नन्द से खड़े होकर चुदवा रही थी. इससे काफी मजा मिल रहा था. चूत में नन्द का लंड गहराई तक पहुच रहा था. रगड़ भी बड़ी नशीली लग रही थी. नन्द का लंड फटर फटर करके मेरी चूत को चोद रहा था.

इसी बीच मैंने अपनी जाँघों को और भी जादा कस लिया. इससे मेरा चूत प्रदेश[ भग प्रदेश] और भी कसा हो गया. चूत का छेद सिकुड़ गया. अब नन्द का मोटा लंड बड़ी मुस्किल से अंदर जा पा रहा था और मुझे चोद पा रहा था. इससे एक नये तरह का सुख मुझे मिलने लगा. नन्द खड़े खड़े ही मुझे पीछे से मेरे चिकने कंधे पकड़ कर चोदने लगा. उसकी गोलियां फटर फटर करके मेरी चूत से टकरा रही थी. मैं इस बीच इतनी चुदासी हो गयी की खुद अपने दूध दबाने लगी. फिर नन्द ने मुझे ७० ८० बार जल्दी जल्दी मेरी चूत में लंड अंदर बाहर किया और फिर मेरी चूत में झड गया. दोस्तों, १ महीने बाद मेरी नन्द से शादी पक्की कर दी गयी. पर शादी के एक दिन पहले पता चला की वो पहले से शादी शुदा है. एक बार फिर से मेरे सारे सपने टूट गये. जिस सपनों के राजकुमार के बारे में मैं सपने देखती थी. वो पूरा नही हो सका. सुजीत और नन्द से मुझे रंडियों की तरह चोदा और मेरी चूत फाड़ के रख दी. आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे.

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