Bangali Bhabhi Ki Chudai ki Kahani : मेरा नाम राहुल है, और मैं 26 साल का एक जवान, गठीला लड़का हूँ। मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड किसी भी औरत की चूत में आग लगा देता है। मेरे पड़ोस में रहने वाली बंगाली भाभी, मधु, 30 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत थी। उसका गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर मेरे लंड को हर बार तड़पा देता था। उसके रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देते थे। उसकी मादक आँखें और मटकती चाल मुझे पागल कर देती थी। मधु भाभी का पति, अरुण, एक बिजनेसमैन था, जो ज्यादातर बाहर रहता था, और भाभी की चुदास मेरे लंड को बेकरार कर देती थी। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने मधु भाभी की चूत और गांड को जमकर चोदा और उनकी चुदास को अपने लंड से शांत किया।
मधु भाभी हमारे पड़ोस में दो साल पहले आई थीं। उनकी बंगाली सुंदरता और मादक अदा मुझे पहली नजर में ही दीवाना बना गई थी। वह अक्सर टाइट साड़ी या नाइटी पहनतीं, जिसमें उनकी चूचियाँ और गांड साफ उभरती थीं। मैं जानबूझकर उनके घर जाता, कभी कुछ उधार मांगने, तो कभी बातचीत करने। एक बार, जब मैं उनके घर चीनी मांगने गया, भाभी ने एक पतली साड़ी पहनी थी, जिसमें उनके सख्त निप्पल और गीली चूत साफ दिख रहे थे। “राहुल, तेरा लंड तो मेरी चूत में आग लगा रहा है,” भाभी ने मादक मुस्कान के साथ कहा। मैंने जवाब दिया, “भाभी, मेरी चूत तो तेरे लंड की भूखी है।” उनकी बात ने मेरे लंड को तना दिया, और मैंने फैसला किया कि मैं उनकी चूत को चोदूँगा।
एक रात, अरुण भैया कोलकाता गए थे, और भाभी घर पर अकेली थीं। बाहर बारिश हो रही थी, और बिजली गुल थी। मैंने मौके का फायदा उठाया और उनके घर गया। “भाभी, बिजली नहीं है, मैं आपके साथ थोड़ी देर बैठ जाऊँ?” मैंने पूछा। उनकी आँखें चुदास से चमक उठीं, और उन्होंने मुझे अंदर बुला लिया। भाभी ने एक पतली, पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जिसमें उनकी बड़ी चूचियाँ और गीली चूत साफ चमक रही थीं। बारिश की ठंडक और उनके मादक बदन ने मेरे लंड को बेकाबू कर दिया। मैंने दरवाजा बंद किया और भाभी को अपनी बाहों में खींच लिया। “भाभी, तेरी चूत और गांड को आज मेरे लंड से चोदूँगा,” मैंने गुर्राते हुए कहा। उन्होंने मेरे होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया।
उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मेरा मोटा लंड उनकी जाँघों से टकरा रहा था। मैंने उनकी नाइटी फाड़ दी, और उनकी बड़ी, नंगी चूचियाँ मेरे सामने उछल पड़ीं। उनके निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उनकी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड मेरे सामने नंगी थी। उनका चूत का रस उनकी जाँघों पर टपक रहा था। मैंने उनके चूचों को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर-जोर से दबाने लगा। मेरी उंगलियाँ उनके निप्पलों को मसल रही थीं, और उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “राहुल, तेरे हाथ मेरी चूचियों को जन्नत दे रहे हैं,” भाभी ने मादहोश होकर कहा। मैंने चुदास में चीखते हुए कहा, “भाभी, तेरी चूत और गांड को आज मेरे लंड से फाड़ दूँगा।” मैंने उनके एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो।
मेरी जीभ उनके निप्पल को चाट रही थी, और उनकी चीखें बारिश की आवाज में मिल रही थीं। मैंने उनके दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और उनके गुलाबी निप्पल को खींचकर उनकी सिसकारियाँ और तेज कर दीं। भाभी ने मेरी पैंट उतार दी, और मेरा 9 इंच का मोटा, काला लंड उनके सामने तन गया। उनकी आँखें चुदास से चमक उठीं। “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत और गांड को चोदने के लिए बना है,” उन्होंने मादक आवाज में कहा, और मेरे लंड को अपने रसीले होंठों में लिया। वह मेरे लंड को गहराई तक चूस रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं। मैंने उनके बाल पकड़कर उनका मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और वह मेरे लंड को चाट रही थीं।
मैंने भाभी को सोफे पर लिटाया और उनकी जाँघें चौड़ी कीं। मैंने अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू किया, और मेरी जीभ उनकी चूत के दाने को चूस रही थी। भाभी अपनी गांड को हिलाकर मेरा मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थीं। उनकी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं, और उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “राहुल… मेरी चूत को चोद… इसे फाड़ दे,” भाभी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपना मोटा, काला लंड उनकी गीली चूत में डाल दिया, और भाभी चीख पड़ी। मेरा लंड उनकी चूत को चीर रहा था, और वह सुख से सिसकार रही थीं। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और उनके चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे।
मैंने उनकी गांड को हिलाकर मेरा लंड और गहरा लिया, और उनकी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। मैंने उनके चूचियों को मसला, उनके निप्पलों को चूसा, और उनकी चूत को अपने लंड से रगड़ने लगा। उनकी चूत से रस टपक रहा था, और मेरा लंड उनकी चूत की गहराई तक जा रहा था। “मधु भाभी, तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम है,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, राहुल… मेरी चूत को और जोर से चोद… इसे सुजा दे,” उन्होंने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और उनकी गोल गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड उनकी चूत में फिर से डाल दिया। मेरा लंड उनकी चूत को चीर रहा था, और वह चुदास में चीख रही थीं।
मैंने भाभी की गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर धीरे-धीरे अपना मोटा लंड उनकी गांड में डाल दिया। भाभी दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन उनकी गांड ने मेरे लंड को गले लगा लिया। मैं उनकी गांड को जमकर चोद रहा था, और उनके चूचे हवा में उछल रहे थे। “राहुल… मेरी गांड को चोद… मेरी चूत को फाड़ दे,” भाभी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने उनके चूचियों को मसला, उनकी गांड को थप्पड़ मारे, और उनकी चूत और गांड को बारी-बारी चोदा। उनकी चूत बार-बार झड़ रही थी, और उनका रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था। बाहर बारिश की आवाज और अंदर हमारी चुदाई की सिसकारियाँ एक मादक माहौल बना रही थीं।
चुदाई का दौर घंटों चला। मैंने भाभी को अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार मैंने उन्हें अपनी गोद में बिठाया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। उनके चूचे मेरे चेहरे पर उछल रहे थे, और मैं उनके निप्पलों को चूस रहा था। फिर मैंने उन्हें दीवार के सहारे खड़ा किया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। उनकी चीखें और सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “राहुल, तेरा लंड मेरी चूत और गांड की जान है,” भाभी ने फुसफुसाया। मैंने उनकी चूचियों को सहलाया और बोला, “मधु भाभी, तेरी चूत और गांड मेरे लंड की रानी हैं।”
“राहुल, मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ,” मैंने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, राहुल… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दे,” भाभी ने चुदास में चीखते हुए कहा। मैंने अपने धक्के और तेज किए, और फिर अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी उनकी चूत में मारी। भाभी सुख से चीख पड़ी, और उनकी चूत मेरे वीर्य से लबालब भर गई। मैंने उनके चूचियों, रसीले होंठों, और पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और उन्होंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। फिर मैंने उनकी गांड में फिर से लंड डाला और वहाँ भी अपने वीर्य की पिचकारी मारी। उनका बदन मेरे वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था। हम दोनों हाँफ रहे थे, और उनकी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी।
उस रात के बाद, मधु भाभी मेरी चुदास की गुलाम बन गईं। हर बार जब अरुण भैया घर पर नहीं होते, मैं भाभी के घर जाता और उनकी चूत और गांड को चोदता। एक बार मैंने उन्हें उनके रसोई में चोदा। उन्होंने एक टाइट साड़ी पहनी थी, और मैंने उन्हें काउंटर पर झुकाकर उनकी चूत में अपना लंड डाल दिया। उनकी चीखें रसोई में गूँज रही थीं, और उनकी चूत मेरे वीर्य से भर गई। दूसरी बार, मैंने उन्हें उनके बाथरूम में चोदा। मैंने उन्हें शावर के नीचे खड़ा किया और उनकी गांड में अपना लंड डालकर जोर-जोर से चोदा। पानी उनके चूचों पर टपक रहा था, और उनकी सिसकारियाँ बाथरूम में गूँज रही थीं।
कभी-कभी, भाभी रात में मेरे घर आतीं। एक रात, उन्होंने मेरे कमरे में आकर मेरे लंड को चूसा और फिर मेरे ऊपर चढ़कर अपनी चूत में मेरा लंड डाल लिया। मैंने उनकी गांड को थप्पड़ मारे और उनकी चूत को चोदा। उनकी चीखें और सिसकारियाँ मेरे कमरे में गूँज रही थीं। अरुण भैया को कभी शक नहीं हुआ, क्योंकि हम चुपके से अपनी चुदाई का खेल खेलते थे। एक बार, जब मैं भाभी की चूत चोद रहा था, अरुण भैया ने फोन किया। मैंने फोन उठाया, और भाभी ने मेरे लंड को अपनी चूत में और गहरा लिया। मैं सिसकारियों को दबाते हुए भैया से बात कर रहा था, और भाभी की चूत मेरे वीर्य से भर रही थी।
मधु भाभी की चूत और गांड मेरे लंड की दीवानी थीं, और मेरा लंड उनकी चूत और गांड का गुलाम। उनकी बंगाली चुदास और मादक बदन ने मुझे उनका दीवाना बना दिया। हर बार जब मैं उनकी चूत और गांड को चोदता, उनकी सिसकारियाँ मेरे कानों में संगीत की तरह बजती थीं। मैंने सोचा कि बंगाली भाभी की चुदाई का मजा ही कुछ और है। उनकी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम बन चुकी थीं, और हमारी चुदाई की आग कभी ठंडी नहीं हुई।