नाइटी उठाकर ससुर जी ने चोद दिया

आप यह कहानी Nonveg Story Dot Com पर पढ़ रहे हैं। मैं, नेहा, 26 साल की, हरियाणा के एक गाँव में अपने पति, रोहित, और ससुर, रामलाल, 50 साल के, के साथ रहती थी। मेरी गोरी त्वचा, भरे हुए बूब्स, और मटकती गांड गाँव में मशहूर थी। रोहित ट्रक ड्राइवर था और हफ्तों घर से बाहर रहता। मेरी चूत की प्यास उसकी गैरमौजूदगी में तड़पती थी। लेकिन मेरे ससुर, रामलाल, मज़बूत जिस्म और शरारती नज़रों वाले मर्द, ने मेरी हवस का इलाज कर दिया। एक रात उन्होंने मेरी नाइटी उठाकर मेरी चूत और गांड चोद दी, और मैं उनके लंड की दीवानी हो गई।

उस रात गाँव में सन्नाटा था। मैंने एक पतली गुलाबी नाइटी पहनी थी, जो मेरी चूचियों और जांघों को बमुश्किल ढक रही थी। रोहित एक हफ्ते के टूर पर था। मैं अपने कमरे में सो रही थी, जब आधी रात को दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई। रामलाल मेरे बिस्तर के पास खड़े थे, उनकी आँखों में हवस चमक रही थी। “नेहा, तू अकेले सो रही है, मैं साथ दूँ?” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने शरारत से जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी चूत की आग बुझाने की हिम्मत है?” मेरी बोल्ड बात ने उनकी हवस को और भड़का दिया।

रामलाल ने मेरी नाइटी ऊपर उठाई, और मेरी काली पैंटी मेरी गीली चूत से चिपक चुकी थी। उन्होंने मेरे होंठों को चूम लिया, उनका चुंबन इतना गहरा था कि मेरी साँसें रुक गईं। उनकी जीभ मेरे होंठों से खेल रही थी, और मैंने उनकी लुंगी पकड़कर उन्हें और करीब खींच लिया। “नेहा, तेरे होंठ तो शहद हैं,” उन्होंने कराहते हुए कहा। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी चूत का स्वाद भी ले लो।” उन्होंने मेरी नाइटी पूरी तरह उतार दी, और मेरी काली ब्रा में कैद चूचियाँ सामने आईं।

उन्होंने ब्रा का हुक खोला, और मेरे भरे हुए बूब्स आज़ाद हो गए। “नेहा, तेरी चूचियाँ तो रस से भरी हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने मेरी चूचियाँ दबाईं, निप्पल्स को चूसा, और हल्के से काटा। मेरी सिसकियाँ कमरे में गूंजने लगीं। मैंने अपनी जांघें चौड़ी कीं, और रामलाल ने मेरी पैंटी उतार दी। मेरी गीली चूत उनकी नज़रों के सामने थी। उन्होंने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं, धीरे-धीरे रगड़ते हुए। “तेरी चूत तो मेरे लंड के लिए तड़प रही है,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने कराहते हुए कहा, “ससुर जी, अपने लंड से मेरी चूत चोद दो।”

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रामलाल ने अपनी लुंगी उतारी, और उनका मोटा लंड मेरे सामने था, 7 इंच का, सख्त और गर्म। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा, और मैं सिसकियाँ लेने लगी। फिर उन्होंने धीरे से लंड अंदर डाला, और मेरी ज़ोरदार चीख निकली। “ससुर जी, धीरे, मेरी चूत फट जाएगी,” मैंने सिसकते हुए कहा। उन्होंने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की, और मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं। दर्द मज़े में बदल गया, और मेरी सिसकियाँ कामुक कराह में तब्दील हो गईं।

रामलाल ने रफ्तार बढ़ा दी, और उनका लंड मेरी चूत की गहराई को छू रहा था। “नेहा, तेरी चूत चोदने का मज़ा ही अलग है,” उन्होंने कराहते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी चूत को और चोदो, इसे तृप्त कर दो।” उन्होंने मेरी चूचियाँ फिर से चूसीं, और मेरी चूत और गीली हो गई। मैंने उनके कंधे पकड़ लिए, और उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि बिस्तर हिल रहा था। “ससुर जी, मेरी चूत में छोड़ दो,” मैंने चीखते हुए कहा। उन्होंने मेरी चूत में और तेज़ी से धक्के मारे, और मेरी चूत उनके लंड को निचोड़ रही थी।

उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड को सहलाया। “नेहा, तेरी गांड भी चोदूँगा,” उन्होंने शरारत से कहा। मैंने सिसकते हुए जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी गांड भी ले लो।” उन्होंने अपने लंड को मेरी गांड पर रगड़ा और धीरे से अंदर डाला। मेरी चीख निकली, “धीरे, मेरी गांड फट जाएगी।” उन्होंने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए, और मेरी गांड उनके लंड को निगल रही थी। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मैं सिसकियाँ ले रही थी, और मेरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं।

अगली सुबह रामलाल रसोई में आए, जहाँ मैं चाय बना रही थी। उन्होंने मेरी नाइटी फिर से उठाई और मेरी चूत को सहलाया। “नेहा, तेरी चूत का स्वाद रातभर दिमाग में है,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने कराहते हुए कहा, “ससुर जी, मेरी चूत को फिर चोदो।” उन्होंने मुझे काउंटर पर झुकाया और मेरी चूत में लंड डाल दिया। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मेरी सिसकियाँ रसोई में गूंजने लगीं। उन्होंने मेरी चूचियाँ दबाईं और मेरी चूत में अपनी गर्मी छोड़ दी।

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रामलाल की चुदाई अब रोज़ का रुटीन बन गई। हर रात जब गाँव सो जाता, वे मेरे कमरे में आते और मेरी नाइटी उठाकर मेरी चूत चोदते। एक रात उन्होंने मुझे छत पर बुलाया। उन्होंने मेरी नाइटी उतारी और मेरी चूत में उंगलियाँ डालीं। “नेहा, तेरी चूत हर बार नई लगती है,” उन्होंने कहा। मैंने कराहते हुए जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी चूत आपके लंड की दीवानी है।” उन्होंने मुझे दीवार से टिकाया और मेरी चूत में लंड डाल दिया। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मेरी सिसकियाँ रात के सन्नाटे में गूंज रही थीं।

एक दिन उनका दोस्त, हरि, 52 साल का, मज़बूत और शरारती, घर आया। उसने हमें आँगन में देख लिया। “रामलाल, बहू का मज़ा ले रहा है, मुझे भी शामिल कर,” उसने हँसकर कहा। मैंने बोल्ड अंदाज़ में जवाब दिया, “हरि जी, मेरे मुँह में जगह है।” रामलाल ने हरि को पास बुलाया, और उसने अपनी लुंगी उतारी। उसका मोटा लंड मेरे सामने था। हरि ने मेरे मुँह में लंड डाला, और मैं उसे चूसने लगी। रामलाल मेरी चूत चोद रहे थे, और मेरा जिस्म दो लंडों से भरा था।

हरि की सिसकियाँ तेज़ हो गईं, और उसने मेरे बाल पकड़ लिए। “नेहा, तू तो लंड की दीवानी है,” उसने कराहते हुए कहा। मैंने जवाब दिया, “हाँ, मैं तुम दोनों के लंड की गुलाम हूँ।” रामलाल ने मेरी चूचियाँ दबाईं, और मेरी चूत उनके लंड को निचोड़ रही थी। हरि ने मेरे मुँह में अपनी गर्मी छोड़ दी, और रामलाल ने मेरी चूत में रस बिखेरा। दोनों ने मुझे चारपाई पर लिटाया, और रामलाल ने मेरी गांड में लंड डाला। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मेरी चीखें गाँव में गूंज रही थीं।

रामलाल ने अगली रात मुझे खेत में बुलाया। उन्होंने मेरी नाइटी उठाई और मेरी चूत में लंड डाल दिया। उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मेरी सिसकियाँ खेत में गूंजने लगीं। “नेहा, तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है,” उन्होंने कहा। मैंने जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी चूत और गांड सिर्फ़ आपके लिए हैं।” उन्होंने मेरी गांड में रस छोड़ा, और मैं तृप्त होकर लेट गई। मेरे जिस्म पर चुदाई के निशान थे—मेरी चूचियों पर उनके दाँतों के निशान और मेरी गांड पर उनके थप्पड़ों के लाल निशान।

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हर रात रामलाल मेरी नाइटी उठाकर मेरी चूत और गांड चोदते। कभी आँगन में, कभी रसोई में, तो कभी तालाब के किनारे। एक दिन हरि फिर आया, और दोनों ने मिलकर मेरी चूत और गांड को चोदा। रामलाल ने मेरी चूत में लंड डाला, और हरि ने मेरी गांड में। मेरी सिसकियाँ और चीखें घर में गूंज रही थीं। “नेहा, तू हमारी रानी है,” रामलाल ने कहा। मैंने जवाब दिया, “ससुर जी, मेरी चूत और गांड आपके लंड की गुलाम हैं।”

रोहित जब घर आता, मैं उससे चुदवाती, लेकिन मेरी चूत को रामलाल के मोटे लंड की आदत हो चुकी थी। उनकी चुदाई ने मेरी हवस को चरम पर पहुँचाया। एक रात उन्होंने मुझे गोदाम में चोदा, और उनकी चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मेरी चूत ने उनके रस को निगल लिया। “नेहा, तू मेरी जान है,” उन्होंने कहा। मैंने जवाब दिया, “ससुर जी, नाइटी उठाकर आपने मेरी ज़िंदगी रंगीन कर दी।”

रामलाल की चुदाई ने मेरी ज़िंदगी को बदल दिया। गाँव की शांत रातें मेरी सिसकियों से भर गईं।। मेरी चूत और गांड उनके लंड की भूखी रहती थी। मैं मैंने थीं कि रोहित दिल्ली में है, हहै, लेकिन मेरी चूत रामलाल के लंड की दीवानी थी।।। उनकी चुदाई मेरे लिए हर रात का नशा थी।