पति ने मुझे नहीं चोदा तो किरायेदार से चुदवा कर अपनी चूत की गर्मी शांति की

 

हाय दोस्तों, मैं मारिया आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करती हूँ. आशा है आपको मारिया की सेक्सी कहानी पसंद आएगी. कुछ दिन पहले मेरा पति से किसी बात पर झगड़ा हो गया. मेरा उस समय सेक्स करने का मन कर रहा था और पति का मूड नही था.

“आओ ना जान !!.कितने दिनों से हमने सम्भोग का सुख नही लिया है. आओ आज हो जाए” मैंने पति से कहा. वो ना जाने किस मूड में थे.

“मारिया ! तुमको तो बस चुदाई के सिवा कुछ सूझता ही नही है. दिन रात ब्रा और पेंटी में ही रहती हो और बस तुमको तो ठुकाई और चुदाई के सिवा कुछ सूझता नही है. पता है मेरी फैक्ट्री में इनदिनों कितना घाटा हो रहा है. तुम्हारे पापा से मैंने ५ लाख मांगें थे, उन्होंने प्लटकर कोई जवाब नही दिया. अब जब तुम्हारे पापा मुझे पैसे दे देंगे तो ही मैं तुम्हारी चूत मारूंगा” पति बोले. धीरे धीरे मेरा भी उनसे झगड़ा हो गया. वो बहुत लालची इन्सान निकले. मेरे पापा ने मेरी शादी में २० लाख कैश दिया उसके बाद भी पति का लालच खत्म नही हुआ. मैंने भी उनको लालची आदमी बोल दिया.

“जाओ !! मैं तुम्हारी चूत नही लूँगा!!’ पति बोले

“कोई बाद नही , मैं अपने लिए लंड का इंतजाम कर लुंगी. इतना गट्स है मेरे में !!’ मैंने भी कह दिया. हम हसबैंड अब रात में कमरे में आते तो दूसरी तरह मुँह करके सो जाते और मैं दूसरी तरफ मुँह करके लेट जाती. १ महीना बीत गया, मेरे पति ने मुझको नही चोदा और बार बार मुझसे ब्लैकमेल करते की मैं अपने पापा को फोन करू और पैसा मांगू. १ महीने में एक बार भी उस लालची इन्सान ने मुझे लौड़ा नही खिलाया. मैं रात दिन लंड के लिए तड़पती रही. पर कही मुझे कोई मर्द नही दीखता था जिसे घर में बुलाकर चुदवा लूँ.

फिर कुछ दिन बाद एक बड़ा जवान खूबसूरत लड़का मेरे पास कमरा किराये पर लेने आया. वो आई आई टी की तैयाई कर रहा था. अभी कोई २१ २२ साल का होगा. नाम जीतू था.

“मैडम , क्या आपकी कालोनी में कोई कमरा किराये पर मिल सकता है??” जीतू बोला. वो काफी खूबसूरत था. मैं उसको बड़ी देर तक घूरती रही और आँखों से उसके रूप का रस पीती रही. वो लड़का जीतू मेरे काम आ सकता था. मैंने जान लिया. जब मैंने बड़ी देर तक कोई जवाब नही दिया तो वो जाने लगा.

“सुनो !! लड़के!! मेरे घर में एक कमरा खाली है. तुम कल ही अपना सामान लेकर आ जाना” मैंने कहा. मैंने आपको बताया की मेरे पति बहुत लालची आदमी थे. जैसे उनको पता चला की कमरा किराये पर उठ गया है, वो बहुत खुश हो गये. क्यूंकि अब उनको हर महीना एक्स्ट्रा पैसा मिलने वाला था. धीरे धीरे मेरी जीतू से अच्छी बैठने लगी. वो मुझे मालकिन मालकिन कहता. गर्मियों में वो छत पर खुले में नहाता तो मेरी चूत गीली हो जाती. और सोचती की काश जीतू का लंड खाने को मिल जाए. एक दिन मैंने गाजर का हलवा बनाया और उसको देने लगी. वो बहुत खुश हुआ. उससे बात करके करके मैंने उनकी टांग पर हाथ रख दिया. जीतू कैपरी और बनियान में था. उसका ६ फुट का कसरती बदन देखकर मैं मचल गयी थी. उसके जिस्म में रोज जिम जाने के कारण बिस्किट ही बिस्किट[ गुटके] बने थे. कसरती बदन में वो बहुत हॉट लगता था.

“मालकिन !! ये ये….आप क्या कर रही है??’ जीतू बोला

‘जीतू , क्या तुम्हारा कभी मन नही करता मेरी जैसी सेक्सी और हॉट लड़की से इश्क करने का??’ मैंने पूछा. वो कांपने लगा. वो भी मेरे साथ सेक्स करना चाहता था. मैंने धीरे धीरे अपने हाथ से उसकी गहरी हरे रंग की कैपरी के नीचे हाथ डालकर उसकी जांघ और घुटने सहलाने लगी. धीरे धीरे मेरा किरायेदार जीतू मेरी खूबसूरती के जाल में फंस गया.

“…..पर ..पर मालकिन अगर किसी ने देख लिया तो???’ वो डरते डरते बोला

गरमा गर्म सेक्स कहानी  मन्दाकिनी का चोदन 3

“जीतू !! मेरी जान , तुम उसकी परवाह मत करो. मैं उसे सम्हाल लूगी” मैंने कहा. कुछ देर हम मैंने खुद को जीतू से चिपके हुए पाया. खिड़की से आ रहे दिन के उजाले में मैं उससे लिपट गयी थी. ओह्ह्ह्ह !! कितना मजा मिला आज एक मर्द से लिपटकर. मैंने अपने किरायेदार जीतू से रोमांस करने लगी. वो लड़का मुझसे १० साल छोटा था, पर वो इतना बड़ा हो चूका था की मेरी जैसी जवान औरत को चोद चोदकर उसकी वासना और हवस की आग को शांत कर दे. इस वक़्त सुबह के ११ ही बजे थे. हमदोनो एक दुसरे आ अलिंगन करने लगा. उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ !! कितना सुकून मिला मुझे. धीरे धीरे हम प्यार करने लगा. जीतू मेरी सेक्सी ओंठो को चुमने लगा. मैंने इस वक़्त साड़ी पहन रखी थी. जीतू ने मेरे सर से पल्लू हटा दिया. अब मुझसे बड़े करीब से अच्छी तरह देख पा रहा था.

मैंने उस जवान लौंडे को दोनों बाहों में कस लिया “ओह्ह्ह जीतू !! मेरी जान!…पुरे एक महीने से मेरे पति ने मुझसे नही चोदा है. मेरा उसने कुछ झगड़ा चल रहा है. इसलिए प्लीस आज मुझे कायदे से चोदो और मेरी गर्म बहती चूत में लौड़ा देकर इसको शांत कर दो” मैंने कांपते होठो से कहा. मैंने उसे दोनों बाहों में कसके पकड़ लिया. वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगा. मैं नही जानती थी की उसने अभी तक कितनी लौंडिया चोदी है पर आज एक जवान औरत तो खुद उसके पास चलकर चुदवाने आ गयी थी. मेरी सास किसी धौकनी की तरह चल रही थी. फिर जीतू ने मेरे गर्म कांपते होठो पर अपने ओंठ रख दिए. और मजे से मेरे रंगीन ओंठो से अपने ओंठ लगाकर पीने लगा. मैंने भी उसे चूमने लगा. मेरी चूत और उसके लंड में खलबली मचने लगी.

जीतू का हाथ मेरे मस्त मम्मो पर आ गया. वो एक पुरुष होने के नाटे अपनी नैसर्गिक हरकत करने लगा और मेरे दूध छूने लगा. आह….मुझे बहुत अच्छा लगा दोस्तों. आज कितने दिनों बाद किसी मर्द ने मेरे दूध छुए और उस पर हाथ रखा. हमदोनो खड़े खड़े ही रोमांस कर रहे थे. फिर जीतू जोर जोर से मेरे दूध दबाने लगा. मेरा सुख का लेवल और बढ़ गया. मैं आह आः हाहा करने लगी. कुछ देर बाद जीतू अपने असली रूप में आ गया था. वो खुलकर मेरे दूध दबाने लगा.जैसे मेरे कोमल अंग नही कोई कच्चे कच्चे आम हो. फिर वो मुझे अपने बिस्तर पर ले गया.

“खोल छिनाल !! खोल जल्दी !!’ जीतू ने मुझे गाली बक्की. मुझे अच्छा लगा. इस तरह से गालियाँ खा खाकर चुदवाने में तो बहुत ही मजा मिलता है. जीतू ने मेरी साड़ी मेरे सीने से ब्लाउस के उपर से हटा दी. “खोल रंडी !! खोल अपना ब्लाउस !! अब क्यूँ सरमा रही है???’ वो बोला. मैंने जल्दी से ब्लाउस के बटन खोले. जीतू ने मेरा ब्लाउस खींचते हुए निकाल फेका. मेरे बड़े बड़े ४० इंच के चुच्चे अब मेरी काली ब्रा में कैद दे. “छिनाल !! अब इसे क्या तेरा बाप निकालेगा. इसे भी निकाल मादरचोद !!’ जीतू बोला. मुझे उसकी गालियाँ बड़ी अच्छी लग रही थी. आज पुरे १ महीने [यानी ३० दिन] बाद मैं चुदने वाली थी. आज मेरी सुखी जमीन पर झमाझम बारिश होने वाली थी. आज मेरे चुदवाने की दबी अभिलाषा पूरी होने वाली थी. अज मेरी बुर जीतू मेरा प्यारा किराएदार मारने वाला था. इन्ही सपनों को बुनते हुए मैंने अपनी पीठ में हाथ डाल दिया और काली ब्रा के हुक खोल दिए. जीतू ने मेरी ब्रा निकाल के जाने कहाँ फेक दी. मेरे बेहद खूबसूरत बिलकुल बर्फ से सफ़ेद गोले मेरे किरायेदार जीतू के सामने थे. वो मेरे मक्खन के गोलों पर टूट पड़ा और दोनों कबूतरों को उसने अपने दोनों हाथों में भर लिया.

जीतू जोर जोर से मेरे कबूतर दबाने लगा. “वाह मालकिन !! तुम तो इकदम कड़क माल हो” जीतू बोला और जोर जोर से मेरे दूध दबाने लगा.

गरमा गर्म सेक्स कहानी  Bangali sex story : लंड और शराब की प्यासी हूं बड़े घर की लड़की हूं

“दाब ले हरामी !! आज मुझे चोद खा ले गांडू !! रोज रोज ऐसा सामान नही खाने को मिलता है!!’ मैंने कहा

जीतू बेहद खुश हो गया. वो मेरे कबूतरों को जोर जोर से दबाने लगा. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर वो अपने मुँह में मेरी तनी हुई निपल्स को लेकर मजे से पीने लगा. मुझे तो जैसी जन्नत मिल गयी थी दोस्तों. वो घंटो मेरे दूध पीता रहा और दबाता रहा. मैं बार बार अपनी कमर और पैर उपर की तरफ उठा देती थी. फिर उसने मेरी साड़ी धीरे धीरे निकाल दी. मेरा पेटीकोट का नारा खोल दिया और पेटीकोट नीचे खींच दिया. हाय एक पराये मर्द के सामने मैं बिन कपड़ों में आ गयी. मैंने चूत पर जालीदार डिजायनर पेंटी पहन रखी थी. जीतू मुझे जल्द से जल्द चोदना चाहता था. इसलिए उसने एक ही झटके में मेरी पेंटी निकाल दी. मैं अब पूरी तरह अपने उस किरायेदार लौंडे जीतू के सामने थी. मैंने नंगी थी, बिना कपड़ो के थी.

अब मेरी इज्जत जीतू के सामने थी. वो जल्द ही मुझे चोदने वाला था. जीतू ने मेरी चूत देखी. हल्की झांटे किसी घास की तरह मेरी चूत पर जम आई थी. कितने दिनों से मेरी जमीन [चूत] पर कोई प्यार की बारिश नही हुई थी. पर आज वो १ महीने का सुखा खत्म होने वाला था. जीतू कुछ देर तक मेरी चूत की झांटो की नर्म घास में किसी खरगोश की तरह खेलता रहा. वो धमा चौकड़ी मचाता रहा. कभी मेरी चूत की झांटो में इधर दौड़ लगाता, कभी उधर दौड़ लगाता. अपनी ऊँगली को बड़े प्यार से मेरी झांटो पर फिराता रहा. खूब प्यार करता था. फिर धीरे धीरे मेरी बुर में घुसने लगा. मेरी चूत जीतू पीने लगा. मैंने अपनी दोनों टाँगे खोल दी. वो जीभ से मेरी बुर पीने लगा.

धीरे धीरे किसी सिपाही की तरह वो अपनी पैठ मजबूत करने लगा. मेरी चूत में ऊँगली करने लगा. फिर उसने मेरे बालों से मेरा लम्बा प्लाटिक का नोकदार पिन निकाल लिया और मेरी चूत में डालने लगा. मुझे बहुत मजा मिल रहा था. नशा सा हो रहा था. महीने भर से चुदने के कारण मेरी चूत बंद हो गयी थी. जैसे ही हरामी ने मेरी चूत में बालों वाला पिन डाला तो मैं उछल पड़ी. बहनचोद जीतू मेरा मजा लेने लगा. बड़ी जोर जोर से मेरी चूत में पिन अंदर बाहर करने लगा. घंटा भरतक तो गांडू ने मेरे और मेरी चूत के साथ यही सब किया. फिर उसने अपना लंड मेरी बुर में डाल दिया और मुझे चोदने लगा. एक गैर और पराये मर्द से मैं चुदने लगी. मेरे तनबदन में जो आग लगी थी अब वो शांत होने लगी थी क्यूँ मैं अपने किरायेदार माँ लंड खा रही थी. वो मुझे झुककर गच्च गच चोद रहा था. उसके बदन के बिस्किट [गुटके] पर मेरे हाथ नाच रहे थे.

जीतू की पीठ बड़ी ही मांसल थी. वो ६ पैक एब्स वाला छोकरा था. वो गच गच करके मुझे ले रहा था. मैं आह आह माँ माँ आई आई उईई !! कह रही थी और चूत उठा उठाकर चुदवा रही थी. मैं इस समय चाँद के पार जा चुकी थी. फिर उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और बड़ी जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगा. कुछ देर बाद उसने अपना गर्म गर्म माल मेरी खौलती चूत में छोड़ दिया. दोस्तों, एक बार मैं चुद गयी. कुछ देर मैं मैंने जीतू ने दूसरी बातें करती रही. उसने बाताया की उसकी मम्मी बहुत प्यारी है और उसे रोज सुबह शाम फोन करके पूछती है की खाना खाया की नही. मैंने उसकी पढाई के बारे में बी पूछा. फिर कुछ देर बाद हम दोनों फिरसे प्यार करने लगे. जीतू ने मेरी कमर के निचे तकिया लगा दी और मुझे चोदने लगा.

मेरे पति की तुलना में मेरे किरायेदार जीतू का लौड़ा बहुत बड़ा था. बहुत ही मोटा और पुष्ट लौड़ा था. जीतू फिर से मेरे भोसड़े में लौड़ा घुसाकर मुझे चोदने लगा. मैं अपने दूध अपने हाथो में पकड़ लिए. क्यूंकि चुदते समय वो बार बार इधर उधर हिल रहे थे. जीतू फिर से मेरे नर्म भोसड़े में अपना सख्त लौड़ा देने लगा और मुझे चोदने लगा. मैं माँ माँ माँ करके चुदवाने लगी और अपनी माँ को याद करने लगी. फिर आधे घंटे तक मेरी बुर अपने लौड़े से घिसने के बाद जीतू ने अपना माल मेरे खूबसूरत बालों में गिरा दिया. मेरी काली और ब्रा पेंटी उसने रख ली.

गरमा गर्म सेक्स कहानी  अपनी बेटी मधु के साथ दूसरी रात की चुदाई

“मालकिन !! इसे मुझे दे दो , इसको सूंघ सूंघकर मुठ मारूंगा!” जीतू बोला

“रख ले गांडू !!’ मैंने मजाक करते हुए हसकर कहा.

इस तरह मैं जीतू से ५ महीने तक चुदवाती रही. अब मैं अपने पति की तरह भूले से भी नही देखती और इस तरफ मुँह करके लेट जाती. एक दिन मेरे पति का सब्र का बांध टूट गया

“जान !! ६ महीना हो गया तुमको चोदे …आज चुदवाना हो तो बताओ!!’ पति बोले

‘…..मुझे नींद आ रही है” मैंने बहाना बना दिया. अब हर रोज मुझे वो लंड देना चाहते थे, पर मैं उसको जरा भी भाव नही देती थी. एक दिन उनको मेरी काली ब्रा और पेंटी की याद आ गयी.

‘जान मारिया !! कई दिन से मैंने तुम्हारी वो काली वाली ब्रा और पेंटी नही देखी है. कहाँ गयी वो ???’ अचानक पति पूछने लगे. मेरे जिगर में धक्क से हुआ. कहीं इनको पता चल गया की वो काली वाली ब्रा और पेंटी हमारे किरायेदार जीतू के पास है तो गजब हो जाएगा.

“हाँ जान !! एक दिन वो काली वाली ब्रा और पेंटी मैंने बाहर सूखने को डाली थी. मुझे लग रहा है की कोई बन्दर उठा ले गया” मैंने तुरंत बहाना बना दिया. फिर पति १० बजे अपने ऑफिस चले गये. मेरी चूत में फिरसे खुजली होने लगी. मैंने अपने फेवरेट करायेदार जीतू के उपर चली गयी. सीढियाँ चढ़ती हुई मैं किसी घोड़ी की तरह पहली मंजिल पर गयी. जैसे ही जीतू के कमरे में घुसी वो पूरी नंगा था. मेरी पेंटी और ब्रा को अपनी नाक में लगाकर उसकी खुश्बू ले रहा था. मुझे देखते ही हसने लगा.

“क्यों गांडू !! लेमन चूस के !!” मैंने कहा

“मालकिन !! मैं लेमन नही आपकी बुर चूसना चाहता हूँ” जीतू बोला

“तो फिर मेरी बुर चूस ले !!!’ मैंने मजाक किया. हमदोनो हँसने लगे.हम दोनों में अच्छी ट्यूनिंग हो गयी थी क्यूंकि मैं उससे पिछले ५ महीनो से चुदवा रही थी. वो मेरे पास आया. हम दोनों फिरसे गले मिल गयी. वो फिर से मेरे दूध दबाने लगा. कुछ देर बाद मैंने पाया की मैं जीतू की भुजायों में थी, नंगी थी, और उस गांडू को लेमन नही अपनी चूत चूसा रही थी. मेरे फिर से गर्म चुदसे जिस्म के साथ खेल रहा था. मुझसे प्यार कर रहा था. फिर मेरा किरायेदार मुझे चोदने लगा. आज उसका लौड़ा बड़ा विकराल रूप धारण किये हुए था. जीतू मेरी तड़पती गर्म चूत की अच्छे से धो रहा था. जैसे कोई धोबी कपड़ों को पत्थर पर पटक पटक कर साफ़ करता है, ठीक उसी अंदाज में मेरा मनपसंद किरायेदार जीतू मेरे दोनों लप लप करते सफ़ेद चूतड़ों को बिस्तर पर पटक रहा था और मेरी चूत को अपने लम्बे सख्त लौड़े से धो रहा था. मैंने उसे कसके पकड़ लिया मस्ती से चुदवाने और ठुकवाने लगी. जीतू शानदार बैटिंग मेरी चूत पर करने लगा. उससे मुझे इतना चोदा की मेरी बहुत सारी झाटे अपने आप उखड गयी. फिर वो मेरी बुर में ही झड गया. ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है

1 thought on “पति ने मुझे नहीं चोदा तो किरायेदार से चुदवा कर अपनी चूत की गर्मी शांति की”

  1. Hi all hot sexy wife,bhabhi and aunty,,, jisko pyas bhzani he call/ message kare Rakesh .Gujarat me Baroda se Bombay tak koy bhi hot female age 30 to 45 ki ho .Aapko satisfy karuga.whats app pe message and pic bhejo.i wait

Comments are closed.