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भैया ने चोदा मुझे दिल्ली के होटल में

मैं साक्षी सिंह गोरखपुर उत्तरप्रदेश की रहने बाली हु, मैं 21 साल की हु, मेरा ब्रा का साइज ३४ है, मैं बहूत ही ज्यादा सेक्सी हु, देखने में इतनी सुन्दर हु की कोई भी मुझे देख ले तो उसका दिन बहूत अच्छा जाता है और रात में मेरे नाम का मूठ जरूर मारता है, दोस्तों मेरी सील मेरे भैया ने ही तोड़ी, वो भी कुछ ही दिन पहले ही. आज मैं आपको इस मजेदार कहानी का मजा देने जा रही हु, दोस्तों मेरे चूत में अभी भी पानी आ जाता है जब भैया मुझे कहते है हाई सेक्सी, मेरे तो तन बदन में बहूत ही ज्यादा आग लग जाती है. दोस्तों आपने बहूत सी कहानियां पढ़ी होगी इन्टरनेट पर ये कहानी थोड़ी खाश हैं, इसका कारण हैं की ये कहानी १०० प्रतिशत सत्य हैं, आज मैं आपके सच्ची कहानी सुनाने जा रही हु, आशा करती हु की आपका भी लंड खड़ा होगा मेरे इस कहानी से. उसके बाद आप मूठ मार सकते हैं या तो अपनी बीवी को या गर्ल फ्रेंड को मेरा नाम याद करके चोद सकते हैं, अगर लड़की हैं तो खुद ही ऊँगली डाल कर मजा ले सकती हो.

मेरी कजरारी आंख्ने और गोल गोल चूतड़, लंबे लंबे दो जुट्टी बाल जो हमेशा आगे से मेरी बड़ी बड़ी चूचियों से होकर लटकता हैं, सब को परेशान करते ही रहता हैं, मेरा भाई भी मुझे पहले आँखों से खूब पीता था मेरे जिस्म को. दोस्तों मैं उनकी बहसी आँखों के सामने ही जवान हुई हु, पर बाद में मैं भी उस जवान मर्द में फ़िदा हो गई, पहले नहीं जब चूत में उनका लंड गया तब. आज मैं उसी लंड की कहानी आपको सुनाने जा रही ही.

मैं बैंक का एग्जाम देने दिल्ली गई थी. पापा मुझे अकेले भेजना नहीं चाहते थे, इसलिए वो मेरे भाई को बोले की तू साथ चला गया साक्षी के तो मेरा भैया नवीन भी टिकट कटवा लिया, पर टिकेट वेटिंग का मिला, जैसे तैसे ट्रैन में चढ़ गए, टीटी को बोलकर भैया ने एक सीट ले ली. पहले टीटी मुझे ऊपर से निचे तक घूर कर देखा तो मैं भी एक रंडी बाली मुस्कान दे दिल शायद वो इसी वजह से हिल गया, और मुझे सीट देने में उसको कोई कठिनाई नहीं हुई, दोस्तों एक सीट पर दो, मैं और नवीन भैया, मुझे तो पता नहीं चला पर शेर के मुह में खून लग गया था उसी बर्थ पर, समझ में आया आपको ? शायद वो मेरे जिस्म को वही ऊपर ऊपर से चख चुका था. सुबह डिल पहुच गए, स्टेशन के बगल में भी पहाड़गंज नाम का जगह था भैया वही होटल लिए, जब होटल बाला पूछ रहा था की इनसे क्या रिश्ता है तो उन्होंने पत्नी बोला था. ये बात मैं सून ली. मैं समझ गई की इनके इरादे कभी भी नेक नहीं हो सकते. क्यों की जो अपनी बहन को बीवी बोल सकता है वो अपने बहन को पेल भी सकता है.

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खैर नहा धो कर एग्जाम देने चले गए एग्जाम करोलबाग में था. शाम को ५ बजे फ्री हो गया, भैया और हम वही बस का इंतज़ार करने लगे. तभी मैंने देखा की, बस स्टॉप पर ही एक खूबसूरत जोड़ा, किश कर रहा था, मैं देख कर थोड़ा सरमा गई क्यों की भैया भी साथ था. वो लड़का तो किश करते करते उस लड़की की चूचियां भी दबाने लगा था, दोस्तों उसको देख कर मेरे होठ खुद ब खुद दांतो के अंदर आ गए, भाई ने देख लिया ऐसा करते हुए, मैं थोड़ा चौंक गई. तभी बस आ गई और हम दोनों पहाड़गंज होटल चले गए, होटल पहुचा और मैं फ्रेश होने चली गई शाम के करीब ७ बज गए थे, भाई निचे जाकर खाना ले आया चिकन और ३ बोतल बियर. मैंने पूछा ये तीन बोतल क्यों है तो वो बोला की दो तो मेरे लिए और एक तेरे लिए. मैंने कहा मैं तो पीती नहीं तो वो बोला आज पि लेना, यार एन्जॉय करो ज़िन्दगी में और है क्या, मैंने कहा बस करो भैया शर्म नहीं आती है बहन के साथ ऐसा बोलते हुए, तो उसने कहा, मुझे पता है बहन को भी तो शर्म नहीं है, कैसे झाँक रही थी उस दोनों को बस स्टॉप पे. तो मैंने कहा यार देख ली तो क्या हुआ, तो उसने कहा आज एन्जॉय कर भी लोगों तो क्या होगा.

मैं थोड़ा ना नुकुर करके मान गई. मैं पहले भी कई बार शराब पि चुकी हु अपने दोस्तों के साथ पर चुदी नहीं थी, पर मुझे आज ऐसा महसूस हो रहा था की आज मेरे भाई के इरादे नेक नहीं है क्यों की वो अपना सारा कपडा उतार कर एक फ्रेंची जांघिया में आ गया, और उनका लंड मुझे साफ़ साफ़ नजर आने लगा. दोस्तों मैं उसके गठीले बदन को देखकर मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं भी थोड़ा थोड़ा कामुक होने लगी. फिर स्टार्ट हुआ खाना पीना, कब दोनों मिलकर बियर ख़तम कर लिए पता ही नहीं चला, अब मैं बियर के नशे में आ गई. भाई, जांघिया के ऊपर से ही अपने लंड को सहला रहा था.. मैंने कहा ये क्या कर रहे? तो वो बदतमीज की तरह हस्ते हुए कहा. ये आज तुझे याद कर रहा था. मैंने कहा यार तुझे शर्म नहीं आ रही है तुम अपने बहन के लिए ऐसा कह रहे हो. तो वो बोला शर्म किस बात का? मेरा दो दो दोस्त अपने बहन के साथ दो साल पहले से सम्बन्ध बना रहा है. वो मुझसे पूछता भी है की यार तू अपने घर की माल को किसी और को देने से पहले अच्छे तरीके से एन्जॉय करो.

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तुम ही सोचो साक्षी, मैं तुमको कितना प्यार करता हु, और तू अपना जिस्म किसी अजनवी को दे दोगी को मुझे कैसा लगेगा, इसलिए मैं पहले तुमसे सेक्स करना चाहता हु, फिर कोई करेगा, उसके बाद ही तेरी शादी होने दूंगा. मुझे लगा की बात बढ़ाने से कोई फायदा नहीं, मैं भी चुदना चाहती थी, पर पहल भाई से करवा रही थी. मैंने कहा ठीक है पर जोर से नहीं करना, उसने कहा माँ कसम यार धीरे धीरे करूँगा, और वो मेरे पास आकर मेरे होठ को किश करने लगा. मैंने भी अपना हाथ उसके कंधे पर रखते हुए अपने सीने से लगा ली और फिर उसके होठ की किश करने लगी. वो मुझे जकड लिया और मेरे चूत के पास अपना लंड रगड़ते हुए आई लव यू कहने लगा. और मुह से सिसकारियां लेने लगा, उसके बाद उसने मेरे टॉप को उतार दिया फिर मेरी ब्रा के हुक को खोलकर, मेरे चूचियों के साथ खेलने लगा. दोस्तों मुझे चूचियां दबबाने का मजा तो पहले भी ले चुकी हु, पर आज मेरा भाई मेरे निप्पल को जैसे ही मुह में लिया मेरे अंदर करंट दौड़ गई.

उसके बाद उसने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरी पेंटी को खोल दिया, वो भी अपना फ्रेंची खोल दिया, मुझे तो डर लगने लगा था क्यों की उनका लंड करीब ९ इंच का था, और करीब ३ इंच मोटा था, मैं सोच कर डर रही ही की कोरी चूत का क्या हाल होगा, मेरा भाई खूब मजे ले ले कर मेरे चूत को चाटने लगा. मुझे उसने अपना लंड मुह में लेने को बोला पर मैं मना करने लगी. की मैं नहीं ले सकती. तो उसने कहा की तुम्हे मेरी कसम आज मुझे मत रोको, और फिर किसी तरह से वो अपने मुह में लंड ली पर ज्यादा देर तक नहीं उसको उलटी होने लगी. मैंने कहा चलो ठीक है मुह में मत लो. उसने मेरे चूत को थोड़ा अपने थूक से गिला किया, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है. उसके बाद मेरे मेरे चूत के छेद पर लंड को रख के थोड़े देर तक ऊपर नीच किया और जब मैं पुरे जोश में आ गई और मेरे मुह से सिसकियाँ लेने लगी. तो उसने एक जोर से झटका दिया और उसका आधा लंड मेरे चूत के अंदर चला गया. मैं दर्द से कराह उठी

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वो मुझे सहलाने लगा, पर मुझे दर्द बहूत ही ज्यादा होने लगा. उसने कहा हिलना नहीं और फिर वो मेरे चूचियों को सहलाने लगा. और फिर से वो एक धक्का मारा, इस बार मुझे दर्द कम हुआ, उसके बाद तो क्या बताऊँ दोस्तों , मेरे चूत में लंड आने जाने लगा. लंड की रगड़ जब अंदर होती तो मेरे शरीर में आग लग जाती और मेरे मुह से सिर्फ आह आह आह की आवाज निकल रही थी. मुझे जोर जोर से चोदने लगा. मैं भी पुरे जोश में आ गई और मैं भी खूब चुदवाने लगी. दोस्तों रात भर हम दोनों कामसूत्र की सारे पोज में खोई हुई थी. खूब चोदा मेरा भाई, मजे ली रात भर, वो मुझे गांड भी मारने की बात कर रहा था तो मैंने कह दिया इस बार नहीं अगले महीने भी एग्जाम है तो तब मार लेना. अब हम दोनों वापस आ गए, भाई मुझे कहता है की चोदने दो घर पे पर मुझे डर लगता है की कही पाप मम्मी को पता चल गया तो. इसलिए मैंने कह दिया, की अब अगले महीने ही दूंगी, जब एग्जाम देने जाउंगी . अब भाई मेरे लिए तरह तरह का नौकरी का फॉर्म लेके आ रहा है. और खुद ही भरवाता है. पर एक प्रोमिस करवाता है की पास मत होना………

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