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चाचा शहर से बाहर गये तो चाची को उनके ही कमरे में रगड़कर चोदा

हेल्लो दोस्तों, मैं प्रिन्स बिशनोई आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

दोस्तों मेरे सुमेर चाचा की नई नई शादी हुई थी। मेरी एक मस्त मस्त चाची आई थी जो बहुत खूबसूरत थी। मैं तो उनकी जवानी और रूप रंग को देखकर बिलकुल पागल हुआ जा रहा था। चाची का बदन इकदम भरा हुआ था और क्या मस्त पतली कमर थी उनकी। मेरे चाचा रात में अक्सर देर से घर आते थे क्यूंकि वो अपनी कम्पनी में ओवरटाइम करते थे। चाची रात में बस घडी देख देख पर इन्तजार करती थी। जब चाचा घर आते थे, चाची उनको खाना परोसती उसके बाद दोनों जमकर चुदाई करते थे। धीरे धीरे चाची को चाचा का लंड खूब पसंद आने लगा और खूब चुदाई उन लोगो की होने लगी। चाचा अभी बच्चे पैदा नही करना चाहते थे क्यूंकि बच्चे हो जाने के बाद चाची का प्यार बट जाता और बच्चे की तरफ हो जाता। इसलिए चाचा अभी कुछ सालों तक मेरी जवान चाची के मस्त मस्त दूध पीना चाहते थे और उनकी भरी हुई चूत [गुजिया] मारना और खाना चाहते थे। रात से सुबह तक चाची के कमरे से “आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई..अई..अई…..अई..मम्मी….” की आवाजे आती रहती थी। जब मैं इस तरह की गर्म गर्म आवाजे सुनता था तो दिल करता था की सब नाते रिश्ते छोड़कर बस चाची को जाकर कसके चोद लूँ। उनका फिगर ही इतना मस्त था की किसी भी मर्द का लौड़ा खड़ा हो जाता अगर वो एक बार मेरी चाची को देख लेता।

साल भर तक चाचा ने चाची को खूब बजाया। उनको चोद चोदकर उनकी बुर फाड़ दी। फिर चाचा को एक महीने के लिए उनके बोस ने नागपुर भेज दिया। चाचा का मन तो नही था पर नौकरी तो करनी ही थी। इसलिए वो अपने दिल पर पत्थर रखकर नागपुर चले गये। इधर जैसे ही रात होती चाची नंगी हो जाती और अपनी चूत में ऊँगली करने लग जाती। मैंने चाची को ऐसा करते कई बार देखा था। मुझसे रहा ना गया। मैं अपनी खूबसूरत और जवान चाची की बुर चोदना चाहता था। मैं वासना और कामुकता से पागल हो रहा था। मुझे अब हर हालत में अपनी जवान और खूबसूरत चाची की बुर चोदनी थी। मैं गया और मैंने रात के ११ बजे चाची के दरवाजे पर दस्तक दे दी। रोज की तरह चाची आज भी नंगी थी और अपनी चूत में खुद ही ऊँगली करके फेट रही थी।

“चाची… दरवाजा खोलो! मैं प्रिंस!!” मैंने आवाज लगाई

आनन फानन में चाची साड़ी पहनकर किसी तरह आई और दरवाजा खोला।

“क्या है….???” चाची ने नाराज होकर कहा

“चाची….मैं आपके काम आ सकता हूँ!!” मैंने कहा

“क्या मतलब…??” वो बोली

“चाची यहाँ चाचा तो नही है पर मैं उनकी जगह आपको फुल मजा दे सकता हूँ!!” मैंने कहा और चाची का हाथ पकड़कर चूम लिया

“बदतमीज!!! ऐसा कहते तुझे शर्म नही आती!!” चाची बोली और उन्होंने २ चांटे मेरे गाल पर मार दिए

“चाची!! मुझे मारना चाहती हो तो मार लो, पर मैं आपको रात में भरपूर मजे दे सकता हूँ। कभी काम पड़े तो मुझे बुला लेना!!” मैं कहा

“भाग यहाँ से….हरामखोर कहीं का!!” चाची बोली और मेरे मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया और अंदर चली गयी। मेरा काम हो गया था। भले ही मुझे २ थप्पड़ पड़ गये हो पर आज चाची को चलो ये तो पता चल गया कि उनका भतीजा उनको कसके चोद सकता है और चाचा की कमी पूरा कर सकता था। मैं जानता था की एक चुदासी औरत लंड पाने के लिए कुछ ही कर सकती है। एक कामातुर औरत चुदने के लिए कुछ भी कर सकती है। मैं सोया नही। जगता रहा। उधर चाची का बुरा हाल था। बार बार वो मेरे बारे में सोच रही थी। “मेरा भतीजा कितना बदतमीज है की कहता है की मेरा काम पड़े तो रात में बुला लेना” चाची खुद ही बुदबुदा रही थी। जैसे जैसे रात बढ़ने लगी चाची को बार बार चाचा के लौड़े की याद आ रही थी।

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रात उनको किसी सांप की तरह डस रही थी। उन्होंने साड़ी फिर से निकाल दी और अपनी चूत में ऊँगली करने लगी। पर उनको मजा नही आ रहा था। धीरे धीरे चाची मेरे बारे में सोच रही थी की क्यूँ ना भतीजे को बुलाकर चुदवा लिया जाए। कौन सा किसी को पता चलने वाला है। चाची को सेक्स और वासना की हवस लगी हुई थी। कुछ देर में आखिर वो मेरे कमरे पर आ गयी और मुझे अपने कमरे में बुला ले गयी।

“भतीजे…. तू सही कह रहा है। तेरे चाचा यहाँ नही है तो क्या हुआ। तू तो है। आ.. चोद आकर मुझे!!” चाची बोली

मैं इसी बात का तो इन्तजार ही कर रहा था। मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। फिर चाची की साड़ी, ब्लाउस, पेंटी और ब्रा भी निकाल दिया। अब मेरी चाची मेरे सामने बिलकुल नंगी थी। मैंने उसके साथ बेड पर लेट गया और उसने प्यार करने लगा। चाची का नंगा जिस्म इकदम सनी लीओन जैसा था। कितना मस्त और भरा हुआ। सच में दोस्तों मेरी चाची चोदने और बजाने के लिए एक मस्त माल थी। मैंने उनके उपर लेट गया और उसके रसीले होठ चूसने लगे। मेरी चाची साड़ी ब्लाउस में जितनी सुंदर लगती थी उससे कहीं जादा सुंदर बिना कपड़ों के लग रही थी। उसका जिस्म बहुत गोरा और बहुत ही खूबसूरत था। कमर बहुत पतली और सेक्सी थी। क्या मस्त माल थी मेरे चाची। उसके मम्मे तो ३२” के थे, जादा बड़े नही थे और ना ही जादा छोटे थे। पर बहुत ही खूबसूरत और नर्म लग रहे थे।

चाची का पेट, कमर, पुट्ठे, जांघे सब कुछ बहुत मस्त मस्त थे। वो एक गजब का माल थी। मैंने उसके उपर लेट गया था और उसके रसीले होठ चूस रहा था। उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया था और सीने से लगा लिया था। हम दोनों होठ से होठ जोड़कर चुम्बन करने लगे। ओह्ह्ह…सायद वो पहली बार किसी गैर मर्द को अपने होठ चूसा रही थी। मैंने उनके कंधे पकड़ लिये और कुछ देर में हम दोनों बहुत आक्रामक और गर्म हो गये। हम दोनों के अंदर चुदाई की आग जल उठी थी। मैं चाची का गहरा चुम्बन लेने लगा। लग रहा था की मैं उसके लबो को खा ही जाऊँगा। वो भी आक्रामक होकर मेरे होठ चूस रही थी। फिर हम दोनों एक दूसरे की जीभ और लार चूसने लगे। मेरा हाथ उनकी चिकनी, पतली, सेक्सी और छरहरी कमर पर चला गया था।

जैसा टीवी में मॉडल्स की बड़ी पतली पतली कमर होती है, ठीक उसी तरह मेरी चाची चाची की कमर थी। मैंने दोनों हाथ उसकी पतली कमर पर रख किये और सहलाने लगा। आज इस माल को मुझे कस के चोदना है, मैं मन ही मन में खुद से कहा। मेरे हाथ उनकी मक्खन जैसी पतली कमर पर जहाँ वहां रेंग रहे थे। उपर ही तरफ हम दोनों एक दूसरे के ओंठ और जीभ चूस रहे थे। हम दोनों की आँखें बंद थी। खुले बालों में मेरी चाची बहुत ही सेक्सी लग रही थी। अब मुझे चाची का पेट दिखने लगा था। मैंने दोनों हाथो से चाची की कमर को पकड़ लिया और सहलाने लगा। धीरे धीरे मैंने उपर की तरफ बढ़ रहा था। हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसके लबो को जी भरकर चूसा और उसके गुलाबी होठो की सारी लाली और कुवारापन चुरा लिया। उनके कबूतरों को देख देख के तो मेरे तोते उड़े जा रहे थे। आज मैं पहली बार चाची को नंगी देखा था। एक बार फिर से मैंने उन्हें पकड़ लिया और सीने से लगा लिया। मुझ पर वासना पूरी तरह से छा गयी। आज तो चाची की चूत मुझे हर हालत में चाहिए थी। मैं पागलों की तरह फिर से चाची को गाल, गले, कंधों पर किस करने लगा। वो भी चुदाई के फुल मूड में थी और मुझे हर जगह किस कर रही थी। उसके बड़े बड़े कबूतर देख के तो मेरा दिल बल्लियों उछल रहा था।

मैंने चाची के ३२” के कबूतरों को मुंह में लेकर चूसने लगा। वो अपनी कमर और सीना उठाने लगी। उसके मम्मे सच में बहुत जादा हसीन थे। ऐसे कबूतर मैंने आज तक नही देखे थे। मैं बार बार उसके मुलायम दूध को हाथ से दबा देता था और मुंह में लेकर पी लेता था।

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“भतीजे….आज तुम्हारे चाचा घर पर नही है। उनकी गैर मौजूदगी में अगर आज तुमने मुझे खुश कर दिया तो मैं रोज तुमको चूत दूंगी। पर आज तुमको मुझे पूरी तरह खुश करना होगा!!” चाची बोली

उसके बाद मैं खुद को साबित करने लगा और मन लगाकर उनके दूध पीने लगा। धीरे धीरे मुझे बहुत मजा आ रहा था। चाची ने अपने जिस्म को बेड पर पूरा खोलकर रख दिया था। मैं उनके उपर लेटा हुआ था और उनके कबूतरों को मजे से चूस रही थी। चाची ने मुझे हाथो से कसकर पीठ पर पकड़ रखा था और अपने लम्बे नाख़ून मेरी पीठ में गड़ा रही थी। आज मैं उनको कसकर चोदने वाला था। जिस बुर को मेरे चाचा रोज रात में चोदते थे आज उसी बुर को मैं बजाने जा रहा था। नंगे जिस्म में चाची के काले घने और रेशमी बाल तो जैसे चार चाँद लगा रहे थे। मैंने उसकी चूची को मुंह में भर रखा था और तेज तेज चूस रहा था। चाची “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकालकर चिल्ला रही थी। उनकी चूचियों का सौन्दर्य अप्रतिम था। मेरे जीभ और होठो की रगड़ से चाची की निपल्स तनकर खड़ी हो गयी थी। उनकी भुंडियों के चारो तरफ लाल लाल बड़े बड़े छल्ले थे जो बहुत ही सेक्सी लग गये थे। मैं मुंह में भरके उनके छल्ले को चूस रहा था। दोस्तों आज मेरी मुराद पूरी हो गयी थी। जिस जवान चुदासी चाची को देख देखकर मैं मुठ मारा करता था आज वो चाची मुझे चोदने खाने को मिली थी। मैं अपने मुंह में रखकर उसकी रसीली गुलाबी चूचियों को चूस रहा था। आज तो मेरी लोटरी लग गयी थी। मैंने ४० मिनट तक चाची की दोनों ३२” की चूचियों को मुंह में लेकर चूसा। मौज आ गयी थी दोस्तों।

उसके बाद मैंने चाची को अपनी कमर पर बिठा दिया और लंड उनकी चूत में डाल दिया। उसके बाद मैंने चाची को अपनी कमर पर बिठा दिया और लंड उनकी चूत में डाल दिया। चाची मेरे लौड़े को चूत में लेकर मेरी कमर पर बैठ गयी। मेरे दोनों हाथ चाची के बूब्स पर चले गये। उफ्फ्फ्फ़….कितने शानदार गोरी गोरी चूचियां थी उनकी। मैंने उनकी चूचियों को हल्का हल्का दबाने लगा। मुझे मजा आ रहा था। मेरी खूबसूरत और जवान चाची इकदम नंगी होकर मेरे लौड़े पर बैठ गयी थी। अब उनकी चुदाई होने वाली थी।

“चाची….चलो अब धीरे धीरे मेरे लौड़े की सवारी शुरू कर दो” मैंने कहा

“भतीजे….इस तरह की ठुकाई मैं अच्छे से जानती हूँ। तेरे चाचा मुझे इस तरह हर रात लेते है!!” चाची बोली

“ओह्ह्ह…इट्स ग्रेट। कमोन फक मी हार्ड!!” मैंने कहा

फिर धीरे धीरे चाची मेरे लंड पर आगे पीछे होने लगी और चुदाने लगी। मुझे मजा आ रहा था। मैंने उनके मम्मो को पकड़े हुए था और हल्के हाथो से दबा रहा था। कुछ देर बाद चाची ने अपनी रफ्तार पकड़ ली और अपनी कमर मटका मटकाकर चुदवाने लगी। वो “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की सिस्कारे भी निकाल रही थी। वो किसी घोड़ी की तरह मेरे लौड़े की सवारी कर रही थी। उनकी गहरी चूत मेरे लौड़े को पूरा का पूरा खा रही थी। चाची की कमर जल्दी जल्दी नाचने लगी और मेरे लौड़े को चोदने लगे। मैं किसी घोड़े की तरह अपना घोड़ा चाची की रसीली चूत में दौड़ा रहा था। चाची बड़ी हॉट और सेक्सी माल लग रही थी। आज मेरा उनको चोदने का सपना पूरा हो गया था। मैं भी अपनी तरह से उपर की तरह तेज फटके मारने लगा और चाची को चोदने लगा। मुझे बहुत नशा चढ़ने लगा। चाची की लंड पर बैठकर चुदवाने की बड़ी एक्सपर्ट खिलाड़ी साबित हुई थी। वो किसी अंग्रेज लड़की की तरह कमर मटका कर मेरे लंड की सवारी करने लगी। मुझे लंड पर बड़ा मीठा मीठा अहसास हो रहा था। हम दोनों की चुदाई धीरे धीरे परवान चढ़ने लगी।

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मैंने चाची के मम्मो को दोनों हाथो से कसकर पकड़ लिया और बड़ी जोर से दबा दिया। “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” चाची चिल्लाई। पर मैं रुका नही और गपा गप उनको नीचे ने बजाता ही रहा। मैंने उनके बूब्स को बेदर्दी से निचोड़ दिया था। मेरा लौड़ा बड़ी जल्दी जल्दी उनकी चूत में आ जा रहा था। चाची मेरे लौड़े पर डांस कर करके चुदवा रही थी। आधे घंटे बाद हम दोनों का बदन अकड़ गया और हम दोनों साथ में ही झर गये। चाची बावली हो गयी और चुदवाकर मेरे उपर ही लेट गयी। मैं उनको प्यार करने लगा।

“भतीजे…..आज तूने अपने चाचा की कमी पूरी कर दी। तू बड़ी मस्त ठुकाई करता है!! चाची बोली और मेरे उपर लेटकर मेरे होठ को किस करने लगी। मेरा लंड मुरझा गया था पर अब भी उनकी चूत में घुसा हुआ था। आज चाची ने मुझे बिलकुल मेरी बीबी बनकर मुझे चूत चोदने को दी थी। उनको काले घने बालो ने मेरा चेहरा ही ढक गया था। मैं उनके मुलायम पुट्ठो को अपने हाथ से सहलाने लगा और मजा मारने लगा। कुछ देर बाद मेरा मुरझाया हुआ लौड़ा चाची की चूत से बाहर निकल आया। मैं अभी भी उनके गुल गुल पुट्ठो को सहला रहा था और मजे मार रहा था। फिर चाची मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। मेरा लंड २ इंच मोटा और ९ इंच लम्बा था। चाची मजे से मेरे लौड़े को चूसने लगी। उनके गुलाबी होठो की छुअन से मुझे कुछ कुछ होने लगा। धीरे धीरे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था। चाची के खूबसूरत हाथ और पतली पतली उँगलियाँ मेरे लंड को जल्दी जल्दी फेटने लगी। मुझे मजा आ रहा था। मैं चाची की नंगी पीठ को अपने हाथ से सहला रहा था। चाची को लंड चूसना बहुत पसंद था। वो जोर जोर से मेरे ९ इंची लंड को पूरा का पूरा मुंह में अंदर गले तक ले लेती थी। उनके गुलाबी होठ मेरे मोटे लंड पर सरक रहे थे। वाकई आज मजा आ रहा था। मैं ऐश कर रहा था। दोस्तों किसी भी लड़की से लंड चुस्वाने में विशेष मजा मिलता है। आज मैं वही विशेष मजा ले रहा था।

फिर चाची तेज तेज अपने हाथ ने मेरा लंड फेटने लगी। मैं पागल हो रहा था। “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” मैं कराहने लगा। फिर चाची लंड चुसाई पर पूरा ध्यान देने लगी और मेरे लंड को उन्होंने अपने मुंह से कसकर पकड़ लिया और होठो से दबाव बनाकर चूसने लगी। मेरी तो जान ही जा रही थी। फिर चाची किसी रंडी, वेश्या और छिनाल की तरह जल्दी जल्दी मेरा लंड चूसने लगी। वो इकदम असली रंडी लग रही थी। आज वो कसके चुदना चाहती थी। वासना और काम की जिस्मानी भूख उनपर पूरी तरह से हावी हो गयी थी। वो आधे घंटे तक तेज तेज मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसती रही और मेरे लंड ने मंजन करने लगी। कुछ देर में मैंने अपना माल उनके मुंह में छोड़ दिया। दोस्तों १० दिन बाद मेरे चाचा नागपुर से लौड़े और १० दिन तक मैंने रोज रात में अपनी जवान चाची की बुर चोदी। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।

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