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अपने भाई को साथ सुलाती थी पर उसने मुझे प्रेग्नेंट कर दिया

Bahan Bhai Ki Chudai Rajai Me : आज की सेक्स कहानी जो मैं आपके लिए लेकर आई हूं वह बहुत ही हॉट और सेक्सी है। इस कहानी का जो हीरो है वह मेरा भाई है और मैं उसकी हीरोइन हूं। यह मेरी सच्ची कहानी है और आज मैं नॉनवेज स्टोरी के माध्यम से आप सभी दोस्तों के सामने रखने जा रही हूं। कहानी थोड़े पहले की है पर आज मुझे लिखने का हिम्मत मिला है इस वजह से मैं इस कहानी को इस वेबसाइट पर लिख रही हूं। उम्मीद करती हूं आप सभी दोस्तों को मेरी यह सेक्स कहानी काफी पसंद आएगी।

मेरा नाम सुषमा है और मेरे भाई का नाम प्रवीण है प्रवीण मेरा छोटा भाई है। मेरे मम्मी पापा थोड़े अलग ख्याल के लोग हैं सच पूछिए तो मॉडर्न बोले या पागलपन बोले। बचपन से ही मैं भाई बहन दोनों साथ सोते थे। पर मां-बाप को चाहिए कि जब उनका बेटा बेटी जवान हो जाए तो थोड़ा सा दूरी एक दूसरे से बनाना बहुत जरूरी हो जाता है। बचपन की बात अलग होती है पर जब जवान हो तो कुछ ना कुछ जरूर मां-बाप को इसके बारे में सोचना चाहिए जैसा कि मैं आज आपको बताने जा रही हूं कि मेरे साथ क्या गलती हुआ था और मेरे मां-बाप के साथ कह गलती हुआ था।

हम दोनों भाई बहन बचपन से साथ सोते थे और जैसे-जैसे बड़ा हुए मम्मी पापा को शायद यह भनक नहीं लगा के हम दोनों जवान हो गए हैं। एक आदत थी बचपन से साथ सोने की तो अभी तक साथ सो ही रहे थे। मम्मी पापा दूसरे कमरे में सोते थे और हम दोनों भाई बहन दूसरे कमरे में सोते हैं। जवानी दोनों भाई बहन को दस्तक दे चुका था। मैं अपने भाई से थोड़ा बड़ी थी और ऐसे भी लड़के ही थोड़ी जल्दी जवान हो जाते हैं इस वजह से मेरी चूचियां मेरी गांड मेरे जांग सब मोटे मोटे चौड़े चौड़े बड़े बड़े हो चुके थे।

अब मैं दिन-रात ख्वाब देखने लगी लैंड की बॉयफ्रेंड बनाने की वजह से मैं इस वेबसाइट पर आने लगी। घर में जब रहती हूं तो यही सब ख्याल आते रहता है। मेरा भाई बाहर जाता है आजकल इंटरनेट का जमाना है मोबाइल का जमाना है तो आपको पता ही है वह भी जरूर कुछ ऐसी वैसी फिल्में देखता होगा जिसकी वजह से उनके अंदर की वासना भी जाग चुकी थी वह भी जवान हो गया था।

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ठंड का महीना होने के कारण हम लोग दोनों एक अलग अलग रजाई में सोते थे। हम दोनों का अलग अलग था। 1 दिन की बात है उस दिन बहुत ज्यादा ठंड थी बारिश भी हो गई थी शायद आपके साइड भी बारिश हुआ ही होगा। आकाश में बादल चमक रहे थे पूरा बादल था ठंडा हवा चल रही थी। मम्मी पापा अपने कमरे में रंगरेलियां मना रहे होंगे जैसा कि वो रोज करते हैं दरवाजा बंद करके।

किसी तरीके से हम दोनों भाई बहन भी एक दूसरे से बातचीत करते करते अपने-अपने रजाई में सो गए। जब रात को मेरी नींद खुली और नींद खुलने का कारण यह था कि मेरा भाई अपने रजाई में नहीं मेरे रजाई के अंदर था। मेरे कपड़े के ऊपर से ही मेरी चूत को सहला रहा था। कभी वह चुचियों पर मेरी हाथ रखता कभी उम्मीद पर हाथ रखता कभी मेरे जांघों को छूता कभी मेरे पेट को छूता कभी मेरे गाल को छूता।

पहले तो मुझे लगा कि मैं उसे मना कर दूं कि तुम ऐसा क्यों कर रहे हो। मुझे लगा कि बात आगे बढ़ जाएगी तो मुझे लगा कि इस चुप ही रह जाते हैं। उसको क्या बोलेंगे अगर कुछ बोल दिया तो इज्जत हम दोनों की जाएगी। इज्जत जाना ही है तो चुपचाप चली जाए मैं यही सोचकर चुप रही। पर जब इंसान जाग जाता है तो उसके साथ चलने का तरीका बदल जाता है. सामने वाले को पता चल जाता है कि अगला इंसान जगा हुआ है। मेरी सांसे तेज तेज चल रही थी। इसका कारण यह था कि पहले वह आराम आराम से मेरी चुचियों को छू रहा था पर धीरे-धीरे वह दबाने लगा पहले वह चूत के ऊपर हाथ रख कर सहला रहा था।

पर अब वह जोर-जोर से मेरे चुचियों को दबाने लगा मेरे चूत को छूने लगा मेरे जांघिया में अपना हाथ घुसा दिया और मेरी चूत में उंगली डालने लगा। उसने मुझे छेड़ दिया था अब मेरी चूत गीली होने लगी थी मेरी चूचियां खड़ी हो गई थी निप्पल खड़ा हो गया था मैं अंगड़ाइयां लेने लगी थी मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी थी। उसके बाद मैंने उसको आमंत्रित कर ही लिया मुझे चोदने के लिए। मैंने अपने पजामे को नीचे करके अपनी पेंटी खोल दी और टांगों को फैला दिया।

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उसने मेरे ब्रा को खोल कर मेरी चुचियों को बाहर निकाल लिया और दोनों हाथों से मसलते हुए अपने मुंह में लेकर निप्पल को दांत से काटने लगा चूसने लगा। इसे मैं और भी ज्यादा पागल हो गई मेरे से रहा नहीं जा रहा था। मैंने तुरंत ही उसका लंड पकड़ लिया उसका लैंड मोटा और लंबा था। मैं थोड़ा नीचे सरक गई वह थोड़ा ऊपर आ गया उसने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया मैं उसके लंड को चूसने लगी। वह मेरी चूचियों को दबा दे रहा मैं उसके लैंड को चुस्ती रही।

फिर मैंने उसको इशारे से धक्के दिया कि नीचे चला जा हम दोनों में कोई बात नहीं हो रही थी। वह नीचे चला गया मैंने अपनी टांगों को फैला दिया। उसने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर रखा और जोर से घुसा दिया। मेरी चूत पहले से ही काफी ज्यादा गिरी थी और चिपचिपा हो गया था इस वजह से उसका लंड आराम से मेरी चूत के अंदर समा गया। जैसे ही उसका लंड मेरी चूत के अंदर गया मैं तो पागल हो गई मैं तुरंत ही गांड गोल गोल घुमा घुमा कर अपने भाई के लंड को अपने चूत के अंदर लेने लगी।

जोर-जोर से मुझे धक्के दे देकर चोदने लगा। मेरे चुचियों को दबोच ते हुए मेरे होंठ को चूमने लगा हम दोनों की गरम गरम सांसें एक दूसरे से टकरा रही थी। हम दोनों आपस में कुछ भी नहीं बोल रहे थे पर हां हम दोनों अपनी भावनाओं को एक दूसरे से व्यक्त कर रहे थे मैं जो उसको इशारा से कहती थी वह समझ जाता था कभी मैं उसको अपनी चुचियों को उसके मुंह में देती और वह पीने लगता था। कभी वह मेरी चूचियों को मसलने लगता था मैं कहती थी और जोर से मारो इशारे से तो वह और जोर जोर से धक्के देकर अपना लंड में चूत के अंदर डालने लगा था।

उसने मुझे उल्टा कर दिया गांड के तरफ से फिर से लंड चूत के अंदर डालकर जोर-जोर से चूतड़ के ऊपर से उछाल उछाल के मुझे चोदने लगा। सर्दी का दिन था दोस्तों पर मुझे गर्मी से लगने लगी थी मेरा पूरा शरीर गरम हो गया था। वह गांड के तरफ से अपना लंड मेरी चूत में घुसा जा रहा था और जोर जोर से धक्के दे रहा था। उसने मेरी गांड के छेद पर थूक लगाया और अपना लंड कस के अंदर डाल दिया। मैं दर्द से छटपटा गई मैंने तुरंत उसको धक्के देकर अपना लंड बाहर निकालने के लिए बोली। उसने तुरंत ही अपना लंड बाहर निकाल दिया फिर मैंने उसको गांदमारने नहीं दी।

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मैं सीधी हो गई टांगें फैला दी उसने फिर से मेरी चूत में लंड डालकर जोर जोर से धक्के मारने लगा मैं भी उसको अपनी बाहों में ले ली वह भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया हम दोनों के गरम गरम सांसें एक दूसरे के कान के पास आ जा रही थी। करीब 15 से 20 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही शांत होकर निढाल हो गए। चुपचाप कपड़े पहने फिर से अपने-अपने रजाई में चले गए और सो गए।

यानी की चुदाई हो गई सब कुछ हो गया पर हम दोनों एक दूसरे से कभी बात नहीं किया उस रात। दिन में 10:00 बजे छत पर उसने मुझे बोला रात को मजा आया तो मैंने सिर्फ सिर हिला कर बोल दिया हाँ। फिर उस दिन क बाद से हम दोनों के बिच संबंध रोजाना बन रहा है।