Brother Sister Hindi Sex Story : मैं, काव्या, 21 साल की एक जवान और सेक्सी लड़की, दिल्ली के एक मिडिल-क्लास मोहल्ले में अपने मम्मी-पापा और छोटे भाई, अंश, के साथ रहती थी। मेरा गोरा रंग, लंबे काले बाल, टाइट चूचे, और गोल-मटोल चूतड़ कॉलेज में लड़कों को दीवाना बना देते थे। मेरा भाई अंश, 19 साल का, फिट और मस्तमौला लड़का था, जो हमेशा मेरे साथ मजाक करता रहता था। लेकिन उसकी शरारती हरकतें हाल ही में कुछ ज्यादा ही कामुक हो गई थीं। ये कहानी उस रात की है, जब अंश ने सोते वक्त मुझे इतना छेड़ा कि मेरी चूत गीली हो गई और हमारी भाई-बहन की मर्यादा एक नई दिशा में मुड़ गई।
उस रात गर्मी बहुत थी, और हमारे घर का AC खराब हो गया था। मम्मी-पापा अपने कमरे में सो रहे थे, और मैं और अंश अपने कमरे में एक ही बेड पर सो रहे थे, क्योंकि हमारा दूसरा बेड खराब था। मैंने एक पतली सी नीली नाइटी पहनी थी, जो मेरी क्लीवेज और जांघों को थोड़ा उभार रही थी। अंश ने सिर्फ एक शॉर्ट्स और बनियान पहनी थी। रात के करीब 1 बजे, मैं गहरी नींद में थी, जब मुझे लगा कि कोई मेरी जांघों पर हल्के-हल्के हाथ फेर रहा है। मैंने आंखें खोलीं तो देखा कि अंश मेरे बगल में लेटा हुआ है, और उसका हाथ मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी जांघों को सहला रहा है।
“अंश, ये क्या कर रहा है?” मैंने फुसफुसाते हुए पूछा, लेकिन मेरी आवाज में गुस्से से ज्यादा एक अजीब सी सनसनाहट थी। उसने शरारती मुस्कान के साथ कहा, “दी, तू इतनी हॉट लग रही थी सोते हुए, मैं खुद को रोक नहीं पाया।” उसकी बात सुनकर मेरी सांसें भारी हो गईं। मैंने उसे रोकने की कोशिश की, “अंश, मैं तेरी दीदी हूं, ये गलत है।” लेकिन उसने मेरी बात अनसुनी कर दी और अपना हाथ मेरी नाइटी के अंदर डालकर मेरी जांघों को और जोर से सहलाने लगा। मेरी चूत में एक अजीब सी गुदगुदी होने लगी, और मैं खुद को रोक नहीं पा रही थी।
अंश का हाथ धीरे-धीरे मेरी पैंटी की तरफ बढ़ा। उसने मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत को हल्के से दबाया, और मैं सिसक उठी। “दी, तेरी चूत तो पहले से ही गीली है,” उसने फुसफुसाया। मैं शर्म से लाल हो गई, लेकिन मेरे शरीर ने मुझे धोखा दे दिया। मेरी चूत सचमुच टपक रही थी। उसने मेरी नाइटी को ऊपर उठाया और मेरी पैंटी को एक तरफ सरकाकर अपनी उंगलियां मेरी चूत पर फेरनी शुरू कीं। “आह… अंश, ये गलत है… रुक जा,” मैंने सिसकते हुए कहा, लेकिन मेरी आवाज में कमजोरी थी। उसकी उंगलियां मेरी चूत के दाने को रगड़ रही थीं, और मेरा शरीर कांप रहा था।
उसने मेरी पैंटी को पूरी तरह उतार दिया और मेरी चूत को अपने मुंह के पास ले गया। “दी, तेरी चूत की खुशबू मुझे पागल कर रही है,” उसने कहा और अपनी जीभ मेरी चूत पर रख दी। मैं चीख पड़ी, “आह… अंश, ये क्या कर रहा है!” उसकी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में थी, और मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। उसने मेरी चूत का रस चाटना शुरू किया, और मेरी सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं। “चाट ले मेरी चूत को… और जोर से!” मैं बेकाबू होकर बोल पड़ी। उसने मेरी चूत को इतनी जोर से चाटा कि मैं झड़ने के करीब पहुंच गई।
अंश ने अपनी बनियान और शॉर्ट्स उतार दी। उसका मोटा, तना हुआ लंड मेरे सामने था। मैंने हैरानी से उसकी तरफ देखा, “अंश, तेरा लंड इतना बड़ा है?” उसने हंसते हुए कहा, “दी, ये तेरी चूत के लिए ही बना है।” उसने मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा। मैंने उसे सहलाना शुरू किया, और उसकी सिसकारियां निकलने लगीं। “दी, इसे चूस,” उसने कहा। मैं झिझकी, लेकिन मेरी वासना ने मुझे हरा दिया। मैंने उसके लंड का टोपा अपने मुंह में लिया और चूसने लगी। उसकी जीभ मेरी चूत में थी, और मेरा मुंह उसके लंड पर। हम 69 की पोजीशन में एक-दूसरे को पागल कर रहे थे।
उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टांगें फैलाकर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। “दी, तेरी चूत को चोदने का सपना मैंने कब से देखा है,” उसने कहा। मैं सिसकते हुए बोली, “अंश, धीरे से… मैंने पहले कभी नहीं किया।” उसने मेरी चूत में हल्के से अपना लंड डाला, और मैं दर्द से चीख पड़ी। “आह… अंश, दर्द हो रहा है!” उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे और धीरे-धीरे अपना लंड अंदर धकेलने लगा। मेरी चूत की सील टूटी, और थोड़ा खून निकला, लेकिन दर्द के साथ-साथ सुख भी मिल रहा था।
उसने अपनी रफ्तार बढ़ा दी। उसका लंड मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था, और मेरी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं। “आह… अंश, और जोर से… मेरी चूत को फाड़ दे!” मैं चीख रही थी। उसने मेरे चूतड़ पकड़ लिए और मुझे जोर-जोर से चोदने लगा। मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे, और मैंने उसके निप्पल्स को दबाना शुरू किया। उसने मेरे निप्पल्स को अपने दांतों से हल्के से काटा, और मैं और पागल हो गई। “दी, तेरी चूत इतनी टाइट है… मैं झड़ने वाला हूं,” उसने कराहते हुए कहा।
मैंने अपनी चूत को और सिकोड़ा और बोली, “अंश, मेरे अंदर झड़… मुझे तेरा रस चाहिए!” उसके धक्के और तेज हो गए। मेरी चूत उसके लंड से रगड़ खा रही थी, और मैं भी झड़ने के करीब थी। आखिरकार, उसने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका गर्म रस मेरी चूत में भर गया। मैं भी उसी पल झड़ गई, और मेरी चूत का रस उसके लंड पर बहने लगा। हम दोनों हांफते हुए एक-दूसरे की बाहों में गिर पड़े। हमारी देहें पसीने और रस से चिपचिपी थीं।
मैंने उसकी छाती पर सिर रखा और हल्के से हंसी, “अंश, तूने मुझे पागल कर दिया।” उसने मेरे चूतड़ पर हल्के से चपत मारी और बोला, “दी, तेरी चूत ने मुझे दीवाना बना दिया।” उस रात के बाद, हमारा रिश्ता बदल गया। जब भी मम्मी-पापा घर से बाहर होते, अंश मेरे साथ बेड शेयर करता। उसकी शरारती छेड़खानी अब मेरी चूत की प्यास बुझाने का जरिया बन गई थी। एक बार तो उसने मुझे किचन में पकड़ लिया और काउंटर पर चढ़ाकर मेरी चूत चोदी।
हमारा ये गुप्त रिश्ता एक अनकहा राज बन गया। अंश का लंड अब मेरी चूत का आदी हो चुका था। हर रात, जब मैं बिस्तर पर लेटती, उसकी छेड़खानी की यादें मेरी चूत को फिर से गीला कर देती थीं। उसकी हरकतें मुझे हैरान करती थीं, लेकिन उसकी वजह से मेरी वासना की आग और भड़क रही थी।
अगली सुबह, जब मैं नाश्ता बना रही थी, अंश मेरे पीछे आया और मेरी कमर पकड़ ली। “दी, तेरी चूत फिर से मेरे लंड को बुला रही है,” उसने फुसफुसाया। मैंने गुस्से से उसकी तरफ देखा, लेकिन मेरी चूत में फिर से वही सनसनाहट होने लगी। “अंश, तू सुधरेगा नहीं,” मैंने हंसते हुए कहा, लेकिन मैं जानती थी कि मैं फिर से उसकी शरारतों में फंस जाऊंगी।