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अपनी बहू को सुहागरात में पटक कर चोदा और चीखें निकाल दिया

अब छोड़ दीजिए पिताजी, अब मैं आपका लंड बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी, बहुत दर्द हो रहा है मेरी चूत में। अब बस करिए बाद में आप जितना मर्जी आराम आराम से चूत लीजिएगा आज तो पहला दिन है मेरे ससुराल में। मैं अब आपको कभी मना नहीं करूंगी आप ही मुझे खुश करिएगा पर आज आप बस कीजिए मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। खुद देख लीजिए मैंने चूत कैसे लाल हो गई है मेरी चुचियों पर आपके नाखून के निशान भी आ रहे हैं। जी हां दोस्तों ऐसा ही मेरी बहू मुझे कह रहे थे जब मैं उसको चोद रहा था आज मैं आपको पूरी कहानी नॉनवेज story.com पर लिखने जा रहा हूं। मैंने कोई जबरदस्ती नहीं की ना मैंने खुद से ही ऐसा सब कुछ किया है हालात ऐसा बना दिया था मेरी बहू ने मुझे यह सब करना पड़ा।

मेरा नाम नकुल है। मैं 42 साल का हूं मेरी बीवी नहीं है वह आज से 10 साल पहले ही गुजर गई थी। मेरा एक बेटा है जिसकी शादी जल्दी ही कर दी ताकि घर में एक औरत आ जाए तो घर घर जैसा लगता है नहीं तो घर अच्छा नहीं लगता कि आपको भी पता है घर में एक औरत का रहना कितना जरूरी है। इस वजह से मैंने अपने बेटे दिव्यांश की शादी प्रिया नाम की लड़की से करा दी। प्रिया को मैंने पसंद इसलिए किया था क्योंकि वह बहुत ही खूबसूरत और अच्छे खानदान की लड़की है। मुझे प्रिया की खूबसूरती भा गई थी। प्रिया बहुत ही खूबसूरत लंबी चौड़ी गठीला बदन वाले जबरदस्त हॉट और सेक्सी लड़की हैं। मुझे ऐसे ही बहुत चाहिए था जो प्रिया के रूप में मेरे घर में नई बहू आ गई।

मेरा बेटा फौज में है शादी के लिए एक महीना पहले ही वह छुट्टी लेकर घर आ गया था। शादी में उतना ज्यादा मेहमान नहीं आए थे क्योंकि यह शादी कोर्ट मैरिज थी। तो सबको मैंने एक होटल में ही बुलाया था कोर्ट के बाद सीधे दूल्हा-दुल्हन होटल आ गया और वहीं पर शादी होकर फिर मेहमान में से विदा हो गए। दूसरे दिन हम लोग सब अपने घर आ गए। मैं भी अपने बेटे की सुहागरात के लिए फूल वाले को बुलवाया ताकि उसका बेड अच्छे से सजा दे। ऐसा ही हुआ मैं कोई कसर नहीं छोड़ा था अपने बेटे की खुशियों के लिए।

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घर में मैं अकेला ही था मेरा बेटा और बहू बाहर से ही खाना मंगवा कर हम लोगों ने खा लिया था। मैं जल्दी ही सोने चला गया क्योंकि मुझे पता था कि आज का दिन मेरे बेटे बहू के लिए खास है तो मुझे अच्छा नहीं लगा कि मैं देर रात जागता रहूं और मेरे बेटे बहू की प्राइवेसी में खलल पड़े। मैं नॉनवेज story.com पर सेक्स कहानियां सो गया। जब नींद खुली मेरे बेटे और बहू में लड़ाई हो रही थी। मैं हैरान हो गया शादी के पहले दिन लड़ाई। मामला काफी बिगड़ गया मैं बीच-बचाव बिल्कुल भी नहीं करने गया था। मुझे लगा खुद ही यह दोनों अपने आप ठीक कर लेंगे। पर ऐसा नहीं हुआ वह दोनों लड़ते-लड़ते मेरे कमरे तक आ गए।

मेरा बेटा बोला आपने मेरे लिए कैसी लड़की ढूंढ कर लाए हो। इसको दूल्हा नहीं चाहिए था इसको एक सांड चाहिए था। यह कहती है कि तेरा औजार बहुत छोटा है मेरी जिंदगी खराब हो गयी। यह कहती है मुझे कुछ भी नहीं हो रहा है मैं तुम्हारे साथ नहीं रहूंगी मैं वापस चली जाऊंगी उस इंसान के साथ मैं कैसे रहूंगी जो मुझे खुश ना कर सके। जब तुम पहली रात में मुझे खुश नहीं कर पा रहे हो तो पूरी जिंदगी क्या करोगे। मैं हैरान हो गया समझ नहीं आ रहा था मैं क्या बोलूं। मेरा बेटा बहुत गुस्से में था वह दोनों ही एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे थे। मैं समझ नहीं पा रहा था कि एक नई लड़की जो पहली बार बहू बनकर आई है और उसका यह रूप देख कर मुझे बहुत गुस्सा आने लगा।

मैंने अपने बेटे को बोला सब ठीक हो जाएगा मैंने बहू को भी बोला सब ठीक हो जाएगा आज का दिन ऐसे लड़ाई करने का नहीं है। तुम दोनों ही एक दूसरे के लिए नए हो इस वजह से ऐसी दिक्कत हो रही है आगे जाकर शायद ऐसी दिक्कत नहीं होगी। मेरी बहू बोली दिक्कत कैसे नहीं होगी इसका तो खड़ा भी नहीं होता है। मैंने अपने बेटे को पूछा क्या बात है बेटा ? उसने बोला पापा मैं मानता हूं कि मुझे दिक्कत है फौज में चोट लग गया था इस वजह से अभी दिक्कत हो रही है डॉक्टर बोला कि कुछ दिनों में ठीक हो जाएगा।

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इतना सुनते ही मेरी बहू और भी ज्यादा आग बबूला हो गई और बोली जब तेरे में दम नहीं था तो मेरे साथ तुमने शादी क्यों किया। इतना सुनते ही मेरा बेटा तुरंत ही घर छोड़कर चला गया। मुझे लगा कि मेरा एक ही बेटा था और वह भी मुझे छोड़ कर चला गया मैं बहुत गुस्से में आ गया जाकर मेन दरवाजा बंद किया वापस आकर देखा तो बहू उसे बेड पर बैठी हुई थी। मैं गुस्से में लाल हो गया था मैं उसको जाकर गालियां देते हुए बोला क्यों तेरी चूत में ज्यादा गर्मी है। वह बोली अगर है तो क्या करोगे तुम बुझाओगे। इतना सुनते ही मैंने कह दिया हां मैं पूछ लूंगा आज मैं देखता हूं तेरे मैं कितनी गर्मी है और कितना सहती है तुम।

और मैंने तुरंत ही उसको पकड़ा और उठाकर पटक दिया बैठकर उसकी साड़ी को ऊपर करके उसकी पेंटी खींच कर बाहर निकालदिया। उसका ब्लाउज कहां खोल कर तुरंत ही मैंने 2 मिनट में बाहर कर दिया ब्रा ऊपर से खींचकर निकाल दिया। बड़ी-बड़ी चूचियां को मसलते हुए मैंने उसको गालियां देनी शुरू की। वह भी हरामजादी ऐसी थी कि वह कुछ भी नहीं बोल रही थी चुप थी शायद वह मेरे लंड का इंतजार कर रही थी। मैंने अपना लंड निकाला उसके दोनों टांगों को अलग-अलग किया उसके गोरी चिकनी चूत के छेद पर मैंने अपना लंड लगाया और जोर से घुसा दिया।

मेरा मोटा लंड जब उसकी चूत की दरार के बीच में छेद करते हुए अंदर गया वह दर्द से कराह ने लगी। मैं रुकने वाला कहा था मैं उसके चुचियों को मसलते हुए अपना मोटा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। गालियां देते रहा ले मेरा लंड आज मैं देखता हूं तेरे अंदर कितने घर में है। मेरा लंड और भी तेरे मोटा हो गया करीब 9 इंच का ऐसे ही में सालों से अपने औजार का इस्तेमाल नहीं किया था आज मेरा औजार मोटा और लंबा काफी ज्यादा हो गया था। उसके होंठ को मैं अपने दांतों से काटने लगा और जोर जोर से धक्के दे देकर मैं उसकी चूत में लंड को घुसा कर जोर से धक्के दे देता था।

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मेरा लंड जैसे जैसे मोटा होता गया और मैं जोर-जोर से अपने बहू को चोदने लगा उसके आंख से आंसू आने लगे अब वह मना करने लगी पिताजी बस करो मुझसे गलती हो गई अब ऐसा नहीं होगा। मेरी बहू को बहुत ज्यादा ही दर्द होने लगा पर मैं कहां मानने वाला था मेरा बेटा ऐसे भी घर में नहीं था। क्योंकि मैंने उसका मैसेज पढ़ लिया था वह अपने दोस्त के यहां चला गया था। मुझे मौका मिल गया पूरी रात नई नवेली बहू को चोदने का मैंने भी अपने बेटे को मैसेज कर दिया है कोई बात नहीं सुबह आना मैं बहू से बात कर रहा हूं।

और मैं जोर जोर से धक्के देकर उसको चोदने लगा कभी घोड़ी बनाया कभी कुत्तिया बनाया कभी खड़ा करके चोदा कभी लिटा कर चोदा। उसकी चुचियों पर मेरे दांत के निशान भी साफ साफ दिखाई देने लगे थे उसकी चूत लाल हो गई थी सूज गई थी उसके होंठ को भी मैंने कई जगह पर काट लिया था। करीब 1 घंटे की चुदाई करने के बाद उसके कमर में दर्द होने लगा था और वह मुझसे वादा कि ऐसा कुछ नहीं होगा मैं अपने पति को खुद ही डॉक्टर के पास ले जाकर दिखाऊंगी आज के बाद ऐसा नहीं होगा पता नहीं मुझे क्या हो गया था।

तब जाकर मैंने अपना सारा माल अपने बहु की चूत में छोड़ा। सुबह मेरा बेटा घर आया सब कुछ बदला बदला सा हो गया मेरी बहू मेरे बेटे को सॉरी बोली और फिर हम तीनों ही खुशी-खुशी रह रहे हैं। एक दिन मैंने बहू को मुस्कुराकर पूछा कैसा चल रहा है वह बोली सब ठीक तो नहीं है पर हां ठीक हो जाएगा। ऐसे भी इनकी छुट्टी अब 6 दिन और है उसके बाद देखते हैं क्या होता है। यानी कि वह इस इंतजार में है कि जब मेरा बेटा वापस फौज में जाएगा तो वह मेरे साथ ही सोया करेगी।