मिर्जापुर ससुर बहु की चुदाई की कहानी

mirzapur sex story : जब आप बड़े घर की बहू होती है तो चारदीवारी के अंदर और भी बहुत से कांड होते हैं। लोगों को लगता है की ज़िंदगी बड़ी अच्छी चल रही होगी पर ऐसी बात नहीं होती है। आज मैं आपको अपनी चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ। मेरे ससुर जी मुझे कैसे चोदते हैं इतने बूढ़े होकर भी मेरी चुत और गांड फाड़ देते हैं। ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिख रही हूँ।

बूढ़ा शेर है मेरा ससुर जो की एक कमसिन हिरन की तलाश में ही रहता है चाहे मेरी नौकरानी सुधा हो या मैं खुद वो चाहे तो हम दोनों को एक साथ पेल दे चोद दे। आज मैं आपको अपनी इस काले कारनामे को आपलोगों के सामने लाने जा रही हु ताकि आपलोग भी मेरी ये कहानी पढ़कर समझ सकें की बड़े घर की बहुएं कैसे चुदती है अपने ही घर में। और सबको लगता है बड़ी इज्जत वाली होती होगी।

मैं 28 साल की हूँ। मेरा पति मेरे से बाईस साल बड़ा है मैं दूसरी पत्नी हूँ। गरीब घर से आई हूँ तो कुछ तो समझाता करना पड़ा क्यों। अपने से दूना उम्र की आदमी से शादी करने के लिए राजी हो गयी। सौतेली माँ होती ही ऐसी है उसने ही ये शादी करवा दिया।

शादी के बाद अपने ससुराल आ गयी। ससुराल में मैं, मेरा पति भुवन राज जी, उनका जवान बेटा कुलवंत और मेरा ससुर जगजीता। घर में औरत के नाम पर तीन काम वाली। घर नहीं महल है। जागीर है बड़ी हवेली। सुधा उसमे से एक ऐसी नौकरानी है जिसको मेरे पति भी पेलते थे। उनका बाप भी और बेटा भी यानी की तीन तीन पीढ़ी एक लड़की को पेल रहे थे आप खुद ही सोचिये क्या चल रहा होगा महल में।

Hot Sex Kahani  फूफा ने मेरी कुंवारी चूत का उद्घाटन किया

जब मैं आई तो देखि यहाँ का मजारा बहुत ही अलग है। पर मैं कर भी क्या सकती। पर यही सोचकर खुश हो गयी की बड़े खानदान की बीवी और बहु बन गयी हूँ इसी का गुमान था। इज्जत था। किसी चीज की कमी नहीं थी जैसी चाहती थी ज़िंदगी वैसी ही मिली।

व्याह कर घर आई तो घर में खुशियां आ गयी। सब लोग इज्जत करने लगे। चार चार नौकरानी आगे पीछे रहने लगी। पर रात को जब पति मेरे साथ सोने आये और मैं दूध लाई उनके लिए। उन्होंने गले गया मुझे लगा की पूरी दुनिया मिल गयी है। खुश रहूंगी और खुश रखूंगी।

पर आधे घंटे में ही सब कुछ बेकार हो गया। मेरे सारे कपडे उतारे। ब्रा खोला पेंटी खोली। खूब चाटा मेरी चूत को खूब पीया मेरी चूचियां निप्पल भी खूब दबाया उँगलियों से। गांड में तीन तीन बार ऊँगली डाली। चूत पर खूब हाथ फेरा। मेरी जिस्म को पानी पानी कर दिया। चूत से गरम गरम पानी निकल गया। मुँह से सिसकारियां निकलने लगी। मेरी वासना चरम सीमा पर थी। मुझे लग रहा था अब्ब्ब मुझे लंड चाहिए। मेरी गरम गरम साँसे निकलने लगी।

मैं अपना पैर फैला दी चूत खोल दी। चूचियां हौले हौले से दबाने लगी और अपने दांत से खुद के होठ को दबाने लगी। पति रोबाब वाला आदमी मेरे ऊपर चढ़ गया। और लंड पकड़ कर चूत पर लगाया। मेरी साँसे अटक गयी की अब क्या होगा। पूरा लंड अंदर गया तो क्या होगा दर्द बहुत होगा। मैं तकिये को पकड़ ली ताकि दर्द को सह पाऊं।

Hot Sex Kahani  उधर रावण दहन हो रहा था इधर मुझे भैया चोद रहे थे

पर दोस्तों मेरे चूत पर गरम गरम लगने लगा. पति को देखि तो वो ऊपर चढ़ा हुआ था लंड पकड़ा हुआ था पर सारा माल गिर गया चूत के ऊपर ही बिना चोदे। तुरंत ही वो निढाल हो गया और मेरे करीब ही सो गया। मैं साँसे रोक रोक कर अपने आप को शांत कर रही थी। उन्होंने कहा आज नहीं हो पायेगा आज बहुत टेंशन है। और फिर सो गए मैं भी अपने कपडे पहन ली और सो गयी।

मैं थोड़ी देर बाद बाहर गयी तो देखि बाबूजी। जो की अपाहिज है वो हमेशा ४ पहिये वाली गाडी पर ही रहते है जब सोते है तभी उतारते हैं। बाहर थे वो मुझे घूर रहे थे। उन्होंने कहा बहू सब कुछ ठीक है या नहीं। मैं कुछ नहीं बोली और पानी निकालने लगी और वही पिने लगी। बाबूजी बोले, कोई दिक्कत हो तो मुझे बता देना।

और मैं फिर अपने कमरे में आ गयी। दूसरे दिन भी यही तीसरे दिन भी यही। यानी की मेरा पति मुझे चोद नहीं सकता है वो नामर्द है। करती भी क्या। मुझे इस महल में रहना था। बस चुदाई का गम था। धीरे धीरे मेरी नजदीकियां ससुर जी यानी बाबूजी से हो गयी। बाबूजी उम्रदराज थे। पर लंड खनक था। शिलाजीत दूध में डालकर पीते थे और रोजाना तेल मालिश करवाते थे।

लंड बहुत मोटा और लम्बा था और लंड में दम भी था। पहली बार तो लगा की वो मुझे क्या चोद पाएंगे पर मैं गलत थी वो मुझे खुश कर दिए। बस मुझे चुदना होता था वो हमेशा निचे ही रहते थे और मैं ऊपर रहती थी। मोटा लंड मेरी चूत में जाने लगा। मेरी चूचियां मसलते और लंड मोटा करके रखते मैं चुड़ते रहती थी। और खुश करते रहती थी ससुर जी को और वो मुझे खुश करते रहते।

Hot Sex Kahani  होली की खुमार में चोद दिया अपने आँचल दीदी को

उन्होंने एक बात बताई की पहली बीवी जो मेरे पति का था। उसका भी सम्बंद उनके साथ था मेरा पति उनको भी नहीं चोद सकता था मेरे ससुर जी ही पहली बाली को चोदते थे। उनका जो संतान है यानी पोता असल में मेरे ससुर जी का ही बेटा है। मेरे ससुर से ही वो माँ बनी थी।

मेरे ससुर जी कह रहे थे जल्दी से एक बेटा पैदा कर दे। खुशियां ला दे घर में। दोस्तों आज मैं तीन महीने से अपने ससुर से चुद रही हूँ। और मेरा ससुर मुझे रोज चोदता है रात में। और मेरा पति बस चाटने का काम करता है।