Ek hot sex story in Hindi : मसूरी की कोहरे भरी रातें, जहाँ ठंडी हवाएँ जिस्म को छूती थीं और दिलों में वासना की आग सुलगती थी, वहाँ एक लग्जरी रिजॉर्ट का प्राइवेट लाउंज था—’रातों का नशा’। मखमली पर्दों, नीली मद्धम रोशनी और स्कॉच की तीखी महक के बीच, निशा अपनी स्किन-टाइट रेड ड्रेस में बैठी थी। उसकी ड्रेस इतनी चुस्त थी कि उसके भरे हुए बूब्स का उभार हर नजर को बेकरार कर रहा था। उसकी लंबी टाँगें, जो ड्रेस के गहरे स्लिट से झाँक रही थीं, और वो गीले होंठ, जो वाइन के गिलास को चूम रहे थे, किसी के भी लंड में हलचल मचा सकते थे। निशा की कजरारी आँखों में एक ऐसी कामुकता थी, जो हर मर्द को अपनी ओर खींच लेती थी।
लाउंज के कोने में, बार काउंटर पर, रवि अपनी व्हिस्की को हल्के से हिलाता, निशा की हर अदा को अपनी आँखों से चाट रहा था। उसकी फिट बॉडी, अनबटन शर्ट से झाँकता चौड़ा सीना, और वो गहरी, भारी आवाज किसी भी औरत की चूत को गीला कर सकती थी। रवि एक फ्रीलांस फोटोग्राफर था, जो अपनी तस्वीरों में जुनून को कैद करता था, लेकिन निशा की वो एक नजर ने उसके लंड को बेकाबू कर दिया था।
पहली मुलाकात की आग
एक रात, जब लाउंज में भीड़ कम थी, रवि ने हिम्मत जुटाई। वह निशा की टेबल के पास गया, अपनी व्हिस्की का गिलास थामे। “तेरी ये ड्रेस मेरे लंड को तड़पा रही है,” उसने धीमे, कामुक लहजे में कहा, अपनी आँखें निशा की आँखों में गड़ाते हुए। निशा ने अपनी टाँगें क्रॉस कीं, जिससे उसकी ड्रेस और ऊपर सरक गई, और उसकी चिकनी जाँघें साफ़ दिखने लगीं। “तो तड़प को छूकर देख, कितना मज़ा है,” उसने फुसफुसाया, अपने होंठों को हल्के से चाटते हुए।
रवि की साँसें तेज हो गईं। वह निशा के इतने करीब बैठ गया कि उसकी जाँघों की गर्माहट उसे महसूस हो रही थी। “तू एक चलता-फिरता नशा है, निशा,” उसने कहा, उसकी उंगलियाँ निशा की कलाई पर हल्के से फिर रही थीं। निशा ने अपने बूब्स को हल्के से दबाया, जैसे अपनी ड्रेस को ठीक कर रही हो, और बोली, “मेरी चूत में वो आग है, जो तुझे जला देगी। आजमा के देख।”
कामुक खेल की शुरुआत
उस रात, लाउंज की मद्धम रोशनी में, उनकी बातें शराब से भी ज्यादा नशीली हो गईं। निशा ने अपनी ड्रेस का स्ट्रैप धीरे से खिसकाया, जिससे उसके बूब्स का गहरा क्लीवेज और साफ़ दिखने लगा। रवि की नजरें वहाँ ठहर गईं, और उसने धीरे से निशा के कान के पास फुसफुसाया, “तेरे ये बूब्स मेरे मुँह में समाने को बेताब हैं।” निशा ने हल्के से अपने होंठ रवि के गाल पर रगड़े और कहा, “तो इन्हें चूसकर देख, कितना रस है इनमें।”
बातों का ये खेल लाउंज बंद होने तक चलता रहा। निशा ने रवि का हाथ पकड़ा और उसे रिजॉर्ट के एक प्राइवेट कॉरिडोर में ले गई। वहाँ, कोहरे और ठंड के बीच, निशा ने रवि को दीवार से सटा दिया। उसकी उंगलियाँ रवि की शर्ट के बटनों को खोलने लगीं, और उसकी साँसें रवि के नंगे सीने पर गर्म लहरें छोड़ रही थीं। “तुझे क्या चाहिए, निशा?” रवि ने पूछा, उसकी आवाज में गहरी वासना थी।
“तेरा लंड, जो मेरी चूत को फाड़ दे,” निशा ने बेशर्मी से कहा, और उसने रवि की जीन्स का बटन खोल दिया। रवि ने निशा को अपनी बाहों में खींच लिया और उसके होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा। वो किस इतना गहरा और तीव्र था कि दोनों की साँसें एक-दूसरे में घुल गईं। रवि की उंगलियाँ निशा की ड्रेस के जिपर पर सरक गईं, और धीरे-धीरे उसकी ड्रेस फर्श पर गिर गई। निशा की नंगी त्वचा की गर्माहट ने रवि को और बेकरार कर दिया।
सुइट में चुदाई की रात
लाउंज बंद होने के बाद, निशा ने रवि को अपने प्राइवेट सुइट में बुलाया। कमरे में घुसते ही, निशा ने अपनी ड्रेस उतार दी और सिर्फ़ अपनी ब्लैक लेस ब्रा और पैंटी में रवि के सामने खड़ी हो गई। उसके बूब्स ब्रा से बाहर निकलने को बेताब थे, और उसकी चूत की गीली गर्मी पैंटी के पार महसूस हो रही थी। “मुझे चोद, रवि,” उसने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और अपनी ब्रा उतारकर फेंक दी।
रवि ने अपनी शर्ट और जीन्स उतारी, और उसका सख्त लंड निशा की आँखों के सामने था। निशा ने अपने घुटनों पर बैठकर रवि के लंड को अपने मुँह में लिया, धीरे-धीरे चूसते हुए। रवि की सिसकारियाँ कमरे में गूँजने लगीं। “तेरा मुँह कितना गर्म है, निशा,” उसने कहा, और निशा के बालों को कसकर पकड़ लिया। निशा ने अपनी जीभ से रवि के लंड को चाटा, और उसकी आँखों में एक जंगली वासना थी।
रवि ने निशा को बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी उतार दी। उसकी चूत गीली और गर्म थी, जैसे कोई नशीला फूल खिल रहा हो। रवि ने अपनी जीभ निशा की चूत पर फिराई, और निशा की चीखें कमरे में गूँज उठीं। “और तेज, रवि… मेरी चूत को चाट,” उसने चिल्लाते हुए कहा। रवि ने अपनी जीभ को और गहराई में डाला, और निशा की कमर उछलने लगी।
चुदाई की आग
निशा ने रवि को अपनी ओर खींचा और कहा, “अब और इंतज़ार नहीं। मुझे चोद दे।” रवि ने अपने सख्त लंड को निशा की गीली चूत में डाला, और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। निशा की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, और उसने अपनी टाँगें रवि की कमर के चारों ओर लपेट लीं। “और जोर से, रवि… मेरी चूत को फाड़ दे,” उसने चीखते हुए कहा।
रवि ने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ निशा के बूब्स उछल रहे थे। उसने निशा के बूब्स को अपने मुँह में लिया, उनके निप्पल्स को चूसते हुए, और निशा की साँसें और तेज हो गईं। “हाँ… ऐसे ही… चोद मुझे,” निशा चिल्ला रही थी। रवि ने निशा को पलट दिया और उसे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसका लंड निशा की चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि दोनों के जिस्म एक-दूसरे में पूरी तरह घुल गए।
कमरे में सिर्फ़ उनकी सिसकारियाँ, बेड की चरमराहट और चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं। निशा के नाखून रवि की पीठ पर गहरे निशान छोड़ रहे थे, और रवि के दाँत निशा के बूब्स पर हल्के-हल्के काट रहे थे। घंटों तक, वो एक-दूसरे के जिस्म को चूमते, चाटते और चोदते रहे, जब तक कि दोनों थककर बेड पर ढेर नहीं हो गए।
अधूरी चाहत का अंत
सुबह होने से पहले, निशा ने रवि के नंगे सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “ये चुदाई मेरे जिस्म में हमेशा रहेगी, लेकिन मैं एक आजाद आग हूँ।” रवि ने उसकी आँखों में देखा और कहा, “तू एक नशीली चूत है, निशा। और मैं इस नशे में बार-बार डूबना चाहता हूँ।”
निशा ने एक आखिरी बार रवि के होंठों को चूमा, अपनी ड्रेस पहनी, और एक कामुक मुस्कान के साथ कमरे से निकल गई। “मुझे ढूँढ लेना, अगर तेरे लंड में वो आग बाकी है,” उसने कहा, और कोहरे में गायब हो गई। रवि जानता था, ये सिर्फ़ एक रात नहीं थी—ये एक ऐसी चुदाई थी, जो उसके जिस्म और दिल में हमेशा सुलगती रहेगी।
कुछ हफ्तों बाद, रवि को मसूरी के उसी लाउंज में एक नोट मिला। उसमें लिखा था, “अगली बार, और गहरी चुदाई के लिए तैयार रहना। —निशा।” रवि ने वो नोट पढ़ा, और उसकी होंठों पर एक मुस्कान थी। वह जानता था, ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ था।