Bhabhi Devar Sex Story : मैं, सूरज, 23 साल का एक जवान और फिट लड़का, अपने बड़े भाई और उनकी पत्नी, रचना भाभी, के साथ जयपुर में रहता था। भैया एक सरकारी नौकरी में थे, और अक्सर अपने काम के सिलसिले में बाहर रहते थे। रचना भाभी, 30 साल की, एक ऐसी औरत थीं, जिनकी खूबसूरती और कामुकता किसी को भी पागल कर सकती थी। उनका गोरा रंग, भरे हुए चूचे, और गोल-मटोल गांड उनकी टाइट साड़ियों में और भी आकर्षक लगते थे। भाभी की शरारती नजरें और उनकी बोल्ड बातें मुझे हर बार बेचैन कर देती थीं। मैं जानता था कि भाभी भी मुझे घूरती थीं, लेकिन भैया के सामने मैं अपनी भावनाओं को दबा लेता था। ये कहानी उस रात की है, जब भाभी ने मुझे बंधक बनाकर रात भर चुदवाया और मेरे लंड को अपनी चूत का गुलाम बना दिया।
रात का माहौल
उस रात भैया अपने ऑफिस के टूर पर गए थे, और घर पर सिर्फ मैं और भाभी थे। रात के करीब 10 बजे, मैं अपने कमरे में मोबाइल पर गेम खेल रहा था, जब भाभी मेरे कमरे में आईं। उन्होंने एक पतली सी काली नाइटी पहनी थी, जो उनकी चूचियों और गांड को बमुश्किल ढक रही थी। उनकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। “सूरज, आज रात तू मेरा मेहमान है,” भाभी ने शरारती अंदाज में कहा और मेरे पास बैठ गईं।
मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “भाभी, मेहमान तो मैं रोज का हूँ। आज क्या खास है?” भाभी ने मेरी जांघ पर हाथ रखा और फुसफुसाया, “आज रात तू मेरा बंधक बनेगा, और मैं तेरे साथ वो सब करूँगी जो मैंने सपनों में देखा है।” उनकी बात सुनकर मेरे शरीर में बिजली दौड़ गई। मैंने मजाक में कहा, “भाभी, बंधक बनाना तो ठीक है, लेकिन मुझे छोड़ तो दोगी ना?” भाभी ने हंसते हुए एक रस्सी निकाली और बोलीं, “छोड़ूँगी, लेकिन तब, जब मेरी चूत तेरा लंड चख ले!”
बंधक बनने का खेल
भाभी ने मेरे हाथों को रस्सी से बाँध दिया और मुझे बेड पर लिटा दिया। मैं थोड़ा घबराया, लेकिन उनकी कामुक नजरें और मुस्कान मुझे उत्तेजित कर रही थीं। “भाभी, ये क्या कर रही हो?” मैंने पूछा। भाभी ने मेरी बनियान उतारी और मेरी छाती पर अपनी उंगलियाँ फिराते हुए बोलीं, “सूरज, आज रात तू मेरा गुलाम है, और मैं तेरी मालकिन।”
उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनका चुंबन इतना गहरा और जुनूनी था कि मैं सब कुछ भूल गया। उनकी जीभ मेरी जीभ से उलझी, और मैं उनके स्पर्श में खो गया। भाभी ने मेरी शॉर्ट्स उतारी और मेरा तना हुआ लंड देखकर बोलीं, “सूरज, तेरा लंड तो मोटा और तगड़ा है!” उन्होंने मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों में लिया और इसके टोपे को चाटना शुरू किया। “आह… भाभी, तुम्हारा मुँह तो जन्नत है,” मैं सिसकते हुए बोला।
भाभी ने मेरे लंड को गहराई तक अपने मुँह में लिया और चूसने लगीं। मेरे हाथ बंधे थे, तो मैं सिर्फ सिसकारियाँ ले सकता था। उनकी जीभ मेरे लंड की नसों पर नाच रही थी, और मैं पागल हो रहा था। “भाभी, मेरे हाथ खोल दो… मैं तुम्हारी चूचियां चूसना चाहता हूँ,” मैंने कराहते हुए कहा। भाभी ने हंसते हुए मेरे हाथ खोले और बोलीं, “अब तू मेरा गुलाम नहीं, लेकिन मेरी चूत का दीवाना बन!”
चूचियों और चूत का खेल
मैंने भाभी की नाइटी उतार दी। उनकी गोरी, टाइट चूचियां मेरे सामने थीं, और उनके गुलाबी निप्पल्स मुझे बुला रहे थे। मैंने उनके एक निप्पल को अपने मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसना शुरू किया। “आह… सूरज, मेरी चूचियां चूस… और जोर से!” भाभी सिसकते हुए बोलीं। मैंने एक चूच को चूसा और दूसरे को अपने हाथों से दबाया। भाभी की सांसें तेज हो रही थीं, और उनका बदन गर्मी से तप रहा था।
“सूरज, मेरी चूत को चाट,” भाभी ने कातरते हुए कहा। मैंने उनकी काली पैंटी उतारी, और उनकी चिकनी चूत मेरे सामने थी। मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के दाने पर रखी और चाटना शुरू किया। “आह… सूरज, मेरी चूत को चाट… और गहरा!” भाभी चीख पड़ीं। उनकी चूत का रस मेरे मुँह में था, और मैं उसे चूस-चूसकर पागल कर रहा था। भाभी ने मेरे बाल पकड़ लिए और मेरे मुँह को अपनी चूत में दबा लिया। “सूरज, तू मेरी चूत का दीवाना है,” वो सिसकते हुए बोलीं।
मिशनरी पोजीशन में चुदाई
भाभी ने मुझे फिर से बेड पर लिटाया और मेरे हाथों को रस्सी से बांध दिया। “सूरज, अब तू मेरी चूत का गुलाम बन!” उन्होंने कहा और मेरे ऊपर चढ़ गईं। उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ा और एक जोरदार धक्के के साथ उसे अंदर ले लिया। “आह… भाभी, तुम्हारी चूत मेरे लंड को निगल रही है!” मैं चीखा। भाभी ने मेरे चूतड़ पकड़ लिए और मिशनरी पोजीशन में मुझे चोदना शुरू किया। उनकी चूचियां मेरे सामने उछल रही थीं।
मैंने अपनी रस्सियाँ खींचने की कोशिश की, लेकिन भाभी ने मुझे और जोर से चोदा। “सूरज, मेरी चूत को चोद… मुझे जन्नत दिखा!” वो चिल्लाईं। मैंने अपने कूल्हों को हिलाकर उनके धक्कों का जवाब दिया। उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी, और कमरा हमारी सिसकारियों और बेड की चरमराहट से भर गया था।
डॉगी स्टाइल में चुदाई
भाभी ने मेरे हाथ खोल दिए और मुझे पलटकर डॉगी स्टाइल में लिटाया। मेरी गोल-मटोल गांड उनके सामने थी, और उन्होंने उस पर एक हल्की सी चपत मारी। “सूरज, तेरी गांड भी चोदने लायक है,” भाभी ने शरारती अंदाज में कहा। मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “भाभी, पहले मेरे लंड को अपनी गांड दे दो!”
उन्होंने अपनी गांड मेरे सामने की और मेरे लंड को अपनी चूत के रस से गीला किया। मैंने अपना लंड उनकी टाइट गांड में डाला। “आह… सूरज, तेरा लंड मेरी गांड चीर रहा है!” भाभी चीखीं, लेकिन उनकी आवाज में सुख की लहर थी। मैंने धीरे-धीरे रफ्तार बढ़ाई, और मेरा लंड उनकी गांड में अंदर-बाहर होने लगा। उनकी चूत से रस टपक रहा था, और उनके चूतड़ मेरी जांघों से टकरा रहे थे। मैंने उनकी चूचियां पकड़ लीं और उन्हें दबाते हुए उनकी गांड चोदी।
काउगर्ल और रिवर्स काउगर्ल
भाभी ने मुझे फिर से बेड पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गईं। “सूरज, अब मैं तेरे लंड की सवारी करूँगी,” उन्होंने कहा और काउगर्ल पोजीशन में मेरे लंड को अपनी चूत में लिया। उनकी चूचियां मेरे सामने उछल रही थीं, और मैंने उनके निप्पल्स को चूसना शुरू किया। “आह… सूरज, मेरी चूचियां चूस… मेरी चूत को चोद!” भाभी चिल्लाईं।
उन्होंने पोजीशन बदली और रिवर्स काउगर्ल में मेरे लंड की सवारी शुरू की। उनकी गोल-मटोल गांड मेरे सामने थी, और मैंने उनके चूतड़ों को पकड़कर उन्हें और जोर से उछाला। “भाभी, तुम्हारी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं!” मैं सिसकते हुए बोला। भाभी ने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और उनकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी।
चरमसुख
“भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैंने कराहते हुए कहा। भाभी ने अपनी चूत को और सिकोड़कर कहा, “सूरज, मेरे अंदर झड़… मुझे तेरा गर्म रस चाहिए!” उनके धक्के अब और तेज हो गए। मेरी चूत और गांड दोनों उनके लंड से रगड़ खा चुकी थीं। आखिरकार, मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा गर्म रस उनकी चूत में भर गया। भाभी भी उसी पल झड़ गईं, और उनकी चूत का रस मेरे लंड पर बहने लगा।
हम दोनों हांफते हुए बेड पर गिर पड़े। हमारी देहें पसीने और रस से चिपचिपी थीं। भाभी ने मेरे गाल पर एक चुम्मी दी और बोली, “सूरज, तूने रात भर मेरी चूत को जन्नत दिखाई।” मैंने हंसते हुए जवाब दिया, “भाभी, तुमने मुझे बंधक बनाकर मेरे लंड का जादू देख लिया।” हम दोनों हंस पड़े, और उस रात भाभी ने मुझे फिर से दो बार चोदा।
गुप्त रिश्ता
उस रात के बाद, मेरा और भाभी का रिश्ता बदल गया। जब भी भैया घर से बाहर होते, भाभी मुझे अपने बेड पर बुलातीं। उन्होंने मुझे कई बार बांधकर चोदा, और हर बार नई-नई पोजीशन में मेरे लंड का मजा लिया। एक बार हमने बाथरूम में शॉवर के नीचे चुदाई की, जहाँ भाभी ने मुझे दीवार के सहारे बांधकर मेरे लंड की सवारी की। एक और बार हमने किचन में चुदाई की, जहाँ मैंने उनकी चूचियों को चूसते हुए उनकी चूत और गांड को रगड़ा।
भाभी का बंधक बनने का खेल मेरे लिए एक नशा बन गया। उनकी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम थीं, और उनकी सिसकारियां मेरे लिए संगीत थीं। हमारा ये गुप्त रिश्ता एक अनकहा राज बन गया।
आखिरी मुलाकात
भैया के लौटने से एक रात पहले, भाभी ने मुझे फिर से अपने कमरे में बुलाया। “सूरज, आज रात मैं तुझे पूरी तरह बांधकर चोदूँगी,” उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा। उन्होंने मेरे हाथ-पैर बांधे और मेरे लंड को चूसना शुरू किया। उस रात उन्होंने मुझे हर पोजीशन में चोदा—मिशनरी, डॉगी, काउगर्ल, और स्टैंडिंग। उनकी चूत और गांड मेरे लंड से रगड़ खा रही थीं, और उनकी सिसकारियां पूरे घर में गूंज रही थीं।