Bahan Bhai Sex Story – मैं, नेहा, 22 साल की थी, और मेरा जिस्म ऐसा था कि कॉलेज के लड़के मेरी एक झलक के लिए तरसते थे। मेरे रसीले बूब्स, पतली कमर और गोल नितंब मेरी टाइट ड्रेस में उभरकर हर मर्द के लंड में आग लगा देते थे। मेरी गहरी आँखें और गुलाबी होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों। मैं मुंबई की एक पॉश कॉलोनी में अपने बड़े भाई, रोहित, के साथ रहती थी। रोहित, 26 साल का, एक जवान और मस्कुलर मर्द था। उसका साँवला जिस्म, चौड़ा सीना और गहरी आवाज मेरे जिस्म में सिहरन पैदा कर देती थी। हमारे मम्मी-पापा लंदन में सेटल थे, और हम दोनों इस फ्लैट में अकेले रहते थे।
रोहित और मेरा रिश्ता हमेशा खुला और मजाकिया था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसकी नजरें मेरे बूब्स और नितंबों पर ठहरने लगी थीं। मैंने कई बार नोटिस किया कि जब मैं टाइट टॉप और शॉर्ट्स में घर में घूमती, तो रोहित की आँखें मेरे जिस्म को निहारती थीं। उसकी वो भूखी नजरें मेरी चूत को गीला कर देती थीं, और मुझे यकीन था कि उसका मोटा लंड मेरी टाइट चूत की भूख मिटाने को बेताब था।
वो एक जुलाई की उमस भरी रात थी। मुंबई में बारिश की फुहारें पड़ रही थीं, और फ्लैट का माहौल मंद रोशनी और सॉफ्ट म्यूजिक से गर्म हो गया था। मैंने एक पतली सी सफेद नाइटी पहनी थी, जो मेरे जिस्म से चिपक रही थी। मेरे बूब्स नाइटी में साफ उभर रहे थे, और मेरी टाइट चूत की शेप मेरी गुलाबी पैंटी में दिख रही थी। रोहित लिविंग रूम में सोफे पर बैठा था, एक काली बनियान और शॉर्ट्स में। उसका मस्कुलर जिस्म पसीने से चमक रहा था, और उसकी आँखें मेरे बूब्स पर टिक गईं।
“नेहा, तू इस नाइटी में इतनी हॉट लग रही है,” रोहित ने शरारत भरे लहजे में कहा। मैंने हँसते हुए जवाब दिया, “भैया, तेरी नजरें मेरी चूचियों को गर्म कर रही हैं।” मेरी बात सुनकर उसकी आँखें चमक उठीं। “नेहा, अगर तेरी चूचियाँ गर्म हो रही हैं, तो मेरा लंड तेरी चूत को और गर्म कर देगा,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “तो हौले-हौले मेरी चूचियाँ दबाकर मुझे गर्म कर, भैया।”
रोहित मेरे पास आया और मुझे अपनी बाहों में खींच लिया। उसने मेरे रसीले होंठों को अपने होंठों से चूस लिया, और वो चुंबन इतना गहरा और गर्म था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ गई। उसने मेरी नाइटी का स्ट्रैप नीचे खींचा, और मेरे बूब्स मेरी काली लेस ब्रा में कैद थे, जैसे बाहर निकलने को बेताब हों। उसने मेरी ब्रा उतार दी, और मेरे रसीले बूब्स उसके सामने थे, गोल और टाइट।
रोहित ने हौले-हौले मेरी चूचियों को अपने बड़े-बड़े हाथों में लिया और उन्हें दबाना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ मेरे निप्पल्स पर रगड़ रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज उठीं। “हाँ, भैया… और हौले से… मेरी चूचियों को गर्म कर,” मैंने सिसकारी भरे लहजे में कहा। उसने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और हल्के से काटते हुए। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मेरी साँसें तेज हो रही थीं। रोहित ने मेरे बूब्स को और जोर से दबाया, और मेरी चीखें बारिश की आवाज को दबाने लगीं।
मैंने रोहित की बनियान उतार दी और उसके मस्कुलर सीने पर अपने नाखून फिराए। “भैया, तेरा जिस्म तो पत्थर जैसा है,” मैंने फुसफुसाया, और उसके सीने पर अपने होंठ फिराए। मैंने उसकी शॉर्ट्स उतार दी, और उसका 8 इंच का मोटा लंड मेरे सामने तनकर खड़ा था। “ये लंड तो मेरी चूत को फाड़ देगा, भैया,” मैंने शरारत से कहा, और उसके लंड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी। मैंने उसे अपने मुँह में लिया, और मेरी जीभ उसके लंड पर लपलपाती रही। रोहित की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “नेहा, तेरा मुँह मेरे लंड को पागल कर रहा है,” उसने सिसकते हुए कहा, और मेरे बालों को कसकर पकड़ लिया। मैंने उसके लंड को गहराई तक चूसा, और उसकी टिप को अपनी जीभ से चाटा।
रोहित ने मेरी नाइटी और पैंटी उतार दी, और मेरी टाइट चूत उसके सामने थी, गीली और गुलाबी, जैसे कोई नशीला फूल। उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराई, और मेरी चीखें कमरे में गूँज उठीं। “भैया, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” मैंने चिल्लाया, और अपनी टाँगें उसके कंधों पर रख दीं। उसने अपनी जीभ मेरी चूत की गहराइयों में डाली, और मेरा रस उसके मुँह में बहने लगा। मैंने उसका सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाया, और मेरी सिसकारियाँ और तेज हो गईं।
रोहित ने मुझे लिविंग रूम के सोफे से उठाया और बेडरूम में ले गया। हमारा बेडरूम मखमली चादरों, मंद रोशनी और बारिश की फुहारों से सजा था, जो माहौल को और कामुक बना रहा था। उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टाँगें फैलाकर अपने मोटे लंड को मेरी टाइट चूत में डाला। मैं चीख पड़ी, “भैया, तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है!” उसने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और मेरी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “और जोर से, भैया… मेरी चूत को फाड़ दे,” मैंने चीखते हुए कहा। उसने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ मेरे बूब्स उछल रहे थे।
रोहित ने मेरे निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए, और मेरी चीखें और तेज हो गईं। मैंने उसके कंधों पर अपने नाखून गड़ा दिए, और उसकी पीठ पर गहरे निशान छोड़ दिए। उसने मुझे पलट दिया और डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उसका मोटा लंड मेरी टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ रही थी। “हाँ, भैया… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” मैं चिल्ला रही थी। उसने मेरे नितंबों को थपथपाया, और मेरी चीखें और तेज हो गईं। उसने मेरे बाल पकड़े और मुझे और जोर से चोदा, जैसे उसकी सारी वासना मेरी चूत में उतर रही हो।
पूरी रात, हमने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। रोहित ने मुझे बेड के हर कोने में चोदा—कभी मेरी चूत को, कभी मेरी चूचियों को चूसते हुए, और कभी मेरे नितंबों को सहलाते हुए। मैंने उसके मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और मेरी जीभ ने उसे पागल कर दिया। “भैया, तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” मैंने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और उसे और जोर से चोदने के लिए उकसाया। हमने बेडरूम से बाथरूम तक चुदाई की, जहाँ शावर के नीचे उसने मुझे दीवार से सटाकर मेरी चूत को चोदा। पानी की फुहारें और मेरी चीखें एक-दूसरे में मिल रही थीं।
रात के चार बजे, जब बारिश और तेज हो गई, मैंने रोहित के लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” मैंने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगी। रोहित ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, मैं ऊपर थी, और मेरी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। “नेहा, तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” उसने कहा, और मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। मेरे बूब्स उसके चेहरे के सामने उछल रहे थे, और उसने उन्हें चूसते हुए मुझे और जोर से चोदा।
जब सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर आई, हम दोनों नंगे, पसीने से लथपथ, एक-दूसरे की बाहों में लिपटे थे। मैंने रोहित के सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “भैया, तूने मेरी चूचियाँ दबाकर और चूत चोदकर मुझे पूरी रात गर्म रखा।” उसने मेरी आँखों में देखा और कहा, “नेहा, तेरी टाइट चूत ने मेरे लंड को अपना दीवाना बना लिया।”
मैंने उसके होंठों पर एक गहरा चुंबन लिया, अपनी नाइटी पहनी, और एक मादक मुस्कान के साथ बोली, “भैया, जब भी बारिश होगी, मेरी चूचियाँ तेरे हाथों की ताजगी माँगेंगी।” उसने मेरी कमर पकड़ी और कहा, “तो मेरा मोटा लंड हर बारिश में हाजिर रहेगा, नेहा।”
जैसे ही मैं बेडरूम से बाहर निकली, मैंने पलटकर देखा और एक शरारती पलक झपकी। “ये रात हमारी थी, भैया। लेकिन ये खेल कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानती थी, रोहित का मोटा लंड मेरी टाइट चूत की आग को हर रात सुलगाता रहेगा, और हमारी ये वासना फ्लैट की दीवारों में हमेशा गूँजती रहेगी।