दोस्त की चुदासी वीणा भाभी के साथ गैंग बैंग

Desi Bhabhi sex story : हेलो दोस्तों, मैं दुष्यंत उपाध्याय आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ. मैं आपको बड़ी सेक्सी स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ. मेरे बेस्ट फ्रेंड राजकुमार ने मुझे एक दिन एक बहुत ही ख़ास ऑफ़र दिया जिसे सुनकर मैं बिलकुल उछल पड़ा. मुझे उसकी बात का विस्वास ही नही हो रहा था. ‘दुष्यंत!! मेरे भाई! क्या तुम मेरे साथ मिलकर मेरी सगी भाभी जान के साथ गैंग बैंग करना चाहोगे??’ राजकुमार ने मुझसे पूछा.

‘यार! सुबह से कोई मिला नही क्या?? देख मैं अभी मजाक के मूड में नही हूँ!’’ मैंने कहा. राजकुमार ने मुझे बताया की उसकी जवान चुदासी सेक्सी वाणी भाभी उसको पिछले ८ महीनो से चूत दे रही है. उसके बड़े भैया फ़ौज में है इसलिए वो घर महीनो महीनो नही आ पाते. इसलिए भैया की जगह वो भी भाभी को चोद चोदकर खुश करता है. ८ महीनो से चुदवाने के कारण उसकी भाभी की लौड़े की भूख कुछ जादा ही बढ़ गयी है और उनका एक लौड़े से काम नही चल रहा है. इसलिए वो २ लौड़े एक साथ खाना चाहती है..एक चूत में, तो दूसरा गांड के छेद में. दोस्तों, ये ऑफ़र सुनते ही मेरा लौड़ा तुरंत खड़ा हो गया और वाणी भाभी को चोदने को बेक़रार हो गया. मैंने अपने दोस्तों राजकुमार से हाँ कर दी. कुछ दिन बाद उसने मुझे छुट्टी के दिन अपने घर बुलाया.

मैं बनठन के राजकुमार के घर पहुच गया. कुछ देर में वर्षा भाभी प्रकट हुई. उनको देखते ही मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया. जहाँ हर आम शादी शुदा औरत दिन में साड़ी और रात में मैक्सी या नाइटी पहनती है, वाणी भाभी तो दिन में भी एक लो कट डार्क गुलाबी रंग की नाइटी डाले थी. राजकुमार से मुझे बताया की भाभी को लौड़े की इतनी तलब रहती है की किसी भी समय चुदवा लेती है. इसलिए उसके लिए साड़ी या सलवार सूट पहनना घोर बेईमानी जैसा है. इसलिए वाणी भाभी जादातर समय हल्की पारदर्शी नाईटी में ही रहती है. जब मन आये नाइटी उठाओ और चोदना शुरू कर दो. राजकुमार ने मुझे ये सब बताया. मैंने सोचने लगा की ऐसी चुदासी कामवासना की पुजारिन तो लाखों में एक होती है. ऐसी चुदासी औरते जल्दी मिलती कहाँ है जो हमेशा लंड खाने को तैयार रहे. वाणी भाभी मुझे देखकर मुस्कुराने लगी.

मेरा लंड और जोर से टन्ना गया.  ‘नमस्ते जी!!’ वो अपने लिपस्टिक लगे होठो से बोली तो मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा. सामान तो बड़ा कड़क थी भाई. कद काठी, बाल, चाल, ढाल सब नॉ १ केटेगरी का था. राजकुमार कितना किस्मत वाला है की ८ महीनो से भाभी के भोसड़े में लौड़ा दे रहा है. ही इस रेअली लकी!! मैंने सोचा.

‘नमस्ते भाभी जान!! आपके बारे में राजकुमार ने मुझे सब कुछ बता दिया है. तबसे मैं आपसे मिलने को बेक़रार था!’ मैंने कहा. चुदासी लौड़े की प्यासी वाणी भाभी मुस्कुरा दी.

‘भाभी जान ! ये मेरा दोस्त है दुष्यंत!!’ राजकुमार बोला. वो उनको भाभीजन भाभीजन कह कर पुकार रहा था. इसलिए मैं भी उनको भाभीजन कहकर पुकारने लगा.

‘चलिए कम से कम तुम्हारे दोस्त हमारे गरीब खाने में आये तो!!’ भाभीजान बोली. दिन में उनको नाइटी में देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया. मुझे वो बिलकुल कोई फ्रूट केक लग रही थी, जिससे खाते वक़्त आवाज भी नही होती और मजा भी पूरा आता है. दोस्तों मेरा तो दिल कर रहा था की इस घर की माल को चोदना शुरू कर दूँ, क्यूँ बेकार में जान पहचान बनाने में वक़्त ख़राब किया जाए. पर भाभी के अपने तरीके से चुदने के, और हम दोनों दोस्त उसमे दखल नही डाल सकते थे. भाभी किचन में गयी और चाय ले आई. राजकुमार और मैं चाय पीने लगे. वाणी भाभी सायद पार्टी के मूड में थी. उसको नाच गाना बहुत पसंद था. उन्होंने डेक ओन कर दिया और हम लोगो के सामने की डांस करने लगी. ‘ये….मेरा दिल प्यार का दीवाना … इस गाने पर वाणी भाभी ने जमकर कुल्हे मटकाए और झूम झूमकर पुरे हाल में डांस किया. मैं समझ गया की वो बड़ी रंगीली मिजाज औरत है जिसको संगीत भी बेहद पसंद है.

Hot Sex Kahani  भाभी जी की चूत में मेरा मोटा लण्ड चुदाई चुपके चुपके

मैंने और राजकुमार दोनों ने खूब आखें सेकी. फिर भाभी आई और मुझे उठा ले गयी और अपने साथ नाचने पर मजबूर कर दिया. मैंने वाणी भाभी की कमर में हाथ डाल दिया और डांस करने लगा. इसी दौरान मैंने उसके ताजे ताजे फेसिअल गालों पर चुम्मा भी ले लिया. कुछ ही देर में वाणी भाभी का चुदाई का मूड बन गया.

‘राजकुमार!! तुम्हारे दोस्त दुष्यंत तो बहुत फ़ास्ट है!! सीधे मुद्दे पर आ गये!!’’ भाभी मुस्काकर कहने लगी.

‘भाभी जान!! आपकी गुलाबी चूत की इनती तारीफ़ मैंने इस छिछोरे से कर दी की इससे रहा ना गया. और बेचारा भागा भागा चला आया. भाभी जान प्लीस!! इसे निराश मत करना. इसे अच्छे से चूत दे देना!’ राजकुमार बोला और उसने वाणी भाभी को आँख मारी और किसी मजनू की तरह हथेली से चुम्मा देने लगा. वाणी भाभी ने जब अपनी तारीफ़ सुनी तो गल्ल हो गयी.

‘तो लड़को चलो कमरे में !!’ भाभी हसकर बोला. अंदर कमरे में जाते ही चुदाई महोत्सव शुरू हो गया. वाणी भाभी किसी विदेशी काल गर्ल की तरह गले में फर वाला स्टोल डाले थी. नाइटी और फर वाले स्टोल में वो गजब की चुदासी और सेक्सी लग रही थी. वो बेड पर लेट गयी. एक बाजू में मैं लेट गया तो दूसरी बाजू में मेरा दोस्त और उनका सगा देवर राजकुमार. हम दोनों आशिक एक साथ ही वाणी भाभीजान से इश्क लड़ाने लगे. जहाँ राजकुमार भाभी की मक्खन सी कमर चूमने चाटने लगा, मैं भाभी के गोरे गोरे गालों को निशाना बनाने लगा. गाल तो इतने चिकने थे जैसे हेमा मालिनी के गाल हो. आज २ २ आशिक उसने प्यार फरमा रहे थे. हर रोज तो राजकुमार अकेले ही इतने झक्कास माल को सम्हालता है, पर आज तो मुझे भी साथ में मौका मिल गया.

हमदोनो आशिक वाणी भाभी जान से प्यार करने लगे. कुछ ही देर में वो इतनी चुदासी हो गयी की मुझे अपने मस्त मस्त होठ पिलाने लगे. उनकी महकती सांसों को सूंघते हुए वाणी भाभी के होठ पीने लगा. अपने आप मेरे हाथ उसके बूब्स पर चले गये. नाइटी के रेशमी कपड़े के उपर से मैं उनके बूब्स दबाने लगा. दोस्तों, ये सब बिलकुल किसी सपने जैसा था. मैंने कभी सोचा नही था की इतनी झक्कास माल को कभी मुझे चोदने खाने को मिलेगा. हाँलाकी मैंने कई अच्छी अच्छी लड़कियां चोदी है. पर एक शादी शुदा घरेलू माल की चूत मारना अपने आप में एक दिसचस्प बात है. मैं वाणी भाभी के होठ पीते पीते उसके मस्त मस्त नारियल जैसे नुकीले बूब्स हाथों से जोर जोर से दबाने लगा. मुझे उनकी ब्रा और हल्की पारदर्शी पेंटी नाइटी के कपड़े में से साफ साफ दिख रही थी. बड़ी देर तक किसी सीरियल किसर की तरह मैं वाणी भाभी जान के होठ और सासें पीता रहा. नीचे मेरा दोस्तों राजकुमार उनकी गोरी गोरी सुडौल जांघों को चूम चाट रहा था.

वाणी भाभी चुदास और काम क्रीडा की जीती जागती मिसाल थी. उनको चोदकर मैं गंगा नहाने वाला था. जिसने उन जैसी माल की चूत नही ली, समझ लो की लाइफ में उसने कुछ नही किया. बड़ी देर तक उनके कामुक अधरों को चूसने और पीने के बाद आखिर वो समय आ गया जब मैंने उनकी रुमाल सी दिखने वाली नाईटी उपर कर दी. उन्होंने २ पीस पहन रखा था. मुझे अंदर का भाभी का माल उनके मस्त मस्त बूब्स दिखने लगे. मैंने जोर जोर से ब्रा के उपर से उसके दूध को मसलने लगा. ‘राजकुमार!! तेरा दोस्त तो बहुत तेज है. कहीं ये मेरी जान न ले ले!!’ भाभी बोली

Hot Sex Kahani  Devar Bhabhi Sex Story - देवर ने मेरी तड़प शांत की करवाचौथ के दिन

‘अरे भाभी दुष्यंत काई औरतों को पेल चूका है. बड़ी मस्त पेलैया करता है मेरा दोस्त. अगर एक बार इसका १२ इंची लौड़ा खा लोगो तो रोज रात में याद करोगी और इसे घर में बुला बुलाकर चुदवाओगी!’ राजकुमार बोला और मेरी तारीफ़ करने लगा. ये सुनकर वाणी भाभी मचल गयी. उन्होंने अपनी पीठ में हाथ डाल दिया और ब्रा खोल दी. जैसे ही उन्होंने ब्रा खिंची मेरी तो दुनिया ही हमेशा के लिए बदल गयी. २ बेहद खूबसूरत ३८ साइज़ के बूब्स थे भाभी जान के. निपल्स काली काली कड़ी कड़ी और बड़े बड़े वृत्ताकार घेरे के बीच में कड़ी कड़ी निपल्स तो जैसे कामदेव को चुनौती दे रही थी की ‘चोद सको तो चोद लो’, पी सको तो पी लो. सेकंड में मेरा हाथ वाणी भाभी के छलकते जाम पर आ गया. इतने बड़े मम्मे थे की मेरे हाथ में नही अट रहे थे. रबर के गुब्बारे जैसे सॉफ्ट और मुलायम. मैंने उसी समय सोच लिया की भाभी के मम्मे जरुर चोदूंगा.

नीचे मेरा दोस्त और वाणी भाभी जान का देवर राजकुमार कब की उनकी पेंटी निकाल चूका था और उनकी चूत पी रहा था. मैंने कहा चलो अच्छा है भाभी के माल का बटवारा हो गया. राजकुमार चूत पिये और मैंने उनके छलकते मम्मे. मैंने वाणी भाभी जान के दूध मुँह में ठूस लिए और मजे से पीने लगा. बहुत ही आकर्षक दूध थे उनके. बिलकुल रुई जैसे सॉफ्ट और मुलायम और बर्फ जैसे सफ़ेद. भाभी जान के बाप ने उनकी माँ को खूब दिन रात चोदा होगा तब जाकर इतनी मस्त माल का जन्म हुआ, मैं सोचने लगा. मैं हाथ से जोर जोर से दबा दबाकर भाभी जान के दूध पीने लगा. नीचे राजकुमार उनकी चूत में ऊँगली कर रहा था और चूत में से पानी निकालते निकालते पी रहा था. उपर मैं जोर जोर से भाभी जान के चुच्चे दबा दबाकर मींज रहा था और पी रहा था. बड़ी देर तक यही खेल चलता रहा. फिर हम दोनों दोस्तों ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए और खड़े लंडों में आ गया. मैंने भाभी के क्लीवेज में अपना १२ इंची लौड़ा रख दिया. दोनों मम्मो के गेंदों को आपस में बीच की दिशा में हाथ से दबा दिया और मजे से चोदने लगा. उधर राजकुमार अभी भी भाभी जान की चूत में ऊँगली करके पानी निकाल रहा था और चूत पी रहा था.

कुछ देर बाद राजकुमार ने भाभी के दोनों पैर खोल दिए. उनकी चूत में लौड़ा डालकर पेलने लगा. मैंने हटकर भाभी के सिरहाने पर आ गया. और दोनों गेंदों के बीच में लंड लगाकर चोदने लगा. इससे वाणी भाभी जान को डबल डबल मजा मिलने लगा. उधर उनकी चूत चुद रही थी, तो इधर उनके बूब्स. वो कमर और सीना उठवा उठवाकर दोनों चीजे चुदवाने लगी. भाभी जान की ३८ साइज़ बेकाबू बेपरवाह अड़ियल छातियाँ चोदने में मुझे अभूतपूर्व सुख मिला. दोनों चुच्चे इतने बड़े इतने विशाल थे की मुस्किल से मेरे दोनों हाथों में आ पा रहे थे. मैं अपने १२ इंची लौड़े ने घंटो उनकी नर्म नर्म छातियाँ चोदता रहा. कुछ देर बाद राजकुमार भाभी जान की चूत में शहीद हो गया. अब शहीद होने का नॉ मेरा था. मैं भाभी की चूत की साइड आ गया. मैंने उनकी टाँगे खोलकर नही बल्कि दुसरे स्टाइल से चोदना चाहता था.

शुरुवात मैंने वाणी भाभी जान की चूत पीने से की. उनकी चूत में अभी भी मेरे यार और उनके देवर राजकुमार का माल भरा था. मैं जीभ से राजकुमार का सारा माल पी गया और भाभी की चूत में ऊँगली करने लगा. मैं जोर जोर से फचर फचर की आवाज करते हुए उनकी फटी चूत में ऊँगली करने लगा. भाभी कमर उठाने लगी. मेरा दोस्तों राजककुमार उनके बूब्स पीने लगा जिनको मैंने अभी अभी चोदा था. मैं भाभी के बूब्स में झड भी गया था. राजकुमार भी मेरा माल जीभ से चाट रहा था. वो वाणी भाभी के नारियल जोर जोर से आवाज करते हुए पी रहा था. मैं इधर उनकी चूत पीने में डूबा था.

Hot Sex Kahani  चूत दिखाकर ललचाया अपने देवर को

दोस्तों, कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत में अपना १२ इंची लौड़ा सरका दिया और मजे से चोदने लगा. वाणी भाभी जैसी चुदासी छिनाल की दोनों दुधिया टांगे मैंने एक के उपर क्रोस करके रख दी और दोनों पैरो को कसके हाथ से पकड़ के पक पक उनको चोदने लगा. दोंनो टांगो को क्रोस करके रखने से उनकी चूत में बड़ी गहरी पकड़ मिलने लगी और मैं गचागच उनको चोदने लगा. वाणी भाभी को राजकुमार से ८ महीने पेला था पर अभी भी चूस कायदे से नही फट पाई थी. जैसी रंडियों की चूत बिलकुल फटी हुई झलरा होती है उस तरह उनकी चूत बिलकुल नही थी. अच्छी खासी कसी चूत थी. मैंने जोर जोर से अपने धक्के लगा रहा था. वाणी भाभी मेरा १२ इंची विशाल लंड खा रही थी और चुदवा रही थी. जबकि राजकुमार उनके बूब्स चोद रहा था. फिर ताबडतोड़ धक्के मारते मारते मैं भी उनकी चूत में शहीद हो गया.

हम दोनों आशिक अब थोडा ढीले पड़ चुके थे. क्यूंकि २ २ बार हम दोनों झड चुके थे. इतना चुदवाकर भी वाणी भाभी का दिल नही भरा. ‘क्यूँ बच्चो!! सारी मर्दानगी खत्म हो गयी है क्या ???’ भाभी ने हम दोनों दोस्तों को चैलेन्ज कर दिया. हम दोनों चोद चोदकर थक गये थे पर भाभी नही थकी थी. कुछ देर बाद हम दोनों मर्द फिर से खड़े हो गए और हमारे लौड़े भी खड़े हो गये. इस बार हमदोनो का एक साथ भाभी को खाने का मन था. मैंने वाणी भाभी को बिस्तर से उठाया. अपने लौड़े में मैंने देर सारा तेल लगा लिया. उधर राजकुमार ने भी अपने लौड़े में ढेर सारा तेल मल लिया. कुछ देर तक मैं भाभी की गांड का मस्त मस्त कसा कसा छेद पीता रहा. फिर मैंने सबसे नीचे लेट गया. भाभी मेरे उपर पेट के पल लेट गयी. मैंने उनकी चूत में लौडा डाल दिया. फिर राजकुमार भी आ गया.

उसने भाभी की गांड में लौड़ा डाल दिया. फिर हम दोनों ताल मेल बिठाते हुए अपनी प्यारी छिनाल वीणा भाभी के साथ गैंग बैंग करने लगे. अब भाभी की माँ चुदी ‘मेरे देवरों!! बड़ा दर्द हो रहा है!! प्लीस एक एक कर अपने लौड़े मेरी बुर और गांड के छेद में डालो!! ..प्लीस एक साथ मत डालो!!’ भाभी जान जोर जोर से गुहार करने लगी. पर हम दोनों चुदसे देवर कहाँ उनकी सुनने वाले थे. हम तो अपने अपने लौड़े एक साथ भाभी के दोनों छेदों में दे रहे थे. वाणी भाभी की माँ चुद चुकी थी. अपनी सुरमयी आँखों से मोटे मोटे आशू बहा रही थी. पर दोस्तों हम दोनों पर कोई फर्क नही पड़ा. हमारा तालमेल अच्छे से बैठ गया. हमदोनो बड़ी देर तक वाणी भाभी जान के साथ गैंग बैंग करते रहे. फिर हम कोई १ घंटे बाद झड गए. जब हमदोनो अपने अपने लौड़े निकाले तो भाभी बिलकुल असली रंडी बन चुकी थी. उनके दोनों छेद खूब मोटे मोटे हो चुके थे. उसके बाद से हम दोनों हर हफ्ते उनके साथ गैंग बैंग खेलने लगे. ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments