लखनऊ के एक बड़े हॉस्पिटल में, जहाँ रातें सन्नाटे और जुनून की गर्मी से भरी होती थीं, वहाँ एक प्राइवेट वार्ड में मेरी माँ, राधा, भर्ती थीं। राधा, 42 साल की थीं, मगर उनका जिस्म 30 की औरत को भी मात देता था। उनकी टाइट साड़ी में उभरे बूब्स, पतली कमर और गोल नितंब हर मर्द के लंड में हलचल मचा देते थे। उनकी कजरारी आँखें और रसीले होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों। राधा को हल्का बुखार हुआ था, और डॉक्टर ने उन्हें एक रात हॉस्पिटल में रुकने को कहा था। मैं, उनका बेटा, वार्ड के बाहर इंतज़ार कर रहा था, मगर उस रात जो हुआ, उसने मेरी माँ की टाइट चूत की आग को भड़का दिया।
हॉस्पिटल का डॉक्टर था, डॉ. अजय, 35 साल का जवान, लंबा, और मस्कुलर। उसका चौड़ा सीना, गहरी आवाज और वो शरारती मुस्कान किसी भी औरत की चूत को गीला कर सकती थी। अजय की नजरें राधा के जिस्म पर अटक गई थीं, जब वह पहली बार वार्ड में चेकअप के लिए आया था। राधा की साड़ी का पल्लू हल्का सा सरक गया था, और उनके बूब्स का क्लीवेज साफ़ झलक रहा था। अजय का लंड उनकी पैंट में तन गया था, और राधा की आँखों में भी एक कामुक चमक थी।
वार्ड में शुरू हुआ जुनून
वो रात के 11 बजे थे। हॉस्पिटल का वार्ड सन्नाटे में डूबा था, और मैं बाहर कॉरिडोर में सो गया था। अजय रात का राउंड लेने आया, और राधा को अकेला पाकर उसने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया। राधा बेड पर लेटी थीं, उनकी साड़ी हल्की सी खिसकी हुई थी, और उनके बूब्स का उभार साफ़ दिख रहा था। “राधा जी, आपका बुखार तो ठीक है, मगर आपका जिस्म कुछ ज्यादा ही गर्म लग रहा है,” अजय ने शरारत भरे लहजे में कहा, अपनी आँखें राधा के बूब्स पर टिकाते हुए।
राधा ने अपनी साड़ी का पल्लू और नीचे खिसकाया, और एक कामुक मुस्कान के साथ बोलीं, “डॉक्टर साहब, मेरी चूत में गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ रही है। कोई दवा दो ना।” अजय का मोटा लंड उनकी पैंट में तन गया। वह राधा के पास आए और बोले, “दवा तो मेरे पास है, मगर उसे लेने के लिए हिम्मत चाहिए।”
राधा ने हँसते हुए कहा, “हिम्मत तो मेरी चूत में भरी पड़ी है, डॉक्टर साहब। तुम अपना मोटा लंड दिखाओ।” अजय की साँसें तेज हो गईं। उन्होंने राधा के होंठों को अपने होंठों से चूस लिया। वो किस इतना गहरा और तीव्र था कि राधा की चूत में आग सी लग गई।
बेड पर वासना का खेल
अजय ने राधा की साड़ी खोल दी, और उनका ब्लाउज उनके बूब्स को मुश्किल से ढक पा रहा था। “तेरे ये बूब्स मुझे पागल कर रहे हैं, राधा,” अजय ने कहा, और राधा का ब्लाउज उतारकर उनके रसीले बूब्स को अपने हाथों में लिया। उन्होंने राधा के निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, धीरे-धीरे चूसते हुए, और राधा की सिसकारियाँ वार्ड में गूँज उठीं। “हाँ, डॉक्टर साहब… और जोर से चूसो… मेरे बूब्स को दबाओ,” राधा ने चिल्लाते हुए कहा।
राधा ने अजय की पैंट का बटन खोला और उनका मोटा लंड बाहर निकाला। “ये लंड तो मेरी चूत को फाड़ देगा,” उन्होंने शरारत से कहा, और अपने घुटनों पर बैठकर अजय के लंड को अपने मुँह में लिया। उनकी जीभ अजय के मोटे लंड पर लपलपाती रही, और अजय की सिसकारियाँ तेज हो गईं। “राधा, तेरा मुँह मेरे लंड को निचोड़ रहा है,” उन्होंने कहा, और राधा के बालों को कसकर पकड़ लिया।
अजय ने राधा को बेड पर लिटाया और उनकी साड़ी पूरी तरह उतार दी। उनकी लाल लेस पैंटी उनकी टाइट चूत को ढक रही थी, जो गीली हो चुकी थी। “तेरी चूत कितनी टाइट है,” अजय ने फुसफुसाया, और राधा की पैंटी उतारकर उनकी चूत पर अपनी जीभ फिराई। राधा की चीखें वार्ड में गूँज उठीं। “और तेज, डॉक्टर साहब… मेरी चूत को चाटो,” उन्होंने चिल्लाया, और अपनी टाँगें और चौड़ी कर दीं।
पूरी रात की चुदाई
अजय ने अपने मोटे लंड को राधा की टाइट चूत में डाला और धीरे-धीरे धक्के मारने लगे। राधा की सिसकारियाँ और तेज हो गईं, और उन्होंने अपनी टाँगें अजय की कमर के चारों ओर लपेट लीं। “और जोर से, अजय… मेरी चूत को फाड़ दो,” राधा ने चीखते हुए कहा। अजय ने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और हर धक्के के साथ राधा के बूब्स उछल रहे थे। उन्होंने राधा के निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें काटते हुए, और राधा की चीखें और तेज हो गईं।
अजय ने राधा को पलट दिया और उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया। उनका मोटा लंड राधा की टाइट चूत में इतनी गहराई तक जा रहा था कि दोनों के जिस्म एक-दूसरे में पूरी तरह घुल गए। “हाँ, अजय… और गहरा… मेरी चूत को रगड़ दे,” राधा चिल्ला रही थीं। अजय ने राधा के नितंबों को थपथपाया, और उनकी चीखें और तेज हो गईं।
पूरी रात, दोनों ने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। अजय ने राधा को बेड के हर कोने में चोदा—कभी उनकी चूत को, कभी उनके बूब्स को चूसते हुए, और कभी उनके नितंबों को सहलाते हुए। राधा ने अजय के मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उनकी जीभ ने अजय को पागल कर दिया। “तेरा लंड मेरी चूत का राजा है,” राधा ने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और अजय को और जोर से चोदने के लिए उकसाया।
कमरे में सिर्फ़ उनकी सिसकारियाँ, बेड की चरमराहट और चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं। राधा के नाखून
रात की गर्मी और चरम सुख
रात के एक बजे, जब हॉस्पिटल का सन्नाटा अपने चरम पर था, अजय ने राधा को बेड से उठाकर दीवार के सहारे खड़ा कर दिया। उन्होंने राधा की एक टाँग उठाई और अपने मोटे लंड को उनकी टाइट चूत में फिर से डाला। “राधा, तेरी चूत मेरे लंड को जकड़ रही है,” अजय ने सिसकारी भरे लहजे में कहा। राधा ने अपनी कमर को लय में हिलाना शुरू किया, और हर धक्के के साथ उनकी सिसकारियाँ और तेज हो गईं। “चोद दो मुझे, अजय… मेरी चूत को और फैलाओ,” उन्होंने चीखते हुए कहा।
अजय ने राधा को फिर से बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। इस बार, उनका मोटा लंड राधा की चूत की गहराइयों तक जा रहा था। राधा के बूब्स हर धक्के के साथ उछल रहे थे, और अजय ने उनके निप्पल्स को चूसते हुए अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। “हाँ… ऐसे ही… मेरी चूत को रगड़ दो,” राधा चिल्ला रही थीं। उनकी चूत इतनी गीली थी कि हर धक्के के साथ एक नशीली आवाज गूँज रही थी।
राधा ने अजय को अपनी ओर खींचा और उनके मोटे लंड को फिर से अपने मुँह में लिया। उनकी जीभ अजय के लंड पर लपलपाती रही, और अजय की सिसकारियाँ और तेज हो गईं। “राधा, तू मेरे लंड को चूसकर पागल कर देगी,” उन्होंने कहा, और राधा के मुँह में और गहराई तक धक्के मारने लगे। राधा ने अजय के लंड का रस चखा, और उनकी आँखों में एक जंगली वासना थी।
पूरी रात का जुनून
पूरी रात, अजय और राधा ने एक-दूसरे के जिस्म को चखा। अजय ने राधा को हर पोजीशन में चोदा—कभी बेड पर, कभी दीवार के सहारे, तो कभी हॉस्पिटल के बेड के किनारे। राधा ने अजय के मोटे लंड को बार-बार अपने मुँह में लिया, और उनकी जीभ ने अजय को बार-बार चरम सुख दिया। “तेरा लंड मेरी चूत का बादशाह है, अजय,” राधा ने सिसकारी भरे लहजे में कहा, और अजय को और जोर से चोदने के लिए उकसाया।
रात के तीन बजे, जब दोनों थककर बेड पर लेटे, राधा ने अजय के लंड को फिर से अपने हाथ में लिया। “ये अभी भी तना हुआ है,” उन्होंने शरारत से कहा, और उसे फिर से चूसने लगीं। अजय ने राधा को अपनी गोद में बिठाया और उन्हें फिर से चोदना शुरू किया। इस बार, राधा ऊपर थीं, और उनकी कमर हर धक्के के साथ लय में हिल रही थी। “तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है,” अजय ने कहा, और राधा ने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी।
दोनों ने एक-दूसरे को तब तक चोदा, जब तक सुबह की पहली किरण खिड़की से झाँकने लगी। राधा की चूत अजय के मोटे लंड से इतनी फैल चुकी थी कि हर धक्का एक नया चरम सुख दे रहा था। राधा के बूब्स पर अजय के दाँतों के निशान थे, और उनकी पीठ पर राधा के नाखूनों की लकीरें।
सुबह का वादा
जब सुबह की धूप वार्ड में फैली, राधा और अजय नंगे एक-दूसरे की बाहों में लेटे थे। राधा ने अजय के सीने पर सिर रखा और फुसफुसाया, “डॉक्टर साहब, आपने मेरी चूत को सचमुच फाड़ दिया। ये चुदाई मेरे जिस्म में हमेशा रहेगी।” अजय ने उनकी आँखों में देखा और कहा, “तेरी टाइट चूत मेरे मोटे लंड की गुलाम बन गई है, राधा।”
राधा ने एक आखिरी बार अजय के होंठों को चूमा, अपनी साड़ी पहनी, और एक कामुक मुस्कान के साथ बोलीं, “अगली बार बुखार हुआ तो फिर आपकी दवा लूँगी, डॉक्टर साहब। मेरी चूत आपका इंतज़ार करेगी।” अजय ने उनकी कमर पकड़ी और कहा, “तो मेरा मोटा लंड हाजिर रहेगा।”
जैसे ही राधा वार्ड से बाहर निकलीं, उन्होंने पलटकर देखा और कहा, “ये रात हमारी थी, अजय। लेकिन ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ।” अजय जानता था, राधा की टाइट चूत की आग उसके लंड में हमेशा सुलगती रहेगी।