किरण जी की पानी की सप्लाई के साथ साथ चूत में लंड की सप्लाई भी की

मैं रॉकी आप सभी का नॉन वेज स्टोरी में स्वागत करता हूँ. मैं फरीदाबाद में काम करता हु. पेशे से एक प्लम्बर हूँ. घरों, बंगलों, और कोठियों में नल, वाटर पाइप ठीक करने का काम करता हूँ. आज आपको अपनी मस्त कहानी सुना रहा हूँ. कुछ दिनों पहले मेरे पास किसी औरत का काल आया ‘भैया!! मैं किरण बोल रही हूँ. पास के आजाद नगर में रहती हूँ. सुबह से पानी नही आ रहा है. प्लीस आकर पानी की मोटर ठीक कर दीजिये!!’ फोन कट गया. बहुत ही मीठी आवाज थी. मैंने सोचने लगा की जब आवाज कितनी इतनी मस्त थी तो औरत कितनी मस्त होगी. मुझे कई जगह जाके नल ठीक करना था, पर मैंने सारे काम छोड़ दिए. सीधा उस लेडीस किरण के घर पहुच गया.

मैं डोर बेल बजाई. वो औरत जिसका नाम किरण था बाहर निकली. कमाल का चेहरा था उसका. हल्का लम्बा चेहरा था. उसने बड़ी अच्छी साड़ी पहनी थी. मुझे देखकर बोली ‘आप ही रॉकी प्लम्बर है???” मैंने कहा हाँ.

आईये मैं आपको दिखा दूँ मोटर कहाँ लगी है??’ वो मुझे अंदर लेकर गयी. किरण के बाल बहुत खूबसूरत थे. मैंने एक नजर उसके सीने पर कनखियों से देखा २ बड़े बड़े लड्डू थे. मैं किरण के पीछे पीछे चलने लगा. उसके घर में कोई नही था. मैंने उसके साथ साथ जाने लगा. घर काफी बड़ा और खूबसूरत था. एक एक चीज बिलकुल नयी चमचमा रही थी. काफी पैसे वाले दिख रहे थे वो लोग. मैंने मोटर के पास आया और ठीक करने लगा. किरण वही कुछ देर खड़ी रही. वो मुझे अजीब नजरो से देख रही थी. मुझे थोडा अटपटा लग रहा था. ‘….किरण जी!! आप इस तरह से मुझे घुर कर क्यूँ देख रही है??’

‘आपकी आँखें बहुत सुंदर है’’ किरण बोली. मेरा तो लंड खड़ा हो गया. मैंने हंस दिया. मुझे अच्छा लगा की कितने दिन बाद किसी से मेरी तारिफ की. वरना मेरी पुरानी माल तो मेरी तारिफ करना ही भूल गयी है. मैं मन ही मन गल्ल हो गया.

‘किरण जी आपकी काफी खूबसूरत है!!’ मैंने कॉम्प्लीमेंट दिया.

‘वैसे आपके पति का कहा है??….दिख नही रहे??’ मैंने पूछा

‘वो दुबई में रियल स्टेट का कारोबार करते है. ६ महीने में एक बार ही फरीदाबाद आते है!’ किरण बोली. वो जरा उदास दिख रही थी.

‘आपको उनकी याद तो आती होगी??’ मैंने मोटर ठीक करते करते पूछा. इस पर वो आमिर राईस जादी औरत रोने लगी. मैंने सोचा की सायद मैंने उसका दिल दुखा दिया. मैंने अपने औजार पेचकस , रिंच वगेरह नीचे रख दिए. किरण के पास गया और उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे चुप कराने लगा. ‘प्लीस आप मत रोइए!!’ मैंने किरण को सांत्वना देते हुए कहा. वो और जोर जोर से मेरा हाथ पकड़ के रोने लगी. उसके मोटे मोटे आंसू मेरे हाथो पर टपकने लगे. ऐसे करने करते सू मस्त बदन वाली औरत किरण ने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और जोर जोर से रोने लगी. मैंने उसके दुसरे कंधे पर भी हाथ रख दिया. वो मुझसे गले लग गयी और मेरे कंधे पर सर रखकर रोने लगी. फिर वो मेरे गले लग गयी. मुझे चूमने चाटने लगी ‘रॉकी जी !! आप एक प्लम्बर है. एक छोटे आदमी है पर फिर भी आप दिल से कितने अच्छे है!!’ किरण बोलने लगी.

मैं समझ नही पा रहा था की वो सच में रो रही है या ड्रामा कर रही है. या फिर तिर्याचरित्र दिखा रही है. पर वो जो भी कर रही थी मेरा उसमे दोनों तरह से फायदा था. क्यूंकि अगर वो मुझसे फंस जाती तो मोटी फिस मुझे मेरे काम की देती. धीरे धीरे किरण मेरे गले लग गयी.  मुझे चूमने चाटने लगी. मैंने उसे मना नही किया.. धीरे धीरे वो मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी. फिर दोस्तों मैं भी शुरू हो गया. मैंने भी उसके पकड़ लिया और चूमने चाटने लगा.

‘रॉकी जी !! चालिए कमरे में चलते है’’ किरण बोली

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मैंने अपने सारे औजार वहीँ मोटर के पास छोड़ दिए. किरण मुझे लेकर कमरे में आ गयी. मुझे समझते देर नही लगी की ६ महीने से इसका मर्द दुबई से नही लौटा है. ये औरत चुदासी है और लंड की प्यासी है. मैंने भी अंदर कमरे में चला गया. मुझे अपने साथ बिस्तर में लेकर वो मुझपर जैसे कूद पड़ी. मुझे पागलों की तरह चूमने लगी. मैंने भी उसे चूमने लगा. उस जैसी मस्त औरत की चूत का भोग लगाना एक किस्मत वाली बात थी वरना अच्छी मस्त चूतें जल्दी मिलती कहाँ है. मैंने भी किरण के लाल लाल ओंठ पीने लगे. उसके गाल बड़े फूले फूले थे. बड़ी सेहतमंद औरत थी. उसके फूले फूले गाल देखकर मुझे उसकी चूत की सुन्दरता का अंदाजा लग गाया. जब औरत इतनी सुंदर है तो चूत तो और भी जादा सुंदर होगी. मैंने किरण के फूले फूले गालों पर दांत से कामुकता से काटने लगा. जिससे वो और भी जादा चुदासी हो गयी.  उसके सुनहरे ओंठो पर मैंने कई बार काट लिया.

मेरे तेज दांतों के निशान उसके होठो पर पड़ गये. फिर मैं किरण के गाल की बेहद पतली ख़ाल को खीच खींच कर कामुकता से काटते लगा. वो ऐसी मचलने लगी जैसी कोई मेरी औरत हो. उसे अठखेलियाँ लेटे देखकर मेरे लंड बिलकुल कड़ा हो गया. किरण को चोदने की इक्षा बहुत ही जादा बलवती हो गयी. वो बिस्तर पर और जादा गर्म होने लगी. मैंने जोर जोर से उसके गाल और कान पर काटता रहा. फिर उसके खूब बड़े बड़े हॉर्न दबाने लगा. क्या मस्त चुच्चे थे दोस्तों. किरण का आदमी दुबई में रहता था सायद तभी जादा दबा नही पाया था. मैंने उसको अपनी औरत की तरह जोर जोर से उसके उरोज दबाने लगा. बहुत जादा मजा आया दोस्तों. अपनी माल और अपनी बीबी को तो सब लेते है, अपनी वाली के मम्मे तो सब दबाते है पर किसी गैर मर्द औरत के मम्मे दबाने में तो बहुत सुख मिलता है. गैर औरत की चूत मारने में भी बहुत मजा मिलता है. किरण की छातियाँ बहुत ही बड़ी बड़ी थी. मैंने दावे से कह सकता हूँ की ३८ ४० का साइज़ होगा. बहुत ही विशाल, भारी किसी पहाड़ की चोटी की तरह छातियाँ थी किरण की.

बहुत सालिड माल थी वो. मैं जोर जोर से उसके दूध दबाने लगा. ‘रॉकी जी!! रुकिए ऐसे बाहर से क्या मजा लेना. पूरा अंदर से मजा लीजिये!!’’ किरण बोली. वो बहुत कामातुर थी. बहुत चुदासी थी. उसने बड़ी जल्दी जल्दी अपने ब्लाउस की बटन खोल दी. फिर ब्रा की बटन खोल दी. किरण के दोनों कबूतर मेरे सामने आ गए. मेरी आँखें खुल गयी और हरी हरी हो गयी. मैंने उसके दूध को और जोर जोर से दबाने लगा. इनती बड़े बड़े आम थे की मेरे हाथो में नही आ पा रहे थे. फिर मैंने दोनों हाथों से एक एक मम्मे को पकड़ पकडके पीने लगा. किरण बहुत गजब माल थी. मैंने उसके एक एक दूध को दोनों हाथो से पकड़ पकडके दबाने लगा. इतनी बड़े बड़े लाल लाल घेरे वाले आम थे. बेहद खूबसूरत. जितनी तारीफ़ करू उतना कम है. मै किरण के आम पीने लगा.

उसको दांत में भरके चूसने लगा. फिर उसके दुसरे आम को दोनों हाथो से पकडके चूसने लगा. मैंने उसके उपर की चुच्ची को दोनों हाथो से जोर से दबा दिया जिससे वो नुकीली नुकीली किसी मोटी कुप्पी की तरह हो गयी. इससे किरण के मम्मे और भी जादा खूबसूरत लगने लगे. मैं किसी बच्चे की तरह उसके दूध भरी छातियों से खेलने लगा. बड़ी देर तक मैं यही यौन क्रीड़ा करता रहा.

‘रॉकी जी !! आप कितने ख़राब से खराब नल ठीक कर देते है. मेरी चूत भी बड़े दिनों से जाम चल रही है. इसे जलदी से ठीक करिये!!’ किरण बोली

‘…जरूर किरण जी !! मैं आपकी चूत को चोद चोदके जरुर ठीक कर दूंगा!!…पर आपको ये साड़ी और पेटीकोट निकलना पड़ेगा’’मैंने कहा

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‘..जरुर!!!’ किरण बोली

दोस्तों उस जैसी चुदासी औरत को काम सुन्दरी कहना जादा उचित होगा. किसी चुदासी अफसरा से कम नही थी वो. किरण ने खुद अपने साड़ी निकाल दी. फिर पेटीकोट निकाल दिया. उसने एक बहुत ही सुंदर महंगी पेंटी पहन रखी थी. मेरी शर्ट से जादा महंगी पेंटी होगी उसकी. गोरी गोरी जांघो के बीच लाल लाल तिकोनी चुस्त पेंटी से बुर की झलक मिल रही थी. गोरी गोरी जांघो के बीच में लाल पेंटी बहुत ही फब रही थी. जैसे रेगिस्तान के बीच में पानी का सोता[ ओसिस]. मैंने नीचे झुककर एक प्यार भरी पुच्ची किरण की पेंटी पर दी. पेंटी पर एक रिबन की गांठ थी जो गिफ्ट आइटम पर होती है. मुझे ये देखकर बहुत अच्छा लगा क्यूंकि किरण की चूत उसकी पेंटी के अंदर थी जो मेरे लिए के गिफ्ट आइटम थी. तभी किरण मेरे पास आई. ‘….पहले इसे निकाल दीजिये!!’ वो बोली और मेरी शर्ट की एक एक बटन खोल कर निकाल दी. मैंने अंदर बनियान नही पहनी थी. मेरा पूरा सीना काले घने बालों से भरा हुआ था. किरण ने मुझे नीचे गिरा दिया. खूब मेरे उपर अपने आमों के साथ आ गयी.

मेरे सीने पर लदकर वो मेरे सीने के बालों को अपनी सेक्सी ओंठो से चूमने लगी. मुझे बहुत अच्छा लगा. सनी लिओन जैसी बड़ी रंडी इसी तरह अपने कस्टमर को पटाती है और फिर चुदवाती है. किरण उसी अंदाज में मेरे उपर लद गयी थी. उसके ४० साइज़ के बूब्स मेरे सीने पर थे और बड़ा गुल गुल कर रहे थे. ये सब कमाल का था. किरण इतनी चुदासी थी की जोर जोर से अपने सेक्सी होठो से मेरे सीने के बालो को चूमने लगी. ‘रॉकी जी!! आप तो असली मर्द है. आप के सीने के बाल कह रहे है की आज असली मर्द है’’ किरण बोली मेरी आँखों को ताड़ती हुई.

‘किरण जी !! …मैं मर्द हूँ या नामर्द..ये तो तभी पता चल जाएगा जब मैं आपको लूँगा’’ मैंने कहा

‘…तो फिर देर किस बात की. मुझे जल्दी लीजिये!!’ वो महा चुदासी औरत मुझे किसी बिल्ली की तरह घूरकर बोली.

मैं उसकी पेंटी जोर से खींचकर फाड़कर दी, क्यूंकि उतारने का वक़्त मेरे पास नही था. अगर कोई औरत खुद कहे की मुझे चोदो तो उसे खीचकर चोद लेना चाहिए. यही पुरुष को शोभा देता है वरना पुरुषत्व का अपमान हो जाता है. दोस्तों इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए मैंने किरण जी की लाल पेंटी खींचकर फाड़ दी और दूर फेक दी जिससे ढूढने से भी वो न मिले. मैंने पैंट निकाल दी और अंडरवियर निकाल दिया. मेरा तगड़ा लंड देखकर किरण जी का दिल मचल गया.

‘..आप मुझे बाद में चोद लेना लाइए पहले लंड पिलाइए!!’ किरण जी बोली

मेरे लंड को हाथ में लेकर वो खेलने लगी. कुछ ही मिनट में लंड खड़ा हो गया. किरण ने देर नही की और मुँह में लेकर चूसने लगी. मैंने सीधा पीठ के बल लेट गया जिससे वो मजे से मेरा लंड पी सके. किसी छिनाल वेश्या की तरह किरण मेरा लंड पीने लगा. सायद उसे मेरा लंड कुछ जादा ही मीठा लग रहा था. वो किसी पेशेवर रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगी. मेरा लंड और भी जादा टनटना गया. बहुत सख्त हो गया. मैंने फिर यही बात सोचने लगा की बेचारी ६ महीने से इसे लंड देखने को भी नही मिला है इसी वजह से आज दौड़ दौड़ कर पी रही है. लंड के साथ साथ किरण मेरी गोलियां भी मुँह में लेकर पीने लगी. वो जिस तरह से हरकत कर रही थी कोई असली छिनाल लग रही थी. किरण अपने खूबसूरत ओंठो से मेरे लंड का बड़ा सा सुपाडा चूसने लगी. मुझे गुदगुदी होने लगी और बहुत ही अच्छा लग रहा था.

‘चूसिये किरण जी!! …और जोर से चूसिये!!!’ मैंने कहा

ये सुनकर तो वो किसी पागल चुदासी कुतिया की तरह व्यव्हार करने लगी. वो हपर हपर करके कुल्हे मटकाते हुए मेरे सुपाड़े को चूसने लगी. फिर मैंने किरण का सिर दोनों हाथो से पकड़ लिया और लेटे लेटे ही उसके मस्त मुँह को चोदने लगा. कहाँ मैं आया था उसका नल ठीक करने और कहाँ किरण की चूत ठीक करने लगा. मैं बड़ी जोर जोर से किरण के मुँह को चोदने लगा. बड़ा दिलकश था वो नजारा. वो किसी चुदासी कुतिया की तरह लग रही थी. फिर मैंने किरण को बिस्तर पर पटक दिया. दोनों टांग खोल दी. उसकी गुलाबी चूत के दर्शन मुझे हो गये. ‘….म्मम्मम्म…’करके वो अपने होठ चबाने लगी. जब कोई औरत अपने भोसड़े में लंड खाना चाहती है तब ही ऐसी आवाजें निकालती है. दोस्तों मैंने जरा भी देर नही की. तुरंत अपने लंड को पकड़ के किरण जी जैसी टॉप क्लास माल की चूत पर रख दिया और अंदर ठेल दिया.

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मेरा लंड तुरंत अंदर घुस गया. मैं किरण जी की चूत का भोग लगाने लगा. ६ महीनो से उसकी चूत किसी कारखाने की तरह बंद पड़ी थी. आज कितने दिनों बाद उसकी चूत का ताला खुला था. मैंने उसको चोदने लगा. लगा किसी कुवारी औरत की चूत मार रहा हूँ. मैंने कमर चला चलाकर किरण जी को चोदने लगा. वो गर्म गर्म सासें और हवा अपने मूंह खोलकर छोड़ने लगी. मैं और जोर जोर से हचाहच उसे चोदने लगा. किरण जी अपनी गांड उठाने लगी. जब कोई औरत गांड उठाये तो समझ लीजिये की उसे बहुत मजा मिल रहा है. ये देखकर मैं जोर जोर से किरण जी की चूत में लंड देने लगा. वो मजे से लंड खाने लगी. किरण ने आंखन बंद कर ली. मैंने उसे चोदने लगा. फिर उसने आँखें कुल पल के लिए खोली. मैंने उसपर लेट के उसकी खूबसूरत आँखों को चूम लिया और लेटे लेटे ही किरण जी को लेने लगा. उसको अपनी औरत की तरह खाने लगा. फिर मैंने अपना मुँह किरण जी के सेक्सी होठो पर रख दिया और ओंठ पीते पीते उनको नीचे से गपागप पेलने लगा. ओंठ पीते पीते चुदाई में मुझे बड़ा सुख मिला. किरण जी से दोनों पैर खोल दिए. मैंने उनकी चूत में गहरे धक्के देने लगा. फिर मैं झड गया.

कुछ देर तक किरण सी मुझसे लिपटी रही. हम दोनों प्यार भरी बातें करने लगे.

‘’किरण जी !! आपका पति जब ६ ६ महीने बाद आता है तब तो आप प्यासी रह जाती होंगी???’मैं उनके गोरे चिकने कन्धों पर नाख़ून गड़ाते हुए कहा

‘क्या बताऊ रॉकी जी !!..आपको अपनी क्या रामकहानी सुनाऊ. जब पति आते है तो १ हफ्ते तक मुझे दिन रात चोदते है. बहुत अच्छा लगता है. फिर दिल्ली से दुबई की फ्लाइट पकड़ लेते है. उसके बाद वही सुखा मेरी जिन्दगी में छा जाता है. न कोई मेरे दूध पीने वाला होता है और ना कोई चूत मारने वाला. हाँ पति वहां से पैसे खूब भेजते रहते है…पर लंड खाने को न मिले तो पैसा किस काम का??” किरण जी बोली

‘आप सच कहती है….बड़ा दर्द है आपकी जिन्दगी में!’ मैंने कहा

उसके बाद दोस्तों मैंने किरण जी की चूत एक बार फिर से ली. नल ठीक करके जब मैंने आने लगा तो मेरी फिस ५०० बनी, पर उन्होंने २००० का नया नोट मुझे दिया. आज भी उनसे मिलना जुलना लगा रहता है. ये कहानी आप नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

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