पड़ोस का आकर्षण
नोएडा की एक हाई-राइज सोसाइटी में मेरा फ्लैट था, जहाँ मैं, रवि, 26 साल का जवान और जिम-फिट लड़का, अकेला रहता था। मेरा मस्कुलर जिस्म और 8 इंच का मोटा लंड कॉलेज की लड़कियों को दीवाना बना देता था। मेरे बगल वाले फ्लैट में रहती थीं शालिनी आंटी और उनकी 21 साल की बेटी, रिया। शालिनी आंटी, 42 साल की, एक ऐसी औरत थीं, जिनका जिस्म उम्र को धोखा देता था। उनकी टाइट साड़ी में उभरे रसीले बूब्स, पतली कमर और गोल नितंब किसी के भी लंड में आग लगा देते थे। उनकी कजरारी आँखें और गुलाबी होंठ जैसे चूमने की खुली दावत दे रहे हों। रिया तो मानो अपनी माँ की जवानी की कार्बन कॉपी थी—टाइट जीन्स में ढली जांघें, टॉप में उभरे बूब्स और शरारती मुस्कान, जो मेरे लंड को हर बार तड़पा देती थी।
मैं अक्सर शालिनी आंटी को उनके बालकनी में कपड़े सुखाते देखता, जब उनका पल्लू सरकता और उनके बूब्स का क्लीवेज दिखता। रिया भी मुझे अपने कमरे की खिड़की से चोर नजरों से देखती, और जब मैं उसे घूरता, तो वह जानबूझकर अपने बूब्स को और उभारती। मुझे यकीन था कि दोनों की चूत मेरे मोटे लंड की भूखी थी। शालिनी आंटी के पति एक मर्चेंट नेवी ऑफिसर थे, जो महीनों घर से बाहर रहते थे। इस वजह से घर में ज्यादातर रिया और शालिनी आंटी अकेली होती थीं, और मैं उनके घर अक्सर छोटे-मोटे कामों के बहाने जाता रहता था।
बारिश और वासना की शुरुआत
वो एक जुलाई की गर्म और उमस भरी रात थी। नोएडा में बारिश शुरू हो चुकी थी, और बिजली गुल थी। मैं अपने फ्लैट में बोर हो रहा था, जब रिया का मैसेज आया, “रवि भैया, घर में बिजली नहीं है, और मम्मी को अकेले डर लग रहा है। प्लीज आ जाओ।” मैंने मौके की नजाकत समझी और उनके फ्लैट की ओर चल पड़ा। दरवाजा खुलते ही रिया ने मुझे अंदर बुलाया। उसने एक टाइट शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप पहना था, जो उसके बूब्स और टाइट चूत को उभार रहा था। शालिनी आंटी एक पतली सी नाइटी में थीं, जो उनके जिस्म से चिपक रही थी। उनके बूब्स नाइटी में साफ दिख रहे थे, और उनकी चूत की शेप उनकी पैंटी में उभर रही थी।
“रवि, तुम आ गए, शुक्रिया,” शालिनी आंटी ने मादक अंदाज में कहा, और मुझे सोफे पर बैठने को कहा। रिया मेरे बगल में बैठ गई, और उसकी जांघें मेरी जांघों को छू रही थीं। “रवि भैया, बारिश में मम्मी को डर लगता है। तुम रात यहाँ रुक जाओ ना,” रिया ने शरारत से कहा। मैंने उनकी आँखों में देखा और बोला, “आंटी, रिया, अगर डर बुझाने की बात है, तो मेरा लंड तुम दोनों की चूत की गर्मी बुझा सकता है।”
मेरी बात सुनकर दोनों हँस पड़ीं, लेकिन उनकी आँखों में एक कामुक चमक थी। शालिनी आंटी ने कहा, “रवि, तेरा लंड हमारी चूत को संभाल पाएगा?” रिया ने हँसते हुए कहा, “मम्मी, रवि भैया का लंड तो मेरी चूत को फाड़ देगा।” उनकी बातों ने मेरे लंड को तनाव दे दिया। मैंने रिया को अपनी बाहों में खींच लिया और उसके रसीले होंठों को चूस लिया। शालिनी आंटी ने मेरे करीब आकर मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोलीं, “रवि, मुझे मत भूल। मेरी चूत भी तेरे लंड की भूखी है।”
बेडरूम में त्रिगुणित आग
मैंने रिया और शालिनी आंटी को बारी-बारी से चूमा, और फिर उन्हें बेडरूम में ले गया। उनका बेडरूम बारिश की फुहारों और मंद कैंडल लाइट से और कामुक हो गया था। रिया ने अपना क्रॉप टॉप उतार दिया, और उसकी लाल ब्रा में उसके बूब्स जैसे बाहर निकलने को बेताब थे। शालिनी आंटी ने अपनी नाइटी खोल दी, और उनकी काली पैंटी में उनकी टाइट चूत चमक रही थी। मैंने दोनों की ब्रा और पैंटी उतार दीं। रिया की टाइट चूत और शालिनी आंटी की रसीली चूत मेरे सामने थीं, दोनों गीली और गुलाबी।
“रवि, मेरे बूब्स को चूस,” रिया ने सिसकारी भरे लहजे में कहा। मैंने उसके निप्पल्स को अपने मुँह में लिया, उन्हें चूसते और काटते हुए। शालिनी आंटी मेरे पीछे खड़ी होकर मेरे लंड को मेरे शॉर्ट्स के ऊपर से सहला रही थीं। “रवि, तेरा लंड तो पत्थर जैसा है,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने अपने शॉर्ट्स उतार दिए, और मेरा 8 इंच का मोटा लंड उनके सामने तनकर खड़ा था।
रिया ने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया, और उसकी जीभ मेरे लंड पर लपलपाने लगी। “रिया, तेरा मुँह मेरे लंड को पागल कर रहा है,” मैंने सिसकते हुए कहा। शालिनी आंटी ने रिया के बगल में घुटनों के बल बैठकर मेरे लंड को चूसना शुरू किया। दोनों की जीभ मेरे लंड पर एक साथ चल रही थीं, और मैं सातवें आसमान पर था। मैंने रिया की टाइट चूत पर अपनी जीभ फिराई, और उसकी चीखें कमरे में गूँज उठीं। “रवि भैया, मेरी चूत को चाट… और गहरा,” उसने चिल्लाया। मैंने शालिनी आंटी की चूत पर भी अपनी जीभ फिराई, और उनकी सिसकारियाँ बारिश की आवाज को दबाने लगीं।
रात भर की चुदाई की बौछार
मैंने रिया को बेड पर लिटाया और उसकी टाँगें फैलाकर अपने मोटे लंड को उसकी टाइट चूत में डाला। रिया चीख पड़ी, “रवि भैया, तेरा लंड मेरी चूत को फाड़ रहा है!” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया, और उसकी सिसकारियाँ तेज हो गईं। शालिनी आंटी मेरे पीछे थीं, मेरे कंधों को चूमते हुए। “रवि, मेरी चूत को मत भूल,” उन्होंने कहा। मैंने रिया को चोदते हुए शालिनी आंटी की चूत में उंगलियाँ डालीं, और उनकी चीखें कमरे में गूँज उठीं।
मैंने रिया को पलटकर डॉगी स्टाइल में चोदा, और उसकी टाइट चूत में मेरा लंड गहराई तक जा रहा था। “हाँ, भैया… और जोर से… मेरी चूत को रगड़ दे,” रिया चिल्ला रही थी। मैंने उसके नितंबों को थपथपाया, और उसकी चीखें और तेज हो गईं। फिर मैंने शालिनी आंटी को बेड पर लिटाया और उनकी रसीली चूत में अपना लंड डाला। “रवि, मेरी चूत को चोद… और गहरा,” उन्होंने चीखते हुए कहा। मैंने उनकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।
पूरी रात, मैंने रिया और शालिनी आंटी को बारी-बारी से चोदा। कभी रिया की टाइट चूत, कभी शालिनी आंटी की रसीली चूत। दोनों ने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया, और उनकी जीभ ने मुझे पागल कर दिया। “रवि, तेरा लंड हमारी चूत का राजा है,” शालिनी आंटी ने सिसकारी भरे लहजे में कहा। रिया ने हँसते हुए कहा, “भैया, मेरी चूत अब तेरे लंड की गुलाम है।”
रात के तीन बजे, जब बारिश और तेज हो गई, मैंने दोनों को एक साथ बेड पर लिटाया। मैंने रिया की चूत में अपना लंड डाला और शालिनी आंटी की चूत को अपनी उंगलियों से रगड़ा। दोनों की चीखें और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “रवि, हमारी चूत को और चोद,” दोनों एक साथ चिल्लाईं। मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी, और दोनों की चूत मेरे लंड के आगे झुक गई।
सुबह की चमक और नया वादा
जब सुबह की पहली किरण बारिश की बूँदों के साथ खिड़की से टकराई, हम तीनों नंगे, पसीने से लथपथ, बेड पर लिपटे थे। रिया मेरे सीने पर सिर रखकर फुसफुसाई, “रवि भैया, तूने मेरी चूत को रंगीन कर दिया।” शालिनी आंटी ने मेरे कंधे पर चुंबन लिया और बोलीं, “रवि, मेरी चूत तेरे लंड की दीवानी हो गई।”
मैंने दोनों की आँखों में देखा और कहा, “रिया, आंटी, तुम्हारी टाइट चूतें मेरे लंड की गुलाम बन गई हैं।” दोनों ने हँसते हुए मेरे होंठों को चूमा। रिया ने अपनी जीन्स और टॉप पहना, और शालिनी आंटी ने अपनी नाइटी। “रवि, जब भी बारिश होगी, हमारे घर आ जाना,” शालिनी आंटी ने शरारत से कहा। रिया ने पलक झपकते हुए कहा, “भैया, मेरी चूत तेरा इंतज़ार करेगी।”
मैंने उनकी कमर पकड़ी और बोला, “तो मेरा मोटा लंड हर बारिश में हाजिर रहेगा।” जैसे ही दोनों बेडरूम से बाहर निकलीं, उन्होंने पलटकर देखा और एक साथ बोलीं, “ये रात हमारी थी, रवि। लेकिन ये जुनून कभी खत्म नहीं होगा।” मैं जानता था, रिया और शालिनी आंटी की टाइट चूतों की आग मेरे लंड में हमेशा सुलगती रहेगी।